<p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा था कि प्रदेश में सोमवार से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी. इसके साथ ही यह भारत का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी होगी. मुख्यमंत्री ने यहां शनिवार शाम जारी एक बयान में कहा था, ‘यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने कहा था कि इसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है. यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यूसीसी प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनावों में बीजेपी का वादा</strong><br />उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है. दरअसल, उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गयी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-deputy-cm-keshav-prasad-maurya-reaction-after-akhilesh-yadav-deep-in-sangam-2871168″>महाकुंभ: अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगाने पर केशव प्रसाद मौर्य का तंज, कहा- ‘देर आए दुरुस्त आए'</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बनाई गई थी कमेटी</strong><br />कमेटी ने लगभग डेढ़ वर्ष में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार खंडों में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया और उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी अधिनियम बनने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित की गयी एक समिति ने इसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार की जिसे हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी. सोमवार को यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड ऐसा कराने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा. असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा था कि प्रदेश में सोमवार से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी. इसके साथ ही यह भारत का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी होगी. मुख्यमंत्री ने यहां शनिवार शाम जारी एक बयान में कहा था, ‘यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने कहा था कि इसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है. यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यूसीसी प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनावों में बीजेपी का वादा</strong><br />उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है. दरअसल, उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गयी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-deputy-cm-keshav-prasad-maurya-reaction-after-akhilesh-yadav-deep-in-sangam-2871168″>महाकुंभ: अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगाने पर केशव प्रसाद मौर्य का तंज, कहा- ‘देर आए दुरुस्त आए'</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बनाई गई थी कमेटी</strong><br />कमेटी ने लगभग डेढ़ वर्ष में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार खंडों में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया और उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी अधिनियम बनने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित की गयी एक समिति ने इसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार की जिसे हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी. सोमवार को यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड ऐसा कराने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा. असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड रिठाला से कांग्रेस प्रत्याशी के साथ कथित मारपीट पर भड़के देवेंद्र यादव, BJP और AAP पर साधा निशाना