इंग्लैंड में रहने वाली प्रेमिका के लिए कैथल के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को नहर में जिंदा फेंक दिया था। इस घटना की सच्चाई तब सामने आई जब इंग्लैंड से लौटी प्रेमिका ने पति को तलाक दिए बिना ही दो दिन के अंदर आरोपी से शादी कर ली। आरोपी के ससुरालियों ने यह सब देखा तो पूछताछ शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस के सीनियर अफसरों ने जांच शुरू कर दी और आरोपी शौकिन सिंह निवासी कैथल (हरियाणा) व उसी प्रेमिका किरनदीप कौर जोगीपुर गांव सनौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। केस रजिस्टर होते ही दोनों घर से फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश में घग्गा पुलिस अधिकारी रेड कर रहे हैं। दो दिन के भीतर शादी होने पर हुआ शक केस रजिस्टर करवाने वाले अमरीक सिंह निवासी पटियाला गांव दफतरीवाला के स्टेटमेंट के अनुसार, उसकी 30 वर्षीय बेटी गुरप्रीत कौर की शादी कैथल के शौकीन सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद उनके दो बेटे थे। 15 जनवरी 2024 को शौकीन सिंह ने अमृतसर जाने के लिए कार में अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को बैठाया और घर से निकल गया। इसके बाद सुबह के समय यह लोग गांव कालवाणु भाखड़ा नहर पहुंचे जहां पर शौकीन सिंह ने अपने किसी अनजान मददगार की सहायता से अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को नहर में फेंक दिया। कुदरती हादसा मान पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई नहर में डूबने की वजह से मां और बेटे की मौत हो गई थी, जिसके बाद आरोपी ने कहानी बनाई कि नहर में नारियल बहाते समय पैर फिसलने की वजह से गुरप्रीत कौर और डेढ़ साल का बेटा गुरनाज पानी में गिर गए थे। कुदरती हादसा होने के चलते पुलिस ने पोस्टमार्टम करने के बाद मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया था। इधर, इंग्लैंड में रहने वाली शौकीन सिंह की प्रेमिका पति को तलाक दिए बिना वापस आ गई और 2 दिन के अंदर ही इसने शादी कर ली, जिस वजह से परिवार को शक हुआ। शक होने के बाद आरोपी शौकीन सिंह के ससुर अमरीक सिंह ने सीनियर पुलिस अफसर को कंप्लेट कर दी, जिसकी इन्वेस्टिगेशन करने के बाद पुलिस ने एफआईआर रजिस्टर की है। इंग्लैंड में रहने वाली प्रेमिका के लिए कैथल के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को नहर में जिंदा फेंक दिया था। इस घटना की सच्चाई तब सामने आई जब इंग्लैंड से लौटी प्रेमिका ने पति को तलाक दिए बिना ही दो दिन के अंदर आरोपी से शादी कर ली। आरोपी के ससुरालियों ने यह सब देखा तो पूछताछ शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस के सीनियर अफसरों ने जांच शुरू कर दी और आरोपी शौकिन सिंह निवासी कैथल (हरियाणा) व उसी प्रेमिका किरनदीप कौर जोगीपुर गांव सनौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। केस रजिस्टर होते ही दोनों घर से फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश में घग्गा पुलिस अधिकारी रेड कर रहे हैं। दो दिन के भीतर शादी होने पर हुआ शक केस रजिस्टर करवाने वाले अमरीक सिंह निवासी पटियाला गांव दफतरीवाला के स्टेटमेंट के अनुसार, उसकी 30 वर्षीय बेटी गुरप्रीत कौर की शादी कैथल के शौकीन सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद उनके दो बेटे थे। 15 जनवरी 2024 को शौकीन सिंह ने अमृतसर जाने के लिए कार में अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को बैठाया और घर से निकल गया। इसके बाद सुबह के समय यह लोग गांव कालवाणु भाखड़ा नहर पहुंचे जहां पर शौकीन सिंह ने अपने किसी अनजान मददगार की सहायता से अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को नहर में फेंक दिया। कुदरती हादसा मान पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई नहर में डूबने की वजह से मां और बेटे की मौत हो गई थी, जिसके बाद आरोपी ने कहानी बनाई कि नहर में नारियल बहाते समय पैर फिसलने की वजह से गुरप्रीत कौर और डेढ़ साल का बेटा गुरनाज पानी में गिर गए थे। कुदरती हादसा होने के चलते पुलिस ने पोस्टमार्टम करने के बाद मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया था। इधर, इंग्लैंड में रहने वाली शौकीन सिंह की प्रेमिका पति को तलाक दिए बिना वापस आ गई और 2 दिन के अंदर ही इसने शादी कर ली, जिस वजह से परिवार को शक हुआ। शक होने के बाद आरोपी शौकीन सिंह के ससुर अमरीक सिंह ने सीनियर पुलिस अफसर को कंप्लेट कर दी, जिसकी इन्वेस्टिगेशन करने के बाद पुलिस ने एफआईआर रजिस्टर की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
मुक्तसर में छत गिरने से महिलाओं से 6 जख्मी:माता-पिता को दवा दिलाने आई थी बेटियां, किस्तों पर खरीदा था फर्नीचर
मुक्तसर में छत गिरने से महिलाओं से 6 जख्मी:माता-पिता को दवा दिलाने आई थी बेटियां, किस्तों पर खरीदा था फर्नीचर पंजाब के मुक्तसर में शुक्रवार की सुबह सुंदर नगर बस्ती में एक मकान की छत गिर जाने से दो महिलाओं समेत परिवार 6 लोग घायल हो गए, जबकि घर का सामान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घायलों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार सुंदर नगर बस्ती निवासी मुख्तियार सिंह के मकान की छत आज सुबह करीब छह बजे अचानक से भरभराकर गिर गई। जिस समय मकान की छत गिरी, उसके परिवार के छह सदस्य सो रहे थे। माता पिता को दवाई दिलाने आई थी बेटियां पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि, मुख्तयार सिंह की विवाहित बेटी गुरप्रीत कौर (27) और हरप्रीत कौर (29) अपने माता-पिता को दवाई दिलाने के लिए कल शाम गुरुवार की शाम अपने अपने बच्चों लवप्रीत सिंह, अरमान, शिवजोत, अमनदीप के साथ आई हुई थी। उन्हें आज सुबह अपने माता-पिता को दवाई दिलाने के लिए फरीदकोट जाना था। जिस कमरे में दोनों बेटियां अपने बच्चों के साथ सो रही थी, उस कमरे की छत आज सुबह अचानक से नीचे गिर गई। जिससे सभी गंभीर रुप से घायल हो गए। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। आपको बता दें कि गुरुवार की शाम मुक्तसर में जमकर बारिश हुई थी। परिजनों ने बताया कि कुछ ही समय पहले मुख्तियार सिंह ने फर्नीचर का सामान किस्तों पर लिया था। जो छत गिरने के कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
नवांशहर में बदमाशों से भिड़ा रिटायर फौजी:एटीएम से निकालने आया था पेंशन, हाथ में चाकू मारा, 14 हजार लूटकर फरार
नवांशहर में बदमाशों से भिड़ा रिटायर फौजी:एटीएम से निकालने आया था पेंशन, हाथ में चाकू मारा, 14 हजार लूटकर फरार पंजाब के नवांशहर में देर शाम एटीएम से पैसे निकालने गए एक रिटायर बुजुर्ग फौजी से रुपए लूटने का मामला सामने आया है। हालांकि रिटायर फौजी ने लूट का विरोध किया। रिटायर फौजी और बदमाश के बीच हाथापाई भी हुई। हाथापाई में बदमाश ने फौजी के हाथ पर चाकू मारकर घायल कर दिया। इस दौरान एटीएम कार्ड छीनने का प्रयास किया तो एटीएम कार्ड टूट गया। कस्बा बलाचौर में भद्दी रोड पर स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से देर शाम पेंशन के पैसे निकालने गए रिटायर फौजी हरि कृष्ण भूंबला (78) ने बताया कि जब वह पैसे निकालकर एटीएम से बाहर निकलो लगा तो एक लुटेरा उनके पीछे आकर खड़ा हो गया और चाकू निकाल कर एटीएम से निकाले गए रुपए मांगे।लेकिन हरिकृष्ण पैसे देने से इनकार दिया। इसी बात को लेकर फौजी और बदमाश के बीच हाथापाई हो गई। इस दौरान बदमाश ने चाकू से फौजी की उंगलियों पर वार दिया, जिससे वह घायल हो गया और 14 हजार रुपए छीन लिए। बाइक पर सवार होकर आए थे बदमाश बुजुर्ग के बेटे वीरेंद्र भूंबला ने बताया कि, एटीएम पर तीन लुटेरे पहुंचे थे। एक लुटेरा एटीएम में घुसा और दो बाइक लेकर बाहर खड़े थे। लूटपाट के बाद तीनों बदमाश बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि आरोपियों में दो पगड़ीधारी थे और एक ने अपना चेहरा ढका हुआ था। सिटी पुलिस स्टेशन बलाचौर के एसएचओ सतनाम सिंह अपनी पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। रिटायर फौजी के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पठानकोट में फिर सता रहा बाढ़ का डर:ग्रामीण बोले- दावे झूठे, प्रशासन ने किए प्रबंध, 8 गांवों का कलस्टर बनाया
पठानकोट में फिर सता रहा बाढ़ का डर:ग्रामीण बोले- दावे झूठे, प्रशासन ने किए प्रबंध, 8 गांवों का कलस्टर बनाया पंजाब के जिला पठानकोट के बोर्डर इलाके का उज्ज दरिया जोकि बमियाल बॉर्डर से होकर गुजरता है, हर साल बाढ़ में उज्ज दरिया के बाढ़ का पानी बमियाल के आधा दर्जन गावों को अपनी लपेट में ले लेता है। जिसके कारण लोगों का काफी नुकसान होता है।
अगर पिछले वर्ष की बात करे तो बाढ़ का पानी कई गावों तक पहुंच गया था जिसके कारण जहां लोगों को जान-माल नुकसान भी उठाना पड़ा था। वहीं जहां एक तरफ मॉनसून ने अपनी दस्तक दे दी है, वहीं लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से इस बार भी संभावित बाढ़ से निपटने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नही किए। अगर जिला प्रशासन की मानें तो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। पिछले साल आई भी भारी बाढ़ आपको बता दें कि, पिछले साल बारिश के सीजन में बाढ़ के पानी ने पंजाब के कई शहरों ओर गावों को प्रभावित किया था। पठानकोट के बॉर्डर इलाके में बहते उज्ज दरिया की बात की जाए तो उज्ज दरिया में भी बाढ़ के पानी ने आधा दर्शन के करीब गांव को अपनी चपेट में ले लिया था। कई परिवारों को निकाल कर सरकारी स्कूलों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखा गया था। इस संबंध में जब दैनिक भास्कर टीम ने मौके पर जाकर स्थानीय लोगों राजेश सिंह, अश्वनी कुमार, सरपंच बलबीर सिंह ग्राम पंचायत दनवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि जब बाढ़ आती है तो प्रशासन एवं लीडर लोगों का हाल पूछने आ जाते हैं, लेकिन समय रहते किसी भी तरह के पुख्ता प्रबंध नहीं किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी हमारे लोगों का भारी नुकसान उज्ज दरिया के बाढ़ के पानी से हुआ था, जिसके बाद प्रशासन व हलके के लीडर संवेदना व्यक्त करने पहुंच गए थे। नहीं मिला किसी को भी मुआवजा उन्होंने कहा कि, हालांकि लीडरों की ओर से मुआवजा देने की बात भी कही गई, लेकिन अभी तक किसी को भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया। सरपंच बलबीर सिंह ने बताया कि इस दरिया की लपेट में कम से कम 8 से 10 गांव आते हैं। दरिया के पास रहने वाले गुज्जर परिवारों को भी बाढ़ आने के बाद भारी कीमत चुकानी पड़ती है। सरपंच बलबीर सिंह ने कहा कि अगर मैं अकेले अपने गांव की बात करूं तो पिछले साल 200 एकड़ रकबा बाढ़ की चपेट में आने से तहस नहस हो गया था, लेकिन किसी भी सरकार या उनके नुमाइंदे ने हमारी बात नहीं पूछी। टूटी पड़ी हैं सड़कें सड़कें टूटी हुई है अन्य कई समस्याएं हैं, जिन्हे सरकार व प्रशासन की ओर से पूर्णता अनदेखा किया जाता है। सरकार और प्रशासन दावे तो बड़े बड़े करते हैं, लेकिन धरातल पर इन दावों से लोग कोसो दूर है। जबकि दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी पुख्ता प्रबंधों की बात दोहरा रहे हैं। जब इस संबंध में एसडीएम पठानकोट सुमित मूद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से संभावित बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से इस बार डिस्ट्रिक्ट फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया है। जिसमें हमने उन सभी एरिया एवं गांवों को अंडरलाइन किया है, जोकि फ्लड की चपेट में आते हैं। जहां हमने सभी वीक प्वाइंटों को खंगाला है, वहीं सभी नाले एवं अन्य ड्रेन प्वाइंटों को साफ करवाया जा रहा है। 8 गावों का एक कलस्टर बनाकर वहां पर एक नोडल ऑफिसर के साथ अन्य अधिकारियो की भी ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ प्रभावित एरिया के पास रेत की बोरिया भरवाकर पहले ही रखवा दी है ताकि उस स्थिति में हर तरह से निपटा जा सके। इसके अलावा जिलाधीश की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट किट भी उपलब्ध करवाई गई है। स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो उन्हें भी पहले से ही आगाह कर दिया गया है, जिस कारण इस बार जिला प्रशासन बाढ़ जैसी स्थिती उत्पन्न होने पर पूरी तरह से सतर्क है।