अमृतसर | थाना अजनाला की पुलिस ने देसी पिस्तौल और रौंद के साथ एक को काबू किया हैं। डीएसपी अजनाला गुरविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस को गश्त के दौरान हरड़ कलां में शक के आधार पर बलविंदर सिंह उर्फ बब्बा निवासी बल्लड़वाल आबादी बाबा गम चक को रोक कर उसकी तलाशी की, तो उसके पास से एक देसी पिस्तौल और एक रौंद बरामद किया गया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर केस दर्ज किया हैं। आरोपी को अदालत में पेश करके रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। एक अन्य केस में बार्डर से 540 ग्राम हेरोइन समेत दो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। डीएसपी अटारी लखविंदर सिंह ने बताया कि थाना घरिंडा की पुलिस और बीएसएफ की ओर से अटारी के नजदीक बार्डर से दो नशा तस्करों को 540 ग्राम हेरोइन समेत गिरफ्तार किया गया हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की हैं। आरोपियों का रिमांड लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी। वहीं आरोपियों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी । अमृतसर | थाना अजनाला की पुलिस ने देसी पिस्तौल और रौंद के साथ एक को काबू किया हैं। डीएसपी अजनाला गुरविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस को गश्त के दौरान हरड़ कलां में शक के आधार पर बलविंदर सिंह उर्फ बब्बा निवासी बल्लड़वाल आबादी बाबा गम चक को रोक कर उसकी तलाशी की, तो उसके पास से एक देसी पिस्तौल और एक रौंद बरामद किया गया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर केस दर्ज किया हैं। आरोपी को अदालत में पेश करके रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। एक अन्य केस में बार्डर से 540 ग्राम हेरोइन समेत दो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। डीएसपी अटारी लखविंदर सिंह ने बताया कि थाना घरिंडा की पुलिस और बीएसएफ की ओर से अटारी के नजदीक बार्डर से दो नशा तस्करों को 540 ग्राम हेरोइन समेत गिरफ्तार किया गया हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की हैं। आरोपियों का रिमांड लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी। वहीं आरोपियों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी । पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर पुलिस का सख्त आदेश:ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
अमृतसर पुलिस का सख्त आदेश:ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई पंजाब पुलिस में अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान रील देखते या सोशल मीडिया साइट्स पर स्क्रॉल करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों के आदेश पर अमृतसर कमिश्नरेट ऑफिस से ये आदेश जारी किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा- यह देखने में आया है कि अक्सर पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। कुर्सी पर बैठे-बैठे, कार में बैठे-बैठे और ड्यूटी के दौरान वे अपनी ड्यूटी पर ध्यान नहीं देते। जगह-जगह स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया या अन्य चैट आदि में बातचीत/ध्यान भटकाते रहते हैं, जिसके कारण वे न केवल आम जनता की सुरक्षा का अपना कर्तव्य भूल जाते हैं बल्कि अपनी खुद की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं। इसलिए निर्देश दिया गया है कि भविष्य में यदि कोई भी कर्मचारी किसी भी प्रकार की ड्यूटी के दौरान विचलित पाया गया या स्मार्ट फोन की स्क्रीन पर कुछ भी देखता हुआ पाया गया तो इसे कर्तव्य के प्रति लापरवाही माना जाएगा। उस पुलिसकर्मी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। फोन का इस्तेमाल फोन सुनने व करने के लिए ही करें पुलिस कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा है कि यदि अति आवश्यक हो तो ड्यूटी के दौरान फोन सुनने या करने तक ही सीमित रहना चाहिए। सिर्फ ड्यूटी स्थल पर ही नहीं, ड्यूटी प्वाइंट पर भी उक्त आदेशों की पालना होनी चाहिए और फोन सुनते व करते समय भी सतर्क रहना चाहिए। सीनियर अधिकारी निचले अधिकारियों को करेंगे सूचित इस आदेश के संबंध में संबंधित मुख्य अधिकारी, पुलिस स्टेशन समूह जी.ओ. और संबंधित ड्यूटी प्रभारी अपने अधीन कर्मचारियों को सूचित करने और ब्रीफिंग करने के लिए जिम्मेदार लेगा। समय-समय पर उनकी जांच भी यही अधिकारी करेंगे। यदि कोई कर्मचारी डांट-फटकार के बावजूद इस तरह के व्यवहार से बाज नहीं आता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए या फिर उसे ड्यूटी के दौरान स्मार्ट फोन का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी जाए। पढ़ेंः क्या हैं आदेश-
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स्थान: गोल्डन टेंपल, अमृतसर पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर बैठे थे। अचानक एक व्यक्ति आया, पिस्टल निकाली और उन्हें गोली मारने वाला था कि सुरक्षाकर्मी ने हाथ ऊपर उठा दिया। तारीख: 21 अक्टूबर 2024
स्थान: CID मुख्यालय, शिमला CM सुखविंदर सुक्खू CID के कार्यक्रम में आए थे। जब VIPs के रिफ्रेशमेंट का नंबर आया तो पता चला कि फाइव स्टार होटल से आए समोसे तो CM का स्टाफ खा गया। इसकी CID जांच बैठा दी गई। साल 2024 में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में राजनीति, अपराध और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी ऐसी 24 बड़ी घटनाएं हुईं, जिन्होंने प्रदेश से लेकर देश में सुर्खियां बटोरीं… 24 बड़ी घटनाओं को सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… ************** 2024 की राज्यवार खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा में 2024 की बड़ी घटनाएं: कुश्ती छोड़ विनेश MLA बनीं, नफे सिंह की हत्या पंजाब में 2024 की 24 बड़ी घटनाएं:13 फरवरी से किसान आंदोलन जारी, थानों-चौकियों पर आतंकी हमले हिमाचल में 2024 की बड़ी घटनाएं:संकट में आई सरकार, टॉयलेट टैक्स चर्चा में रहा, एक ही रात में 53 लोगों की मौत
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी आज 1 नवंबर को पूरे पंजाब में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के साथ पंजाबी राज्य दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन 1966 में पंजाबी राज्य के अस्तित्व में आने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को भाषा के आधार पर अलग कर पंजाब को अलग कर दिया गया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस दिन पर केंद्र सरकार पर मतभेद के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट को शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा- देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा बलिदान देने वाले सिख समुदाय से कांग्रेस नेताओं ने आजादी से पहले कई वादे किए थे। लेकिन जैसे ही देश आजाद हुआ, कांग्रेस नेता उन वादों से मुकर गए। इन्हीं ज्यादतियों के आक्रोश से शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में मातृभाषा पंजाबी भाषा के आधार पर ‘पंजाबी प्रांत’ की मांग उठी, जिसके लिए हजारों अकाली नेताओं ने केंद्र सरकार की यातनाएं सहन की और चले गए। जेल गए, धरने दिए और सभी प्रकार की जबरदस्ती का विरोध किया। आखिरकार लंबे संघर्ष और कई बलिदानों के बाद 1 नवंबर, 1966 को ‘पंजाबी प्रांत’ का गठन हुआ। केंद्र सरकार का पंजाब के साथ भेदभाव लगातार जारी है, हमारी जायज़ मांगें आज तक भी नहीं मानी गईं। शिरोमणि अकाली दल इसके लिए संघर्ष करता रहेगा। SGPC ने कहा- पंजाब तकसीम दार तकसीम होता गया सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी इस दिन पर केंद्र के खिलाफ रोष जाहिर किया गया है। SGPC के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट शेयर की गई। जिसमें लिखा है- आज ही के दिन 1966 में भाषा के आधार पर विभाजित पंजाबी राज्य अस्तित्व में आया था। भारत के विभाजन के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक भाषा के आधार पर प्रांतों के परिसीमन का मुद्दा उठा। आंध्र प्रदेश के गठन के बाद पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाबी राज्य की मांग रखी। एक लंबे संघर्ष के बाद (जिसमें हजारों सिखों ने जेल भरीं, यातनाएं झेली, शहादतें दी) 1 नवंबर 1966 को पंजाबी को एक राज्य बनाया गया। केंद्र ने पंजाबियों के साथ बेईमानी करते हुए जान-बूझकर कई पंजाबी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान में मिला लिया, न केवल पंजाब को खंडित कर दिया, बल्कि उसके जल, बांधों और राजधानी पर भी कब्जा करके बड़ी चोट पहुंचाई। पंजाब पुनर्गठन का इतिहास 1960 के दशक में पंजाबी सूबा आंदोलन के तहत सिखों और पंजाबी भाषी लोगों ने एक अलग राज्य की मांग की थी। 1966 में यह मांग पूरी हुई, और भाषा के आधार पर पंजाब का पुनर्गठन हुआ। इसके बाद पंजाब को मुख्य रूप से पंजाबी बोलने वालों का राज्य घोषित किया गया और हरियाणा को एक अलग हिंदी भाषी राज्य के रूप में पहचान मिली। साथ ही, हिमाचल प्रदेश का भी एक अलग राज्य के रूप में गठन किया गया। इस पुनर्गठन का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।