पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग ने तरनतारन, डेरा बाबा नानक और तलवाड़ा नगर कौंसिल के चुनाव करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वोटर सूची तैयार करने का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। निर्वाचन अधिकारी राज कमल चौधरी ने बताया कि संबंधित ईआरओ 24 जनवरी तक वोटर सूचियों का ड्राफ्ट तैयार करेंगे। 25 जनवरी को वोटर सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। अगर किसी के कोई दावा या आपत्ति है तो 27 जनवरी से तीन फरवरी तक दिए जा सकेंगे। इन दावों और आपत्तियों का निपटारा 11 फरवरी तक किया जाएगा, जबकि वोटर सूचियों की अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी को किया जाएगा। तरनतारन, गुरदासपुर व होशियारपुर डिप्टी कमिश्नर को इस बारे में आदेश दिए गए हैं। 18 साल या इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को वोटर सूची में नाम शामिल करने व उक्त शेड्यूल के अनुसार अपने दावे पेश कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 11 नवंबर को पंजाब सरकार को कुल 10 हफ्तों में चुनाव करवाने को कहा है। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद दिसंबर में चुनाव हो गए थे। लेकिन इसके बाद भी चुनाव नहीं हुए थे। पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग ने तरनतारन, डेरा बाबा नानक और तलवाड़ा नगर कौंसिल के चुनाव करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वोटर सूची तैयार करने का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। निर्वाचन अधिकारी राज कमल चौधरी ने बताया कि संबंधित ईआरओ 24 जनवरी तक वोटर सूचियों का ड्राफ्ट तैयार करेंगे। 25 जनवरी को वोटर सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। अगर किसी के कोई दावा या आपत्ति है तो 27 जनवरी से तीन फरवरी तक दिए जा सकेंगे। इन दावों और आपत्तियों का निपटारा 11 फरवरी तक किया जाएगा, जबकि वोटर सूचियों की अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी को किया जाएगा। तरनतारन, गुरदासपुर व होशियारपुर डिप्टी कमिश्नर को इस बारे में आदेश दिए गए हैं। 18 साल या इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को वोटर सूची में नाम शामिल करने व उक्त शेड्यूल के अनुसार अपने दावे पेश कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 11 नवंबर को पंजाब सरकार को कुल 10 हफ्तों में चुनाव करवाने को कहा है। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद दिसंबर में चुनाव हो गए थे। लेकिन इसके बाद भी चुनाव नहीं हुए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने खुद ही शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। अकाली दल की प्रारंभिक मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। मेरी रगों में अकाली खून बहता है और हमेशा बहता रहेगा एक विनम्र सिख के रूप में, मैं सिंह साहिबों के आदेश को दिल से स्वीकार करता हूं। मेरी जिंदगी में एक अकाली को अकाली दल से तोड़ने के लिए सिख राजनीति में यह पहला मामला है। यह पहला बहुत ही आश्चर्यजनक आदेश है। उन्होंने कहा कि आज अकाली विरोधी ताकतें जरूर खुश होंगी। हां ज्ञानी हरप्रीत और अन्य लोगों ने ऐसा आदेश देकर अकाली खेमे में दहशत पैदा करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन तख्तों से सिख धर्म से जोड़ने और अकाली सोच से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं न कि खौफ पैदा करने के लिए। वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग वल्टोहा ने कहा कि आज मैंने विनम्रतापूर्वक सिंह साहबों के सामने अपना पक्ष रखा। सिंह साहबों ने पेशी बैठक की शुरुआत में मुझसे कहा कि, आपकी पूरी सुनवाई की वीडियो ग्राफी की जा रही है, जिसे बाद में मीडिया के लिए जारी किया जाएगा। मेरे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी से अनुरोध है कि कृपया वीडियो ग्राफी के वीडियो मीडिया को सार्वजनिक करें। मेरा अनुरोध है कि कृपया मेरे स्पष्टीकरण पत्र और उस पेन ड्राइव को सार्वजनिक करें जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के भाजपा और केंद्र सरकार के साथ संबंध साबित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे। अगर किसी कारण से श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय ने मेरा स्पष्टीकरण पत्र और पेन ड्राइव सबूतों के साथ जारी नहीं किया तो कल मैं खुद यह सब सार्वजनिक कर दूंगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में दस साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। इससे पहले विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए । उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चल रही है। 13 अक्तूबर को पेश होने के दिए थे निर्देश श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 13 अक्तूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को आदेश भेजे गए थे और 15 अक्तूबर को 9 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। पोस्ट के जरिए वल्टोहा ने लगाए थे इल्जाम विरसा सिंह वल्टोहा ने 12 अक्तूबर को एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर कार्रवाई के संबंध में जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिख विरोधी ताकतों और शिरोमणि अकाली दल को हर समय कमजोर करने की साजिश करने वालों की सोच और साजिशें हमारी सम्मानित और राष्ट्र-अग्रणी संस्थाओं तक पहुंच जाएंगी। भगवान मेरे इस संदेह को निराधार बनाए, हमारी ये संस्थाएं सिखों के सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं। विरसा सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था कि, “जत्थेदार साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के बाद सजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है?” फेसबुक पोस्ट मिलने के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी मुझ तक पहुंची वह परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप मेरी पहली फेसबुक पोस्ट के बाद हमारे देश के सम्मानित जत्थेदारों के कई करीबी, जो शिरोमणि अकाली दल के समर्थक भी हैं, मुझसे अलग-अलग संपर्क कर बहुत गंभीर और चिंताजनक जानकारी दी कि, “जत्थेदार साहिबों पर बहुत आंतरिक दबाव डाला जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक दंड दिया जाए। साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी नेतृत्वहीन कर दिया जाए। इन सूत्रों के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल पर दबाव बनाने वालों में केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ देश-विदेश में बैठे सिख चरित्र के वे लोग भी शामिल हैं जो हमेशा अकाली दल के खिलाफ रहे हैं।
जब मैं पृष्ठभूमि के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में कहानियां सुनता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है। इतिहास है कि श्री अकाल तख्त साहिब का दिल्ली तख्त से हमेशा टकराव रहा है। लेकिन दिल्ली तख्त के प्रभाव को स्वीकार करने वाले हमारे सम्मानित महानुभावों की ओर से जो ताजा सूचनाएं और राय सामने आ रही हैं, वह चिंता का विषय है। आदेशों के बाद लिखा था कि जबाव के लिए फोन ना करें इस पोस्ट के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से सबूतों सहित पेश होने के आदेश आ गए थे। फिर जब आदेश मिले तो उन्होंने आदेशों की कापी को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और कहा था कि पूज्य जत्थेदार साहिब जी का आदेश प्राप्त हुआ। वह स्वीकार्य है। आदरणीय जत्थेदार साहिब जी के आदेशानुसार दास 15 अक्टूबर को समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन इस आदेश में कुछ ऐसा भी है जिसका मेरी पोस्ट या मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। आदेश में दर्ज है कि सिंह साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर मुझे कोई आपत्ति है। लेकिन इसके विपरीत, मैं बल्कि एक वादी हूं कि सुखबीर सिंह बादल को कड़ी धार्मिक सजा/वेतन/दंड दिया जाना चाहिए।
लेकिन अकाली दल के विरोधियों के दबाव में अकाली दल के राजनीतिक व्यक्तित्व को कमजोर करने की रणनीति नहीं चलने दी जानी चाहिए, इस दबाव का जिक्र मैंने अपनी पोस्ट में किया है, जो बिल्कुल सच है। मीडिया के लिए भी कहा था विरसा सिंह वल्टोहा ने इसके बाद अगले दिन मीडिया कर्मियों के लिए भी कहा था कि वह भी उन्हें फोन करके स्पष्टीकरण के बारे में ना पूछें और ना ही बयान के लिए फोन करें। वो अपना स्पष्टीकरण समय पर श्री अकाल तख्त साहिब भेजेंगे।
मोहाली में अंगीठी जलाकर सोए मां-बेटे की मौत:पिता की हालत गंभीर; बंद कमरे में धुआं फैलने से दम घुटा, बेसुध पड़े मिले
मोहाली में अंगीठी जलाकर सोए मां-बेटे की मौत:पिता की हालत गंभीर; बंद कमरे में धुआं फैलने से दम घुटा, बेसुध पड़े मिले मोहाली में बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे मां और बेटे की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि पिता को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घटना 26/27 दिसंबर रात न्यू चंडीगढ़ स्थित पंजाब ग्रेटर सोसाइटी की है। मकान मालिक के मुताबिक, नेपाल का रहने वाला दीपक उनके यहां घरेलू नौकर के तौर पर काम करता है। दीपक अपनी पत्नी परशुपति और डेढ़ साल के बेटे के साथ घर में बने सर्वेंट क्वार्टर में रहता था। दीपक अपनी पत्नी और बच्चे के साथ सोने गया और सर्दी से बचने के लिए अंगीठी कमरे में जला दी। देर रात जब सांस लेने में दिक्कत हुई, तो दीपक ने अपनी पत्नी और बच्चे को जगाने की कोशिश की, लेकिन दोनों बेसुध पड़े थे। इस दौरान पूरे कमरे में धुआं फैल गया, जिससे दीपक भी बेहोश हो गया। मकान मालिक ने पुलिस को दी सूचना मकान मालिक ने तुरंत मुल्लांपुर थाना पुलिस और कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना मिलने पर एसएचओ सतेंद्र सिंह की अगुआई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद महिला और बच्चे को मृत घोषित कर दिया, जबकि दीपक का इलाज जारी है। मामले की जांच कर रही पुलिस एसएचओ मुल्लांपुर सतेंद्र सिंह ने बताया कि अंगीठी के धुएं की वजह से बच्चे और मां की मौत हो गई। नौकर दीपक की हालत गंभीर है और अस्पताल में उसका इलाज जारी है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।