हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 24 जनवरी को धर्मशाला में कैबिनेट मीटिंग लेंगे। इसमें स्टेटहुड-डे (पूर्ण राज्यत्व दिवस) पर मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर चर्चा होगी। आज कैबिनेट की डेट फाइनल होने के बाद मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों को मीटिंग में शामिल होने को कह दिया गया है। बता दें कि, इस बार स्टेटहुड-डे कांगड़ा के बैजनाथ में मनाया जा रहा है। इस दिन हिमाचल के मुख्यमंत्री कई घोषणाएं करते हैं। प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर डीए के साथ साथ नए वेतनमान के एरियर के इंतजार में है। हिमाचल की पूर्व जयराम सरकार ने 2022 में सत्ता परिवर्तन से पहले कर्मचारियों को नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए थे, मगर 1 जनवरी 2016 से देय एरियर का भुगतान नहीं किया गया। कर्मचारी-पेंशनर को DA और वेतन के एरियर का इंतजार प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर के 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का एरियर सरकार के पास बकाया है। ऐसे में कर्मचारी-पेंशनर एरियर के इंतजार में है। उम्मीद की जा रही है कि 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सुक्खू एरियर के साथ साथ डीए का भी ऐलान करेंगे। इसे लेकर कैबिनेट में चर्चा के बाद फैसला संभावित है। भर्ती को मिल सकती है मंजूरी धर्मशाला में बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा बीते तीन दिन से धर्मशाला में की जा रही घोषणाओं को भी अलमीजामा पहनाया जा सकता है। कैबिनेट में विभिन्न विभागों में भर्ती को भी मंजूरी मिल सकती है। शीतकालीन प्रवास पर सीएम सुक्खू CM सुक्खू तीन दिन से धर्मशाला के शीतकालीन प्रवास पर है और कांगड़ा जिला के अलग अलग क्षेत्रों में करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट का उद्घाटन व शिलान्यास कर रहे हैं। इस दौरान जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को भी सुन रहे हैं। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 24 जनवरी को धर्मशाला में कैबिनेट मीटिंग लेंगे। इसमें स्टेटहुड-डे (पूर्ण राज्यत्व दिवस) पर मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर चर्चा होगी। आज कैबिनेट की डेट फाइनल होने के बाद मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों को मीटिंग में शामिल होने को कह दिया गया है। बता दें कि, इस बार स्टेटहुड-डे कांगड़ा के बैजनाथ में मनाया जा रहा है। इस दिन हिमाचल के मुख्यमंत्री कई घोषणाएं करते हैं। प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर डीए के साथ साथ नए वेतनमान के एरियर के इंतजार में है। हिमाचल की पूर्व जयराम सरकार ने 2022 में सत्ता परिवर्तन से पहले कर्मचारियों को नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए थे, मगर 1 जनवरी 2016 से देय एरियर का भुगतान नहीं किया गया। कर्मचारी-पेंशनर को DA और वेतन के एरियर का इंतजार प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर के 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का एरियर सरकार के पास बकाया है। ऐसे में कर्मचारी-पेंशनर एरियर के इंतजार में है। उम्मीद की जा रही है कि 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सुक्खू एरियर के साथ साथ डीए का भी ऐलान करेंगे। इसे लेकर कैबिनेट में चर्चा के बाद फैसला संभावित है। भर्ती को मिल सकती है मंजूरी धर्मशाला में बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा बीते तीन दिन से धर्मशाला में की जा रही घोषणाओं को भी अलमीजामा पहनाया जा सकता है। कैबिनेट में विभिन्न विभागों में भर्ती को भी मंजूरी मिल सकती है। शीतकालीन प्रवास पर सीएम सुक्खू CM सुक्खू तीन दिन से धर्मशाला के शीतकालीन प्रवास पर है और कांगड़ा जिला के अलग अलग क्षेत्रों में करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट का उद्घाटन व शिलान्यास कर रहे हैं। इस दौरान जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को भी सुन रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में वक्फ-बोर्ड भंग करने की मांग:PWD मंत्री विक्रमादित्य ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट, कहा- समय के साथ सुधार की आवश्यकता
हिमाचल में वक्फ-बोर्ड भंग करने की मांग:PWD मंत्री विक्रमादित्य ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट, कहा- समय के साथ सुधार की आवश्यकता हिमाचल प्रदेश में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बड़ी प्रतिक्रिया दे दी है। मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है। मंत्री की इस पोस्ट पर लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे है। मंत्री बोले समय के साथ हर कानून में बदलाव आवश्यक लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से की गई पोस्ट में लिखा कि हिमाचल और हिमाचलियत के हित उनके लिए सर्वश्रेष्ठ है, और सर्वत्र हिमाचल का संपूर्ण विकास उनका लक्ष्य है। मंत्री ने पोस्ट के अगले हिस्से में लिखा कि समय के साथ हर कानून में तब्दीली लाना आवश्यक है। वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह को पोस्ट के बाद लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ रही है। लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे है। लोगों की माने तो हिमाचल प्रदेश में चल रहे हिंदू संगठनों के आंदोलन में मंत्री की यह पोस्ट नया मोड़ देगी। शिलाई में वक्फ बोर्ड भंग करने की उठी मांग देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाया कि यह भू-माफिया की तरह काम कर रहा है और प्रदेश की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इस बोर्ड को तुरंत समाप्त किया जाए और प्रदेश में अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों पर कार्रवाई की जाए। चेतावनी दी कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप उचित कदम उठाने की मांग की। कहां से शुरू हुआ ये पूरा आंदोलन ? बता दें कि शिमला के मल्याणा में दो गुटों में हुई मारपीट के बाद संजौली में बनी मस्जिदों से यह आंदोलन शुरू हुआ था। एक सितंबर को संजौली में प्रदर्शन करते हुए लोगो ने संजौली में बनी मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए गिराने की मांग की और बाहर से आए समुदाय विशेष पर माहौल खराब करने के आरोप लगाए। शिमला के संजौली से सुलगी यह चिंगारी पूरे प्रदेश में फैली हुई है। प्रदर्शनों का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध मस्जिद से शुरू हुआ आंदोलन, नशे और अपराधी गतिविधियों में संलिप्तता, बाहरी प्रवासियों पर पहचान छुपाने, उनके वैरिफिकेशन की मांग से होते हुए आंदोलन अब वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग पर पहुंच गया है। सिरमौर के शिलाई में हुए प्रदर्शन में वक्फ बोर्ड भंग करने की मांग उठी है और इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री भी शामिल हो गए है। मंत्री ने वक्फ बोर्ड में सुधार की मांग की है।
हाईकोर्ट ने आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त करने पर रोक लगाई:12 दिसंबर को अगली सुनवाई, राज्य सरकार को देना होगा जवाब
हाईकोर्ट ने आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त करने पर रोक लगाई:12 दिसंबर को अगली सुनवाई, राज्य सरकार को देना होगा जवाब हिमाचल हाईकोर्ट ने कौशल विकास निगम में तैनात तीन आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। निगम ने 30 नवंबर तक इनकी सेवाएं समाप्त करने के फैसला लिया था। मगर अब तीनों जूनियर ऑफिस असिस्टेंट अगली सुनवाई तक अपने पद पर बने रहेंगे। तीनों असिस्टेंट इंजीनियर ने कौशल विकास निगम के बीते 14 नवंबर के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बैंच ने इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई को राज्य सरकार और सभी प्रतिवादियों को जवाब देने के आदेश जारी किए है। अब यह मामला 12 दिसंबर को सुना जाएगा। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट ने कोर्ट को राज्य सरकार के 26 अक्तूबर के आदेश के बारे में अवगत कराया। इसके तहत कौशल विकास निगम ने प्रोजेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ाया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां वर्ष 2017 में की गई थी। सरकार की ओर से स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनाती दी थी। निगम ने इससे पहले तीनों आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का कार्यकाल समय-समय पर बढ़ाया है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने इनकी सेवाओं को देखते हुए इनकी सेवाएं कंटीन्यू करने की अपील की है। 15 सालों से की जा रही आउटसोर्स भर्ती बता दें कि राज्य में आउटसोर्स भर्ती बड़ा मुद्दा बना चुकी है। आर्थिक तंगहाली की वजह से सरकार रेगुलर नियुक्तियां नहीं कर पा रही। बीते 15 सालों से पूर्व और वर्तमान सरकारों ने आउटसोर्स पर भर्तियां की है और इनका खूब शोषण किया गया है। जब चाहे इन्हें नाममात्र मानदेय पर नौकरी पर रखा गया और जब मन किया, इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा चुका हाईकोर्ट हालांकि दो सप्ताह पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने बेरोजगारों की याचिका पर आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा दी है। मगर राज्य के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 40 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
हिमाचल में CM सुक्खू पर BJP विधायक का आरोप:कांग्रेस सरकार जनता पर डाल रही मंहगाई का बोझ, भरना पड़ रहा पानी का भी बिल
हिमाचल में CM सुक्खू पर BJP विधायक का आरोप:कांग्रेस सरकार जनता पर डाल रही मंहगाई का बोझ, भरना पड़ रहा पानी का भी बिल हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर से भाजपा विधायक राकेश जंवाल ने कांग्रेस सरकार पर मंहगाई को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुक्खू का बस चले तो हवाओं पर भी टैक्स लगा दे। उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि खुद के खर्चों पर लगाम लगाने की बजाए सरकार आम जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। जनता पर पीने की पानी का बोझ उन्होंने कहा कि मनरेगा की दिहाड़ी पर अपने पालन पोषण करने वाले लोगों पर पानी के बिल लगा कर आम जनता के साथ अन्याय कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। विधायक राकेश जंवाल ने कहा कि पहले बिजली के बिलों की भार आम जनता की जेब पर डालने के बाद अब पीने के पानी के बिलों का बोझ डाल दिया गया है। 125 यूनिट फ्री बिजली बंद की सरकार उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार अपने मित्रों के ऐशो-आराम के लिए जनता पर एक के बाद एक वित्तीय बोझ डाल रही है और महंगाई के इस दौर में आम आदमी को राहत देने की बजाए उसके जीवन को बदहाल करने पर तुली है। साथ ही 300 यूनिट फ्री देने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार ने जयराम सरकार द्वारा दिए जा रहे 125 यूनिट भी बंद कर दिया और बिजली के रेट भी बढ़ा दिए गए। जन विरोधी नीतियों के कारण आम लोगों में रोष विधायक राकेश जंवाल ने कहा केंद्र सरकार ने “हर घर जल, हर घर नल” योजना के तहत पूर्व जयराम सरकार के माध्यम से हर घर तक नल पहुंचाया। अब सुक्खू सरकार फ्री के लगाए नल पर टैक्स वसूलने जा रही है। इससे बेरोजगारी के दौर में बड़ी मुश्किल से रोजी रोटी कमाने वालों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। सुक्खू सरकार आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में हर नल पर मीटर लगाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण जनता में इतना रोष है कि आज प्रदेश में चुनाव हो जाए तो कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पायेगी।