राहुल गांधी के ‘लंगड़े घोड़े’ वाले बयान पर भड़के ज्योतिरादित्य सिंधिया, कहा- ‘गाली-गलौज’ की भाषा…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Jyotiraditya Scindia On Rahul Gandhi:</strong> केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिव्यांगजनों को कथित तौर पर अपमानित करने वाला शब्द इस्तेमाल करने के लिए गुरुवार (5 जून) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार (3 जून) को भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनके लिए ‘रेस का घोड़ा’, ‘बारात का घोड़ा’ और ‘लंगड़े घोड़े’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में नई जान फूंकने के संदर्भ में यह उदाहरण दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं अब राहुल गांधी का नाम लिए बिना ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोग ऐसे स्वागत योग्य बदलावों के लिए प्रधानमंत्री का सम्मान करने के बजाय ‘गाली-गलौज’ की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’इनके पास भगवान का खास आशीर्वाद'</strong><br />ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “मैं ऐसी गालियों का इस्तेमाल करने वालों को समझाना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकलांग’ शब्द को बदल दिया और दिव्यांगों के लिए ‘दिव्यांगजन’ शब्द गढ़ा. इसका अर्थ है जिनके पास भगवान का विशेष आशीर्वाद है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अमर्यादित भाषा का कर रहे इस्तेमाल'</strong><br />सिंधिया ने कहा कि दिव्यांगजनों का सम्मान करने के बजाय वे अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग किस हद तक जा सकते हैं, यह हमारे लिए अकल्पनीय है. सिंधिया ने सवाल किया कि क्या यह दिव्यांगजनों का अपमान नहीं है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा केंद्रीय संचार मंत्री सिंधिया ने यह भी कहा कि स्टारलिंक जैसी संस्थाओं को लाइसेंस देने से उन क्षेत्रों के लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी मिलेगी, जहां टावर लगाना और केबल बिछाना मुश्किल है. उन्होंने कहा, “स्टारलिंक उपग्रह कनेक्टिविटी का नेतृत्व करेगा. पहले फिक्स्ड लाइन हुआ करती थी. आज मोबाइल, ब्रॉडबैंड और ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी है. इसके साथ ही सैटेलाइट कनेक्टिविटी भी जरूरी है, क्योंकि दूरदराज के इलाकों में जहां तार और टावर नहीं पहुंच सकते, वहां कनेक्टिविटी सैटेलाइट के जरिए ही हो सकेगी.”</p>