5 साल में 30 एनकाउंटर करने वाले IPS सागर जैन:इंजीनियर बन पापा का सपना पूरा किया, फिर 2 बार क्रैक किया UPSC

5 साल में 30 एनकाउंटर करने वाले IPS सागर जैन:इंजीनियर बन पापा का सपना पूरा किया, फिर 2 बार क्रैक किया UPSC

पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई, लेकिन ये मेरा मुकाम नहीं था। मेरे कदम बढ़ते गए, मंजिल खाकी वर्दी थी। और यहां तक आकर ही थमे। यह कहना है 2019 बैच के IPS अफसर सागर जैन का। सागर जैन इस समय सहारनपुर में SPRA पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह वाराणसी और मुरादाबाद में भी तैनात रह चुके हैं। अब तक 30 से ज्यादा एनकाउंटर कर अपराधियों को धर दबोचा। DFO के बाद IPS बने सागर जैन कहते हैं- लाइफ में सेट किए गए टारगेट को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सागर जैन की कहानी 6 चैप्टर में जानते हैं… सागर जैन बताते हैं- मेरा घर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में है। मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर स्थित पिपरिया गांव मेरी पहचान है। पापा अशोक जैन का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मेरी डेट ऑफ बर्थ 20 दिसंबर 1991 है। मेरी मां आरती जैन हाउस वाइफ रहीं। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट किया। यह बताते हुए सागर जैन अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं। सागर जैन कहते हैं- मैं गांव की मिट्टी में खेला, पढ़ा और बड़ा हुआ। प्राइमरी एजुकेशन भी गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद पापा ने सेंट जोसफ स्कूल में दाखिला दिला दिया। 2008 में मैंने फर्स्ट डिवीजन हाई स्कूल पास किया।मेरे पापा का सपना, मेरा सपना भी था। मुझे IIT की तैयारी करनी थी, इसलिए 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं राजस्थान के कोटा चला गया। 2010 में मैंने फर्स्ट डिवीजन मार्क्स के साथ इंटर पास किया। इसके बाद मैंने JEE Advanced क्वालिफाई कर लिया। मुझे झारखंड के धनबाद IIT में एडमिशन मिला। यहां मैंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बीटेक करते ही मुझे एक कंपनी में सलाना 9 लाख के पैकेज पर जॉब मिल गई। जमशेदपुर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर मैंने कंपनी में योगदान भी दिया। सागर जैन बताते हैं- बीटेक करने के बाद जॉब लगी, तो घर जमजैदपुर में रहने लगा। कुछ समय बाद लगा कि जॉब में मजा नहीं आ रहा। ऑफिसर बनने का अलग आनंद है। पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, तो वह सपना भी पूरा हो गया। डेढ़ साल जॉब करने के बाद मैंने 2015 में IPS बनने की ठान ली। मैं नौकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। यहां पहले सेल्फ स्टडी की। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे अटैंप्ट में UPSC को क्रैक किया, लेकिन रैंक 460 मिली। इसलिए IFS में चयन हुआ और DFO की पोस्ट पर नौकरी मिली। DFO बनते ही घर-परिवार में सभी बहुत खुश हुए। पापा-मम्मी, सभी ने कहा- अब बेटा सरकारी अफसर बन गया है। मेरी देहरादून में ट्रेनिंग हुई। लेकिन, मेरा लक्ष्य IPS बनना था। इसलिए मैंने हार नहीं मानी। मैं तब भी पढ़ता रहा। रात में 5 से 6 घंटे तैयारी करता रहा। मुझे यह उम्मीद थी कि आगे UPSC में बेहतर रैंक आएगी। साल 2018 में UPSC में तीसरा प्रयास था। मैंने एग्जाम दिया। इस बार 160 वीं रैंक आई। IPS पर चयन हुआ। मुझे बैच मिला 2019। सागर जैन बताते हैं- पहली बार जिस सपने को सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। उस पल को आज भी परिवार भूल नहीं पाता है। जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, वहां से निकलकर सफलता पाना अपने आप में गर्व की बात है। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी में 2020 में पहली पोस्टिंग मिली। उस समय अमित पाठक सर वाराणसी SSP थे। क्राइम की सूचना मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंच जाता था। उन दिनों महिला क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। इसमें मिशन शक्ति के तहत थाना स्तर पर महिला डेस्क की शुरुआत कराते हुए इसे प्रभावी ढंग से चलाया गया। वाराणसी में मिशन शक्ति को मजबूती से बल देने के लिए सभी थाना स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। महिला क्राइम संबंधी, जो भी सूचनाएं आती थीं। उन पर पुलिस रिस्पॉन्स करते हुए तत्काल मौके पर पहुंचती। जिन मामलों में FIR के लिए मामला होता, उनमें तत्काल FIR कराई जाती। नवंबर 2020 की बात है…रात में 10 बजे एक टीचर ने हमसे संपर्क किया। बोली- एक युवक लगातार मेरा पीछा कर रहा है। रात के समय भी वह घर के बाहर घूम रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। सागर जैन बताते हैं-महिला क्राइम का मामला था, इसलिए सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मैं अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गया। हमारे साथ महिला पुलिसकर्मी भी थीं। यहां आकर देखा तो टीचर वास्तव में बहुत डरी हुई थी। मैंने उनसे कहा- मैम, आप बेफिक्र रहिए। दरअसल, उनके पति दूसरे जिले में किसी सरकारी विभाग में पोस्टेट थे। वह अकेली थीं। हमने उनके घर पर ही शिकायत लिखवाई। इसके बाद हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कबूल करते हुए कहा कि वह टीचर पर दोस्ती का दबाव बना रहा था। हमने उसके ऊपर सख्त एक्शन लिया। टीचर को विश्वास दिलाया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी के बाद मुरादाबाद में मुझे तैनाती मिली। मुरादाबाद में मैंने कई क्रिमिनल केस पर काम किया। वेस्ट यूपी के जिलों में क्राइम का पैटर्न अलग लगा। 31 मार्च 2022 की बात है…मझौला क्षेत्र में फाजलपुर में एक शादी समारोह था। यहां रात को एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम जब मौके पर पहुंचे, महिला तड़प रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी सांसें थम गईं। क्राइम स्पॉट पर कोई कुछ भी सही बात बताने को तैयार नहीं था। हम पहले हर्ष फायरिंग के एंगल से केस को देख रहे थे। चर्चा भी यही थी। शादी में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई। लोगों ने बताया-डांस करते समय गोली चली और महिला को जा लगी। लेकिन, गोली चलाई किसने, और क्या वास्तव में यह हर्ष फायरिंग का केस था? इसका जवाब हमने तलाशना शुरू कर दिया। हमने शादी के वीडियो देखे, सीसीटीवी खंगाले। महिला के परिवार से पूरी जानकारी ली। इस दौरान हमने कुछ संदिग्ध युवकों को डिटेन किया। सभी की जानकारी वेरिफाई की। हमें फोरेंसिक एक्सपर्ट से भी कई क्लू मिले। इन सब में एक सुनील नाम के युवक की एक्टिविटी संदिग्ध रही। वह कैमरे में तमंचे से फायरिंग करते हुए कैद हुआ था। उसने कबूल करते हुए बताया- हां मेरी ही गोली से रुमाली देवी की हत्या हुई। इसके बाद सुनील का मेडिकल करा, उसे जेल भेजा गया। ​​ सागर जैन बताते हैं- दिसंबर 2021 को मुरादाबाद में बड़ा VIP कार्यक्रम था। इस बीच मुरादाबाद के सिविल लाइन इलाके से सब्जी के बड़े आढ़ती संदीप थरेजा का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। संदीप की पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। घटना आवास विकास रोड की थी। मैं सिविल लाइन पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज चेक की। फुटेज में 4 लोग आढ़ती संदीप को जबरन स्कॉर्पियो में डालकर ले जाते दिखाई दिए। उसकी बरामदगी के लिए पुलिस की 3 टीम लगाईं गईं। जिस स्कॉर्पियो में आढ़ती को लेकर गए थे, पता चला कि वह अलीगढ़ से आगरा की तरफ गई है। पुलिस ने आढ़ती को बरामद करने के लिए आसपास के जिलों में भी टीमें लगाईं। हमें पता चला कि आगरा में आढ़ती को बंधक बनाकर रखा गया है, वहां से पुलिस ने आढ़ती को बरामद किया। साथ ही अपहरण करने वाले सभी लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा। लेनदेन के विवाद में करीबियों ने ही यह अपहरण किया था। यदि पुलिस एक्टिव न होती तो आढ़ती के साथ अनहोनी भी हो सकती थी। यह अपहरण भी दिनदहाड़े हुए था, जहां स्कूटी से जाते समय व्यापारी को खींचकर स्कॉर्पियो में डालकर ले गए थे। सरेआम अपहरण को लेकर पुलिस के मन में यह भी सवाल था कि यह मामला लेनदेन से जुड़ा हो सकता है। सागर जैन बताते हैं- मुरादाबाद के बाद SPRA सहारनपुर में तैनाती मिली। नवंबर 2024 की बात है, सहारनपुर में रुडकी पंचकुला मार्ग पर नागल क्षेत्र में डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया। इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस की 6 टीमें लगाईं, मैंने खुद मौके पर पहुंचकर पूरा क्राइम सीन देखा। उसके बाद क्राइम पैटर्न पर पूरा काम किया। हाईवे पर CCTV फुटेज भी खंगाली। ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने माना की यह हत्या लूट के नहीं की गई है, इसमें रंजिश भी हो सकती है। इस घटना को अंजाम देने वाले शादाब उर्फ सोनू और आमिर को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया। मुख्य आरोपी शादाब पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था, शादाब ने ही अपने साथियों के साथ इस डबल मर्डर को अंजाम दिया था। दोनों हत्यारोपियों को एनकाउंटर में पुलिस ने पैर में गोली मारी, जहां मौके से एक पिस्टल भी बरामद हुई। इसी पिस्टल से शादाब ने डबल मर्डर को अंजाम दिया था। सागर जैन बताते हैं- इस डबल मर्डर में शुरुआत से ही रंजिश में हत्या होना लग रहा था, पुलिस ने पहले मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली। मरने वाले क्लीनर हुसनैन के परिवार से जब पुलिस ने जानकारी की तो परिवार ने कुछ नाम बताए। बताया कि एक साल से रंजिश चल रही है। हुसनैन के परिवार ने ही अपने ही गांव के लोगों पर हत्या करने का शक जताया था, केस में निकला भी वही। एक साल पहले हुसनैन और मारुफ ने एक साथ दोस्ती में शराब पी थी। दोनों में पुरानी मित्रता थी, जिसके बाद मारुफ की तालाब में डूबने से मौत हो गई, लेकिन मारुफ के परिजन हुसनैन पर हत्या कर फेंकने का आरोप लगाते थे। इसी रंजिश में एक साल बाद हुसनैन की हत्या की गई। साथ में ट्रक चालक को भी गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया। माफिया हाजी इकबाल की रीढ़ तोड़ी सागर जैन 22 फरवरी, 2023 से सहारनपुर में SPRA तैनात हैं। लोकसभा चुनाव में बेहतर तरह से कानून व्यवस्था संभाली। जहां 2 बार कांवड़ यात्रा के दौरान वह देर रात तक हाईवे पर चेकिंग को निकले। कांवड़ यात्रा बेहतर तरह से पूरी कराई। वेस्ट यूपी के सबसे बड़े खनन माफिया हाजी इकबाल के अवैध कारोबार पर भी रीढ़ तोड़ी। इसकी 600 करोड़ की संपत्ति को अलग-अलग बार में पुलिस ने कुर्क किया। इसी माफिया की बेनामी संपत्ति जांच में भी दोषी पाते हुए पूरे कारनामे को उजागर किया। जिसमें इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी हुई। सहारनपुर में रहते हुए कई बड़ी घटनाओं का खुलासा किया। चंद्रशेखर पर हमला करने वाला पूरा गैंग अरेस्ट कर जेल भेजा। हरियाणा और उत्तराखंड के बॉर्डर पर अवैध शराब की तस्करी करने वालों की रीढ़ तोड़ते हुए पूरे गैंग को जेल भेजा। परिवार की मर्जी से की शादी सागर जैन अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि परिवार की मर्जी से तान्या जैन से शादी की। तान्या जैन CA हैं। वह परिवार के बारे में कहते हैं कि मेरी पूरी फैमिली बिजनेस से जुड़ी रही है, मैं ही पुलिस ऑफिसर बना हूं। अचीवमेंट्स …………………………….. खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें 16 लाख का पैकेज छोड़ IPS बने अभिमन्यु मांगलिक: हाजी इकबाल की जमीन खरीदने वाले इंस्पेक्टर को नपवाया, 7 साल में किए 41 एनकाउंटर 2018 बैच के IPS अभिमन्यु मांगलिक अभी भदोही के एसपी हैं। इससे पहले वह 26 महीने तक सहारनपुर में एसपी सिटी रहे। अभिमन्यु राज्यपाल के ADC भी रह चुके हैं। उनकी रिपोर्ट पर सहारनपुर में माफिया की जमीन खरीदने वाला इंस्पेक्टर बर्खास्त कर दिया गया। पढ़ें पूरी कहानी… पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई, लेकिन ये मेरा मुकाम नहीं था। मेरे कदम बढ़ते गए, मंजिल खाकी वर्दी थी। और यहां तक आकर ही थमे। यह कहना है 2019 बैच के IPS अफसर सागर जैन का। सागर जैन इस समय सहारनपुर में SPRA पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह वाराणसी और मुरादाबाद में भी तैनात रह चुके हैं। अब तक 30 से ज्यादा एनकाउंटर कर अपराधियों को धर दबोचा। DFO के बाद IPS बने सागर जैन कहते हैं- लाइफ में सेट किए गए टारगेट को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सागर जैन की कहानी 6 चैप्टर में जानते हैं… सागर जैन बताते हैं- मेरा घर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में है। मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर स्थित पिपरिया गांव मेरी पहचान है। पापा अशोक जैन का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मेरी डेट ऑफ बर्थ 20 दिसंबर 1991 है। मेरी मां आरती जैन हाउस वाइफ रहीं। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट किया। यह बताते हुए सागर जैन अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं। सागर जैन कहते हैं- मैं गांव की मिट्टी में खेला, पढ़ा और बड़ा हुआ। प्राइमरी एजुकेशन भी गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद पापा ने सेंट जोसफ स्कूल में दाखिला दिला दिया। 2008 में मैंने फर्स्ट डिवीजन हाई स्कूल पास किया।मेरे पापा का सपना, मेरा सपना भी था। मुझे IIT की तैयारी करनी थी, इसलिए 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं राजस्थान के कोटा चला गया। 2010 में मैंने फर्स्ट डिवीजन मार्क्स के साथ इंटर पास किया। इसके बाद मैंने JEE Advanced क्वालिफाई कर लिया। मुझे झारखंड के धनबाद IIT में एडमिशन मिला। यहां मैंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बीटेक करते ही मुझे एक कंपनी में सलाना 9 लाख के पैकेज पर जॉब मिल गई। जमशेदपुर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर मैंने कंपनी में योगदान भी दिया। सागर जैन बताते हैं- बीटेक करने के बाद जॉब लगी, तो घर जमजैदपुर में रहने लगा। कुछ समय बाद लगा कि जॉब में मजा नहीं आ रहा। ऑफिसर बनने का अलग आनंद है। पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, तो वह सपना भी पूरा हो गया। डेढ़ साल जॉब करने के बाद मैंने 2015 में IPS बनने की ठान ली। मैं नौकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। यहां पहले सेल्फ स्टडी की। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे अटैंप्ट में UPSC को क्रैक किया, लेकिन रैंक 460 मिली। इसलिए IFS में चयन हुआ और DFO की पोस्ट पर नौकरी मिली। DFO बनते ही घर-परिवार में सभी बहुत खुश हुए। पापा-मम्मी, सभी ने कहा- अब बेटा सरकारी अफसर बन गया है। मेरी देहरादून में ट्रेनिंग हुई। लेकिन, मेरा लक्ष्य IPS बनना था। इसलिए मैंने हार नहीं मानी। मैं तब भी पढ़ता रहा। रात में 5 से 6 घंटे तैयारी करता रहा। मुझे यह उम्मीद थी कि आगे UPSC में बेहतर रैंक आएगी। साल 2018 में UPSC में तीसरा प्रयास था। मैंने एग्जाम दिया। इस बार 160 वीं रैंक आई। IPS पर चयन हुआ। मुझे बैच मिला 2019। सागर जैन बताते हैं- पहली बार जिस सपने को सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। उस पल को आज भी परिवार भूल नहीं पाता है। जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, वहां से निकलकर सफलता पाना अपने आप में गर्व की बात है। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी में 2020 में पहली पोस्टिंग मिली। उस समय अमित पाठक सर वाराणसी SSP थे। क्राइम की सूचना मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंच जाता था। उन दिनों महिला क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। इसमें मिशन शक्ति के तहत थाना स्तर पर महिला डेस्क की शुरुआत कराते हुए इसे प्रभावी ढंग से चलाया गया। वाराणसी में मिशन शक्ति को मजबूती से बल देने के लिए सभी थाना स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। महिला क्राइम संबंधी, जो भी सूचनाएं आती थीं। उन पर पुलिस रिस्पॉन्स करते हुए तत्काल मौके पर पहुंचती। जिन मामलों में FIR के लिए मामला होता, उनमें तत्काल FIR कराई जाती। नवंबर 2020 की बात है…रात में 10 बजे एक टीचर ने हमसे संपर्क किया। बोली- एक युवक लगातार मेरा पीछा कर रहा है। रात के समय भी वह घर के बाहर घूम रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। सागर जैन बताते हैं-महिला क्राइम का मामला था, इसलिए सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मैं अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गया। हमारे साथ महिला पुलिसकर्मी भी थीं। यहां आकर देखा तो टीचर वास्तव में बहुत डरी हुई थी। मैंने उनसे कहा- मैम, आप बेफिक्र रहिए। दरअसल, उनके पति दूसरे जिले में किसी सरकारी विभाग में पोस्टेट थे। वह अकेली थीं। हमने उनके घर पर ही शिकायत लिखवाई। इसके बाद हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कबूल करते हुए कहा कि वह टीचर पर दोस्ती का दबाव बना रहा था। हमने उसके ऊपर सख्त एक्शन लिया। टीचर को विश्वास दिलाया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी के बाद मुरादाबाद में मुझे तैनाती मिली। मुरादाबाद में मैंने कई क्रिमिनल केस पर काम किया। वेस्ट यूपी के जिलों में क्राइम का पैटर्न अलग लगा। 31 मार्च 2022 की बात है…मझौला क्षेत्र में फाजलपुर में एक शादी समारोह था। यहां रात को एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम जब मौके पर पहुंचे, महिला तड़प रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी सांसें थम गईं। क्राइम स्पॉट पर कोई कुछ भी सही बात बताने को तैयार नहीं था। हम पहले हर्ष फायरिंग के एंगल से केस को देख रहे थे। चर्चा भी यही थी। शादी में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई। लोगों ने बताया-डांस करते समय गोली चली और महिला को जा लगी। लेकिन, गोली चलाई किसने, और क्या वास्तव में यह हर्ष फायरिंग का केस था? इसका जवाब हमने तलाशना शुरू कर दिया। हमने शादी के वीडियो देखे, सीसीटीवी खंगाले। महिला के परिवार से पूरी जानकारी ली। इस दौरान हमने कुछ संदिग्ध युवकों को डिटेन किया। सभी की जानकारी वेरिफाई की। हमें फोरेंसिक एक्सपर्ट से भी कई क्लू मिले। इन सब में एक सुनील नाम के युवक की एक्टिविटी संदिग्ध रही। वह कैमरे में तमंचे से फायरिंग करते हुए कैद हुआ था। उसने कबूल करते हुए बताया- हां मेरी ही गोली से रुमाली देवी की हत्या हुई। इसके बाद सुनील का मेडिकल करा, उसे जेल भेजा गया। ​​ सागर जैन बताते हैं- दिसंबर 2021 को मुरादाबाद में बड़ा VIP कार्यक्रम था। इस बीच मुरादाबाद के सिविल लाइन इलाके से सब्जी के बड़े आढ़ती संदीप थरेजा का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। संदीप की पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। घटना आवास विकास रोड की थी। मैं सिविल लाइन पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज चेक की। फुटेज में 4 लोग आढ़ती संदीप को जबरन स्कॉर्पियो में डालकर ले जाते दिखाई दिए। उसकी बरामदगी के लिए पुलिस की 3 टीम लगाईं गईं। जिस स्कॉर्पियो में आढ़ती को लेकर गए थे, पता चला कि वह अलीगढ़ से आगरा की तरफ गई है। पुलिस ने आढ़ती को बरामद करने के लिए आसपास के जिलों में भी टीमें लगाईं। हमें पता चला कि आगरा में आढ़ती को बंधक बनाकर रखा गया है, वहां से पुलिस ने आढ़ती को बरामद किया। साथ ही अपहरण करने वाले सभी लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा। लेनदेन के विवाद में करीबियों ने ही यह अपहरण किया था। यदि पुलिस एक्टिव न होती तो आढ़ती के साथ अनहोनी भी हो सकती थी। यह अपहरण भी दिनदहाड़े हुए था, जहां स्कूटी से जाते समय व्यापारी को खींचकर स्कॉर्पियो में डालकर ले गए थे। सरेआम अपहरण को लेकर पुलिस के मन में यह भी सवाल था कि यह मामला लेनदेन से जुड़ा हो सकता है। सागर जैन बताते हैं- मुरादाबाद के बाद SPRA सहारनपुर में तैनाती मिली। नवंबर 2024 की बात है, सहारनपुर में रुडकी पंचकुला मार्ग पर नागल क्षेत्र में डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया। इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस की 6 टीमें लगाईं, मैंने खुद मौके पर पहुंचकर पूरा क्राइम सीन देखा। उसके बाद क्राइम पैटर्न पर पूरा काम किया। हाईवे पर CCTV फुटेज भी खंगाली। ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने माना की यह हत्या लूट के नहीं की गई है, इसमें रंजिश भी हो सकती है। इस घटना को अंजाम देने वाले शादाब उर्फ सोनू और आमिर को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया। मुख्य आरोपी शादाब पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था, शादाब ने ही अपने साथियों के साथ इस डबल मर्डर को अंजाम दिया था। दोनों हत्यारोपियों को एनकाउंटर में पुलिस ने पैर में गोली मारी, जहां मौके से एक पिस्टल भी बरामद हुई। इसी पिस्टल से शादाब ने डबल मर्डर को अंजाम दिया था। सागर जैन बताते हैं- इस डबल मर्डर में शुरुआत से ही रंजिश में हत्या होना लग रहा था, पुलिस ने पहले मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली। मरने वाले क्लीनर हुसनैन के परिवार से जब पुलिस ने जानकारी की तो परिवार ने कुछ नाम बताए। बताया कि एक साल से रंजिश चल रही है। हुसनैन के परिवार ने ही अपने ही गांव के लोगों पर हत्या करने का शक जताया था, केस में निकला भी वही। एक साल पहले हुसनैन और मारुफ ने एक साथ दोस्ती में शराब पी थी। दोनों में पुरानी मित्रता थी, जिसके बाद मारुफ की तालाब में डूबने से मौत हो गई, लेकिन मारुफ के परिजन हुसनैन पर हत्या कर फेंकने का आरोप लगाते थे। इसी रंजिश में एक साल बाद हुसनैन की हत्या की गई। साथ में ट्रक चालक को भी गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया। माफिया हाजी इकबाल की रीढ़ तोड़ी सागर जैन 22 फरवरी, 2023 से सहारनपुर में SPRA तैनात हैं। लोकसभा चुनाव में बेहतर तरह से कानून व्यवस्था संभाली। जहां 2 बार कांवड़ यात्रा के दौरान वह देर रात तक हाईवे पर चेकिंग को निकले। कांवड़ यात्रा बेहतर तरह से पूरी कराई। वेस्ट यूपी के सबसे बड़े खनन माफिया हाजी इकबाल के अवैध कारोबार पर भी रीढ़ तोड़ी। इसकी 600 करोड़ की संपत्ति को अलग-अलग बार में पुलिस ने कुर्क किया। इसी माफिया की बेनामी संपत्ति जांच में भी दोषी पाते हुए पूरे कारनामे को उजागर किया। जिसमें इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी हुई। सहारनपुर में रहते हुए कई बड़ी घटनाओं का खुलासा किया। चंद्रशेखर पर हमला करने वाला पूरा गैंग अरेस्ट कर जेल भेजा। हरियाणा और उत्तराखंड के बॉर्डर पर अवैध शराब की तस्करी करने वालों की रीढ़ तोड़ते हुए पूरे गैंग को जेल भेजा। परिवार की मर्जी से की शादी सागर जैन अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि परिवार की मर्जी से तान्या जैन से शादी की। तान्या जैन CA हैं। वह परिवार के बारे में कहते हैं कि मेरी पूरी फैमिली बिजनेस से जुड़ी रही है, मैं ही पुलिस ऑफिसर बना हूं। अचीवमेंट्स …………………………….. खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें 16 लाख का पैकेज छोड़ IPS बने अभिमन्यु मांगलिक: हाजी इकबाल की जमीन खरीदने वाले इंस्पेक्टर को नपवाया, 7 साल में किए 41 एनकाउंटर 2018 बैच के IPS अभिमन्यु मांगलिक अभी भदोही के एसपी हैं। इससे पहले वह 26 महीने तक सहारनपुर में एसपी सिटी रहे। अभिमन्यु राज्यपाल के ADC भी रह चुके हैं। उनकी रिपोर्ट पर सहारनपुर में माफिया की जमीन खरीदने वाला इंस्पेक्टर बर्खास्त कर दिया गया। पढ़ें पूरी कहानी…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर