पानीपत शहर के छोटू राम चौक पर एक मकान के बाहर छप्पर में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। छप्पर के नीचे चारपाई पर सो रहे व्यक्ति की आग की चपेट में आने से जलकर मौत हो गई। जबकि वहां बंधी गाय जिंदा जल गई। कमरे में सो रही पत्नी दम घुटने से जाग गई। उसकी चीख सुनकर बेटा और बेटी भी जाग गए। कमरे में धुएं के कारण दम घुट रहा था, जबकि बाहर निकलने के रास्ते में आग लगी हुई थी। किसी तरह तीनों घर का दूसरा दरवाजा तोड़कर बाहर निकले, जिससे वे बाल-बाल बच गए। आग में झुलसे व्यक्ति को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। आग इतनी भयंकर थी कि उन्हें उठने का मौका ही नहीं मिला जानकारी देते हुए घायल सुरजन (60) ने बताया कि वह छोटू राम चौक के निवासी हैं। वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। वह पिछले 6 वर्षों से गाय पाल रहे हैं। उन्होंने उसे घर के बाहर छप्पर के नीचे बांध रखा है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं। वह खुद गाय के पास छप्पर के नीचे सोते हैं। जबकि परिवार के अन्य सदस्य कमरे के अंदर सोते हैं। रोजाना की तरह शनिवार रात को भी सभी सो गए। रविवार तड़के करीब 4 बजे अचानक छप्पर में आग लग गई। उन्हें आग लगने का पता ही नहीं चला। आग इतनी भयंकर थी कि उन्हें उठने का मौका ही नहीं मिला। अचानक उन्हें रजाई में तेज गर्मी महसूस हुई और उनका शरीर जलने लगा तो वह वहां से उठकर बाहर गली में जाकर बैठ गए और बेहोश हो गए। पड़ोसियों ने बुझाई आग, एक घंटे में पाया काबू अचानक घर के अंदर सो रही उनकी पत्नी मेशी देवी को धुएं के कारण दम घुटने लगा। वह जाग गईं और चिल्लाने लगीं कि उन्हें सांस नहीं आ रही है। यह सुनकर बेटा और बेटी भी जाग गए। बेटे ने आनन-फानन में कमरे का दरवाजा खोला तो आग की लपटें बाहर से अंदर आईं। जिसके बाद उन्हें आग लगने का पता चला। उन्होंने मुख्य दरवाजा बंद किया और घर का दूसरा दरवाजा तोड़ा। जिसके बाद वे तीनों बाहर निकले। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर जमा हो गए। सभी ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जिसके बाद उन्होंने देखा कि आग में गाय जिंदा जल गई है। जब वे पिता को खोजते हुए बाहर आए तो उन्हें वह गली में बेहोश पड़े मिले। जिसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। पानीपत शहर के छोटू राम चौक पर एक मकान के बाहर छप्पर में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। छप्पर के नीचे चारपाई पर सो रहे व्यक्ति की आग की चपेट में आने से जलकर मौत हो गई। जबकि वहां बंधी गाय जिंदा जल गई। कमरे में सो रही पत्नी दम घुटने से जाग गई। उसकी चीख सुनकर बेटा और बेटी भी जाग गए। कमरे में धुएं के कारण दम घुट रहा था, जबकि बाहर निकलने के रास्ते में आग लगी हुई थी। किसी तरह तीनों घर का दूसरा दरवाजा तोड़कर बाहर निकले, जिससे वे बाल-बाल बच गए। आग में झुलसे व्यक्ति को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। आग इतनी भयंकर थी कि उन्हें उठने का मौका ही नहीं मिला जानकारी देते हुए घायल सुरजन (60) ने बताया कि वह छोटू राम चौक के निवासी हैं। वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। वह पिछले 6 वर्षों से गाय पाल रहे हैं। उन्होंने उसे घर के बाहर छप्पर के नीचे बांध रखा है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं। वह खुद गाय के पास छप्पर के नीचे सोते हैं। जबकि परिवार के अन्य सदस्य कमरे के अंदर सोते हैं। रोजाना की तरह शनिवार रात को भी सभी सो गए। रविवार तड़के करीब 4 बजे अचानक छप्पर में आग लग गई। उन्हें आग लगने का पता ही नहीं चला। आग इतनी भयंकर थी कि उन्हें उठने का मौका ही नहीं मिला। अचानक उन्हें रजाई में तेज गर्मी महसूस हुई और उनका शरीर जलने लगा तो वह वहां से उठकर बाहर गली में जाकर बैठ गए और बेहोश हो गए। पड़ोसियों ने बुझाई आग, एक घंटे में पाया काबू अचानक घर के अंदर सो रही उनकी पत्नी मेशी देवी को धुएं के कारण दम घुटने लगा। वह जाग गईं और चिल्लाने लगीं कि उन्हें सांस नहीं आ रही है। यह सुनकर बेटा और बेटी भी जाग गए। बेटे ने आनन-फानन में कमरे का दरवाजा खोला तो आग की लपटें बाहर से अंदर आईं। जिसके बाद उन्हें आग लगने का पता चला। उन्होंने मुख्य दरवाजा बंद किया और घर का दूसरा दरवाजा तोड़ा। जिसके बाद वे तीनों बाहर निकले। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर जमा हो गए। सभी ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जिसके बाद उन्होंने देखा कि आग में गाय जिंदा जल गई है। जब वे पिता को खोजते हुए बाहर आए तो उन्हें वह गली में बेहोश पड़े मिले। जिसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में ग्रामीणों ने 3 अधिकारियों को बंधक बनाया:2 घंटे तक धूप में खड़ा करके रखा; XEN-SDO और JE को अल्टीमेटम देकर छोड़ा
हरियाणा में ग्रामीणों ने 3 अधिकारियों को बंधक बनाया:2 घंटे तक धूप में खड़ा करके रखा; XEN-SDO और JE को अल्टीमेटम देकर छोड़ा हरियाणा के हिसार में शुक्रवार को ग्रामीणों ने पब्लिक हेल्थ के SDO और जेई को बंधक बना लिया। दोनों अधिकारियों को ग्रामीणों ने 2 घंटे तक धूप में रोके रखा। इसकी सूचना के बाद विभाग के XEN मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनको भी बंधक बना लिया। दरअसल, गांव में 20 दिन से पेयजल सप्लाई ठप है। ग्रामीणों में रोष है कि पेयजल सप्लाई के लिए बिछाई जा रही पाइप लाइन भी 4 ईंच की है। ग्रामीणों ने इसको 6 ईंच की बिछाने की मांग की है। इसको लेकर उन्होंने 20 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। समस्या पर ध्यान न देने पर भड़के लोग
ढांड गांव के सरपंच अनूप बेनीवाल ने बताया कि 20 दिनों से गांव में पानी की किल्लत बनी हुई है। आज गांव में एसडीओ कुलदीप कोहाड़ व जेई दिनेश खटकड़ आए थे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया। इस पर लोगों का गुस्सा फुट गया। दोनों अधिकारियों को बंधक बना लिया। इसके बाद XEN बलविंदर नैन मौके पर पहुंचे। उनको भी बंधक बना लिया। हमने प्रशासन को 20 जून तक समय दिया है। मांग न माने जाने पर 21 जून को जलघर पर तालाबंदी कर दी जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि गलियों में पेयजल आपूर्ति के लिए ठेकेदार द्वारा 4 इंची पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पेयजल लाइन में स्विच वॉल न होने और जलघर में मोटर न होने के चलते गांव में पेयजल संकट बना हुआ है। SDO बोले- समस्या जानने गए थे
SDO कुलदीप कोहाड़ ने बताया कि गांव में वॉल स्विच और मोटर की समस्या का मामला जानने गए थे। हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया। बाद में उनके XEN साहब मौके पर आ गए थे। ग्रामीणों से सहमति बन गई है। उनकी जो भी समस्याएं थी, समाधान करने का आश्वासन दिया गया है। एसडीओ को मौके पर गड्ढे दिखाए
ग्रामीणों में इसको लेकर भी रोष था कि ठेकेदार ने पाइनलाइन बिछाने के लिए गलियों में गड्ढे खोदे हैं। इसमें सांड के गिरने से उसकी टांग टूट गई थी। ग्रामीणों ने एसडीओ से कहा कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह उनको गांव से जाने नहीं देंगे। इस दौरान एसडीओ बोले कि यहीं हूं जब तक आपकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता। XEN बलविंदर नैन ने कहा कि सूचना के बाद मौके पर पहुंचे थे। बंधक नहीं बनाया गया है। बस ग्रामीणों ने बैठा लिया था।
सरकारी कर्मचारी फिर बनेंगे भाजपा सरकार के लिए मुसीबत:OPS को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला, 1 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन
सरकारी कर्मचारी फिर बनेंगे भाजपा सरकार के लिए मुसीबत:OPS को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला, 1 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन हरियाणा में लोकसभा की 5 सीटें हारने के बाद भाजपा पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है। इसका सबसे बड़ा कारण कर्मचारी वर्ग की नाराजगी है। अब ये कर्मचारी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इसलिए कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। इसको देखते हुए प्रदेश में पेंशन आंदोलन फिर से तेज होने जा रहा है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति 1 जुलाई से 10 अगस्त के बीच प्रदेश के सभी जिलों में ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) सम्मेलन करेगी और जिले में पेंशन आक्रोश मार्च निकालेगी तथा 1 सितंबर को पंचकूला में रैली निकालेगी और चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी। आज पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन महासचिव ऋषि नैन ने किया। विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश का हर कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक ओपीएस बहाली को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया है, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों में आक्रोश है। कमेटी बनने के बाद भी सरकार ने नहीं बुलाई मीटिंग
प्रदेश अध्यक्ष धारीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 20 फरवरी 2023 को OPS के लिए उच्चस्तरीय कमेटी के गठन किया गया था लेकिन 3 मार्च के बाद सरकार द्वारा कोई मीटिंग नहीं बुलाई गई। विजेंद्र धारीवाल में कहा कि कर्मचारियों को नाराज कर सरकार अपने लिए मुश्किल खड़ी कर रही है। लोकसभा चुनाव में भी संघर्ष समिति द्वारा चलाई है वोट फॉर OPS मुहिम प्रभावी साबित हुई है। धारीवाल ने कहा कि प्रदेश का हर कर्मचारी पेंशन बहाली के लिए सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। कर्मचारी बोले-सरकार के पास अब भी मौका
पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा का कहना है कि अभी सरकार के पास समय है OPS बहाल करके इस नाराजगी को दूर कर सकती है। जब तक पेंशन स्कीम बहाल नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 1 जुलाई से सभी जिलों में OPS सम्मेलन कर जिला स्तरीय आक्रोश मार्च निकाल उपयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। उसके बावजूद अगर सरकार बहाली के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता तो 1 सितंबर को पंचकूला में रैली कर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। कर्मचारियों की नाराजगी सरकार को पड़ गई थी भारी
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना BJP को लोकसभा चुनाव में करना पड़ा था। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में सिर्फ 4 ही सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा सर्विस वोट मिले थे। 6 सीटों पर सर्विस वोटरों की पहली पसंद कांग्रेस रही। अंबाला, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक और सिरसा लोकसभा में सर्विस वोट यानी पोस्टल बैलट से मतदान में भाजपा पिछड़ गई। पूर्व CM मनोहर लाल की करनाल और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को जहां सर्विस वोट कम पड़े हैं, उन सीटों पर भाजपा को हार मिली है। सबसे ज्यादा सर्विस वोट भाजपा को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर मिले हैं। हरियाणा में 1 लाख 11 हजार 143 सर्विस वोटर हैं। कांग्रेस की बात करें तो रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा, सिरसा में कुमारी सैलजा, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला में वरुण चौधरी, हिसार में जयप्रकाश और करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा को सबसे ज्यादा सर्विस वोट मिले।
हरियाणा के 4 जिलों में अधिग्रहित जमीन मालिकों को नोटिस:एक सप्ताह के अंदर जमा कराएं दस्तावेज, देरी हुई तो नहीं मिलेगा ब्याज
हरियाणा के 4 जिलों में अधिग्रहित जमीन मालिकों को नोटिस:एक सप्ताह के अंदर जमा कराएं दस्तावेज, देरी हुई तो नहीं मिलेगा ब्याज रोहतक जोन के अंतर्गत आने वाले 4 जिलों के भू-स्वामियों को मूल अवार्ड राशि तथा वृद्धि राशि दी जाएगी। जिनकी भूमि शहरी संपदा विभाग द्वारा अधिग्रहित की गई है। जिसके लिए उन भू-स्वामियों को एक सप्ताह के अंदर-अंदर अपने जरूरी दस्तावेज जमा करवाने होंगे। जिसके बाद उन्हें राशि दे दी जाएगी। साथ ही देरी होने पर ब्याज राशि भी नहीं दी जाएगी। रोहतक डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि रोहतक जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर के भू-स्वामियों की शहरी संपदा विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि की मूल अवार्ड राशि तथा माननीय न्यायालयों द्वारा वृद्धि राशि का भुगतान स्थानीय सेक्टर-2, 3 स्थित शहरी संपदा विभाग के भू-अर्जन अधिकारी कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। एक सप्ताह के अंदर जमा करवाएं दस्तावेज उन्होंने कहा कि सभी संबंधित जमीन मालिकों को अपनी अधिग्रहित भूमि से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें बैंक खाते की प्रति, आईएफएससी कोड नंबर, पैन नंबर और आधार नंबर आदि शामिल होंगे। सभी दस्तावेज एक सप्ताह के अंदर उक्त अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जाएं। ताकि पुरस्कार राशि का वितरण और वृद्धि राशि का भुगतान शीघ्र किया जा सके। इसके बाद वृद्धि राशि पर उक्त कार्यालय द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।