वित्तीय संकट के बीच पंजाब सरकार के खजाने में 2500 करोड़ रुपए आए हैं। सरकार ने यह पैसा किसी संस्था से लोन लेकर या कोई प्रॉपर्टी बेचकर नहीं कमाया है, बल्कि यह पैसा 7000 फर्मों की IGST रिवर्सल प्रक्रिया से मिला है। जो पहले उचित प्रक्रिया के अभाव में दूसरे राज्यों के पास पड़ा हुआ था। इसके अलावा विभाग उन कंपनियों पर भी नजर रख रहा है। जो किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी में लगी हुई हैं। इन कंपनियों से सरकारी खजाने को मिला पैसा जब राज्य कर विभाग सरकारी खजाने को मजबूत करने के प्रयास कर रहा था, तब यह बात सामने आई। दिसंबर माह में कुल सात हजार फर्मों में से 22 ऐसी फर्में पाई गईं। आईजीएसटी रिवर्सल प्रक्रिया पूरी न होने के कारण करीब 1400 करोड़ दूसरे राज्यों में पड़े थे। अकेले रेल कोच फैक्टरी से सरकारी खजाने को 687.69 करोड़ रुपए मिले। पावरकॉम से 129.14 करोड़, नाभा पावर लिमिटेड से 89.50 करोड़, तलवंडी साबो थर्मल प्लांट से 83.03 करोड़, गोइंदबल से 44.16 करोड़ रुपए मिले। इसी तरह बठिंडा रिफाइनरी को 80.14 करोड़ और ट्रास्को को 40.99 करोड़, फोर्टिस हेल्थ केयर को 24.02 करोड़, कारगिल इंडिया को 14.55 करोड़ रुपए मिले। इसके अलावा कई धार्मिक संस्थाएं और कंपनियां हैं, जिनसे पैसा आया है। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में अक्टूबर महीने में सरकार की ओर से रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी अरविंद मोदी को वित्त विभाग का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। इसके बाद सरकार की ओर से पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का साफ कहना है कि पंजाब के खजाने को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में कई कदम उठाए जा रहे हैं। वित्तीय संकट के बीच पंजाब सरकार के खजाने में 2500 करोड़ रुपए आए हैं। सरकार ने यह पैसा किसी संस्था से लोन लेकर या कोई प्रॉपर्टी बेचकर नहीं कमाया है, बल्कि यह पैसा 7000 फर्मों की IGST रिवर्सल प्रक्रिया से मिला है। जो पहले उचित प्रक्रिया के अभाव में दूसरे राज्यों के पास पड़ा हुआ था। इसके अलावा विभाग उन कंपनियों पर भी नजर रख रहा है। जो किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी में लगी हुई हैं। इन कंपनियों से सरकारी खजाने को मिला पैसा जब राज्य कर विभाग सरकारी खजाने को मजबूत करने के प्रयास कर रहा था, तब यह बात सामने आई। दिसंबर माह में कुल सात हजार फर्मों में से 22 ऐसी फर्में पाई गईं। आईजीएसटी रिवर्सल प्रक्रिया पूरी न होने के कारण करीब 1400 करोड़ दूसरे राज्यों में पड़े थे। अकेले रेल कोच फैक्टरी से सरकारी खजाने को 687.69 करोड़ रुपए मिले। पावरकॉम से 129.14 करोड़, नाभा पावर लिमिटेड से 89.50 करोड़, तलवंडी साबो थर्मल प्लांट से 83.03 करोड़, गोइंदबल से 44.16 करोड़ रुपए मिले। इसी तरह बठिंडा रिफाइनरी को 80.14 करोड़ और ट्रास्को को 40.99 करोड़, फोर्टिस हेल्थ केयर को 24.02 करोड़, कारगिल इंडिया को 14.55 करोड़ रुपए मिले। इसके अलावा कई धार्मिक संस्थाएं और कंपनियां हैं, जिनसे पैसा आया है। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में अक्टूबर महीने में सरकार की ओर से रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी अरविंद मोदी को वित्त विभाग का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। इसके बाद सरकार की ओर से पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का साफ कहना है कि पंजाब के खजाने को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में कई कदम उठाए जा रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
आतंकी हमलों को छिटपुट घटना बता फंसे पंजाब BJP नेता:7 जवानों की शहादत पर पूछा था सवाल; बोले- मोदी सरकार चुनाव में बिजी थी
आतंकी हमलों को छिटपुट घटना बता फंसे पंजाब BJP नेता:7 जवानों की शहादत पर पूछा था सवाल; बोले- मोदी सरकार चुनाव में बिजी थी पंजाब भाजपा नेता श्वेत मलिक के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व राज्यसभा सांसद मलिक ने जेएंडके में हुए आतंकी हमलों को छुटपुट घटना बता दिया। वे गुरदासपुर के बटाला में पत्रकारों से बात कर रहे थे। पत्रकारों ने उनके मुंह से यह बात सुनी तो उन्होंने नेता के बयान पर विरोध जताया। इस दौरान उनके साथ बैठे पूर्व मंत्री अश्विनी शेखड़ी और पूर्व विधायक बलविंदर लाडी भी असहज नजर आए। जिसके बाद मलिक ने अपनी बात बदलकर पीछा छुड़ाया। श्वेत मलिक पंजाब भाजपा के सीनियर नेता हैं। वह अमृतसर के मेयर रह चुके हैं। इसके अलावा 2016 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था। इस वक्त वह पंजाब भाजपा की कोर कमेटी के मेंबर हैं। श्वेत मलिक को दिवंगत भाजपा नेता अरूण जेटली का करीबी माना जाता था। जेटली के अमृतसर से चुनाव के वक्त मलिक ने उनकी चुनाव कमान संभाली थी। हालांकि तब जेटली हार गए थे। जम्मू आतंकी हमले पर पूछा गया था सवाल
बटाला प्रेस क्लब में पहुंचे BJP नेता श्वेत मलिक पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे हाल ही में जम्मू में हुए आतंकी हमले और कई जवानों के शहीद होने के बारे में पूछा। इस पर श्वेत मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार चुनावों में बिजी थी। तब ऐसी छिटपुट घटनाएं होना एक साजिश है। इतना सुनते ही पत्रकारों ने उन पर सवाल खड़े कर दिए। पत्रकारों के द्वारा उनसे इस बारे जवाब मांगा गया कि वे अपने इस बयान को क्लियर करें कि क्या 5-5 जवान शहीद हो गए और आप उसे छिटपुट घटना बोल रहे है। पत्रकारों ने सवाल खड़े किए कि वह जवानों के शहीद होने को छिटपुट घटना बोल रहे हैं। मलिक से सवाल और उनका जवाब… पत्रकार ने पूछा: पिछले 4 महीने में 8 आतंकी हमले हुए। जिसमें 7 जवान शहीद हुए। 5 जख्मी हुए। दावा करते हैं कि यह पाकिस्तान से आए। 10 साल सरकार बनी को हो गए। फिर हम किस तरह दावा करते हैं कि बॉर्डर सेफ हैं?। श्वेत मलिक ने कहा- ऐसा है कि एक तो 4 महीने चुनावी प्रक्रिया चलती रही। उसकी वजह से सारे व्यस्त रहे। दूसरी बात यह है कि आंकड़े देखो कि कांग्रेस राज में आतंकवाद की कितनी घटनाएं हुईं और अब कितनी हुईं। आप ये बताओ कि गिलानी जी कहां हैं?। यासीन मलिक कहा हैं?। जिन्हें कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गले लगाकर खून बहाया। मौलवी उमर फारूख, शेख अब्दुल्ला कहां है, आज चुप बैठे हैं। महबूबा मुफ्ती सईद, जो आतंकवाद की बोली बोलती थी, उसकी बोलती बंद है। नेता ने सफाई में क्या कहा
आतंकी हमले को छिटपुट बोले जाने के मामले में मलिक ने सफाई देते हुए कहा कि सीमा पर जवान पूरी तरह से आतंकियों का विनाश कर रहे हैं। पाकिस्तान की साजिश का लगातार जवाब दिया जा रहा है। पंजाब से आतंकवाद खत्म हो गया है। कश्मीर से आतंकवाद खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने युद्ध रुकवाकर बच्चों को बाहर निकलवाया
मलिक ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर यह मोदी सरकार की उपलब्धि है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन को मोदी ने कनविंस किया कि युद्ध विराम करो। जिसके बाद पुतिन ने कहा कि मैंने युद्ध रोक दिया। जिसके बाद इंजीनियरिंग कॉलेज आदि में फंसे बच्चों को बाहर निकाला गया। अफगानिस्तान से भी श्री गुरू ग्रंथ साहिब के स्वरूप को हरदीप पुरी लेकर आए।
फाजिल्का पहुंचे पंजाब के राज्यपाल:सरहदी दौरे की शुरुआत, 6 जिलों में बनी गांव सुरक्षा कमेटियां, सदस्यों का राज्यभवन से सीधा संपर्क होगा
फाजिल्का पहुंचे पंजाब के राज्यपाल:सरहदी दौरे की शुरुआत, 6 जिलों में बनी गांव सुरक्षा कमेटियां, सदस्यों का राज्यभवन से सीधा संपर्क होगा पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने सरहदी जिले के चार दिनों के दौरे की शुरुआत कर दी है l जिसके तहत आज वह फाजिल्का के जलालाबाद पहुंचे l जहां उनके द्वारा जलालाबाद में भारत-पाक सरहद के बिल्कुल नजदीक लगते गांव जोधा भैणी में गांव सुरक्षा कमेटी सदस्यों से मुलाकात की गई और उन्हें संबोधन किया गया l अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि पंजाब के 6 जिलों में गांव सुरक्षा कमेटीयों का गठन किया जा चुका है l उन्होंने कहा कि प्रत्येक कमेटी से सदस्यों का राजभवन के साथ सीधा संपर्क स्थापित किया जाएगा , ताकि वह सरहदी इलाके की समस्याओं को बेहतर तरीके से जान सके l राज्यपाल ने लोगों को देश विरोधी ताकतों के खिलाफ लामबंद होने के लिए निमंत्रण दिया। कहा कि गांव सुरक्षा कमेटियों की महीने में कम से कम एक बार बैठक जरूर की जाए l उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव की सुरक्षा कमेटी के लिए एक अधिकारी को नोडल ऑफिसर के तौर पर तैनात किया जाएगा l ताकि लोगों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल यकीनी बनाया जा सके l सूचना देने वालों काे किया जाएगा सम्मानित राज्यपाल ने कहा कि पड़ोसी देश ने अब जान लिया है कि भारत से टकराने में वह सामर्थ्य नहीं रखता l इसलिए वह ऐसी हरकतें कर रहा है l जिसमें ड्रोन के साथ नशे को भेजने की कोशिश की जा रही है l उन्होंने कहा कि गांव सुरक्षा कमेटियां ऐसे बुरे लोगों के खिलाफ जहां जागरूकता का काम करती हैं l वहीं यह कमेटियां ऐसे लोगों संबंधी सूचना भी पुलिस और बीएसएफ को उपलब्ध करवाती है l उन्होंने कहा कि इस दौरान सूचना देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा l इस मौके पर जलालाबाद के विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी, अबोहर से विधायक संदीप जाखड़ और जिला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे l
स्वच्छ दुकान स्वच्छ पकवान मुहिम के तहत 6 टीमें गठित
स्वच्छ दुकान स्वच्छ पकवान मुहिम के तहत 6 टीमें गठित भास्कर न्यूज | अमृतसर पढ़ाई का स्तर बेहतर करने और बच्चों को माता-पिता की ओर से घर पर भी बेहतर माहौल देने के उद्देश्य से मंगलवार को जिले के लगभग 1300 स्कूलों में मेगा पेरेंट्स टीचर मीट (पीटीएम) करवाई गई। इसमें 85 प्रतिशत पेरेंट्स मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान पेरेंट्स को पीपीटी के माध्यम से स्कूल की अचीवमेंट और मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी गई। शिक्षा विभाग ने मीट के दौरान 7,4 फीट का शपथ बोर्ड या सिग्नेचर बोर्ड लगाने को कहा था। इस पर एक शपथ- ‘मैं अपने बच्चे को हर रोज स्कूल भेजूंगा’ लिखा जाना था। इस पर पेरेंट्स की सहमति दर्ज कराने के लिए उनके हस्ताक्षर और अंगूठे लगवाए जाने थे। मगर कई स्कूलों में यह बोर्ड नहीं थे। रजिस्टर पर ही टीचरों के नाम लिखकर हस्ताक्षर करवा लिए गए। पेरेंट्स सुमन ने बताया कि पीटीएम उनकी बेटी करमपुरा स्कूल में पढ़ती है। उन्हें टीचरों की ओर से बच्चे की परफार्मेंस के बारे में बताया गया। साथ ही उनसे भविष्य में और बेहतर करने के लिए सजेशन भी मांगे गए। मकबूलपुरा की बिमला ने बताया कि बच्चों की शिक्षा के बारे में बताने के बाद उनसे एक फीडबैक फार्म भरवाया गया है। इसमें स्कूल के वातावरण समेत पढ़ाई को लेकर सुझाव देने थे। इस बार शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के लिए एजेंडा रखे गए थे। इसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रोग्राम, नए सरपंचों का स्वागत और डिजास्टर मैनेजमेंट की जानकारी शामिल किए गए। टीचरों ने पेरेंट्स को जागरूक करने के लिए सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट कॉर्नर बनाया, इसमें पेरेंट्स को गीले सूखे कचरें को रेडयूज करने, रीयूज करने और रिसाइकल करने की जानकारी दी।