कांगड़ा की पौंग झील दलदल में फंसा सांभर:युवाओं ने 4 घंटे मशक्कत कर निकाला बाहर, वन्य जीव को भेजा जंगल

कांगड़ा की पौंग झील दलदल में फंसा सांभर:युवाओं ने 4 घंटे मशक्कत कर निकाला बाहर, वन्य जीव को भेजा जंगल

हिमाचल प्रदेश की रामसर साइट पौंग झील में एक दिल दहला देने वाली घटना में मानवता की जीत हुई। नंदपुर और गुलेर के बीच वन्य प्राणी क्षेत्र में झील की दलदल में फंसे एक साल के सांभर को स्थानीय युवाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचा लिया। घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय युवक रिक्की को मिली, जिसने तुरंत अपने साथियों को सूचित किया। चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन किया नंदपुर, जलरियां, गठूतर और गुलेर के युवाओं ने मिलकर चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। कड़ाके की ठंड में झील के बर्फीले पानी में उतरकर युवाओं ने लगातार 3-4 घंटे तक मेहनत की। दलदल में फंसे सांभर को निकालने का काम आसान नहीं था। हर कदम पर खतरा था, लेकिन युवाओं के हौसले के आगे सारी मुश्किलें छोटी पड़ गईं। टीम ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया और आखिरकार सांभर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बचाव के बाद वन्य प्राणी को जंगल की ओर भेज दिया गया। सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले रिक्की ने कहा कि वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि जानवर की जान बचाने के लिए टीम ने ठंड और खतरों की परवाह नहीं की। यह रेस्क्यू ऑपरेशन मानवता और सामूहिक प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है। स्थानीय समुदाय ने रिक्की और उनके साथियों की प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि युवाओं ने मानवता और साहस का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। पौंग झील क्षेत्र, जो वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है, में ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश की रामसर साइट पौंग झील में एक दिल दहला देने वाली घटना में मानवता की जीत हुई। नंदपुर और गुलेर के बीच वन्य प्राणी क्षेत्र में झील की दलदल में फंसे एक साल के सांभर को स्थानीय युवाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचा लिया। घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय युवक रिक्की को मिली, जिसने तुरंत अपने साथियों को सूचित किया। चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन किया नंदपुर, जलरियां, गठूतर और गुलेर के युवाओं ने मिलकर चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। कड़ाके की ठंड में झील के बर्फीले पानी में उतरकर युवाओं ने लगातार 3-4 घंटे तक मेहनत की। दलदल में फंसे सांभर को निकालने का काम आसान नहीं था। हर कदम पर खतरा था, लेकिन युवाओं के हौसले के आगे सारी मुश्किलें छोटी पड़ गईं। टीम ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया और आखिरकार सांभर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बचाव के बाद वन्य प्राणी को जंगल की ओर भेज दिया गया। सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले रिक्की ने कहा कि वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि जानवर की जान बचाने के लिए टीम ने ठंड और खतरों की परवाह नहीं की। यह रेस्क्यू ऑपरेशन मानवता और सामूहिक प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है। स्थानीय समुदाय ने रिक्की और उनके साथियों की प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि युवाओं ने मानवता और साहस का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। पौंग झील क्षेत्र, जो वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है, में ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर