नगीना सांसद चंद्रशेखर ने महाकुंभ में भगदड़ को लेकर सरकार पर निशाना साधा। कहा- प्रयागराज में जहां महाकुंभ हो रहा है, वहां भगदड़ मच गई। कई लोगों की जान चली गई। ये हादसा नहीं हत्या है। हत्याओं की दोषी सरकार है। गरीबों की लाशों को देख कर हंस रही है। चंद्रशेखर ने कहा, मैंने कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी जिनका मन साफ है उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सरकार बुला रही थी कि आ जाओ महाकुंभ में अमृत वर्षा हो रही है। जब गरीब महाकुंभ पहुंचे, तो उनकी जान को बचा नहीं पाए। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रचार के दौरान ये बातें कही। पढ़िए चंद्रशेखर आजाद के बड़े बयान… 1. सरकार की इच्छाशक्ति हालात बदलने की नहीं
आज वर्तमान सरकार की इच्छाशक्ति हालात बदलने की नहीं है। मिल्कीपुर में 60-70% मकान कच्चे हैं। यह किसकी देन है, किसकी सरकार है। 7 साल से मुख्यमंत्री कौन है, इससे पहले कितने मुख्यमंत्री आए। जिन्होंने आजादी के इतने साल बाद भी आपके भूखे पेट नहीं देखें। आपके कच्चे मकान नहीं देखें। रोटी-रोटी के लिए मोहताज नहीं देखा, दवाओं के लिए मरते नहीं देखा। उनको क्या फर्क पड़ता है कि आप जियो या फिर मरो। 2. मजदूरी करने मुख्य धारा से नहीं जुड़ सकते
जो स्थिति है, हमें नहीं लगता कि आने वाले 10 साल बाद कोई सरकारी नौकरी रहेगी। 400-500 रुपए की नौकरी करके मुख्यधारा में नहीं आ सकते है। घर बनाने में जूते घिस गए हैं। मुख्यधारा में आने के लिए आपको रोजगार चाहिए, पक्की नौकरी चाहिए। लोन चाहिए ताकि आप लोग उद्योग धंधे लगा सकें। आज सरकारी स्कूल में गरीबों के बच्चे पढ़ रहे हैं। जबकि अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकार गरीबों को आगे बढ़ने के सारे रास्ते बंद कर रही है। 3. आज महामंडलेश्वर ने सच खोला
जब मैं बोल रहा था, तब किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज महामंडलेश्वर बोल रहे हैं कि प्रशासन के निकम्मेपन की वजह से महाकुंभ में इतना बड़ा हादसा हुआ है। सरकार के निकम्मेपन की वजह से यह हुआ है। महाकुंभ में हत्या हुई है, उनकी हत्याओं की दोषी सरकार है। क्योंकि जो कुंभ नहाने गए उनके बच्चे चले गए, उनके परिवार के सदस्य चले गए। जिसकी जिम्मेदार सरकार है। बहुत सारे लोग घायल है, दवाएं नहीं है। मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए मीडिया और पुलिस प्रशासन को डांट रहे है। हमें लगता था कि 12 साल बाद जब प्रयागराज का नाम बदल दिया था, तब हालात बदल गए होंगे। लेकिन, यह सत्य नहीं है। क्योंकि नाम बदलने से हालात नहीं बदलते। इच्छा शक्ति से हालात बदले जा सकते है। महाकुंभ भगदड़ में 30 की मौत
प्रयागराज महाकुंभ के संगम तट पर मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की है। 90 से ज्यादा घायल हैं। भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या का स्नान करने का इंतजार कर रहे थे। यह हादसा क्यों हुआ इसकी वजह सामने नहीं आई है। उधर, अब तक राज्य सरकार ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… सरकार ने 17 घंटे बाद माना 30 की मौत हुई:25 की पहचान हुई, 90 घायल; भास्कर ने सबसे पहले बताया था मौत का आंकड़ा प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या अब तक 35 से 40 हो चुकी है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। DIG महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने कहा- भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, इनमें 25 की शिनाख्त हो चुकी है। 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। (पढ़ें पूरी खबर) नगीना सांसद चंद्रशेखर ने महाकुंभ में भगदड़ को लेकर सरकार पर निशाना साधा। कहा- प्रयागराज में जहां महाकुंभ हो रहा है, वहां भगदड़ मच गई। कई लोगों की जान चली गई। ये हादसा नहीं हत्या है। हत्याओं की दोषी सरकार है। गरीबों की लाशों को देख कर हंस रही है। चंद्रशेखर ने कहा, मैंने कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी जिनका मन साफ है उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सरकार बुला रही थी कि आ जाओ महाकुंभ में अमृत वर्षा हो रही है। जब गरीब महाकुंभ पहुंचे, तो उनकी जान को बचा नहीं पाए। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रचार के दौरान ये बातें कही। पढ़िए चंद्रशेखर आजाद के बड़े बयान… 1. सरकार की इच्छाशक्ति हालात बदलने की नहीं
आज वर्तमान सरकार की इच्छाशक्ति हालात बदलने की नहीं है। मिल्कीपुर में 60-70% मकान कच्चे हैं। यह किसकी देन है, किसकी सरकार है। 7 साल से मुख्यमंत्री कौन है, इससे पहले कितने मुख्यमंत्री आए। जिन्होंने आजादी के इतने साल बाद भी आपके भूखे पेट नहीं देखें। आपके कच्चे मकान नहीं देखें। रोटी-रोटी के लिए मोहताज नहीं देखा, दवाओं के लिए मरते नहीं देखा। उनको क्या फर्क पड़ता है कि आप जियो या फिर मरो। 2. मजदूरी करने मुख्य धारा से नहीं जुड़ सकते
जो स्थिति है, हमें नहीं लगता कि आने वाले 10 साल बाद कोई सरकारी नौकरी रहेगी। 400-500 रुपए की नौकरी करके मुख्यधारा में नहीं आ सकते है। घर बनाने में जूते घिस गए हैं। मुख्यधारा में आने के लिए आपको रोजगार चाहिए, पक्की नौकरी चाहिए। लोन चाहिए ताकि आप लोग उद्योग धंधे लगा सकें। आज सरकारी स्कूल में गरीबों के बच्चे पढ़ रहे हैं। जबकि अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकार गरीबों को आगे बढ़ने के सारे रास्ते बंद कर रही है। 3. आज महामंडलेश्वर ने सच खोला
जब मैं बोल रहा था, तब किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज महामंडलेश्वर बोल रहे हैं कि प्रशासन के निकम्मेपन की वजह से महाकुंभ में इतना बड़ा हादसा हुआ है। सरकार के निकम्मेपन की वजह से यह हुआ है। महाकुंभ में हत्या हुई है, उनकी हत्याओं की दोषी सरकार है। क्योंकि जो कुंभ नहाने गए उनके बच्चे चले गए, उनके परिवार के सदस्य चले गए। जिसकी जिम्मेदार सरकार है। बहुत सारे लोग घायल है, दवाएं नहीं है। मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए मीडिया और पुलिस प्रशासन को डांट रहे है। हमें लगता था कि 12 साल बाद जब प्रयागराज का नाम बदल दिया था, तब हालात बदल गए होंगे। लेकिन, यह सत्य नहीं है। क्योंकि नाम बदलने से हालात नहीं बदलते। इच्छा शक्ति से हालात बदले जा सकते है। महाकुंभ भगदड़ में 30 की मौत
प्रयागराज महाकुंभ के संगम तट पर मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की है। 90 से ज्यादा घायल हैं। भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या का स्नान करने का इंतजार कर रहे थे। यह हादसा क्यों हुआ इसकी वजह सामने नहीं आई है। उधर, अब तक राज्य सरकार ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ………………………… ये खबर भी पढ़िए… सरकार ने 17 घंटे बाद माना 30 की मौत हुई:25 की पहचान हुई, 90 घायल; भास्कर ने सबसे पहले बताया था मौत का आंकड़ा प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या अब तक 35 से 40 हो चुकी है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। DIG महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने कहा- भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, इनमें 25 की शिनाख्त हो चुकी है। 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर