पंजाब के अमृतसर में कानून और व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसरों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। डीजीपी गौरव यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कमिश्नरेट अमृतसर और सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर, बटाला, अमृतसर ग्रामीण और तरनतारण के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य गणतंत्र दिवस 2025 के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना और शांति एवं सौहार्द बनाए रखना था। नवंबर महीने से पंजाब में शुरू हुई बम धमाकों की घटनाओं के बाद डीजीपी गौरव यादव का अमृतसर में यह दूसरा दौरा है। बैठक में मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों, मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई और संगठित अपराधों पर नकेल कसने पर जोर दिया गया। पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित करने, सुरक्षा अभियान चलाने और अन्य निवारक एवं जांच संबंधी उपायों के लिए उचित निर्देश दिए गए। रणनीति पर हुई चर्चा बैठक में विशेष डीजीपी (आंतरिक सुरक्षा), एडीजीपी (मादक पदार्थ विरोधी टास्क फोर्स), एडीजीपी (गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स), आयुक्त पुलिस (अमृतसर), डीआईजी (बॉर्डर रेंज), संबंधित एसएसपी और सीमावर्ती जिलों के सभी राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे। गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवाद विरोधी अभियानों की रणनीति को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। लॉ एंड ऑर्डर के लिए ठोस कदम उठाने के आदेश अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा अभियानों को तेज करने और समुदाय के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए। यह बैठक गणतंत्र दिवस के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। अधिकारियों को हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए। पंजाब के अमृतसर में कानून और व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसरों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। डीजीपी गौरव यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कमिश्नरेट अमृतसर और सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर, बटाला, अमृतसर ग्रामीण और तरनतारण के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य गणतंत्र दिवस 2025 के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना और शांति एवं सौहार्द बनाए रखना था। नवंबर महीने से पंजाब में शुरू हुई बम धमाकों की घटनाओं के बाद डीजीपी गौरव यादव का अमृतसर में यह दूसरा दौरा है। बैठक में मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों, मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई और संगठित अपराधों पर नकेल कसने पर जोर दिया गया। पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित करने, सुरक्षा अभियान चलाने और अन्य निवारक एवं जांच संबंधी उपायों के लिए उचित निर्देश दिए गए। रणनीति पर हुई चर्चा बैठक में विशेष डीजीपी (आंतरिक सुरक्षा), एडीजीपी (मादक पदार्थ विरोधी टास्क फोर्स), एडीजीपी (गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स), आयुक्त पुलिस (अमृतसर), डीआईजी (बॉर्डर रेंज), संबंधित एसएसपी और सीमावर्ती जिलों के सभी राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे। गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवाद विरोधी अभियानों की रणनीति को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। लॉ एंड ऑर्डर के लिए ठोस कदम उठाने के आदेश अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा अभियानों को तेज करने और समुदाय के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए। यह बैठक गणतंत्र दिवस के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। अधिकारियों को हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खन्ना में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़:बाइक पर जाते घेरे AS कॉलेज गोलीकांड के आरोपी; एक की टांग में गोली लगी पंजाब में खन्ना के AS कॉलेज में कुछ दिनों पहले गैंगवार के बाद फरार आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस ऑपरेशन के दौरान आज CIA खन्ना और आरोपियों के बीच फायरिंग हुई। नहर पुल गढ़ी पर एनकाउंटर हुआ। इस घटना में एक आरोपी की टांग में गोली लगी। उसे सिविल अस्पताल समराला में भर्ती कराया गया है। SSP खन्ना अमनीत कौंडल ने बताया कि आज एएस कॉलेज गोलीकांड के आरोपी कृष्ण साहनी और जतिन मोंगा दोनों निवासी लुधियाना बाइक पर जा रहे थे। CIA स्टाफ ने गढ़ी पुल के पास नाकाबंदी की हुई थी। पुलिस को देख दोनों आरोपियों ने बाइक खेतों से भगाने की कोशिश की। पुलिस ने उनका पीछा किया तो इन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायर में एक गोली कृष्ण साहनी को लगी। इसके बाद दोनों आरोपी पकड़ लिए गए।
सुखबीर बादल आज पहुंच रहे अमृतसर:श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के बाद सजा होगी पूरी; इसके बाद इस्तीफे पर होगा विचार
सुखबीर बादल आज पहुंच रहे अमृतसर:श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के बाद सजा होगी पूरी; इसके बाद इस्तीफे पर होगा विचार श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा के तौर पर दी गई सेवादारी का आखिरी दिन है। आज सजा पूरी करने के बाद सुखबीर बादल कल (शुक्रवार को) श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचेंगे। जहां सुखबीर बादल अन्य नेताओं के साथ नतमस्तक होकर अपनी सजा पूरी कर लेंगे। इस सजा के पूरे होने के बाद पंजाब में अकाली दल को दोबारा से खड़े करने के प्रयास शुरू हो जाएंगे। सुखबीर बादल आज अमृतसर पहुंच रहे हैं। बीते दिन श्री मुक्तसर साहिब में आखिरी सजा का दिन पूरा होने के आज वे श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होने के लिए पहुंच रहे हैं। बीते 10 दिन सुखबीर बादल ने श्री मुक्तसर साहिब के अलावा गोल्डन टेंपल, श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब में 2-2 दिन सजा पूरी की है। आज सुखबीर बादल अमृतसर पहुंचेंगे और आदेशों के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में अपनी सजा के पूरे किए जाने की जानकारी देंगे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास करवाकर वे अपनी सजा को पूरा करेंगे। आज के बाद कभी भी इस्तीफा हो सकता है मंजूर श्री अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाते समय स्पष्ट किया था कि अब शिरोमणि अकाली दल का दोबारा से गठन किया जाए। इन आदेशों के अनुसार, एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की देखरेख में कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जिम्मेदारी नई भर्ती कर 6 महीने में अकाली दल का नया ढांचा तैयार करने की है। इसके साथ ही अकाली दल कोर कमेटी को आदेश है कि सुखबीर बादल सहित अन्य लोगों के आए इस्तीफों को मंजूर कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। अब जब सुखबीर बादल की सजा पूरी हो रही है तो उनका इस्तीफा कभी भी मंजूर हो सकता है और अकाली दल के नए ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 दिसंबर को सजा पूरी करते समय हुआ था हमला 4 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने गोली चलाई थी। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर सजा पूरी कर रहे थे। चौड़ा ने जैसे ही बादल पर गोली चलाई, तो सिविल वर्दी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर कर दिया। गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इस हमले में बादल बाल-बाल बच गए। तीसरी बार बढ़ा चौड़ा का पुलिस रिमांड सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा अभी भी पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने 5 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश किया था और तीन दिन का रिमांड मिला। तब से लेकर अभी तक चौड़ा दो और बार अमृतसर कोर्ट में पेश हो चुका है और कोर्ट 3-3 दिन का रिमांड पुलिस को दे रही है। मजीठिया बार-बार उठा रहे पुलिस जांच पर सवाल पंजाब अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया बार-बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब पुलिस की एफआईआर और इंक्वायरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बिक्रम मजीठिया 10 के करीब वीडियो मीडिया के सामने रख चुके हैं। जिनमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नारायण सिंह चौड़ा अकेला नहीं था। उनके साथ देखने वाला एक अन्य व्यक्ति बाबा धर्मा था, जो खुद आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, वहीं एक अन्य भी इस मामले में साथ है। मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग रखी है कि चीफ सुखबीर बादल पर हुए हमले की जांच डीजीपी रैंक के अधिकारी को दी जाए। बिक्रम मजीठिया ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को 13 पन्नों का पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एसपी हरपाल सिंह रंधावा के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी गुहार लगाई है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर की इंक्वायरी को खारिज कर दिया है।