फाजिल्का जिले के अबोहर के गांव सुखचैन में एक दर्दनाक हादसे ने एक परिवार को झकझोर कर रख दिया। बुधवार सुबह एक 36 वर्षीय मजदूर संजय की रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दबने से मौत हो गई। संजय अपने तीन बच्चों – दो बेटों और एक बेटी का पिता था। घटना उस समय हुई जब संजय खेत से रेत लेकर अपने घर की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्राली का टायर पंक्चर हो गया। उन्होंने ट्राली के नीचे जैक लगाकर टायर बदलने का प्रयास किया, लेकिन अचानक ट्राली उनके ऊपर गिर गई। गांववासियों ने तुरंत उन्हें ट्राली के नीचे से निकाला और अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई सुनील ने बताया कि संजय दैनिक मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। इन दिनों वह अपने घर में रेत भरने का काम कर रहा था। दुर्घटना के बाद मृतक के शव को अबोहर के अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन और सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। फाजिल्का जिले के अबोहर के गांव सुखचैन में एक दर्दनाक हादसे ने एक परिवार को झकझोर कर रख दिया। बुधवार सुबह एक 36 वर्षीय मजदूर संजय की रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दबने से मौत हो गई। संजय अपने तीन बच्चों – दो बेटों और एक बेटी का पिता था। घटना उस समय हुई जब संजय खेत से रेत लेकर अपने घर की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्राली का टायर पंक्चर हो गया। उन्होंने ट्राली के नीचे जैक लगाकर टायर बदलने का प्रयास किया, लेकिन अचानक ट्राली उनके ऊपर गिर गई। गांववासियों ने तुरंत उन्हें ट्राली के नीचे से निकाला और अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई सुनील ने बताया कि संजय दैनिक मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। इन दिनों वह अपने घर में रेत भरने का काम कर रहा था। दुर्घटना के बाद मृतक के शव को अबोहर के अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन और सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की हाईकोर्ट में याचिका:रिपब्लिक-डे परेड- संसद सत्र में जाने की अनुमति मांगी; नई पार्टी बनाने के बाद पहली याचिका खालिस्तान समर्थक व पंजाब की लोकसभा सीट खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने नई पार्टी अकाली दल (वारिस पंजाब दे) के गठन के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहली याचिका दायर की है। जिसमें अमृतपाल सिंह ने गणतंत्र दिवस परेड को देखने के साथ-साथ संसद सत्र में भाग लेने की भी अपील की है। अमृतपाल सिंह इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि गणतंत्र दिवस और संसद सत्र में उसकी भागीदारी न्याय और समानता के हित में है। उसने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान में निहित बुनियादी सिद्धांतों का प्रतीक बताया। उसका कहना है कि राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी सार्वजनिक हित का विषय है। सांसद होने का कर्तव्य निभाने की कही बात अमृतपाल ने याचिका के माध्यम से अदालत से मांग की है कि संबंधित अधिकारियों को उन्हें इन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए कहा जाए। उसका कहना है कि एक सांसद के रूप में यह उसका संवैधानिक कर्तव्य है कि वह संसद सत्रों में भाग लें और जनता के मुद्दों को संसद में उठाएं। याचिका में अमृतपाल ने भारत सरकार, पंजाब सरकार और अन्य को पार्टी बनाया है। हालांकि इसे अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को संभाल रहा था। यह संगठन पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू तब सुर्खियों में आए थे, जब पिछले आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर उन्होंने अधिकारी से अंग्रेजी में बात की। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में भी दीप सिद्धू प्रमुख आरोपी था। दीप सिद्धू ने संगठन बनाने के बाद कहा था कि इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटा और वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। पंजाब का माहौल खराब करने आया था अमृपताल 18 मार्च 2023 को अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के कुछ घंटे बाद असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। उसके साथ उसकी 9 सहयोगी भी इस जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह को अजनाला थाने पर हमला कर अपने साथी को छोड़ने का दबाव बनाने और उससे पहले एक व्यक्ति को बंधी बना मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जब पुलिस ने उसके खिलाफ अभियान शुरू किया तो जांच में आया कि उसे ऐसा करने के लिए विदेश से फंडिंग हो रही थी और खालिस्तान मूवमेंट को पंजाब में हवा देने के लिए विदेश में बैठे हरदीप सिंह निज्जर (जिसकी बीते साल हत्या कर दी गई) ने पंजाब भेजा था। तब से लेकर अभी तक अमृतपाल सिंह असम की जेल में ही बंद है।
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