यूपी के इस शहर में वक्फ की 1650 संपत्तियां चिह्नित, सरकारी जमीन पर कब्जा, शासन को भेजी रिपोर्ट

यूपी के इस शहर में वक्फ की 1650 संपत्तियां चिह्नित, सरकारी जमीन पर कब्जा, शासन को भेजी रिपोर्ट

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर राजनीति में महौल हमेशा गर्माया रहता है. साल 2024 वक़्फ़ बिल सदन में पेश किया गया. जिसके बाद राज्य सरकार ने वक्फ की संपत्तियों की खोजबीन शुरू करा दी. साथ ही इसकी जांच के लिए जांच समिति भी बनाई गई. इन संपत्तियों की जानकारी राज्य से लेकर शहरों तक की जाने लगी जिसके चलते शहर में अल्पसंख्यक अधिकारी ने इस रिपोर्ट को तैयार कर शासन को एक रिपोर्ट भेजी जिसमें शहर में 1650 वक्फ संपतियों की पुष्टि हुई साथ ही ऐसी 550 वक्फ संपत्तियां जिसमें मदरसे, कब्रिस्तान और मस्जिद शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वक्फ संपत्तियां की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था. जिसके चलते राज्य ओर शहर से संपत्तियों के चिन्हित कर शासन को रिपोर्ट दी जाने थी, जिसके चलते कानपुर में भी ऐसी ही संपत्तियों की जांच शुरू हुई और तकरीबन 1650 वक्फ संपत्तियां सामने आई. जिसमें एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमे 550 वक्फ की ऐसी संपत्तियां शामिल हैं जो सरकारी जमीन पर स्थापित है और वक्फ इन जमीनों पर अपना दावा कर रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीनों को लेकर कानूनी कार्रवाई करेंगे- वक्फ बोर्ड<br /></strong>वक्फ बोर्ड के धारा 37 के रजिस्टर में ऐसे संपत्तियां अभिलेखों में दर्ज हैं, जिसकी जानकारी अधिकारियों की ओर से शासन को भेजी गई है. शहर में ऐसे कई कब्रिस्तान, मदरसे और मस्जिदें लंबे समय से स्थापित है जो वक्फ में शामिल है. वहीं इस संपत्तियों को लेकर तमिलों वर्ग के क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ये संपत्तियां वक्फ की ही है उनके बाप दादा भी इस मस्जिदों में आया जाया करते थे. लिहाजा इस पर सरकारी कोई भी भूमि नहीं है अगर वाबजूद सरकार सभी दस्तावेज खंगाला के बाद भी वक्फ की जमीनों और अपना हक बनाएगी तो हमारे वकील और कानूनी सलाहकार इसको देखते हुए कोई ठोस कदम उठाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस बारे में अल्पसंख्यक अधिकारी पवन कुमार सिंह ने कहा है की शहर में 1650 संपत्तियां वक्फ की चिन्हित हुई है जिसमें से 550 संपत्तियां सरकारी भूमि पर बनी हुई प्रतीत हो रही है. वक्फ बोर्ड की धारा 37 के रजिस्टर में दर्ज अभिलेख के आधार ओर तहसील स्तर पर जांच कराकर ऐसी संपत्तियां को चिन्हित किया गया है और जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संयुक्त संसदीय समिति की टीम करेगी फैसला<br /></strong>फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति की टीम कुछ दिनों में प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचने वाली है वो सभी रिपोर्ट को राज्य सरकार से लेकर फैसला करेगी कि आखिर जिन जमीनों पर सर्वे रिपोर्ट सरकारी भूमि पर वक्फ का कब्जा करार दे रही है उन जमीनों के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. लेकिन विशेष वर्ग ऐसी जमीनों पर सरकार की कार्यवाही के आगे एक बड़ा संकट बन सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-ganga-expressway-prayagraj-to-meerut-will-be-opened-from-may-month-2866741″>यूपी में जल्द शुरू होगा एक नया एक्सप्रेस वे, इस महीने से फर्राटा भरेंगी गाड़ियां, 12 जिलों को होगा लाभ</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर राजनीति में महौल हमेशा गर्माया रहता है. साल 2024 वक़्फ़ बिल सदन में पेश किया गया. जिसके बाद राज्य सरकार ने वक्फ की संपत्तियों की खोजबीन शुरू करा दी. साथ ही इसकी जांच के लिए जांच समिति भी बनाई गई. इन संपत्तियों की जानकारी राज्य से लेकर शहरों तक की जाने लगी जिसके चलते शहर में अल्पसंख्यक अधिकारी ने इस रिपोर्ट को तैयार कर शासन को एक रिपोर्ट भेजी जिसमें शहर में 1650 वक्फ संपतियों की पुष्टि हुई साथ ही ऐसी 550 वक्फ संपत्तियां जिसमें मदरसे, कब्रिस्तान और मस्जिद शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वक्फ संपत्तियां की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था. जिसके चलते राज्य ओर शहर से संपत्तियों के चिन्हित कर शासन को रिपोर्ट दी जाने थी, जिसके चलते कानपुर में भी ऐसी ही संपत्तियों की जांच शुरू हुई और तकरीबन 1650 वक्फ संपत्तियां सामने आई. जिसमें एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमे 550 वक्फ की ऐसी संपत्तियां शामिल हैं जो सरकारी जमीन पर स्थापित है और वक्फ इन जमीनों पर अपना दावा कर रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीनों को लेकर कानूनी कार्रवाई करेंगे- वक्फ बोर्ड<br /></strong>वक्फ बोर्ड के धारा 37 के रजिस्टर में ऐसे संपत्तियां अभिलेखों में दर्ज हैं, जिसकी जानकारी अधिकारियों की ओर से शासन को भेजी गई है. शहर में ऐसे कई कब्रिस्तान, मदरसे और मस्जिदें लंबे समय से स्थापित है जो वक्फ में शामिल है. वहीं इस संपत्तियों को लेकर तमिलों वर्ग के क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ये संपत्तियां वक्फ की ही है उनके बाप दादा भी इस मस्जिदों में आया जाया करते थे. लिहाजा इस पर सरकारी कोई भी भूमि नहीं है अगर वाबजूद सरकार सभी दस्तावेज खंगाला के बाद भी वक्फ की जमीनों और अपना हक बनाएगी तो हमारे वकील और कानूनी सलाहकार इसको देखते हुए कोई ठोस कदम उठाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस बारे में अल्पसंख्यक अधिकारी पवन कुमार सिंह ने कहा है की शहर में 1650 संपत्तियां वक्फ की चिन्हित हुई है जिसमें से 550 संपत्तियां सरकारी भूमि पर बनी हुई प्रतीत हो रही है. वक्फ बोर्ड की धारा 37 के रजिस्टर में दर्ज अभिलेख के आधार ओर तहसील स्तर पर जांच कराकर ऐसी संपत्तियां को चिन्हित किया गया है और जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संयुक्त संसदीय समिति की टीम करेगी फैसला<br /></strong>फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति की टीम कुछ दिनों में प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचने वाली है वो सभी रिपोर्ट को राज्य सरकार से लेकर फैसला करेगी कि आखिर जिन जमीनों पर सर्वे रिपोर्ट सरकारी भूमि पर वक्फ का कब्जा करार दे रही है उन जमीनों के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. लेकिन विशेष वर्ग ऐसी जमीनों पर सरकार की कार्यवाही के आगे एक बड़ा संकट बन सकता है.</p>
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