अमृतसर | नेहरू युवा केंद्र ने खालसा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, रंजीत एवेन्यू में 5 दिवसीय अंतर जिला युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का समापन किया। जिसमें पटियाला से 27 युवा प्रतिभागी शामिल हुए। युवा अधिकारी आकांक्षा महावरिया व कार्यक्रम सहायक रोहिल कुमार कट्टा ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य किसी भी जिले की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को प्रदर्शित करना है। प्रतिभागियों को श्री हरमंदिर साहिब, अटारी बॉर्डर, रामतीर्थ मंदिर, दुर्ग्याणा मंदिर, जलियांवाला बाग का दौरा कराया गया। अमृतसर | नेहरू युवा केंद्र ने खालसा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, रंजीत एवेन्यू में 5 दिवसीय अंतर जिला युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का समापन किया। जिसमें पटियाला से 27 युवा प्रतिभागी शामिल हुए। युवा अधिकारी आकांक्षा महावरिया व कार्यक्रम सहायक रोहिल कुमार कट्टा ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य किसी भी जिले की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को प्रदर्शित करना है। प्रतिभागियों को श्री हरमंदिर साहिब, अटारी बॉर्डर, रामतीर्थ मंदिर, दुर्ग्याणा मंदिर, जलियांवाला बाग का दौरा कराया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
राहुल गांधी के बयान पर भड़की भाजपा:इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने दिया समर्थन; खालिस्तानी समर्थक सिमरनजीत मान ने कहा- ठीक बोले
राहुल गांधी के बयान पर भड़की भाजपा:इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने दिया समर्थन; खालिस्तानी समर्थक सिमरनजीत मान ने कहा- ठीक बोले विदेश दौरे पर निकले विपक्ष के नेता व कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के बयान पर भाजपा भड़क गई है। सिख भाजपा समर्थक उनके बयान का विरोध कर रहे हैं, लेकिन विदेश में बसे भारतीय और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत मान राहुल गांधी के हक में उतरे हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को सही करार दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह एक आम नागरिक के तौर पर भारत से बाहर नहीं गए हैं। वह विपक्ष के नेता के तौर पर देश से बाहर गए हैं। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राहुल गांधी के एडवाइजर ने कहा कि वह पप्पू नहीं है। चाहे वह पप्पू हो या गप्पू, मुझे इससे कोई भी मतलब नहीं है। राहुल गांधी को राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर बयान नहीं देना चाहिए। उन्हें ऐसे कार्यों से बचना चाहिए। IOC ने राहुल गांधी के शब्दों को सराहा टेक्सास के डलास में भारतीय प्रवासियों के साथ राहुल की बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए, IOC, यूएस के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह गिलजियान ने बताया कि एनआरआई को राहुल से बड़ी उम्मीदें हैं। गिलजियान के साथ आईओसी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी उपस्थित थे। गलजियान ने आगे बताया कि उन्हें भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं। गांधी, नेहरू, पटेल और अंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए देखना चाहते हैं। क्योंकि, इन महान नेताओं ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश के रूप में देखा था, जो मजबूत संवैधानिक मूल्यों पर आधारित था। हमें विश्वास है कि राहुल के नेतृत्व में, भारत इन आदर्शों को कायम रखेगा और सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य की ओर प्रगति करेगा। भाजपा नहीं करवा रही एसजीपीसी चुनाव कट्टरपंथी व खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी के शब्दों को सही कहा है। सिमरनजीत सिंह मान ने कहा- वे ठीक कह रहे हैं। इतनी देर से उनके गुरुद्वारा साहिब के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव नहीं हुए हैं। इन्हें टालमटोल क्यों किया जा रहा है। दूसरी बात है कि जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट और उनके नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोबाल व RAW ने ये पॉलिसी अपनाई है कि जो सिख आजादी मांगता है, उसे गोली या जहर देकर मारा जाए। इस पॉलिसी के तहत कनाडा में तीन सिख हरदीप सिंह नागरा, रूपदमन सिंह मलिक व सुखदूल सिंह को मारा गया। ब्रिटेन में अवतार सिंह खंडा को मार दिया गया। हरियाणा में दीप सिंह सिद्धू और पंजाब में सिद्धू मूसेवाला को मार दिया। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और रोडे को मार दिया है। इसलिए राहुल ठीक बात कर रहे हैं। हरसिमरत बादल- कांग्रेस की तरह भाजपा भी जिम्मेदार
अकाली दल की एक मात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा भी सिखों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने के लिए समान रूप से दोषी हैं। हालांकि यह सच है कि सिखों, उनकी संस्थाओं और उनके सबसे पवित्र तीर्थस्थलों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं और उन्हें सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खुले हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की अपनी पार्टी के हाथ 1984 में दिल्ली, कानपुर आदि में हुए नरसंहारों में हजारों निर्दोष सिखों के खून से रंगे हुए हैं। क्या उन्होंने अपनी दादी के लिए माफी मांगी है। इंदिरा गांधी द्वारा सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हरमंदर साहिब में टैंक और मोर्टार घुमाने और श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त करने का कृत्य किया? ऐसी माफी के अभाव में, क्या राहुल को हमारे बहादुर और देशभक्त समुदाय के खिलाफ भेदभाव पर बोलने का नैतिक अधिकार भी है। भाजपा भी सिखों के खिलाफ भेदभाव और सिख तीर्थस्थलों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की दोषी है। इनमें से किसी एक पक्ष के अपराध दूसरे को समान पापों से मुक्त नहीं करते हैं। सिख मुद्दों पर बोलने से पहले 1984 में उनकी दादी की सरकार और पार्टी ने जो किया था, उसके लिए कम से कम राहुल सिखों से माफी मांग सकते हैं।
लुधियाना में सिंधी बैकर्स पर फायरिंग का मामला:गैंगस्टर बोला- बेकरी मालिक के बेटे से रंजिश थी, मौत का एहसास करवाना था
लुधियाना में सिंधी बैकर्स पर फायरिंग का मामला:गैंगस्टर बोला- बेकरी मालिक के बेटे से रंजिश थी, मौत का एहसास करवाना था लुधियाना के राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकरी पर 28 अगस्त को गैंगस्टर गोपी लाहौरिया ने गोलियां चलवाई। गोपी ने फायरिंग करवाने की जिम्मेदारी लेते हुए फेसबुक पर पोस्ट डाली। उसने खुलासा किया है कि उसका बेकरी मालिक के बेटे के साथ निजी विवाद चल रहा है। उसने उसे कई बार समझाया लेकिन वह नहीं माना, इस कारण उसे गोलीबारी करवानी पड़ी। गोपी ने लिखा कि बेकरी मालिक के बेटे को एहसास करवाया है कि मौत चीज क्या होती। फायरिंग में बेकरी मालिक का बेटा नवीन घायल हुआ है। बता दें गोपी ने 26 अगस्त को मोगा के शेख वाला चौक में नविका ऑनलाइन सॉल्यूशन कस्टमर सर्विस सेंटर के मालिक पर भी फायरिंग करवाई थी। जिसमें दुकानदार से 32 बोर की पिस्तौल दिखाकर पैसे मांगे थे। दुकानदार पर फायरिंग की, जिसमें वह बाल-बाल बच गया। 2022 में विदेश भागा, चेहरा छिपाकर करता है पोस्ट गोपी सोशल मीडिया पर भी किसी को अपना चेहरा नहीं दिखाता था। इंस्टाग्राम आदि पर भी वह अपना चेहरा छिपाकर पोस्ट शेयर करता है। 2022 में जगराओं पुलिस ने पहला मामला दर्ज किया। उसके घर से कारतूस और मैगजीन बरामद हुई। मामला दर्ज होने पर वह विदेश भाग गया था। गोपी का बंबीहा गैंग से नाता है। गोपी गिरोह के 2 बदमाशों को किया गिरफ्तार अप्रैल 2024 में मोगा पुलिस ने 2 बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जो गैंगस्टर बंबीहा और गैंगस्टर गोपी लाहौरिया से जुड़े थे। दोनों को पुलिस ने 3.20 लाख रुपए फिरौती और हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। 1 मार्च को अमृतसर रोड स्थित बोपाराय इमिग्रेशन में 2 अज्ञात हमलावरों ने ऑपरेटर को जान से मारने के लिए फायरिंग की थी।
पंजाब विधानसभा उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन:डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह भरेंगे नामांकन; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव
पंजाब विधानसभा उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन:डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह भरेंगे नामांकन; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव पंजाब में विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। राज्य में 13 नवंबर को 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में उप-चुनाव होने जा रहे हैं। आज यानी शुक्रवार को पंजाब के कई बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। आज दोहपर के बाद नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। अब 28 अक्टूबर को स्क्रूटनी कमेटी दस्तावेजों की जांच करेगी। पिछले 5 दिनों की बात करें तो चुनाव आयोग के पास 27 के करीब हलफनामे पहुंचे हैं। आज आखिरी दिन डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीटों पर बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। इन पूरे चुनावों में अकाली दल की तरफ से चुनाव ना लड़ने का फैसला किया गया है। अब देखना होगा कि अकाली दल के कोर वोटर किस की तरफ झुकते हैं। हालांकि अकाली दल ने अभी तक ये साफ नहीं किया कि चुनावों से दूर रहते हुए किस पार्टी का साथ दिया जाएगा। पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री रहे सुखजिंदर रंधावा की पत्नी डॉ. रजिंदर कौर शुक्रवार डेरा बाबा नानक सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। वहीं, आज भाजपा की तरफ से चब्बेवाल से घोषित उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल भी शुक्रवार ही नामांकन दाखिल करेंगे। गुरुवार कई नेताओं ने भरा नामांकन पंजाब के कई बड़े नेताओं ने गुरुवार इन उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया। बरनाला से भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों और कांग्रेस उम्मीदवार काला ढिल्लों ने नामांकन भरा। नामांकन से पहले दोनों ने रोड शो निकाला है। पंजाब की हॉट सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा में पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल ने बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वड़िंग ने नामांकन दाखिल किया है। इनके अलावा चब्बेवाला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. ईशाक, डेरा बाबा नानक से रवि करण सिंह काहलों, गिद्दड़बाहा से हरचरण सिंह बराड़ व आप उम्मीदवार हरदीप सिंह ने नामांकन भरा। अकाली दल ने चुनावों से किया किनारा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने राज्य की चार सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में कैंडिडेट्स नहीं उतारने का फैसला किया है। यह फैसला आज चंडीगढ़ में हुई पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक में लिया गया। पंजाब में वर्ष 1992 के बाद यह पहला मौका है जब अकाली दल ने राज्य में होने जा रहा कोई इलेक्शन नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले की वजह पंथक संकट है।