कैथल के गांव अजीत नगर के रहने वाले पैरालंपिक तीरंदाज हरविंदर सिंह को पद्मश्री पुरस्कार मिलने से पूरे इलाके में खुशी की लहर है। वे जिले के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हरविंदर ने वीडियो संदेश के जरिए सभी का आभार जताया। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और गांव में जश्न का माहौल है। पिछले साल जीते थे गोल्ड मेडल
हरविंदर का खेल सफर 2012 में पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला से शुरू हुआ। उन्होंने 2018 एशियन पैरा गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। 2021 टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य और 2024 पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने अपने खेतों में प्रैक्टिस जारी रखी। उनकी इसी लगन और मेहनत ने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाया। हरविंदर को मेडल मिलने पर पूरे गांव में होती है खुशी
हरविंदर की उपलब्धि से पूरा गांव गौरवान्वित है। लोग मिठाइयां बांटकर खुशी मना रहे हैं और गांववासी व रिश्तेदार नाच-गाकर जश्न मना रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। परिवार और गांव में खुशी का माहौल:हरविंदर के पिता परमजीत सिंह ने कहा, “हरविंदर को जब भी कोई मेडल मिलता है, तो गांव में उत्सव जैसा माहौल हो जाता है। अब पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा से हम सभी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं।” “गांव के लोग हरविंदर को मानते हैं आदर्श”
उनकी पत्नी मनप्रीत कौर ने कहा, “हरविंदर की लगन और मेहनत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। वह जब भी घर आते हैं, अभ्यास करना नहीं छोड़ते। “गांव के लोग हरविंदर को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। उनके भाई अर्शदीप सिंह ने कहा, “हरविंदर ने परिवार और गांव दोनों का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता हम सबके लिए प्रेरणा है। “सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं हरविंदर
हरविंदर अपनी सफलता के बावजूद हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं। उनकी मेहनत, लगन और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। अर्जुन पुरस्कार के बाद अब पद्मश्री पुरस्कार उनके संघर्ष और उपलब्धियों का सम्मान है। गांव वालों की बधाई और शुभकामनाएं
गांव अजीत नगर में लोग ढोल-नगाड़ों के साथ हरविंदर की उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। गांव वालों ने कहा, “हरविंदर हमारी प्रेरणा हैं। उनकी उपलब्धियां हमें यह सिखाती हैं कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”हरविंदर का संदेश:हरविंदर ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। मैं इसे अपने माता-पिता, कोच और उन सभी को समर्पित करता हूं जिन्होंने मेरे इस सफर में मेरा साथ दिया। मेरा सपना है कि भारत तीरंदाजी में विश्व में अग्रणी बने।” कैथल के गांव अजीत नगर के रहने वाले पैरालंपिक तीरंदाज हरविंदर सिंह को पद्मश्री पुरस्कार मिलने से पूरे इलाके में खुशी की लहर है। वे जिले के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हरविंदर ने वीडियो संदेश के जरिए सभी का आभार जताया। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और गांव में जश्न का माहौल है। पिछले साल जीते थे गोल्ड मेडल
हरविंदर का खेल सफर 2012 में पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला से शुरू हुआ। उन्होंने 2018 एशियन पैरा गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। 2021 टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य और 2024 पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने अपने खेतों में प्रैक्टिस जारी रखी। उनकी इसी लगन और मेहनत ने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाया। हरविंदर को मेडल मिलने पर पूरे गांव में होती है खुशी
हरविंदर की उपलब्धि से पूरा गांव गौरवान्वित है। लोग मिठाइयां बांटकर खुशी मना रहे हैं और गांववासी व रिश्तेदार नाच-गाकर जश्न मना रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। परिवार और गांव में खुशी का माहौल:हरविंदर के पिता परमजीत सिंह ने कहा, “हरविंदर को जब भी कोई मेडल मिलता है, तो गांव में उत्सव जैसा माहौल हो जाता है। अब पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा से हम सभी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं।” “गांव के लोग हरविंदर को मानते हैं आदर्श”
उनकी पत्नी मनप्रीत कौर ने कहा, “हरविंदर की लगन और मेहनत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। वह जब भी घर आते हैं, अभ्यास करना नहीं छोड़ते। “गांव के लोग हरविंदर को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। उनके भाई अर्शदीप सिंह ने कहा, “हरविंदर ने परिवार और गांव दोनों का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता हम सबके लिए प्रेरणा है। “सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं हरविंदर
हरविंदर अपनी सफलता के बावजूद हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं। उनकी मेहनत, लगन और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। अर्जुन पुरस्कार के बाद अब पद्मश्री पुरस्कार उनके संघर्ष और उपलब्धियों का सम्मान है। गांव वालों की बधाई और शुभकामनाएं
गांव अजीत नगर में लोग ढोल-नगाड़ों के साथ हरविंदर की उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। गांव वालों ने कहा, “हरविंदर हमारी प्रेरणा हैं। उनकी उपलब्धियां हमें यह सिखाती हैं कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”हरविंदर का संदेश:हरविंदर ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। मैं इसे अपने माता-पिता, कोच और उन सभी को समर्पित करता हूं जिन्होंने मेरे इस सफर में मेरा साथ दिया। मेरा सपना है कि भारत तीरंदाजी में विश्व में अग्रणी बने।” हरियाणा | दैनिक भास्कर