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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं पर मेहरबान हुई सरकार, चुनाव से पहले कर दिया ये बड़ा एलान
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं पर मेहरबान हुई सरकार, चुनाव से पहले कर दिया ये बड़ा एलान <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Sugar Mill News:</strong> महाराष्ट्र के सहकारिता विभाग ने ‘मार्जिन फंड’ लाभार्थियों की अपनी सूची से विपक्षी नेताओं से जुड़ी पांच सहकारी चीनी मिलों के नाम हटा दिए हैं. राज्य सरकार ने इनके स्थान पर सत्तारूढ़ बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं से जुड़ी पांच चीनी मिलों को 487 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह निर्णय लोकसभा चुनाव परिणामों के तुरंत बाद आयोजित कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया.शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी का सत्तारूढ़ गठबंधन महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से केवल 17 सीटें ही जीत सका. जबकि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने 31 सीटें हासिल करके बेहतर प्रदर्शन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने सूची में संशोधन करते हुए उन चीनी मिलों के नाम हटा दिए हैं, जिन पर विपक्षी नेताओं का नियंत्रण है, और इन्होंने चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन नहीं किया था. उनके स्थान पर पांच अन्य चीनी मिलों को मदद देने की घोषणा की गई जिनका संबंध सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति से है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूची में शामिल की गई पांच नयी चीनी मिलों में : लातूर जिले की औसा तहसील में शेतकारी सहकारी साखर कारखाना, सांगली जिले में विश्वासराव नाइक सहकारी चीनी मिल, सांगली में पद्मभूषण क्रांतिवीर डॉ नागनाथ नायकवादी हुतात्मा किसान अहीर सहकारी चीनी मिल, अहमदनगर जिले की श्रीरामपुर तहसील में अशोक सहकारी चीनी मिल और सोलापुर जिले की पंढरपुर तहसील में श्री विट्ठल सहकारी चीनी मिल शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>’मार्जिन मनी फंड’ का वितरण महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा किया जाएगा. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले राज्य सरकार ने कई सहकारी चीनी मिलों को 2,265 करोड़ रुपये का ‘मार्जिन फंड’ उपलब्ध कराने के लिए अपनी गारंटी की पेशकश की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इनमें से कुछ चीनी मिलों पर विपक्षी दलों के विधायकों और नेताओं का नियंत्रण था. विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनके नेताओं को सत्ताधारी दल के साथ मिलाने का प्रयास है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संशोधित सूची के अनुसार, बीजेपी विधायक अभिमन्यु पवार के नियंत्रण वाली लातूर स्थित चीनी मिल को 18.84 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. जबकि उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के नियंत्रण वाली सांगली की एक चीनी मिल को 121 करोड़ रुपये मिलने वाले हैं. राज्य सरकार को प्राप्त समर्थन से संकेत मिलता है कि सांगली में एक मिल को नियंत्रित करने वाले वैभव नायकवाड़ी बीजेपी या अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को समर्थन देने का विकल्प चुन सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले से ही चार चीनी मिलों पर नियंत्रण रखने वाले अभिजीत पाटिल ने हाल ही में सोलापुर जिले के पंढरपुर तहसील में श्री विट्ठल सहकारी चीनी मिल पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और उन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी जताई हैं. मार्जिन फंड एक प्रकार का अल्पकालिक ऋण सुविधा होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर मुंबई में भड़का सिख समुदाय, कहा- ‘रिलीज पर…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-sikh-community-demands-ban-on-kangana-ranaut-film-emergency-in-maharashtra-ann-2771141″ target=”_blank” rel=”noopener”>कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर मुंबई में भड़का सिख समुदाय, कहा- ‘रिलीज पर…'</a></strong></p>
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पानीपत में सौतेले पिता ने नाबालिग को बनाया गर्भवती:लड़की के गर्भ में 3 माह का बच्चा, मां को घटना बताने पर हुई पिटाई हरियाणा के पानीपत के एक गांव की 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ उसके सौतेले पिता ने रेप किया। आरोपी लंबे समय तक किशोरी को अपना हवस शिकार बनाता रहा। अब लड़की के पेट में दर्द हुआ तो उसने अपनी मां को घटना के बारे में बताया। मां ने जब पति से पूछा तो वह आपा खो बैठा। गुस्से में आकर उसने बेटी को पीटना शुरू कर दिया। आरोपी ने लड़की की आंख पर मुक्का मारा। नीचे गिरे उसके हाथ पर लात मारी। किसी तरह मां ने बेटी को उसके चंगुल से छुड़ाया और सिविल अस्पताल ले गई। यहां जांच के दौरान पता चला कि लड़की 3 महीने की गर्भवती है। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी काफी समय से कर रहा है रेप जानकारी देते हुए महिला ने बताया कि उसके पति का कई साल पहले निधन हो चुका है। करीब 13 साल पहले उसकी दूसरी शादी हुई थी। पहली शादी से उसकी 15 साल की बेटी है। जबकि दूसरी शादी से उसकी 3 बेटियां हैं। वह पानीपत के एक गांव में रहती है। वह यहां ईंट भट्टे पर काम करती है। करीब 4 दिन पहले उसकी बड़ी बेटी ने उसे बताया था कि उसका पिता उसके साथ गलत काम करता है। इस बारे में पता चलने पर उसने अपने पति से बात की। पति भड़क गया और उस समय भी उसने अपनी बेटी की पिटाई कर दी। रविवार को पति ने उसे खूब पीटा। जिसके बाद उसे सिविल अस्पताल लाया गया। जहां पता चला कि वह गर्भवती है। वहीं पीड़िता ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका सौतेला पिता पिछले कई सालों से उसे डरा धमका कर रेप कर रहा है।
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दिल्ली में EWS कोटे से निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए आय सीमा में वृद्धि के LG ने दिए निर्देश, क्या है वजह? <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> को जोर देकर कहा कि दिल्ली में निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत प्रवेश के लिए वार्षिक आय सीमा को मौजूदा एक लाख रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक कोर्ट केस में लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा का मुद्दा दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. सक्सेना ने फ़ाइल पर अपनी टिप्पणी में कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित आय सीमा अवास्तविक और प्रतिबंधात्मक है. उन्होंने बताया कि वर्तमान आय सीमा, जहां न्यूनतम वेतन पाने वाला भी सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक कमा रहा है, हजारों जरूरतमंद बच्चों को ईडब्ल्यूएस योजना के तहत लाभ पाने से वंचित कर सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल ने यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के लिए निर्धारित आय सीमा आठ लाख रुपये है और अदालत ने भी पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार से इस सीमा को कम से कम ढाई लाख रुपये तक बढ़ाने का निर्देश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वीके सक्सेना ने सुझाव दिया कि आदर्श रूप से आय सीमा आठ लाख रुपये प्रतिवर्ष होनी चाहिए, क्योंकि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर लाभ पाने वाले छात्र ही आगे उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ते हैं. इसलिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आय सीमा को कम से कम पांच लाख रुपये निर्धारित किया जाना चाहिए. उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि अदालत में फ़ाइल पर उनके द्वारा लिखी गई राय दर्ज की जाए. आज मामले की सुनवाई हुई और इसे अगली तारीख 4 दिसंबर, 2024 के लिए स्थगित कर दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:<a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-pollution-lg-vinai-kumar-saxena-approves-deployment-of-civil-defence-volunteers-ann-2822569″> दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद, LG ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की तैनाती को दी मंजूरी</a></strong></p>