हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की चर्चाएं तेज हो गई है। कांग्रेस का एक धड़ा प्रतिभा सिंह को हटाना चाह रहा है, जबकि हॉली-लॉज में आस्था रखने वाले नेता प्रतिभा सिंह को कंटीन्यू अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं। प्रतिभा सिंह का अध्यक्ष के तौर पर 3 साल का कार्यकाल 25 अप्रैल 2025 में पूरा हो रहा है। इसलिए सियासी गलियारों में उन्हें बदलने की ज्यादा हलचल नजर आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दिल्ली में बीते कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात ने इन चर्चाओं को बल दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बड़ा फेरबदल माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हिमाचल में नया संगठन बनेगा। नया संगठन बनाने से पहले हाईकमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला ले सकती है, यह प्रतिभा सिंह को कंटीन्यू करने और बदलने से जुड़ा हो सकता है। प्रतिभा को हटाना वीरभद्र की लीगेसी को चुनौती देने जैसा राजनीति के जानकार बताते हैं कि हाईकमान के लिए प्रतिभा को हटाने का फैसला लेना आसान नहीं होगा, क्योंकि प्रतिभा को बदलने का मतलब सीधे तौर पर वीरभद्र सिंह की लीगेसी को चुनौती देने जैसे होगा। ऐसे में हाईकमान सोच समझकर निर्णय लेगी, क्योंकि 26 अप्रैल 2022 में हाईकमान ने ही ‘वीरभद्र कार्ड’ खेलते हुए प्रतिभा को अध्यक्ष बनाया था। सुक्खू खेमा अवस्थी को अध्यक्ष बनाना चाह रहा पार्टी सूत्र बताते हैं कि सुक्खू खेमा अर्की से विधायक संजय अवस्थी का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे कर रहा है। संजय अवस्थी पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। अवस्थी पर सहमति नहीं बनती तो मंत्री रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध में से भी किसी एक का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे किया जा सकता है। इसके लिए एक मंत्री को कैबिनेट से ड्रॉप करना करना होगा। हाईकमान की पसंद कुलदीप राठौर वहीं अध्यक्ष पद के लिए हाईकमान में कुछ शीर्ष नेताओं की पसंद कुलदीप राठौर है। राठौर पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके है और वर्तमान में ठियोग के विधायक है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी हाईकमान ऐसा अध्यक्ष चाह रहा है जो सरकार पर लगाम लगा सके। इसके लिए हाईकमान राठौर को सबसे बेहतर विकल्प मान रहा है। कुलदीप राठौर को सुक्खू कैंप का विरोधी माना जाता है। CM सुक्खू को अध्यक्ष बनाने के लिए इसलिए फ्री-हैंड नहीं दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में पूर्व में जब-जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे हैं तो उनके CM रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष की कमान हमेशा विरोधी खेमा के नेता के पास रही है। इनमें विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर और सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल रहे हैं। हाईकमान ऐसा इसलिए करता है ताकि एक ही गुट के स्थापित नेता मनमानी न कर सके। इस वजह से राठौर का नाम ज्यादा चर्चा में है और मुख्यमंत्री की पसंद के नेता का अध्यक्ष बनने पर संशय है। 85 दिन से बिना संगठन के कांग्रेस फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस 85 दिन से बगैर कार्यकारिणी के है। इस वक्त प्रदेश में इकलौती प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। बाकी पूरी राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी खड़गे ने भंग कर रखी है। इस वजह से कांग्रेस नेता ढाई महीने से अधिक समय से नए संगठन में पदों के लिए लॉबिंग में जुटे हैं। सीएम सुक्खू से पहले प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री और दूसरे कांग्रेस नेता भी बीते दो महीने से बारी बारी हाईकमान से जाकर मिल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की चर्चाएं तेज हो गई है। कांग्रेस का एक धड़ा प्रतिभा सिंह को हटाना चाह रहा है, जबकि हॉली-लॉज में आस्था रखने वाले नेता प्रतिभा सिंह को कंटीन्यू अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं। प्रतिभा सिंह का अध्यक्ष के तौर पर 3 साल का कार्यकाल 25 अप्रैल 2025 में पूरा हो रहा है। इसलिए सियासी गलियारों में उन्हें बदलने की ज्यादा हलचल नजर आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दिल्ली में बीते कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात ने इन चर्चाओं को बल दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बड़ा फेरबदल माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हिमाचल में नया संगठन बनेगा। नया संगठन बनाने से पहले हाईकमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला ले सकती है, यह प्रतिभा सिंह को कंटीन्यू करने और बदलने से जुड़ा हो सकता है। प्रतिभा को हटाना वीरभद्र की लीगेसी को चुनौती देने जैसा राजनीति के जानकार बताते हैं कि हाईकमान के लिए प्रतिभा को हटाने का फैसला लेना आसान नहीं होगा, क्योंकि प्रतिभा को बदलने का मतलब सीधे तौर पर वीरभद्र सिंह की लीगेसी को चुनौती देने जैसे होगा। ऐसे में हाईकमान सोच समझकर निर्णय लेगी, क्योंकि 26 अप्रैल 2022 में हाईकमान ने ही ‘वीरभद्र कार्ड’ खेलते हुए प्रतिभा को अध्यक्ष बनाया था। सुक्खू खेमा अवस्थी को अध्यक्ष बनाना चाह रहा पार्टी सूत्र बताते हैं कि सुक्खू खेमा अर्की से विधायक संजय अवस्थी का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे कर रहा है। संजय अवस्थी पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। अवस्थी पर सहमति नहीं बनती तो मंत्री रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध में से भी किसी एक का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे किया जा सकता है। इसके लिए एक मंत्री को कैबिनेट से ड्रॉप करना करना होगा। हाईकमान की पसंद कुलदीप राठौर वहीं अध्यक्ष पद के लिए हाईकमान में कुछ शीर्ष नेताओं की पसंद कुलदीप राठौर है। राठौर पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके है और वर्तमान में ठियोग के विधायक है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी हाईकमान ऐसा अध्यक्ष चाह रहा है जो सरकार पर लगाम लगा सके। इसके लिए हाईकमान राठौर को सबसे बेहतर विकल्प मान रहा है। कुलदीप राठौर को सुक्खू कैंप का विरोधी माना जाता है। CM सुक्खू को अध्यक्ष बनाने के लिए इसलिए फ्री-हैंड नहीं दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में पूर्व में जब-जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे हैं तो उनके CM रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष की कमान हमेशा विरोधी खेमा के नेता के पास रही है। इनमें विद्या स्टोक्स, कौल सिंह ठाकुर और सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल रहे हैं। हाईकमान ऐसा इसलिए करता है ताकि एक ही गुट के स्थापित नेता मनमानी न कर सके। इस वजह से राठौर का नाम ज्यादा चर्चा में है और मुख्यमंत्री की पसंद के नेता का अध्यक्ष बनने पर संशय है। 85 दिन से बिना संगठन के कांग्रेस फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस 85 दिन से बगैर कार्यकारिणी के है। इस वक्त प्रदेश में इकलौती प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। बाकी पूरी राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी खड़गे ने भंग कर रखी है। इस वजह से कांग्रेस नेता ढाई महीने से अधिक समय से नए संगठन में पदों के लिए लॉबिंग में जुटे हैं। सीएम सुक्खू से पहले प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री और दूसरे कांग्रेस नेता भी बीते दो महीने से बारी बारी हाईकमान से जाकर मिल रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के CM और डिप्टी सीएम धरने पर बैठे:विधानसभा के बाहर प्रदर्शन, अमित शाह पर भड़की कांग्रेस; सुक्खू बोले-अंबेडकर का अपमान सहन नहीं हिमाचल कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर धरना दिया। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी शामिल हुए। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया और देश के गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को शर्मनाक बताते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि BJP ने भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों को हटाकर उनकी जगह अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के चित्र का इस्तेमाल किया। यह संविधान निर्माता का अपमान और उपहास है। इसके विरोध में देशभर में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। सत्ता के नशे में चूर हुए अमित शाह: पठानिया कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने केंद्रीय गृह मंत्री के वक्तंव्य की कांग्रेस निंदा करती है। उन्होंने कहा, अमित शाह सत्ता के नशे में इतना चूर हो गए कि देश को संविधान देकर चलना सिखाने वाले बाबा साहब का अपमान कर डाला। यही बीजेपी का असली चेहरा: सुरेश कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस पहले भी दलितों के खिलाफ थी और आज भी खिलाफ है। यही बीजेपी का असली चेहरा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि संविधान निर्माता का कांग्रेस अपमान नहीं सहेगे। इसके विरोध में आज विधानसभा के बाहर सांकेतिक धरना दिया है। संसद में अमित शाह के दिए बयान पर मचा बवाल बता दें कि, संसद में भारत के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, अभी एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस बयान पर देशभर में बवाल मच गया है और कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। हिमाचल कांग्रेस विधायक दल ने भी इसे लेकर अमित शाह पर हमला बोला।
नीरज चोपड़ा-हिमानी की शादी के रोचक किस्से:दुल्हन फैमिली ने रिबन कटाई, सीटने की रस्म नहीं की; जूते छुपाई में सिर्फ ₹1 लिया
नीरज चोपड़ा-हिमानी की शादी के रोचक किस्से:दुल्हन फैमिली ने रिबन कटाई, सीटने की रस्म नहीं की; जूते छुपाई में सिर्फ ₹1 लिया हरियाणा के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा से टेनिस प्लेयर बेटी हिमानी मोर की शादी को लेकर उनकी मां मीना मोर ने कई रोचक किस्से बताए हैं। उन्होंने बताया कि शादी में रिबन कटाई की रस्म नहीं की गई। दूल्हा बने नीरज के जूते छुपाने की रस्म भी हुई लेकिन सिर्फ 1 रुपए में लौटा दिए गए। फेरों के वक्त गालियों की रस्म भी नहीं निभाई गई। उन्होंने बेटी के टेनिस के प्रति समर्पण को लेकर कहा कि 100 डिग्री बुखार में भी वह टूर्नामेंट खेलती रही। उन्होंने कहा कि नीरज के परिवार ने पहले ही दहेज को लेकर इनकार कर दिया था, इस वजह से किसी बड़ी खरीदारी की भी जरूरत नहीं पड़ी। बता दें कि नीरज चोपड़ा ने 14 से 16 जनवरी के बीच हिमाचल के सोलन के रिसॉर्ट में सीक्रेट तौर पर शादी की। नीरज ने जब 19 जनवरी को सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालीं तो इसके बारे में पता चला। नीरज पानीपत के रहने वाले हैं जबकि उनकी दुल्हन बनीं हिमानी मोर सोनीपत की हैं। शादी के बाद दोनों अमेरिका चले गए। उनके वापस लौटने पर रिसेप्शन पार्टी रखी जाएगी। नीरज चोपड़ा की शादी की अब तक 4 फोटो सामने आईं दैनिक भास्कर से बातचीत में मीना मोर की 6 अहम बातें 1. सिर्फ 1 रुपए का भात भरा
मीना मोर ने कहा- शादी के दौरान मामा के द्वारा भात भरने की रस्म की गई। इस दौरान हमारे परिवार ने 1 रुपए का भात भरा। भात में हिमानी के तीन मामा पहुंचे थे। जिनमें करनाल में साइंटिस्ट सुरेश राणा भी शामिल रहे। भात के दौरान उनके परिवार के कुल 7 सदस्य शामिल हुए थे। 2. आरता में भी एक रुपए लिया
नीरज चोपड़ा जब गेट पर पहुंचे तो हिमानी मोर की बहनों ने आरता (आरती) की रस्म को भी बहुत साधारण तरीके से निभाया। शगुन की राशि के रूप में केवल एक रुपए ही लिया। दूल्हे नीरज चोपड़ा के स्वागत में हिमानी के मामा की लड़की और नीरज की बड़ी विवाहित साली सीमा ने आरता किया। 3.सालियों ने नीरज चोपड़ा के जूते छिपाए
शादी के दौरान नीरज चोपड़ा जैसे ही फेरों पर गए तो सालियों ने जूता छुपाने की रस्म निभाई। इस रस्म में हिमानी की बहनों ने रस्म निभाने के साथ शगुन का एक रुपए लेकर अपने जीजा नीरज चोपड़ा को जूते दिए । 4. रिबन कटाई, सीटने की रस्म भी नहीं की
मीना मोर ने बताया- उनके परिवार की सभी को जोड़ने की विचारधारा है। हम रिबन काटने में विश्वास नहीं रखते। इसलिए जब बारात आई तो रिबन कटाई की रस्म नहीं निभाई। मीना मोर ने कहा- हरियाणवी संस्कृति में फेरों के दौरान लड़की पक्ष की तरफ से सीटने (फेरों के दौरान मजाकिया अंदाज में गालियां ) दिए जाते हैं। मगर, हम आर्य समाजी लोग हैं। इस वजह से नीरज-हिमानी की शादी में सीटने नहीं दिए। इसकी जगह आर्य समाजी गीत गाए गए थे। टीके की रस्म भी नहीं की गई। 5. कम समय में शादी करने में भी नहीं आई परेशानी
मीना मोर ने कहा- भले ही शादी के लिए कम समय मिला, लेकिन ज्यादा दिक्कत नहीं आई। असल में नीरज के परिवार ने पहले ही कह दिया गया था कि किसी प्रकार का कोई लेन-देन नहीं किया जाएगा। कोई दहेज नहीं देना था इसलिए ज्यादा खरीदारी की जरूरत भी नहीं पड़ी। नीरज के परिवार ने लड़की पक्ष होने जैसा महसूस नहीं होने दिया। मिलजुल कर एक साथ हर रीति रिवाज को पूरा किया। फोटोग्राफर भी सभी नीरज की तरफ से बुलाए गए थे। नीरज चोपड़ा-हिमानी की शादी गुपचुप कैसे हुए, 5 पॉइंट्स में पढ़ें… 1. की-पैड मोबाइल वाला पंडित ढूंढा, नीरज को नहीं जानता था
नीरज के चाचा सुरेंद्र चोपड़ा ने बताया कि हम ऐसे पंडित की तलाश में थे, जो नीरज को न पहचानता हो। इसलिए पंडित ढूंढते समय मोबाइल में नीरज की फोटो दिखाई गई थी। ज्यादातर पंडित नीरज को जानते थे, इसलिए उन्हें शादी में बुलाने पर कार्यक्रम की बात लीक हो सकती थी। इसके बाद ऐसा पंडित मिला, जो नीरज को नहीं जानता था। उसके पास फोन भी की-पैड वाला था। 2. एजेंसी ने हाथ खड़े किए तो परिवार ने सारा अरेंजमेंट किया
नीरज की इच्छा देश में ही शादी करने की थी। इसके लिए वेडिंग एजेंसी से बात की। एजेंसी ने हमारे आगे 2 बातें रखीं। उन्होंने कहा कि सीक्रेट शादी करनी है तो विदेश में करो। देश में शादी कराने के वह डेली 2 करोड़ रुपए लेंगे। मगर, नीरज विदेश में शादी के इच्छुक नहीं थे। इसलिए हमने खुद ही सीक्रेट शादी का अरेंजमेंट किया। 3. फोटोग्राफर साउथ से बुलवाए, सबके मोबाइल जमा कराए
नीरज के परिवार ने शादी के लिए साउथ इंडिया से प्रोफेशनल फोटोग्राफर बुलाए। ऐसा इसलिए ताकि उनका हरियाणा में कोई लिंक न हो और शादी का कोई फोटो–वीडियो लीक न हो। इसके बाद दोनों परिवारों को चंडीगढ़ के नजदीक होटल में इकट्ठा किया गया। जहां दोनों परिवारों के साथ फोटोग्राफरों के भी मोबाइल जमा करा लिए गए। 4. लग्जरी रिसॉर्ट के CCTV कैमरों पर टेप, मोबाइल जमा किए
जब परिवार शादी के लिए हिमाचल के सोलन जिले में कुमारहट्टी के साथ लगते गांधीग्राम में बने सूर्य विलास लग्जरी रिसॉर्ट में पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि शादी की बात बाहर नहीं जानी चाहिए। इसके बाद रिसॉर्ट के कैमरों पर CCTV लगा दिए गए। स्टाफ के मोबाइल जमा करा दिए गए। 5. ससुराल आई हिमानी, पड़ोसियों को भनक नहीं
शादी के बाद नीरज दुल्हन को विदा कर अपने घर पानीपत के खंडरा गांव स्थित चोपड़ा निवास में लाया। यहां हिमानी करीब 14 घंटे रही। इस दौरान अंगूठी ढूंढने की रस्म और पितरों की पूजा की गई। मगर, पड़ोसियों तक को इसकी भनक नहीं लगी।
शिमला में बुजुर्ग ने किया नाबालिग पोती का रेप:खाना बनाने गई थी दादा के साथ, खुलासे के बाद घर छोड़कर भागा आरोपी
शिमला में बुजुर्ग ने किया नाबालिग पोती का रेप:खाना बनाने गई थी दादा के साथ, खुलासे के बाद घर छोड़कर भागा आरोपी हिमाचल के शिमला में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग ने अपनी ही पोती का रेप कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। नाबालिग पोती की उम्र महज 15 साल है। घटना के बाद पीड़िता ने अपने पिता को आपबीती सुनाई, जिसके बाद पिता ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। आरोपी के बेटे ने लोक लाज के भय से कुछ दिन चुप रहा लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई। वहीं मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी बुजुर्ग घर छोड़कर भाग गया। आरोपी ने दी जान से मारने की धमकी
आरोपी के बेटे ने उसके खिलाफ रोहड़ू क्षेत्र के चिड़गांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है। शिकायत में कहा गया है कि 15 दिसम्बर की शाम 8:15 बजे के करीब उसकी नाबालिग बेटी अपने दादा के साथ घर के अन्दर खाना बनाने गई। इस दौरान दादा ने जबरदस्ती उसके साथ रेप किया। आरोपी ने नाबालिग को किसी को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा पीड़िता की मेडिकल जांच करवाई जा रही है। हालांकि मामले का खुलासा होने के बाद बच्ची का आरोपी दादा फरार हो गया। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। रोहड़ू के डीएसपी प्रणव चौहान ने बताया कि शिकायत के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 65(1),351(3) और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। अभियुक्त की तलाश जारी है और जल्द ही उसे गिरफ्त में ले लिया जाएगा।