राजस्थान में इन 3 कानूनों को मजबूती से लागू करने के लिए निर्देश, अफसरों की बैठक में कसी गईं पेंच

राजस्थान में इन 3 कानूनों को मजबूती से लागू करने के लिए निर्देश, अफसरों की बैठक में कसी गईं पेंच

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan New Criminal law:</strong> राजस्थान में तीन नए आपराधिक कानून को मजबूती से लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह सचिव ने अफसरों की बैठक ली है. इस बैठक में कई निर्देश दिए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केन्द्रीय गृह सचिव गोविन्द मोहन ने जयपुर में सचिवालय में 3 नये आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के राजस्थान में क्रियान्वयन की समीक्षा की और इन कानूनों की मूल भावना, इनसे सम्बंधित एडवाइजरी, एसओपी, मैकेनिज्म की शत-प्रतिशत क्रियान्विति के निर्देश दिए है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केन्द्रीय गृह सचिव ने निर्देश दिए कि पुलिस, कारागार, फॉरेन्सिक, अभियोजन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के कार्मिकों को इन कानूनों के प्रावधानों से सम्बंधित प्रशिक्षण समय सीमा में दिलवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है. वहीं, राजस्थान के अफसरों की पेंच कसी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार्जशीट पर जल्द हो कार्रवाई</strong><br />सचिव ने कहा कि पोस्को व कम अवधि की सजा वाले प्रकरणों में 60 दिन और जघन्य अपराधों में 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल किया जाए. सचिव ने कहा कि यह अधिकतम समय सीमा है, प्रयास किया जाए कि इस समय सीमा से पहले ही चार्जशीट दाखिल हो जाए. उन्होंने बताया कि एक केस में एफआईआर दर्ज होने से सुप्रीम कोर्ट तक निस्तारण में 3 साल की आदर्श समय सीमा निश्चित की गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन कानूनों का एक बड़ा लक्ष्य त्वरित और सुलभ न्याय मिलना सुनिश्चित करना है. उन्होंने बताया कि नये कानूनों के लागू होने के बाद ई-समन अनिवार्य हो गया है. समन तामील करवाने में पुलिस थाने की भूमिका नहीं रही है और एफआईआर के समय ही शिकायतकर्ता, गवाह आदि के वाट्सएप नम्बर, ई-मेल दर्ज कर लें ताकि सम्बंधित न्यायालय सीधे ई-समन जारी व् लागू कराना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भर्ती के निर्देश दिए</strong><br />फोरेन्सिक लैब्स में संरचनात्मक ढॉंचे और प्रशिक्षित मानव संसाधन की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने और खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के अनुसार जयपुर में डीएनए यूनिट के विस्तार और साइबर फोरेन्सिक खण्ड का निर्माण सितम्बर तक हो सकता है. &nbsp;जिसमें 7 साल या इससे अधिक अवधि की सजा के प्रावधान वाले प्रत्येक केस में फोरेन्सिक विशेषज्ञ द्वारा घटना स्थल का परीक्षण अनिवार्य है. इसके लिए मेडिको लीगल केस में दस्तावेज ऑनलाइन करना अनिवार्य है. &nbsp;राजधानी के एसएमएस और कांवटिया अस्पताल में इसका पायलट प्रोजेक्ट संचालित करना प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पाकिस्तानी की वो लड़की, जो बनेगी राजस्थान की बहू, भारत में क्यों कर रही हैं शादी?” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/rajasthan-pakistani-bride-girl-marriage-to-jodhpur-man-in-rajasthan-businessman-daughter-2867954″ target=”_self”>पाकिस्तानी की वो लड़की, जो बनेगी राजस्थान की बहू, भारत में क्यों कर रही हैं शादी?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan New Criminal law:</strong> राजस्थान में तीन नए आपराधिक कानून को मजबूती से लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह सचिव ने अफसरों की बैठक ली है. इस बैठक में कई निर्देश दिए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केन्द्रीय गृह सचिव गोविन्द मोहन ने जयपुर में सचिवालय में 3 नये आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के राजस्थान में क्रियान्वयन की समीक्षा की और इन कानूनों की मूल भावना, इनसे सम्बंधित एडवाइजरी, एसओपी, मैकेनिज्म की शत-प्रतिशत क्रियान्विति के निर्देश दिए है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केन्द्रीय गृह सचिव ने निर्देश दिए कि पुलिस, कारागार, फॉरेन्सिक, अभियोजन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के कार्मिकों को इन कानूनों के प्रावधानों से सम्बंधित प्रशिक्षण समय सीमा में दिलवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है. वहीं, राजस्थान के अफसरों की पेंच कसी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार्जशीट पर जल्द हो कार्रवाई</strong><br />सचिव ने कहा कि पोस्को व कम अवधि की सजा वाले प्रकरणों में 60 दिन और जघन्य अपराधों में 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल किया जाए. सचिव ने कहा कि यह अधिकतम समय सीमा है, प्रयास किया जाए कि इस समय सीमा से पहले ही चार्जशीट दाखिल हो जाए. उन्होंने बताया कि एक केस में एफआईआर दर्ज होने से सुप्रीम कोर्ट तक निस्तारण में 3 साल की आदर्श समय सीमा निश्चित की गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन कानूनों का एक बड़ा लक्ष्य त्वरित और सुलभ न्याय मिलना सुनिश्चित करना है. उन्होंने बताया कि नये कानूनों के लागू होने के बाद ई-समन अनिवार्य हो गया है. समन तामील करवाने में पुलिस थाने की भूमिका नहीं रही है और एफआईआर के समय ही शिकायतकर्ता, गवाह आदि के वाट्सएप नम्बर, ई-मेल दर्ज कर लें ताकि सम्बंधित न्यायालय सीधे ई-समन जारी व् लागू कराना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भर्ती के निर्देश दिए</strong><br />फोरेन्सिक लैब्स में संरचनात्मक ढॉंचे और प्रशिक्षित मानव संसाधन की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने और खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के अनुसार जयपुर में डीएनए यूनिट के विस्तार और साइबर फोरेन्सिक खण्ड का निर्माण सितम्बर तक हो सकता है. &nbsp;जिसमें 7 साल या इससे अधिक अवधि की सजा के प्रावधान वाले प्रत्येक केस में फोरेन्सिक विशेषज्ञ द्वारा घटना स्थल का परीक्षण अनिवार्य है. इसके लिए मेडिको लीगल केस में दस्तावेज ऑनलाइन करना अनिवार्य है. &nbsp;राजधानी के एसएमएस और कांवटिया अस्पताल में इसका पायलट प्रोजेक्ट संचालित करना प्रस्तावित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पाकिस्तानी की वो लड़की, जो बनेगी राजस्थान की बहू, भारत में क्यों कर रही हैं शादी?” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/rajasthan-pakistani-bride-girl-marriage-to-jodhpur-man-in-rajasthan-businessman-daughter-2867954″ target=”_self”>पाकिस्तानी की वो लड़की, जो बनेगी राजस्थान की बहू, भारत में क्यों कर रही हैं शादी?</a></strong></p>  राजस्थान पाकिस्तानी की वो लड़की, जो बनेगी राजस्थान की बहू, भारत में क्यों कर रही हैं शादी?