अरुणाचल में चीन बॉर्डर पर पहाड़ियों से ड्यूटी के दौरान पैर फिसलने से शहीद हुए ITBP के जवान 51 वर्षीय कृष्ण का शव आज उनके पैतृक गांव गांव मूनक फौजी डेरा में पहुंचा। जवान का अंतिम संस्कार दोपहर को उनके गांव के श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद के इकलौते बेटे पंकज ने अपनी नम आँखों से पिता को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में असंध विधायक योगेंद्र राणा सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों एवं शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। परिजनों ने बताया कि उन्हें वीरवार को सूचना मिली थी कि बुधवार रात को अरुणाचल में चीन बॉर्डर पर वह अपनी टीम के साथ थे। जहां पर रैंकिंग के दौरान उनका पहाड़ी से पैर फिसला गया और वह सिर के बल नीचे जा गीरे और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 1993 में हुआ था भर्ती शहीद कृष्ण के पिता 75 वर्षीय राम सिंह ने बताया कि कृष्ण उसका 6 पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र था। जिसने दसवीं की पढ़ाई कर मोटर मैकेनिक का ITI से कोर्स किया था। जिसके बाद सन 1993 में मैकेनिक के पद पर इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस में वह भर्ती हो गया। वह पिछले 34 साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान उनकी पोस्टिंग बर्फीले क्षेत्र में चीन बॉर्डर पर, दो बार असम में व हिमाचल के चंबा में रही। अब वह ASI के पद पर तैनात थे। 18 जनवरी को गया था ड्यूटी पर शहीद के बेटे पंकज ने बताया कि उसके पिता 18 जनवरी को ही अपनी छुट्टी खत्म करके अरूणाचल प्रदेश में ड्यूटी पर गया था। परिवार में सब खुश थे। अभी उनकी नौकरी में 8 साल और बाकी थे, लेकिन अब 2 माह बाद ही वो VRS लेने वाले थे ताकि पूरा समय हमारे साथ रह सके। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। कृष्ण के मौत के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। चार बच्चों का पिता था कृष्ण पिता ने बताया कि कृष्ण के पास तीन बेटियां व एक बेटा है। सभी बच्चों की कृष्ण ने शादी कर दी थी। इसके अलावा परिवार में उसके 5 भाई और है एक भाई हरियाणा पुलिस में कमांडो है दूसरा भाई कैनाल गार्ड है। जबकि अन्य 3 भाई खेती बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है। कृष्ण ही अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अरुणाचल में चीन बॉर्डर पर पहाड़ियों से ड्यूटी के दौरान पैर फिसलने से शहीद हुए ITBP के जवान 51 वर्षीय कृष्ण का शव आज उनके पैतृक गांव गांव मूनक फौजी डेरा में पहुंचा। जवान का अंतिम संस्कार दोपहर को उनके गांव के श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद के इकलौते बेटे पंकज ने अपनी नम आँखों से पिता को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में असंध विधायक योगेंद्र राणा सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों एवं शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। परिजनों ने बताया कि उन्हें वीरवार को सूचना मिली थी कि बुधवार रात को अरुणाचल में चीन बॉर्डर पर वह अपनी टीम के साथ थे। जहां पर रैंकिंग के दौरान उनका पहाड़ी से पैर फिसला गया और वह सिर के बल नीचे जा गीरे और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 1993 में हुआ था भर्ती शहीद कृष्ण के पिता 75 वर्षीय राम सिंह ने बताया कि कृष्ण उसका 6 पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र था। जिसने दसवीं की पढ़ाई कर मोटर मैकेनिक का ITI से कोर्स किया था। जिसके बाद सन 1993 में मैकेनिक के पद पर इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस में वह भर्ती हो गया। वह पिछले 34 साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान उनकी पोस्टिंग बर्फीले क्षेत्र में चीन बॉर्डर पर, दो बार असम में व हिमाचल के चंबा में रही। अब वह ASI के पद पर तैनात थे। 18 जनवरी को गया था ड्यूटी पर शहीद के बेटे पंकज ने बताया कि उसके पिता 18 जनवरी को ही अपनी छुट्टी खत्म करके अरूणाचल प्रदेश में ड्यूटी पर गया था। परिवार में सब खुश थे। अभी उनकी नौकरी में 8 साल और बाकी थे, लेकिन अब 2 माह बाद ही वो VRS लेने वाले थे ताकि पूरा समय हमारे साथ रह सके। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। कृष्ण के मौत के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। चार बच्चों का पिता था कृष्ण पिता ने बताया कि कृष्ण के पास तीन बेटियां व एक बेटा है। सभी बच्चों की कृष्ण ने शादी कर दी थी। इसके अलावा परिवार में उसके 5 भाई और है एक भाई हरियाणा पुलिस में कमांडो है दूसरा भाई कैनाल गार्ड है। जबकि अन्य 3 भाई खेती बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है। कृष्ण ही अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिरसा में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटी:गोगामेड़ी मेले में जा रहे थे, 25 लोग घायल, रामपुरा ढिल्लो के पास हादसा हरियाणा के सिरसा जिले के गांव रामपुरा ढिल्लों के पास गोगामेडी जा रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्राली पलटने से 25 श्रद्धालु घायल हो गए। ट्रैक्टर ट्राली में 35 लोग सवार थे। ट्रैक्टर ट्राली पलटते ही चीख पुकार मच गई। घायलों को नाथूसरी चौपटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल करवाया गया। वहां पर उपचार शुरू किया। एक गंभीर घायल महिला को सिरसा नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। महिलाओं और बच्चों की मची चीख पुकार जानकारी अनुसार फतेहाबाद जिले के रतिया क्षेत्र के गांव सरदारे वाला से 35 श्रद्धालु ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर राजस्थान के गोगामेड़ी धाम में पूजा करने के लिए जा रहे थे। श्रद्धालु देशा सिंह बताया कि गांव से 2 बजे ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर 35 से ज्यादा श्रद्धालु गोगामेड़ी के लिए चले थे। देर शाम को सिरसा जिले के गांव रामपुरा ढिल्लों के पास अचानक ट्राली अनियंत्रित होकर पलट गई। ट्रॉली पलटते ही महिलाओं में बच्चों की चीख पुकार मच गई। सिरसा नागरिक अस्पताल में रेफर चीख पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण घटना स्तर पर पहुंचे और घायलों को एम्बुलेंस व निजी वाहनों की सहायता से नाथूसरी चौपटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल करवाया। वहां पर ड्यूटी डॉ. सिद्धांत व डॉ रोहित की टीम ने घायलों का इलाज किया। एक गंभीर घायल महिला को सिरसा के नागरिक अस्पताल में रेफर किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि 25 लोगों का प्राथमिक उपचार किया गया है।