लखनऊ के रहमानखेड़ा जंगल और आसपास के 20 किमी एरिया में 59 दिनों से बाघ की दहशत है। टाइगर अब तक 17 शिकार कर चुका है। वन विभाग के एक्सपर्ट टीम की सारी कवायद फेल हो रही है। वन मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक रहमान खेड़ा आकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले चुके है, लेकिन फिर भी बाघ पकड़ से दूर है। करीब दो महीने से चल रहे ऑपरेशन में आधा दर्जन से ज्यादा एक्सपर्ट लगाए गए हैं। बाघ को पकड़ने के लिए ट्रेंकुलाइजर गन, गड्ढे, पिंजरे और बछड़ों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इन सब के बीच 50 से ज्यादा गांवों के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों की जिंदगी थम सी गई है। पहले जानते है स्थानीय लोगों ने क्या कहा… बच्चों की पढ़ाई प्रभावित दुगौली निवासी पवन यादव ने कहा-स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। घर पर पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती। परीक्षा नजदीक है, लेकिन बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। बाघ की दहशत से हर कोई परेशान सहिलामऊ निवासी होरी लाल ने कहा- खेती और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हैं। बाघ की दहशत से हर कोई परेशान है। वन विभाग को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए। सरसों और गेहूं की फसल चौपट मीठे नगर के रहने वाले बागवान राघवेंद्र मौर्य ने कहा- वन विभाग के प्रयास विफल हो रहे हैं। बाघ के चलते सरसों और गेहूं की फसल चौपट हो रही है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है। वन विभाग पर उठ रहे सवाल वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अफसरों को चेतावनी दी गई है कि अगर दो दिन में बाघ नहीं पकड़ा गया तो सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अधिकारी खुद सही योजना नहीं बना पा रहे, जबकि विशेषज्ञों की टीम भी निष्क्रिय दिखाई दे रही हैं। बाघ को जल्द पकड़ लेंगे DFO सितांशु पांडेय ने कहा- बाघ को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। ग्रामीणों को सतर्क किया गया है। जल्द से जल्द बाघ को पकड़ा जाएगा। …………………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ में बाघ को देख पेड़ पर चढ़ा किसान:1 घंटे रेस्क्यू टीम का इंतजार किया, बोला- जान बच गई, अब बाग नहीं जाऊंगा लखनऊ के रहमानखेड़ा में आम के बाग में पानी लगा रहे किसान के सामने बाघ आ गया। घबराए किसान ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। करीब एक घंटे तक पेड़ पर बैठे रहने के बाद उसने गांव के लोगों को खबर दी। सूचना पाकर गांव के लोग बाग की ओर दौड़ पड़े। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ के रहमानखेड़ा जंगल और आसपास के 20 किमी एरिया में 59 दिनों से बाघ की दहशत है। टाइगर अब तक 17 शिकार कर चुका है। वन विभाग के एक्सपर्ट टीम की सारी कवायद फेल हो रही है। वन मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक रहमान खेड़ा आकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले चुके है, लेकिन फिर भी बाघ पकड़ से दूर है। करीब दो महीने से चल रहे ऑपरेशन में आधा दर्जन से ज्यादा एक्सपर्ट लगाए गए हैं। बाघ को पकड़ने के लिए ट्रेंकुलाइजर गन, गड्ढे, पिंजरे और बछड़ों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इन सब के बीच 50 से ज्यादा गांवों के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों की जिंदगी थम सी गई है। पहले जानते है स्थानीय लोगों ने क्या कहा… बच्चों की पढ़ाई प्रभावित दुगौली निवासी पवन यादव ने कहा-स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। घर पर पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती। परीक्षा नजदीक है, लेकिन बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। बाघ की दहशत से हर कोई परेशान सहिलामऊ निवासी होरी लाल ने कहा- खेती और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हैं। बाघ की दहशत से हर कोई परेशान है। वन विभाग को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए। सरसों और गेहूं की फसल चौपट मीठे नगर के रहने वाले बागवान राघवेंद्र मौर्य ने कहा- वन विभाग के प्रयास विफल हो रहे हैं। बाघ के चलते सरसों और गेहूं की फसल चौपट हो रही है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है। वन विभाग पर उठ रहे सवाल वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अफसरों को चेतावनी दी गई है कि अगर दो दिन में बाघ नहीं पकड़ा गया तो सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अधिकारी खुद सही योजना नहीं बना पा रहे, जबकि विशेषज्ञों की टीम भी निष्क्रिय दिखाई दे रही हैं। बाघ को जल्द पकड़ लेंगे DFO सितांशु पांडेय ने कहा- बाघ को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। ग्रामीणों को सतर्क किया गया है। जल्द से जल्द बाघ को पकड़ा जाएगा। …………………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ में बाघ को देख पेड़ पर चढ़ा किसान:1 घंटे रेस्क्यू टीम का इंतजार किया, बोला- जान बच गई, अब बाग नहीं जाऊंगा लखनऊ के रहमानखेड़ा में आम के बाग में पानी लगा रहे किसान के सामने बाघ आ गया। घबराए किसान ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। करीब एक घंटे तक पेड़ पर बैठे रहने के बाद उसने गांव के लोगों को खबर दी। सूचना पाकर गांव के लोग बाग की ओर दौड़ पड़े। यहां पढ़े पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिसार में इलेक्ट्रिक बस में मुफ्त यात्रा:सुबह 6 बजे से चलेंगी; 4 CCTV कैमरे, महिलाओं के लिए पैनिक बटन, स्क्रीन पर दिखेगा रूट-टाइम हिसार में गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहरवासियों को नई सौगात मिली है। शहर में पांच वातानुकूलित इलेक्ट्रिक सिटी बसों की सेवा शुरू की गई है, जिसमें यात्री एक सप्ताह तक मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रेवाड़ी में की, जिसके बाद हरियाणा रोडवेज के हिसार डिपो के जीएम मंगल सैन ने इसकी पुष्टि की। सुबह 6 बजे से यह बसें बस स्टैंड हिसार से चलेंगी। प्रदेश के खेल एवं युवा सशक्तिकरण मंत्री गौरव गौतम ने महाबीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह के बाद इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस दौरान उपायुक्त अनीश यादव, हरियाणा शहरी बस सर्विस लिमिटेड के एडिशनल सीईओ अशोक बंसल और बीजेपी जिलाध्यक्ष अशोक सैनी भी मौजूद रहे। इलेक्ट्रिक बस में 4 सीसीटीवी कैमरे यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक बस में 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष पैनिक बटन की व्यवस्था की गई है। बसों में तीन एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, जिन पर रूट और समय सारणी प्रदर्शित होगी। 45 यात्रियों की क्षमता वाली इन बसों में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए दो फायर एक्सटिंगिवीशर भी रखे गए हैं। हालांकि, रोडवेज कर्मचारियों ने प्राइवेट इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसों का विरोध किया है। उनकी मांग है कि शहर में सिर्फ रोडवेज की बसें ही चलाई जाएं। साथ ही, इन बसों में किसी भी तरह के सरकारी पास मान्य नहीं होंगे।
पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और फौज आमने-सामने!:जस्टिस मंसूर अली शाह नए चीफ जस्टिस बनेंगे, यही इमरान खान की उम्मीद हैं
पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और फौज आमने-सामने!:जस्टिस मंसूर अली शाह नए चीफ जस्टिस बनेंगे, यही इमरान खान की उम्मीद हैं क्रिकेटर और पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम तथा तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के फाउंडर इमरान खान इस वक्त रावलपिंडी की अडियाला जेल में कैद हैं। बीते रविवार की शाम को जब जेल बंद हो चुकी थी और उस वक्त किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी, उसी दौरान इमरान की ही पार्टी का एक लीडर भीतर जाता है। उसके हाथ में फौज का एक पैगाम था, जिसका लब्बोलुआब था- फौज से डील कर लीजिए, जेल के दरवाजे खुल जाएंगे। डील में उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा गया था। लेकिन खान ने पैगाम लाने वाले से साफ कह दिया, ‘उनसे कहो कि मैं नवाज शरीफ नहीं हूं। वो सत्ता के लिए उनसे सौदेबाजी कर सकते हैं, मैं ऐसा हरगिज नहीं करूंगा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स से उन्होंने मुझे जिस तरह से उठाया था, उस पर माफी तो उन्हें मुझसे मांगनी चाहिए।’
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने खान के खिलाफ आरोप मुल्तवी कर दिए हैं, लेकिन हुकूमत के वेश में फौज उनके खिलाफ नित नए इल्जाम लगा रही है। अब जेल के भीतर ही वे एक नए मुकदमे से रूबरू हो रहे हैं। यह अल-कादिर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर है। कुछ पत्रकारों को मुकदमे की रिपोर्टिंग करने के लिए जेल में भीतर जाने की इजाजत दी गई थी। खान ने इस मौके का फायदा उठाते हुए पत्रकारों के सामने एक बड़ा बयान दे दिया कि शहबाज शरीफ की हुकूमत दो महीने के भीतर गिर जाएगी। इसके बाद से रह-रहकर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इमरान खान के इतने भरोसे की वजह क्या है कि दो माह के भीतर मौजूदा हुकूमत गिर जाएगी? अब यहां तस्वीर में आती है सुप्रीम कोर्ट। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को हुक्म सुनाया कि पीटीआई को विधानसभाओं में औरतों और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों से गलत तरीके से महरूम किया गया है और ये सीटें पीटीआई को दी जानी चाहिए। अगर पीटीआई को ये सीटें मिल जाती हैं तो नेशनल असेंबली और पंजाब विधानसभा में नंबर गेम बदल जाएगा। पीटीआई बड़ी आसानी से अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ को हटा सकती है। अगर पंजाब में पीएमएल-एन की सरकार गिरती है तो उसके लिए केंद्र का हुकूमत में बने रहना मुश्किल हो जाएगा, जहां शहबाज शरीफ के पास साधारण बहुमत नहीं है। वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की मदद से वजीर-ए-आजम बने हैं।
लाहौर और इस्लामाबाद में इलेक्शन ट्रिब्यूनल्स ने पहले ही अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है और पीएमएल-एन नेशनल असेंबली की कम से कम 15 से 20 सीटें खो सकती है। चुनाव आयोग ने ये सीटें पीएमएल-एन को दीं, जो हकीकत में पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों द्वारा जीती गई थीं। लेकिन आरक्षित सीटों को लेकर शहबाज शरीफ हुकूमत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमलीजामा पहनाने के मूड में नहीं है। सवाल यह है कि वे इस फैसले को अमल में कब तक नहीं ला पाएंगे? पाकिस्तान के मौजूदा चीफ जस्टिस काजी फयाज इसा हैं, जो 25 अक्टूबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे। जस्टिस मंसूर अली शाह नए चीफ जस्टिस बनेंगे। यही इमरान खान की उम्मीद हैं, जो पाकिस्तान की असल ताकत यानी फौज की नहीं सुनने वाले हैं। जस्टिस मंसूर अली शाह ने 11 अगस्त रविवार को साफ कर दिया कि ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नजर-अंदाज करने का मतलब होगा संविधान को नजर-अंदाज करना।’ दीगर अल्फाज में कहें तो उन्होंने शहबाज शरीफ को इनडायरेक्टली आगाह कर दिया है कि अगर कोर्ट के हुक्म को अमल में नहीं लाया जाता है तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इससे पहले साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट के हुक्म का पालन नहीं करने पर तब के वजीर-ए-आजम यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य ठहरा दिया गया था। तारीख (इतिहास) फिर से खुद को दोहरा सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट के हुक्म लागू नहीं किए गए तो पाकिस्तान अराजकता की ओर बढ़ सकता है। हाल ही में बांग्लादेश में जो कुछ हमने देखा, पाकिस्तान में उसका दोहराव हो सकता है। पीटीआई ने सितंबर में अडियाला जेल की ओर एक लंबा मार्च निकालने का ऐलान किया है। बेहतर होगा कि मसलों को सड़कों पर नहीं, अदालतों में सुलझाया जाए।
मथुरा में युवक की गोली मारकर हत्या:छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर वारदात, हत्यारे फरार
मथुरा में युवक की गोली मारकर हत्या:छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर वारदात, हत्यारे फरार मथुरा के थाना छाता इलाके में मंगलवार देर रात अज्ञात बदमाशों ने बाइक सवार युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर हुई वारदात के बाद इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। पेप्सी फैक्ट्री में युवक करता था काम
छाता कस्बे का रहने वाला प्रेम सिंह दिल्ली कोलकाता नेशनल हाइवे पर बनी पेप्सी फैक्ट्री में काम करता था। देर रात वह अपने साथी युवक के साथ बाइक से वापस अपने घर आ रहा था। प्रेम सिंह और उसका साथी छाता कस्बे से करीब 500 मीटर पहले पहुंचे कि तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने गोली मार दी। नकाबपोश हत्यारों ने दिया वारदात को अंजाम
हाईवे पर तोमर होटल के समीप हुई प्रेम सिंह और उसके साथी पहुंचे थे। प्रेम सिंह पीछे बैठे थे जबकि साथी बाइक चला रहा था। इसी दौरान पीछे से दो अज्ञात बाइक सवार जिन्होंने मुंह ढका हुआ था आए और प्रेम सिंह को गोली मार दी। गोली लगने से प्रेम सिंह मौके पर ही गिर गया। मौके पर पहुंची पुलिस
वारदात की जानकारी प्रेम सिंह के साथी ने पुलिस को दी। मौके पर भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तत्काल प्रेम सिंह को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। खुलासे के लिए लगाई टीम
वारदात की जानकारी मिलते ही एसएसपी शैलेश पांडे भी मौके पर पहुंच गए। एसएसपी ने वारदात स्थल का निरीक्षण किया और खुलासे के लिए टीमों को लगा दिया। एसएसपी ने बताया कि हत्या के पीछे क्या कारण रहे अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। परिवार ने कोई तहरीर भी नहीं दी है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को देखा जा रहा है इसके अलावा मोहल्ले और परिवार के लोगों से भी बात की जा रही है।