कैथल के तीरंदाज हरविंदर को पद्म श्री अवॉर्ड:विपरीत परिस्थितियों के बावजूद नहीं मानी हार, खेतों में किया अभ्यास

कैथल के तीरंदाज हरविंदर को पद्म श्री अवॉर्ड:विपरीत परिस्थितियों के बावजूद नहीं मानी हार, खेतों में किया अभ्यास

कैथल के तीरंदाज हरविंदर सिंह का पदम श्री के लिए चयन हुआ है। इससे कैथल में खुशी का माहौल है। हरविंदर ने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। हरविंदर ने बताया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और देश के लिए खेल कर नाम रोशन किया। ‌ उन्होंने बताया कि दिल्ली में आज गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की ओर से निकाले जाने वाली झांकी में शामिल होंगे।‌ उनके साथ चार अन्य खिलाड़ी भी शामिल होंगे। दो खिलाड़ी बैडमिंटन के नितेश कुमार व तरुण ढिल्लों, एक जूडो खिलाड़ी अरुण तंवर भी शामिल रहेंगे। हरविंदर सिंह ने बताया कि यह उसके लिए बड़ी खुशी का पाल है जो उन्हें पदम श्री अवार्ड मिल रहा है। इसकी आज घोषणा हुई है। इसी खुशी में दिल्ली में उनके कोच जीवनजोत सिंह तेजा व गौरव शर्मा ने उन्हें मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी हैं।‌ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।‌ खेत को बना दिया तीरंदाजी रेंज हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। उनकी कहानी तमाम लोगों के लिए प्रेरणादायक है। हरविंदर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1991 को हरियाणा के कैथल में हुआ था। अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। हरविंदर को शुरुआत में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह फिर भी तीरंदाजी में आ गए। 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड 19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया था, ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। हरविंदर ने बताया कि‌ हम फसल काट चुके थे और खेत खाली थे तो मेरे पिता ने वहां तीरंदाजी रेंज तैयार करने में मदद की। इस तरह सुरक्षित रूप से मैं अभ्यास कर सका। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें। जून 2024 में पैरा तीरंदाजी विश्व रैंकिंग स्पर्धा में उन्होंने चेक गणराज्य में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले अप्रैल 2024 में विश्व तीरंदाजी ओशिनिया 2024 पैरा ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कांस्य पदक जीता था। ये हैं पलब्धियां हरविदंर सिंह वे तीरंदाज हैं, जिन्होंने रोहतक में 2016 में हुई पहली पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक, तेलंगाना में 2017 में दूसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक, 2018 में इंडोनेशिया में हुई एशियन पैरा गेम्स में भारत के लिए रिकर्व इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वह छह बार देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एशियन पैरा चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक हासिल किया था। जून 2019 में नीदरलैंड में आयोजित विश्व पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में पैरालंपिक 2020 के लिए कोटा हासिल किया था। इसके बाद 2020 पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मैडल जीत। इसके अलावा बीजिंग में 2017 में हुई विश्व पैरा आर्चरी में सातवां स्थान। थाईलैंड में 2019 में हुई तीसरी एशियन पैरा आर्चरी के टीम इवेंट में ब्रांज मेडल। रोहतक में 2019 में तीसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता सिल्वर मेडल हासिल किया था। पेरिस पैरालंपिक 2024 में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। ‌हरविंदर सिंह ने फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिजेक को 6-0 से हराया। 4 सितंबर को मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन के फाइनल मे 33 वर्षीय हरविंदर ने पोलैंड के लुकाज सिजेक को पराजित कर इतिहास रच दिया था।‌ कैथल के तीरंदाज हरविंदर सिंह का पदम श्री के लिए चयन हुआ है। इससे कैथल में खुशी का माहौल है। हरविंदर ने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। हरविंदर ने बताया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और देश के लिए खेल कर नाम रोशन किया। ‌ उन्होंने बताया कि दिल्ली में आज गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की ओर से निकाले जाने वाली झांकी में शामिल होंगे।‌ उनके साथ चार अन्य खिलाड़ी भी शामिल होंगे। दो खिलाड़ी बैडमिंटन के नितेश कुमार व तरुण ढिल्लों, एक जूडो खिलाड़ी अरुण तंवर भी शामिल रहेंगे। हरविंदर सिंह ने बताया कि यह उसके लिए बड़ी खुशी का पाल है जो उन्हें पदम श्री अवार्ड मिल रहा है। इसकी आज घोषणा हुई है। इसी खुशी में दिल्ली में उनके कोच जीवनजोत सिंह तेजा व गौरव शर्मा ने उन्हें मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी हैं।‌ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।‌ खेत को बना दिया तीरंदाजी रेंज हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। उनकी कहानी तमाम लोगों के लिए प्रेरणादायक है। हरविंदर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1991 को हरियाणा के कैथल में हुआ था। अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। हरविंदर को शुरुआत में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह फिर भी तीरंदाजी में आ गए। 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड 19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया था, ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। हरविंदर ने बताया कि‌ हम फसल काट चुके थे और खेत खाली थे तो मेरे पिता ने वहां तीरंदाजी रेंज तैयार करने में मदद की। इस तरह सुरक्षित रूप से मैं अभ्यास कर सका। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें। जून 2024 में पैरा तीरंदाजी विश्व रैंकिंग स्पर्धा में उन्होंने चेक गणराज्य में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले अप्रैल 2024 में विश्व तीरंदाजी ओशिनिया 2024 पैरा ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कांस्य पदक जीता था। ये हैं पलब्धियां हरविदंर सिंह वे तीरंदाज हैं, जिन्होंने रोहतक में 2016 में हुई पहली पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक, तेलंगाना में 2017 में दूसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक, 2018 में इंडोनेशिया में हुई एशियन पैरा गेम्स में भारत के लिए रिकर्व इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वह छह बार देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एशियन पैरा चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक हासिल किया था। जून 2019 में नीदरलैंड में आयोजित विश्व पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में पैरालंपिक 2020 के लिए कोटा हासिल किया था। इसके बाद 2020 पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मैडल जीत। इसके अलावा बीजिंग में 2017 में हुई विश्व पैरा आर्चरी में सातवां स्थान। थाईलैंड में 2019 में हुई तीसरी एशियन पैरा आर्चरी के टीम इवेंट में ब्रांज मेडल। रोहतक में 2019 में तीसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता सिल्वर मेडल हासिल किया था। पेरिस पैरालंपिक 2024 में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। ‌हरविंदर सिंह ने फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिजेक को 6-0 से हराया। 4 सितंबर को मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन के फाइनल मे 33 वर्षीय हरविंदर ने पोलैंड के लुकाज सिजेक को पराजित कर इतिहास रच दिया था।‌   हरियाणा | दैनिक भास्कर