बहन की मौत पर भाई बोला– अंतिम संस्कार कर देना:मैं नहीं आ सकता, फिर मोबाइल बंद किया; करनाल के फ्लैट में अकेली रहती थी

बहन की मौत पर भाई बोला– अंतिम संस्कार कर देना:मैं नहीं आ सकता, फिर मोबाइल बंद किया; करनाल के फ्लैट में अकेली रहती थी

करनाल में पारिवारिक रिश्तों में कड़वाहट का दर्दनाक उदाहरण दिखा है। यहां एक 60 साल की महिला की मौत हो गई। पड़ोसियों ने तुरंत उसके सगे भाई को सूचना देने के लिए फोन किया। बहन की मौत की बात सुनकर भाई बोला- अंतिम संस्कार कर देना, मैं नहीं आ सकता। इसके बाद कोई दोबारा कॉल न कर पाए, इसके लिए उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। महिला के बेटे का भी कोई पता नहीं लगा। इसके बाद ‘अपना आशियाना’ संस्था की टीम वहां पहुंची। उन्होंने परिवार के इनकार करने पर खुद अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। हालांकि महिला की केयरटेकर से उसके भांजे का पता चला। जिसके बाद भांजे ने पंचकूला से आकर अंतिम संस्कार किया। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… पति 30 साल पहले छोड़कर चला गया
संस्था के सदस्य राजकुमार अरोड़ा ने बताया कि करनाल के सेक्टर 6 में रहने वाली नीलम हाउसवाइफ थी। करीब 30 साल पहले उसका पति उसे छोड़कर चला गया। उसका एक बेटा था। इसके अलावा महिला के 2 भाई थे। दोनों भाई दिल्ली में रहते हैं, जबकि बेटा लुधियाना में रहता है। एक महीने पहले गिरी, कूल्हा टूट गया
एक महीने पहले महिला अचानक गिर गई। इससे उसका कूल्हा टूट गया। इस वजह से वह अच्छी तरह से चल-फिर नहीं पाती थी। वह बीमार भी रहती थी। संस्था सदस्य अरोड़ा के मुताबिक वह किसी आयुर्वेदिक अस्पताल से इलाज करा रही थी। वह खाना नहीं बना पाती थी, इसलिए टिफिन लगवा रखा था। केयरटेकर बोली- सुबह बेड से नीचे गिरी मिली
नीलम ने अपनी देखभाल के लिए मीरा को केयरटेकर के तौर पर रखा था। मीरा ने बताया कि वह मंगलवार सुबह नीलम के फ्लैट पर पहुंची तो दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर गई तो देखा कि नीलम बेड से नीचे गिरी हुई थी। उसने तुरंत पड़ोसियों को इसके बारे में बताया। उन्होंने चैक किया तो महिला की मौत हो चुकी थी। इसके बाद ही उन्होंने भाई को फोन किया था। उसने आने से इनकार कर दिया। केयरटेकर बोली– कभी कोई मिलने नहीं आया
मीरा ने बताया कि वह 5 साल से फ्लैट में नीलम की देखभाल कर रही थी। उससे कभी कोई रिश्तेदार मिलने नहीं आया। पंचकूला से उसका एक भांजा अश्विनी जरूर उसको खर्चा देता था। मीरा के बताने के बाद ही संस्था ने अंतिम संस्कार के लिए उससे संपर्क किया था। महिला के बेटे के बारे में भी यहां किसी को जानकारी नहीं थी। करनाल में पारिवारिक रिश्तों में कड़वाहट का दर्दनाक उदाहरण दिखा है। यहां एक 60 साल की महिला की मौत हो गई। पड़ोसियों ने तुरंत उसके सगे भाई को सूचना देने के लिए फोन किया। बहन की मौत की बात सुनकर भाई बोला- अंतिम संस्कार कर देना, मैं नहीं आ सकता। इसके बाद कोई दोबारा कॉल न कर पाए, इसके लिए उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। महिला के बेटे का भी कोई पता नहीं लगा। इसके बाद ‘अपना आशियाना’ संस्था की टीम वहां पहुंची। उन्होंने परिवार के इनकार करने पर खुद अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। हालांकि महिला की केयरटेकर से उसके भांजे का पता चला। जिसके बाद भांजे ने पंचकूला से आकर अंतिम संस्कार किया। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… पति 30 साल पहले छोड़कर चला गया
संस्था के सदस्य राजकुमार अरोड़ा ने बताया कि करनाल के सेक्टर 6 में रहने वाली नीलम हाउसवाइफ थी। करीब 30 साल पहले उसका पति उसे छोड़कर चला गया। उसका एक बेटा था। इसके अलावा महिला के 2 भाई थे। दोनों भाई दिल्ली में रहते हैं, जबकि बेटा लुधियाना में रहता है। एक महीने पहले गिरी, कूल्हा टूट गया
एक महीने पहले महिला अचानक गिर गई। इससे उसका कूल्हा टूट गया। इस वजह से वह अच्छी तरह से चल-फिर नहीं पाती थी। वह बीमार भी रहती थी। संस्था सदस्य अरोड़ा के मुताबिक वह किसी आयुर्वेदिक अस्पताल से इलाज करा रही थी। वह खाना नहीं बना पाती थी, इसलिए टिफिन लगवा रखा था। केयरटेकर बोली- सुबह बेड से नीचे गिरी मिली
नीलम ने अपनी देखभाल के लिए मीरा को केयरटेकर के तौर पर रखा था। मीरा ने बताया कि वह मंगलवार सुबह नीलम के फ्लैट पर पहुंची तो दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर गई तो देखा कि नीलम बेड से नीचे गिरी हुई थी। उसने तुरंत पड़ोसियों को इसके बारे में बताया। उन्होंने चैक किया तो महिला की मौत हो चुकी थी। इसके बाद ही उन्होंने भाई को फोन किया था। उसने आने से इनकार कर दिया। केयरटेकर बोली– कभी कोई मिलने नहीं आया
मीरा ने बताया कि वह 5 साल से फ्लैट में नीलम की देखभाल कर रही थी। उससे कभी कोई रिश्तेदार मिलने नहीं आया। पंचकूला से उसका एक भांजा अश्विनी जरूर उसको खर्चा देता था। मीरा के बताने के बाद ही संस्था ने अंतिम संस्कार के लिए उससे संपर्क किया था। महिला के बेटे के बारे में भी यहां किसी को जानकारी नहीं थी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर