Rajasthan: BJP विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर फैसला जल्द, विधानसभा अध्यक्ष ने उठाया बड़ा कदम

Rajasthan: BJP विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर फैसला जल्द, विधानसभा अध्यक्ष ने उठाया बड़ा कदम

<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP MLA Kanwarlal Meena News:</strong> राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता को लेकर राज्य के महाधिवक्ता से विधिक राय मांगी है. उन्होंने निर्देश दिया है कि इस संवेदनशील मामले में तुरंत विधिक राय प्रदान की जाए. विधानसभा प्रवक्ता के अनुसार, महाधिवक्ता से प्राप्त राय के आधार पर जल्द निर्णय लिया जाएगा. यह निर्णय संविधान और न्याय के अनुरूप होगा. देवनानी ने आशा जताई है कि एक-दो दिन में यह राय विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला?</strong><br />दरअसल, कंवरलाल मीणा को झालावाड़ जिले की अकलेरा अदालत ने एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. इसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग तेज कर दी है. मंगलवार (20 मई) को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई कांग्रेस विधायकों ने देवनानी से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. देवनानी ने विधायकों को आश्वस्त किया कि मामले में जल्द ही न्यायसम्मत निर्णय लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कानूनी आधार पर लिया जाएगा फैसला'</strong><br />प्रवक्ता के मुताबिक, अदालत के निर्णय के दिन ही विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता से कानूनी राय मांगी थी और तब से वे इस विषय पर लगातार निगरानी कर रहे हैं. देवनानी का मानना है कि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त करना एक गंभीर संवैधानिक विषय है, इसलिए फैसले से पूर्व अदालत के आदेशों और कानूनी बिंदुओं का विस्तार से अध्ययन आवश्यक है, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्णय केवल विधिक आधार पर लिया जाएगा, न कि राजनीतिक दबाव में.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान विपक्षी विधायकों की बैठक में विधानसभा समितियों में हुए आंशिक संशोधनों पर भी चर्चा हुई. देवनानी ने भ्रम दूर करते हुए कहा कि नरेंद्र बुड़ानिया को किसी समिति से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें पिछड़े वर्गों के कल्याण पर आधारित महत्वपूर्ण समिति का सभापति नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि केवल बुड़ानिया ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष से जुड़े 3 और सभापतियों को भी समितियों में बदलाव के तहत नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि समितियों का संचालन अधिक प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण हो.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>BJP MLA Kanwarlal Meena News:</strong> राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता को लेकर राज्य के महाधिवक्ता से विधिक राय मांगी है. उन्होंने निर्देश दिया है कि इस संवेदनशील मामले में तुरंत विधिक राय प्रदान की जाए. विधानसभा प्रवक्ता के अनुसार, महाधिवक्ता से प्राप्त राय के आधार पर जल्द निर्णय लिया जाएगा. यह निर्णय संविधान और न्याय के अनुरूप होगा. देवनानी ने आशा जताई है कि एक-दो दिन में यह राय विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला?</strong><br />दरअसल, कंवरलाल मीणा को झालावाड़ जिले की अकलेरा अदालत ने एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. इसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग तेज कर दी है. मंगलवार (20 मई) को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई कांग्रेस विधायकों ने देवनानी से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. देवनानी ने विधायकों को आश्वस्त किया कि मामले में जल्द ही न्यायसम्मत निर्णय लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कानूनी आधार पर लिया जाएगा फैसला'</strong><br />प्रवक्ता के मुताबिक, अदालत के निर्णय के दिन ही विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता से कानूनी राय मांगी थी और तब से वे इस विषय पर लगातार निगरानी कर रहे हैं. देवनानी का मानना है कि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त करना एक गंभीर संवैधानिक विषय है, इसलिए फैसले से पूर्व अदालत के आदेशों और कानूनी बिंदुओं का विस्तार से अध्ययन आवश्यक है, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्णय केवल विधिक आधार पर लिया जाएगा, न कि राजनीतिक दबाव में.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान विपक्षी विधायकों की बैठक में विधानसभा समितियों में हुए आंशिक संशोधनों पर भी चर्चा हुई. देवनानी ने भ्रम दूर करते हुए कहा कि नरेंद्र बुड़ानिया को किसी समिति से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें पिछड़े वर्गों के कल्याण पर आधारित महत्वपूर्ण समिति का सभापति नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि केवल बुड़ानिया ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष से जुड़े 3 और सभापतियों को भी समितियों में बदलाव के तहत नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि समितियों का संचालन अधिक प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण हो.</p>  राजस्थान पाकिस्तान के लिए जासूसी के बाद बांग्लादेश क्यों जाना चाहती थी ज्योति मल्होत्रा? बड़ा खुलासा, कुबूल भी किया- ‘अली हसन ने मेरे…’