तरनतारन के युवक की कनाडा में मौत हो गई। गांव पंडोरी रण सिंह के 24 वर्षीय सतपाल सिंह का शव उसकी कार में मिला है। सतपाल ढाई साल पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गया था और विनिपेग में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम काम भी कर रहा था। परिवार के मुताबिक, सतपाल के बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था। परिवार ने कड़ी मेहनत और कर्ज लेकर उसे उज्जवल भविष्य की आस में विदेश भेजा था। मौत की खबर से परिवार गहरे सदमे में है। परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर भारत लाने में मदद करें, ताकि वे अपनी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार कर सकें। यह घटना कनाडा में भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। तरनतारन के युवक की कनाडा में मौत हो गई। गांव पंडोरी रण सिंह के 24 वर्षीय सतपाल सिंह का शव उसकी कार में मिला है। सतपाल ढाई साल पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गया था और विनिपेग में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम काम भी कर रहा था। परिवार के मुताबिक, सतपाल के बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था। परिवार ने कड़ी मेहनत और कर्ज लेकर उसे उज्जवल भविष्य की आस में विदेश भेजा था। मौत की खबर से परिवार गहरे सदमे में है। परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर भारत लाने में मदद करें, ताकि वे अपनी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार कर सकें। यह घटना कनाडा में भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मूसेवाला की फोटो वाली पतंग की डिमांड:साइज 5 फुट-कीमत 500 रुपए; लोहड़ी पर कपूरथला मार्केट गरम; करण औजला-बब्बू मान वाली पतंग भी रेस में
मूसेवाला की फोटो वाली पतंग की डिमांड:साइज 5 फुट-कीमत 500 रुपए; लोहड़ी पर कपूरथला मार्केट गरम; करण औजला-बब्बू मान वाली पतंग भी रेस में कपूरथला में इस साल बाजार में रंग-बिरंगी पतंगों के साथ विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हैं, दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला, करण औजला और बब्बू मान जैसे कलाकारों की तस्वीरों वाली पतंगों की काफी डिमांड है। वहीं बच्चों के पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर डोरेमोन और टॉम एंड जेरी की पतंगें भी खूब बिक रही हैं। इनके अलावा ‘हैपी लोहड़ी’ और ‘नववर्ष 2025’ जैसे संदेशों वाली पतंगें भी उपलब्ध हैं। बाजार में पतंगों की कीमतें 2 रुपए से लेकर 500 रुपए तक हैं। सबसे बड़ी आकर्षण 5 फुट की विशाल पतंग है, जिसकी मांग सबसे अधिक है। ग्राहक पतंगों के साथ मजबूत डोर की खरीदारी भी कर रहे हैं। शहर के प्रमुख बाजार जैसे जलौखाना चौक, शालीमार बाग रोड, कायमपुरा बाजार, मोहल्ला शेरगढ़, बस स्टैंड और सीनपुरा में पतंगों की दुकानें सजी हुई हैं। दुकानदार ऋषि ग्रोवर, अमित कुमार, राजू, कमल, मनजीत सिंह आदि दुकानदारों ने बताया कि दुकानों में छोटे से लेकर बड़ी पतंगें 2 रुपए से लेकर 200 रुपए तक मौजूद है। वहीं धागे की डोर का गट्टू 20 रुपए से लेकर 500 रुपए तक बिक रहा है। इसके अलावा धागे की डोर की चकरी 50 रुपए लेकर 1000 रुपए तक बिक रहे है। उन्होंने कहा कि उनकी दुकानों में हर प्रकार की पतंगे उपलब्ध है। लोहड़ी को लेकर लोग 3-4 दिन पहले से ही पतंगों की खरीदारी कर रहे है। क्योंकि लोहड़ी के समीप आते ही दुकानों में पतंगों की संख्या कम हो जाती है। ज्यादातर लोग पहले ही पतंगों की खरीदारी कर लेते है। व्यापारियों के अनुसार, लोग लोहड़ी से पहले ही खरीदारी कर रहे हैं। क्योंकि त्योहार के दिन भीड़ बढ़ जाती है और कई दुकानों में पतंगें कम पड़ जाती हैं। विशेष रूप से सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंगों की मांग सबसे ज्यादा देखी जा रही है, जो युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय हैं।
पटियाला में एसएचओ समेत दो पर केस:विजिलेंस ब्यूरो ने की कार्रवाई, रिश्वत में मांगे थे 50 हजार रुपए
पटियाला में एसएचओ समेत दो पर केस:विजिलेंस ब्यूरो ने की कार्रवाई, रिश्वत में मांगे थे 50 हजार रुपए पुलिस केस में मदद के बदले में करप्शन करने वाले भादसों थाना एसएचओ इंदरजीत सिंह व एएसआई अमरजीत पर विजिलेंस ने एफआईआर रजिस्टर किया है। सोमवार को विजिलेंस पटियाला रेंज की टीम ने बयान जारी करते हुए बताया कि इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने पचास हजार रुपए रिश्वत ली थी, जिसकी शिकायत सीएम के आनलाइन पोर्टल पर की गई थी। इस कंप्लेंट की जांच के बाद विजिलेंस पटियाला ने एफआईआर दर्ज की लेकिन तब तक दोनों पुलिस अधिकारी फरार हो गए। पुलिस के पास यह कंप्लेंट हरमन सिंह नामक व्यक्ति ने की थी। 35000 रूपए और मांग रहे थे दोनों आरोपी हरमन सिंह की कंप्लेंट के अनुसार उसके व साथियों के खिलाफ भादसों थाना में एक केस दर्ज हुआ था। इस केस में मदद करते हुए इन पुलिस अधिकारियों ने पचास हजार रुपए घूस के लिए थे। यह पैसे हासिल करने के बाद दोनों पार्टियों में समझौता हो गया था, जिसके बाद एफआईआर खारिज की जानी थी। एफआईआर खारिज करने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बदले में यह लोग 35 हजार रुपए रिश्वत मांग रहे थे। जिस वजह से परेशान होकर हरमन सिंह ने विजिलेंस के सीएम द्वारा शुरू किए आनलाइन पोर्टल पर कंप्लेंट फाइल कर दी थी। विजिलेंस पटियाला ने सबूत वेरीफाई करने के बाद केस रजिस्टर किया है।
बीजेपी नेता को श्री अकाल तख्त साहिब ने किया तलब:मनजिंदर सिरसा को पेश होने के आदेश; शिअद सरकार में मिली कैबिनेट रैंक
बीजेपी नेता को श्री अकाल तख्त साहिब ने किया तलब:मनजिंदर सिरसा को पेश होने के आदेश; शिअद सरकार में मिली कैबिनेट रैंक भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को भी 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने तलब किया है। सिरसा, (जो शिरोमणि अकाली दल के शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रैंक रखते थे) को अन्य नेताओं के साथ तलब किया गया है। जिन पर सिख समुदाय से जुड़े मामलों में गंभीर आरोप हैं। इन मामलों में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, बरगाड़ी और बेहबल कलां गोलीकांड जैसे मुद्दे शामिल हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इन मामलों पर चर्चा के बाद दोषी नेताओं के लिए धार्मिक सजा (तनखैया) की घोषणा करने की संभावना जताई है। इस बैठक का उद्देश्य इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों से जवाबदेही तय करना और धार्मिक मूल्यों के साथ न्याय सुनिश्चित करना है। यह फैसला सिख समुदाय और शिरोमणि अकाली दल की मौजूदा स्थिति के लिए महत्वपूर्ण होगा। सुखबीर बादल सहित पूरी कैबिनेट होगी मौजूद जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर 5 सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। सुखबीर ने लिखा- सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने किया था तनखैया घोषित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने जुलाई महीने में सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुई। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया।