जालंधर के खांबड़ा के पास से नाबालिग लड़की को अपने साथ ले जाकर घर में उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए गए हैं। आरोपी ने इस वारदात को पिछले बुधवार को अंजाम दिया। जिसके बाद पुलिस ने कल यानी गुरुवार रात को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में पुलिस ने शाहकोट के गांव विशेषरपुर निवासी नवजोत जस्सल पुत्र सोढ़ी राम जस्सल के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 और पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी को कमिश्नरेट पुलिस के सदर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे जल्द ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पीड़ित ने कहा- दोनों एक साथ कंप्यूटर क्लास लगाते थे पुलिस को दिए गए बयानों में 16 साल की नाबालिग लड़की के पिता ने कहा- शाहकोट के गांव विशेशरपुर के रहने वाले नवजोत जस्सल पुत्र सोढी राम जस्सल उनकी बेटी का जानकार था। दोनों एक साथ कंप्यूटर क्लास लगाते थे। आरोपी नवजोत जस्सल पीड़ित की 16 साल की बेटी को कंप्यूटर क्लास के बाद अपने साथ कुछ खिलाने पिलाने के लिए ले गया था। पीड़िता बोला- कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर बेटी को पिला दिया पीड़िता के पिता ने कहा- आरोपी नवजोत ने पहले कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर उसकी बेटी को पिला दिया। जिससे उसे नशा हो गया। फिर आरोपी उसे किसी बहाने से अपने घर ले गया। जहां आरोपी ने बेहोशी की हालत में पीड़ित लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद जब लड़की अपने घर पहुंची तो उसने पूरी घटना के बारे में परिजनों को बताया। परिजनों ने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद सिविल अस्पताल जालंधर में लड़की का मेडिकल कराया गया और आरोपी के खिलाफ तुरंत प्रभाव से मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जालंधर के खांबड़ा के पास से नाबालिग लड़की को अपने साथ ले जाकर घर में उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए गए हैं। आरोपी ने इस वारदात को पिछले बुधवार को अंजाम दिया। जिसके बाद पुलिस ने कल यानी गुरुवार रात को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में पुलिस ने शाहकोट के गांव विशेषरपुर निवासी नवजोत जस्सल पुत्र सोढ़ी राम जस्सल के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 और पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी को कमिश्नरेट पुलिस के सदर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे जल्द ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पीड़ित ने कहा- दोनों एक साथ कंप्यूटर क्लास लगाते थे पुलिस को दिए गए बयानों में 16 साल की नाबालिग लड़की के पिता ने कहा- शाहकोट के गांव विशेशरपुर के रहने वाले नवजोत जस्सल पुत्र सोढी राम जस्सल उनकी बेटी का जानकार था। दोनों एक साथ कंप्यूटर क्लास लगाते थे। आरोपी नवजोत जस्सल पीड़ित की 16 साल की बेटी को कंप्यूटर क्लास के बाद अपने साथ कुछ खिलाने पिलाने के लिए ले गया था। पीड़िता बोला- कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर बेटी को पिला दिया पीड़िता के पिता ने कहा- आरोपी नवजोत ने पहले कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर उसकी बेटी को पिला दिया। जिससे उसे नशा हो गया। फिर आरोपी उसे किसी बहाने से अपने घर ले गया। जहां आरोपी ने बेहोशी की हालत में पीड़ित लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद जब लड़की अपने घर पहुंची तो उसने पूरी घटना के बारे में परिजनों को बताया। परिजनों ने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद सिविल अस्पताल जालंधर में लड़की का मेडिकल कराया गया और आरोपी के खिलाफ तुरंत प्रभाव से मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
फतेहगढ़ साहिब में मिलिट्री रंग के कपड़े पहनने पर बेन:ऑलिव कलर के वाहनों का प्रयोग भी प्रतिबंधित, डीसी ने जारी किए आदेश
फतेहगढ़ साहिब में मिलिट्री रंग के कपड़े पहनने पर बेन:ऑलिव कलर के वाहनों का प्रयोग भी प्रतिबंधित, डीसी ने जारी किए आदेश फतेहगढ़ साहिब की डिप्टी कमिश्नर डा. सोना थिंद ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया कि फतेहगढ़ साहिब जिले में कोई भी व्यक्ति ऑलिव रंग की सैन्य वर्दी और ऑलिव कलर (सैन्य रंग) की जीप या अन्य वाहन का प्रयोग नहीं करेगा। यह आदेश सैन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। 11 फरवरी तक लागू रहेंगे आदेश डीसी ने कहा कि, ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसे रंग की वर्दी या वाहन का प्रयोग करके कोई भी गैरकानूनी कार्य या हिंसक घटना को अंजाम दिया जा सकता है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरा हो सकता है। इसलिए सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों द्वारा सैन्य रंग की वर्दी और वाहनों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 11 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे।
लुधियाना में सेक्स वर्कर और साथी की पिटाई:यात्री को होटल में ले जाकर लूटा, शोर मचाने पर लोगों ने पकड़ा, किया हंगामा
लुधियाना में सेक्स वर्कर और साथी की पिटाई:यात्री को होटल में ले जाकर लूटा, शोर मचाने पर लोगों ने पकड़ा, किया हंगामा लुधियाना के बस स्टैंड पर जमकर हंगामा हुआ। लोगों ने एक सेक्स वर्कर और उसके साथी की जमकर पिटाई की। सेक्स वर्कर बस स्टैंड के बाहर खड़े एक यात्री को अपनी बातों में उलझा कर होटल के कमरे में ले गई। जिसके बाद उस व्यक्ति से 50 हजार रुपए छीने और भाग गई। महिला सेक्स वर्कर के साथ उसका एक साथी भी था। यात्री के शोर मचाने के बाद कुछ दूरी पर लोगों ने दोनों को दबोच लिया। महिला और उसके साथी की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। महिला और उसके साथी ने कहा- यात्री बहला फुसला कर ले गया होटल महिला और उसके साथी ने कहा कि वह यात्री को बहला फुसला कर होटल के कमरे में लेकर गया है। उसने उसके साथ गलत काम भी किया है। महिला ने कहा कि उस व्यक्ति ने उसे पहले 1500 रुपए दिए थे। जाने के समय उस व्यक्ति ने शोर-शराबा करना शुरू कर दिया और जो दिए पैसे थे वह भी छीनने लगा। महिला ने कहा कि मैंने और मेरे साथी ने किसी से कोई पैसे नहीं छीने हैं। महिला ने कहा कि लोगों द्वारा मारपीट भी की गई। महिला के माथे पर काफी चोट भी आई है। यात्री नीरज ने बदले बार- बार बयान इस मामले में यात्री नीरज बार बार अपना बयान बदलता नजर आया। नीरज ने पहले कहा कि महिला और उसके साथी ने उसकी जेब से 50 हजार रुपए निकाल लिए थे, लेकिन कुछ देर बाद जब पुलिस कर्मचारी उसके सामने आए तो उसने बयान बदलते हुए कहा कि 50 हजार रुपए मेरी जेब में ही पड़े थे, लेकिन मुझे पता नहीं चला। बता दें कि, यात्रियों के साथ लूटपाट का ये कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर बस स्टैंड के आस-पास रात को कुछ महिलाएं युवकों के साथ सड़कों पर घुमती रहती हैं और राहगीर या यात्रियों को अपने जाल में फंसा कर उनसी छीना झपटी की जाती है। घटना स्थल पर पहुंचे पीसीआर दस्ता के ASI नरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इमरजेंसी फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। ये दोहरे मापदंड देशहित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है। सेंसर बोर्ड में सिख सदस्य शामिल करने की मांग एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने की मांग की है। सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण ही एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं। SGPC ने कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि जरूर शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। 1975 में आंधी फिल्म पर लगा था बैन इससे पहले, 1975 में आंधी फिल्म को इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने बैन कर दिया था। फिल्म इमरजेंसी से कुछ वक्त पहले रिलीज हुई थी, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्म पर कांग्रेस पार्टी की इमेज खराब करने का आरोप लगा था। फिल्म पर बैन लगने के बाद, लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन कभी किसी हिंदी फिल्म में नजर नहीं आईं। अफवाहें थीं कि यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके पूर्व पति के साथ रिश्ते पर बनी है, लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि सुचित्रा सेन ने आरती देवी का किरदार निभाया था, जिसकी लुक ही इंदिरा गांधी से प्रेरित थी। बाद में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 1977 में इसे रिलीज किया। पहले भी विवादों में रह चुकीं कंगना रनोट 1. किसान आंदोलन से जुड़ी टिप्पणी पर हो चुका केस कंगना भाजपा के विरोधी दलों और उनकी ओर से चलाए जाने वाले आंदोलनों पर तल्ख टिप्पणियां करती रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने धरना देने वाली महिलाओं के बारे में कह दिया था कि ये लोग 100-100 रुपए लेकर धरने में आती हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पंजाब के कोर्ट में मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ गए। महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार के दौरान मुंबई में कंगना रनोट का दफ्तर तोड़ने के बाद भी वह खूब चर्चा में रही थीं।