रायबरेली में भाजपाइयों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए योगी सरकार के उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को पत्र लिखकर रायबरेली में पार्टी को दिनेश प्रताप के चंगुल से बाहर निकालने की मांग की है। रायबरेली में भाजपा के जिलाध्यक्ष को लेकर मशक्कत चल रही है। मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मौजूदा जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी को ही पुन: जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं। बुद्धिलाल पासी 70 से अधिक वर्ष की आयु के हैं, जबकि पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित की है। मंत्री दिनेश प्रताप बुद्धिलाल की जगह भी अपने ही खेमे के किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं जो पूर्व में उनके साथ कांग्रेस में रहा है। वहीं, रायबरेली में पार्टी के कैडर के लोग इस मुद्दे पर मंत्री के खिलाफ हो गए हैं। रायबरेली में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा, आरपी सिंह, अजय त्रिपाठी, रामदेव पाल, दिलीप यादव और पशुपतिनाथ बाजपेयी ने प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन को पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया है कि दिनेश प्रताप सिंह ने संगठन को पूरी तरह कैप्चर कर लिया है। इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। उनका कहना है कि आम जनमानस दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को इससे अवगत कराया गया था कि जनता और कार्यकर्ता दिनेश प्रताप के खिलाफ है। यदि उन्हें मौका दिया गया तो भाजपा की हार होगी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ उन्हें टिकट दिया तो परिणाम सामने हैं कि भाजपा रायबरेली सीट हार गए। पूर्व जिलाध्यक्षों ने भाजपा कैडर के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री ने संगठन को कैप्चर किया
रामदेव पाल ने भास्कर से बातचीत में कहा कि दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली में संगठन को कैप्चर कर लिया है। पूरा संगठन वही चला रहे हैं, इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ता नाराज है। प्रदेश नेतृत्व को इससे अवगत कराया है ताकि कैडर का कार्यकर्ता ही जिलाध्यक्ष बने। कार्यकर्ता नहीं चाहते बुद्धिलाल अध्यक्ष बने
पूर्व जिलाध्यक्ष पशुपतिनाथ बाजपेयी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सभी छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने पत्र पर साइन किए हैं। पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी नहीं चाहते कि दिनेश प्रताप के करीबी या बुद्धिलाल अध्यक्ष बने। पार्टी नेतृत्व से संगठन के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री की मर्जी से बने मंडल अध्यक्ष
रायबरेली में भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की मर्जी से ही बनाए गए हैं। मंडल अध्यक्ष के चुनाव में भी स्थानीय अन्य विधायकों या पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई। केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं दिनेश प्रताप
सूत्रों के मुताबिक मंत्री दिनेश प्रताप सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी हैं। केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में ही उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2022 में यूपी में मंत्री बनाया गया। 2024 में भी रायबरेली से टिकट दिया गया, जिसमें वह राहुल गांधी के हाथों बुरी तरह परास्त हुए। रायबरेली में भाजपाइयों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए योगी सरकार के उद्यान राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को पत्र लिखकर रायबरेली में पार्टी को दिनेश प्रताप के चंगुल से बाहर निकालने की मांग की है। रायबरेली में भाजपा के जिलाध्यक्ष को लेकर मशक्कत चल रही है। मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मौजूदा जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी को ही पुन: जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं। बुद्धिलाल पासी 70 से अधिक वर्ष की आयु के हैं, जबकि पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित की है। मंत्री दिनेश प्रताप बुद्धिलाल की जगह भी अपने ही खेमे के किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं जो पूर्व में उनके साथ कांग्रेस में रहा है। वहीं, रायबरेली में पार्टी के कैडर के लोग इस मुद्दे पर मंत्री के खिलाफ हो गए हैं। रायबरेली में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा, आरपी सिंह, अजय त्रिपाठी, रामदेव पाल, दिलीप यादव और पशुपतिनाथ बाजपेयी ने प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन को पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया है कि दिनेश प्रताप सिंह ने संगठन को पूरी तरह कैप्चर कर लिया है। इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। उनका कहना है कि आम जनमानस दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को इससे अवगत कराया गया था कि जनता और कार्यकर्ता दिनेश प्रताप के खिलाफ है। यदि उन्हें मौका दिया गया तो भाजपा की हार होगी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ उन्हें टिकट दिया तो परिणाम सामने हैं कि भाजपा रायबरेली सीट हार गए। पूर्व जिलाध्यक्षों ने भाजपा कैडर के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री ने संगठन को कैप्चर किया
रामदेव पाल ने भास्कर से बातचीत में कहा कि दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली में संगठन को कैप्चर कर लिया है। पूरा संगठन वही चला रहे हैं, इससे पार्टी के मूल कार्यकर्ता नाराज है। प्रदेश नेतृत्व को इससे अवगत कराया है ताकि कैडर का कार्यकर्ता ही जिलाध्यक्ष बने। कार्यकर्ता नहीं चाहते बुद्धिलाल अध्यक्ष बने
पूर्व जिलाध्यक्ष पशुपतिनाथ बाजपेयी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सभी छह पूर्व जिलाध्यक्षों ने पत्र पर साइन किए हैं। पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी नहीं चाहते कि दिनेश प्रताप के करीबी या बुद्धिलाल अध्यक्ष बने। पार्टी नेतृत्व से संगठन के ही किसी कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। मंत्री की मर्जी से बने मंडल अध्यक्ष
रायबरेली में भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की मर्जी से ही बनाए गए हैं। मंडल अध्यक्ष के चुनाव में भी स्थानीय अन्य विधायकों या पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई। केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं दिनेश प्रताप
सूत्रों के मुताबिक मंत्री दिनेश प्रताप सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी हैं। केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में ही उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2022 में यूपी में मंत्री बनाया गया। 2024 में भी रायबरेली से टिकट दिया गया, जिसमें वह राहुल गांधी के हाथों बुरी तरह परास्त हुए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर