हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के उपमंडल अम्ब के गांव कोहाड़छन्न में एक पशुशाला में भीषण आग लग गई। गुरुवार शाम लगभग 4 बजे वेद प्रकाश के टीनपोश पशुशाला में अचानक आग लग गई। परिवार की सूझबूझ से गाय और बछड़े को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अंदर रखा सामान नहीं बचाया जा सका। सूचना मिलते ही दमकल केंद्र अम्ब से फायरमैन मनोहर लाल, चालक राजेश कुमार और गृह रक्षक शकील मोहम्मद की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। आग में पशुचारा, टोका मशीन, दो चारपाई, साइकल और इमारती लकड़ी जैसा कीमती सामान जलकर राख हो गया। दमकल केंद्र के प्रभारी राकेश कुमार के अनुसार, इस दुर्घटना में मकान मालिक को लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि, आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना में किसी जानवर की जान नहीं गई, लेकिन पशुशाला में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के उपमंडल अम्ब के गांव कोहाड़छन्न में एक पशुशाला में भीषण आग लग गई। गुरुवार शाम लगभग 4 बजे वेद प्रकाश के टीनपोश पशुशाला में अचानक आग लग गई। परिवार की सूझबूझ से गाय और बछड़े को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अंदर रखा सामान नहीं बचाया जा सका। सूचना मिलते ही दमकल केंद्र अम्ब से फायरमैन मनोहर लाल, चालक राजेश कुमार और गृह रक्षक शकील मोहम्मद की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। आग में पशुचारा, टोका मशीन, दो चारपाई, साइकल और इमारती लकड़ी जैसा कीमती सामान जलकर राख हो गया। दमकल केंद्र के प्रभारी राकेश कुमार के अनुसार, इस दुर्घटना में मकान मालिक को लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि, आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना में किसी जानवर की जान नहीं गई, लेकिन पशुशाला में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य:कारगिल युद्ध में 52 ने दी थी शहादत; आज पूरा देश कर रहा नमन; जगह-जगह कार्यक्रम
हिमाचल के वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य:कारगिल युद्ध में 52 ने दी थी शहादत; आज पूरा देश कर रहा नमन; जगह-जगह कार्यक्रम देश के साथ हिमाचल प्रदेश में भी कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश के 527 वीर सपूतों में 52 देवभूमि हिमाचल प्रदेश के थे। इसी वजह से हिमाचल को देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि कहा जाता है। 25 मई से 26 जुलाई 1999 के बीच पाकिस्तान के साथ चली जंग में बलिदान देने वाले इन वीरभूमि के इन सपूतों को आज प्रदेश में याद किया जा रहा है और श्रद्धांजलि दी जा रही है। कारगिल युद्ध में सेना के सर्वोच्च सम्मान 2 परमवीर चक्र समेत अनेकों चक्र हिमाचल के वीरों के कंधे पर सुसज्जित हैं। कैप्टन विक्रम बतरा को (मरणोपरांत) और राइफलमैन संजय कुमार को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस युद्ध में शहादत पाने वालों में कांगड़ा जिले के 15 जवान, मंडी के 10, हमीरपुर के 8, बिलासपुर 7, शिमला 4, ऊना, सोलन व सिरमौर के 2-2 तथा चंबा व कुल्लू जिले से 1-1 जवान शामिल थे। बतरा ने 5140 चोटी से कहा, यह दिल मांगे मोर इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बतरा की गर्जन से दहशत में आ जाती थी। पहली जून 1999 को उनकी टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया। हम्प व रॉकी नाब स्थानों को जीतने के बाद उसी समय विक्रम को कैप्टन बना दिया गया। इसके बाद श्रीनगर-लेह मार्ग की सबसे महत्वपूर्ण 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त करवाने की जिम्मेदीरी कैप्टन विक्रम बतरा को सौंपी गई। दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद विक्रम बतरा अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 की सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर 5140 चोटी को अपने कब्जे में ले लिया। विक्रम बतरा ने जब इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय उद्घोष यह दिल मांगे मोर कहा तो सेना ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में उनका नाम छा गया। देवभूमि के इस सपूत को 15 दिन बंधी बनाकर दी अमानवीय यातनाएं कारगिल युद्ध में पालमपुर के कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तानी सैनिकों ने 15 दिनों तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उन्हें कई अमानवीय यातनाएं दी गईं और वह अपनी पहली सैलरी लेने से पहले शहीद हो गए थे। शहादत के वक्त उनकी उम्र मात्र 22 साल थी। आज पूरा देश उन्हें इस शहादत के लिए याद कर रहा है। वीर सपूतों की कहानी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (युद्ध सेवा मेडल) सेवानिवृत कारगिल हीरो ने बताया कि उनके पास 18 ग्रेनेडियर की कमान थी। हमारी युद्ध यूनिट ने तोलोलिंग की पहाड़ी और करगिल की पहाड़ी टाइगर हिल पर विजय पताका फहराई थी। 18 ग्रेनेडियर की इस यूनिट को 52 वीरता पुरस्कार मिले थे, जो अब तक का मिलिट्री इतिहास है। जब तोलोलिंग पर दुश्मन के साथ संघर्ष चल रहा था तो हमारे उपकमान अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल आर विश्वनाथन मेरी ही गोद में वीरगति को प्राप्त हुए। उस दृश्य को याद करता हूं तो सिहर उठता हूं। करगिल का युद्ध इतना कठिन था कि वहां छिपने के लिए खाली व सूखी पहाड़ियों के अलावा तिनका तक भी नहीं था। तोलोलिंग की लड़ाई हमने 22 दिन तक लड़ी। उसके बाद यूनिट ने द्रास सेक्टर की सबसे मुश्किल और मशहूर चोटी टाइगर हिल्स फतह की। करगिल की लड़ाई में मेरी यूनिट 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता पुरस्कार दिए गए। उन्होंने बताया कि आज भी उस घटनाक्रम को याद करता हूं तो रोमांच व साहस से भर जाता हूं। कारगिल युद्ध में शहादत पाने वाले 52 जवान… पहाड़ सा शौर्य, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं हिमाचल का यह दुर्भाग्य है कि सेना के पहले परमवीर चक्र विजेता राज्य को आजादी के 77 साल बाद भी सेना की रेजिमेंट नहीं मिल पाई। कांगड़ा के मेजर सोमनाथ शर्मा ने पहला परमवीर चक्र मेडल हासिल कर हिमाचल के साहस की पहचान को शिखर पर पहुंचाया था। मेजर सोमनाथ के अलावा पालमपुर के कैप्टन विक्रम बतरा, धर्मशाला के लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस थापा और बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार ने परमवीर चक्र हासिल कर अदम्य साहस की परंपरा को आगे बढ़ाया। इसी तरह 1200 से ज्यादा गैलेंटरी अवार्ड और तमाम अवार्ड हिमाचल के रणबांकुरों के नाम हैं। फिर भी राज्य की अपनी रेंजिमेंट की कमी आज भी खल रही है।
कीर्ति मठ के तिब्बती लाइब्रेरियन लोबसांग थापखे को जेल:चीनी में सुनाई तीन साल की सजा; दलाई लामा को भेजी थी वित्तीय सहायता
कीर्ति मठ के तिब्बती लाइब्रेरियन लोबसांग थापखे को जेल:चीनी में सुनाई तीन साल की सजा; दलाई लामा को भेजी थी वित्तीय सहायता तिब्बती मानवाधिकार एवं लोकतंत्र केंद्र (टीसीएचआरडी) ने चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के न्गाबा प्रांत में कीर्ति मठ के पूर्व लाइब्रेरियन लोबसंग थापखे को हाल ही में सुनाई गई सजा की निंदा की है। दलाई लामा को प्रार्थना के रूप में 2000 चीनी युआन भारत भेजे थे। तिब्बती मानवाधिकार केंद्र ने कहा कि उन्हें भारत से तिब्बत में धार्मिक और सांस्कृतिक पुस्तकों को आयात करने और वितरित करने का प्रयास करने और दलाई लामा और कीर्ति रिनपोछे को वित्तीय चढ़ावा देने की तिब्बती बौद्ध प्रथा में शामिल होने के लिए सजा सुनाई गई है। टीसीएचआरडी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 56 वर्षीय लोबसंग थापखे, जिसे जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह लापता था, उसे हाल ही में तीन साल की सजा सुनाई गई है। वह सिचुआन प्रांत के डेयांग शहर में हुआंग जू टाउन में डेयांग जेल में कैद है। सार्वजनिक खुलासा करने के खिलाफ दी थी चेतावनी पिछले महीने, लोबसंग थापखे के परिवार को एक संक्षिप्त नोटिस मिला जिसमें बताया गया कि उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, उसके स्थान और ठिकाने के बारे में कोई विवरण प्रदान नहीं किया गया था, उसके परिवार को सार्वजनिक रूप से फैसले का खुलासा करने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। लोबसंग थापखे पर तथाकथित अलगाववादियों के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया गया था, एक लेबल जिसे चीन भारत से बौद्ध दर्शन और विज्ञान पर धार्मिक और विद्वानों के ग्रंथों को आयात करने के लिए निर्वासित तिब्बती समुदाय के लिए उपयोग करता है। पुस्तकें के आयातित और वितरित करने पर हुई सजा इनमें कीर्ति रिनपोछे की द नेकलेस ऑफ टेक्स्टबुक और दक्षिणी भारत के गेशे की रचनाएं जैसी पुस्तकें शामिल थीं। जो सभी कीर्ति मठ पुस्तकालय में रखी गई थीं। उनके द्वारा आयातित और वितरित किए गए ग्रंथों में कोई भी राजनीतिक सामग्री नहीं होने के बावजूद, चीनी सरकार ने उन्हें कैद कर लिया। उनकी गिरफ्तारी से पहले, उन्हें नगाबा पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था और कई मौकों पर कई दिनों तक हिरासत में रखा गया था।
हिमाचल में ED की रेड:कांगड़ा-ऊना में कई जगह पहुंची टीम, कांग्रेस विधायक आरएस बाली, कोषाध्यक्ष राजेश शर्मा रडार पर, 200 अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे
हिमाचल में ED की रेड:कांगड़ा-ऊना में कई जगह पहुंची टीम, कांग्रेस विधायक आरएस बाली, कोषाध्यक्ष राजेश शर्मा रडार पर, 200 अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर रेड की है। ईडी की टीम ने नगरोटा बगवां से कांग्रेस विधायक आरएस बाली के घर और निजी अस्पताल पर रेड की है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से कांग्रेस प्रत्याशी एवं प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा के घर पर भी ईडी ने दबिश दी है। ईडी की लगभग 200 लोगों की टीम 40 गाड़ियों में कांगड़ा के अलग अलग ठिकानों पर पहुंची है। आरएस बाली और राजेश शर्मा के घर के बाहर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात है। आरएस बाली का कांगड़ा में फोर्टिज अस्पताल है, जबकि डॉ. राजेश शर्मा का भी बालाजी ट्रस्ट नाम से अस्पताल है। यहां भी रेड की सूचना है।कांगड़ा के अन्य निजी अस्पताल पर भी रेड की सूचना है। ऊना के प्राइवेट अस्पताल पर भी ED की रेड ऊना में भी ED की टीम एक प्राइवेट अस्पताल के तीन जगहों पर रेड की है। मामला आयुष्मान भारत और हिम केयर स्कीम की गड़बड़ियों से भी जुड़ा हो सकता है। मगर इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। बता दें कि बुधवार सुबह ED की तीन टीमों ने श्री बांके बिहारी प्राइवेट अस्पताल पर रेड की है। टीम के अधिकारी दो गाड़ियों में पहुंचे और अस्पताल के भीतर जांच का सिलसिला जारी है। ED की टीम अस्पताल के रिकॉर्ड को खंगाल रही है। इसके अतिरिक्त ED की टीम दो अन्य जगहों पर भी जांच कर रही है। इनमें मैहतपुर के बसदेहड़ा में भी जांच जारी है। जो भी इसी अस्पताल से जुड़ा बताया जा रहा है। वहीं, पंजाब के नंगल में भी जांच चल रही है।