संभल पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, हंगामा:परिजन बोले- खींचकर लाए, दवा भी खाने नहीं दी; सांसद बर्क ने कहा- ये हत्या है

संभल पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, हंगामा:परिजन बोले- खींचकर लाए, दवा भी खाने नहीं दी; सांसद बर्क ने कहा- ये हत्या है

संभल में सोमवार को पुलिस चौकी के भीतर इरफान नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस चौकी को घेर लिया। जमकर बवाल काटा और आरोप लगाया कि पुलिस टॉर्चर से इरफान की जान गई है। मामला थाना नखासा क्षेत्र की रायसत्ती पुलिस चौकी का है। खग्गू सराय के रहने वाले इरफान का अपनी ताई से रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद था। उसी को लेकर शिकायत की गई थी। पुलिस पूछताछ के लिए उसे उठाकर चौकी लाई थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिसवालों ने पिता को दवा भी खाने नहीं दी। सांसद जिया उर रहमान बर्क ने दोषी पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज किए जाने की मांग की है। 40 साल का इरफान पल्लेदारी का काम करता था। उसकी शादी को 22 साल हो चुके थे। उसके पांच बच्चे हैं, जिनमें सबसे बड़ा बेटा 18 साल का है। घटना की सूचना मिलने के बाद एएसपी श्रीश चंद्र और सीओ असमोली कुलदीप सिंह सहित दो थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। RAF भी तैनात की गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। सीओ ने मृतक के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। सबसे पहले 4 तस्वीर देखिए… पत्नी रेशमा बोली- मेरा आदमी बीमार था
इरफान की पत्नी रेशमा ने बताया- 5 पुलिस वाले मेरे पति को पकड़कर ले आए थे। मेरा आदमी बीमार था और उसका नाक का ऑपरेशन मुरादाबाद में हुआ था। उन्होंने दवाई भी खाने नहीं दी। इरफान की ताई का कोई मामला था। रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद था- बुआ
बुआ शफीक ने आरोप लगाया कि इरफान और उसके भाई तसलीम के पास कुल छह लाख रुपए थे, जिनका लेनदेन चल रहा था। सुबह ताई अपने भतीजे इरफान के घर गई थीं, लेकिन वहां से उसे घर से भगा दिया गया। इसके बाद रोते हुए वह पुलिस चौकी पहुंच गई। दवाई भी नहीं खाने दिया
स्थानीय निवासी तहजीब ने बताया कि पुलिसवाले इरफान को उसके घर से रायसत्ती चौकी पर लाए थे, यहां वो गिर गए। पुलिस वाले उन्हें छोड़ कर भाग गए। साले आफरान रजा ने बताया कि पुलिसकर्मी जबरदस्ती घर से पकड़ कर लाए थे, दवाई भी नहीं खाने दिया, टीम में 4 पुलिस वाले और एक दरोगा था। एसपी बिश्नोई बोले- हार्ट अटैक से गई जान
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया- सोमवार सुबह 11:30 बजे शफीक बेगम नामक महिला ने नखासा थाने की रायसत्ती पुलिस चौकी पर एक शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया कि उनका बेटा अरमान उनके साथ मारपीट करता है और घर के हिस्से के 6 लाख रुपए ले लिए। इरफान ने ही अपने हाथों से रुपए दिए थे। वह गारंटर था। लेकिन अब वह न तो पैसे दिलवा रहा है न ही खुद दे रहा है। महिला के आरोपों के मद्देनजर जांच के लिए टीम को मौके पर भेजा गया। इसके बाद इरफान को उसके बेटे के साथ रायसत्ती चौकी पर लाया गया। इरफान ने पुलिस को बताया कि उसे दवा खानी है, जिसे पुलिस द्वारा खाने दिया गया। बाद में, इरफान ने चेस्ट पेन की शिकायत की। तत्काल इरफान को उसके बेटे के साथ चौकी से डॉक्टर जावेद के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। लेकिन परिजन वहां न जाकर पुलिस चौकी आ गए। तब तक इरफान की मौत हो चुकी थी। माना जा रहा है कि उसकी मौत हृदय गति रुकने के कारण हुई है। इरफान पहले से हार्ट का मरीज था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृत्यु के कारणों का स्पष्ट पता पोस्टमॉर्टम के बाद ही चलेगा। लेकिन प्रथम दृष्टया हृदय गति रुकने से मृत्यु का मामला प्रतीत होता है। पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने इरफान को दवा खाने नहीं दी, पूरी तरह निराधार हैं। चौकी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और फुटेज में यह स्पष्ट है कि पिता-पुत्र कुछ ही मिनटों के लिए चौकी पर रुके थे। चौकी प्रभारी ने स्वयं उन्हें दवा खाने के लिए दिया था। सांसद बर्क ने फेसबुक पर लिखा- हत्या का मुकदमा दर्ज हो संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा- पुलिस का स्लोगन है-
सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा…
लेकिन मालूम नहीं ये कैसी सुरक्षा है और कैसा संकल्प है कि हिरासत में आदमी की मौत हो जाती है. पुलिस के माथे पर ये दाग पहली बार नहीं लगा है और जिस तरह के हालात हैं, वैसे लगता नहीं कि आखिरी बार है. यह हत्या है लगातार लोगो का खुलेआम मारने की धमकी दे रही हैं। पुलिस के द्वारा की गयी हत्या पर जो भी पुलिस वाले और अधिकारी ज़िम्मेदार है उन पर तत्काल हत्या का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए। कब तक मासूम लोगों की जाने जाती रहेंगी। कब तक अत्याचार होता रहेगा। संविधान का तक़ाज़ा है यतीम बच्चों और पीड़ित परिवार को इंसाफ़ मिलना चाहिए। —————————- यह खबर भी पढ़िए… आर्मी सूबेदार की पत्नी, 2 बच्चों की लाश मिली:उन्नाव में कमरा बंद था, पत्नी-बेटी बेड, बेटे का शव फर्श पर पड़ा था
उन्नाव में सूबेदार की पत्नी और 2 बच्चों की बंद कमरे में लाश मिली है। पत्नी-बेटी बेड पर तो बेटा फर्श पर पड़ा था। बगल में अंगीठी पड़ी हुई थी। वारदात का पता उस वक्त चला, जब सूबेदार आलोक सिंह का पत्नी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने छोटे भाई पंकज को इसकी जानकारी। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। देखा तो घर का गेट लॉक था। बगल के छत से अंदर घुसे। कमरे का दरवाजा खटखटाया। रिस्पॉन्स न मिलने पर दरवाजा तोड़ दिया। देखा तो तीनों की मौत हो चुकी थी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पढ़ें पूरी खबर… संभल में सोमवार को पुलिस चौकी के भीतर इरफान नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस चौकी को घेर लिया। जमकर बवाल काटा और आरोप लगाया कि पुलिस टॉर्चर से इरफान की जान गई है। मामला थाना नखासा क्षेत्र की रायसत्ती पुलिस चौकी का है। खग्गू सराय के रहने वाले इरफान का अपनी ताई से रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद था। उसी को लेकर शिकायत की गई थी। पुलिस पूछताछ के लिए उसे उठाकर चौकी लाई थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिसवालों ने पिता को दवा भी खाने नहीं दी। सांसद जिया उर रहमान बर्क ने दोषी पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज किए जाने की मांग की है। 40 साल का इरफान पल्लेदारी का काम करता था। उसकी शादी को 22 साल हो चुके थे। उसके पांच बच्चे हैं, जिनमें सबसे बड़ा बेटा 18 साल का है। घटना की सूचना मिलने के बाद एएसपी श्रीश चंद्र और सीओ असमोली कुलदीप सिंह सहित दो थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। RAF भी तैनात की गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। सीओ ने मृतक के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। सबसे पहले 4 तस्वीर देखिए… पत्नी रेशमा बोली- मेरा आदमी बीमार था
इरफान की पत्नी रेशमा ने बताया- 5 पुलिस वाले मेरे पति को पकड़कर ले आए थे। मेरा आदमी बीमार था और उसका नाक का ऑपरेशन मुरादाबाद में हुआ था। उन्होंने दवाई भी खाने नहीं दी। इरफान की ताई का कोई मामला था। रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद था- बुआ
बुआ शफीक ने आरोप लगाया कि इरफान और उसके भाई तसलीम के पास कुल छह लाख रुपए थे, जिनका लेनदेन चल रहा था। सुबह ताई अपने भतीजे इरफान के घर गई थीं, लेकिन वहां से उसे घर से भगा दिया गया। इसके बाद रोते हुए वह पुलिस चौकी पहुंच गई। दवाई भी नहीं खाने दिया
स्थानीय निवासी तहजीब ने बताया कि पुलिसवाले इरफान को उसके घर से रायसत्ती चौकी पर लाए थे, यहां वो गिर गए। पुलिस वाले उन्हें छोड़ कर भाग गए। साले आफरान रजा ने बताया कि पुलिसकर्मी जबरदस्ती घर से पकड़ कर लाए थे, दवाई भी नहीं खाने दिया, टीम में 4 पुलिस वाले और एक दरोगा था। एसपी बिश्नोई बोले- हार्ट अटैक से गई जान
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया- सोमवार सुबह 11:30 बजे शफीक बेगम नामक महिला ने नखासा थाने की रायसत्ती पुलिस चौकी पर एक शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया कि उनका बेटा अरमान उनके साथ मारपीट करता है और घर के हिस्से के 6 लाख रुपए ले लिए। इरफान ने ही अपने हाथों से रुपए दिए थे। वह गारंटर था। लेकिन अब वह न तो पैसे दिलवा रहा है न ही खुद दे रहा है। महिला के आरोपों के मद्देनजर जांच के लिए टीम को मौके पर भेजा गया। इसके बाद इरफान को उसके बेटे के साथ रायसत्ती चौकी पर लाया गया। इरफान ने पुलिस को बताया कि उसे दवा खानी है, जिसे पुलिस द्वारा खाने दिया गया। बाद में, इरफान ने चेस्ट पेन की शिकायत की। तत्काल इरफान को उसके बेटे के साथ चौकी से डॉक्टर जावेद के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। लेकिन परिजन वहां न जाकर पुलिस चौकी आ गए। तब तक इरफान की मौत हो चुकी थी। माना जा रहा है कि उसकी मौत हृदय गति रुकने के कारण हुई है। इरफान पहले से हार्ट का मरीज था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृत्यु के कारणों का स्पष्ट पता पोस्टमॉर्टम के बाद ही चलेगा। लेकिन प्रथम दृष्टया हृदय गति रुकने से मृत्यु का मामला प्रतीत होता है। पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने इरफान को दवा खाने नहीं दी, पूरी तरह निराधार हैं। चौकी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और फुटेज में यह स्पष्ट है कि पिता-पुत्र कुछ ही मिनटों के लिए चौकी पर रुके थे। चौकी प्रभारी ने स्वयं उन्हें दवा खाने के लिए दिया था। सांसद बर्क ने फेसबुक पर लिखा- हत्या का मुकदमा दर्ज हो संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा- पुलिस का स्लोगन है-
सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा…
लेकिन मालूम नहीं ये कैसी सुरक्षा है और कैसा संकल्प है कि हिरासत में आदमी की मौत हो जाती है. पुलिस के माथे पर ये दाग पहली बार नहीं लगा है और जिस तरह के हालात हैं, वैसे लगता नहीं कि आखिरी बार है. यह हत्या है लगातार लोगो का खुलेआम मारने की धमकी दे रही हैं। पुलिस के द्वारा की गयी हत्या पर जो भी पुलिस वाले और अधिकारी ज़िम्मेदार है उन पर तत्काल हत्या का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए। कब तक मासूम लोगों की जाने जाती रहेंगी। कब तक अत्याचार होता रहेगा। संविधान का तक़ाज़ा है यतीम बच्चों और पीड़ित परिवार को इंसाफ़ मिलना चाहिए। —————————- यह खबर भी पढ़िए… आर्मी सूबेदार की पत्नी, 2 बच्चों की लाश मिली:उन्नाव में कमरा बंद था, पत्नी-बेटी बेड, बेटे का शव फर्श पर पड़ा था
उन्नाव में सूबेदार की पत्नी और 2 बच्चों की बंद कमरे में लाश मिली है। पत्नी-बेटी बेड पर तो बेटा फर्श पर पड़ा था। बगल में अंगीठी पड़ी हुई थी। वारदात का पता उस वक्त चला, जब सूबेदार आलोक सिंह का पत्नी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने छोटे भाई पंकज को इसकी जानकारी। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। देखा तो घर का गेट लॉक था। बगल के छत से अंदर घुसे। कमरे का दरवाजा खटखटाया। रिस्पॉन्स न मिलने पर दरवाजा तोड़ दिया। देखा तो तीनों की मौत हो चुकी थी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर