NDA कार्यकर्ता सम्मेलन में उपेंद्र कुशवाहा का छलका दर्द, पीएम नरेंद्र मोदी का किया जिक्र

NDA कार्यकर्ता सम्मेलन में उपेंद्र कुशवाहा का छलका दर्द, पीएम नरेंद्र मोदी का किया जिक्र

<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Upendra Kushwaha:</strong> औरंगाबाद में शुक्रवार (30जनवरी) को एनडीए के जरिए आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में राज्यसभा सासंद सह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में हार का दर्द छलक गया. हार के कारणों की पूरी हकीकत मंच से कह डाली. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में औरंगाबाद और काराकाट की लोकसभा एवं वर्ष 2020 के औरंगाबाद की छह और रोहतास एवं शाहाबाद की अधिकतर सीटों पर NDA को हर का सामना करना पड़ा, इसके पीछे कई कारण रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की भी लोगों ने नहीं सुनी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में एनडीए का नारा था, अबकी बार चार सौ पार. मगर हम 300 पार भी नहीं कर पाए. दोनों क्षेत्रों में प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a>, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिल्ला चिल्लाकर लोगों से अनुरोध किया कि एनडीए उम्मीदवारों को जिताएं. मगर लोगों ने एक नहीं सुनी और सबके मन में एक विचार यही आया कि एक सीट नहीं जीतेंगे तो क्या हुआ. 399 तो आ जाएगा और लोगों के हृदय में फूट के इसी सोच से कई सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने कहा कि हमारी फूट का फायदा आरजेडी और अन्य पार्टियों को मिला. यदि हम एकजुट रहते तो सही मायने में हमारा आंकड़ा 400 पार होता. उन्होंने कहा कि मिलिए तो दिल से मिलिए. दिल मिले न मिले हाथ मिलाने से काम नहीं चलेगा उन्होंने कहा कि प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं में कोई कठिनाई नहीं, कठिनाई ऊपर के कार्यकर्ताओं में होती हैं. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी NDA की हार की चर्चा की और कहा कि घटक दल में लोजपा शामिल थी, मगर आंशिक रूप से.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद ने आरजेडी को लेकर क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोजपा ने औरंगाबाद, रोहतास और शाहाबाद के साथ-साथ बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे उन उम्मीदवारों को अच्छे मत भी प्राप्त हुए, लेकिन NDA को पराजय का सामना करना पड़ा. अपनी पार्टी की भी बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी भी उस वक्त NDA के साथ नहीं थी और हमारे उम्मीदवार भी अच्छे मत प्राप्त किए. जिसका फायदा महागठबंधन को मिला. इस बार की परिस्थितियां बिल्कुल अनुकूल हैं. आरजेडी के लोग सिर्फ गुमराह कर रहे हैं उनकी जमीन खिसक गई है. उनके लिए सरकार बनाना ख्याली पुलाव है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/rjd-accuses-on-bjp-over-serving-food-6000-plates-to-people-in-pm-modi-program-in-bihar-assembly-2022-ann-2874461″>’6000 नहीं 551 रुपये में…’, बिहार में खाने की प्लेट पर सियासत गरमाई, विजय सिन्हा ने किसे घेरा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Upendra Kushwaha:</strong> औरंगाबाद में शुक्रवार (30जनवरी) को एनडीए के जरिए आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में राज्यसभा सासंद सह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में हार का दर्द छलक गया. हार के कारणों की पूरी हकीकत मंच से कह डाली. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में औरंगाबाद और काराकाट की लोकसभा एवं वर्ष 2020 के औरंगाबाद की छह और रोहतास एवं शाहाबाद की अधिकतर सीटों पर NDA को हर का सामना करना पड़ा, इसके पीछे कई कारण रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की भी लोगों ने नहीं सुनी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में एनडीए का नारा था, अबकी बार चार सौ पार. मगर हम 300 पार भी नहीं कर पाए. दोनों क्षेत्रों में प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a>, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिल्ला चिल्लाकर लोगों से अनुरोध किया कि एनडीए उम्मीदवारों को जिताएं. मगर लोगों ने एक नहीं सुनी और सबके मन में एक विचार यही आया कि एक सीट नहीं जीतेंगे तो क्या हुआ. 399 तो आ जाएगा और लोगों के हृदय में फूट के इसी सोच से कई सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने कहा कि हमारी फूट का फायदा आरजेडी और अन्य पार्टियों को मिला. यदि हम एकजुट रहते तो सही मायने में हमारा आंकड़ा 400 पार होता. उन्होंने कहा कि मिलिए तो दिल से मिलिए. दिल मिले न मिले हाथ मिलाने से काम नहीं चलेगा उन्होंने कहा कि प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं में कोई कठिनाई नहीं, कठिनाई ऊपर के कार्यकर्ताओं में होती हैं. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी NDA की हार की चर्चा की और कहा कि घटक दल में लोजपा शामिल थी, मगर आंशिक रूप से.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद ने आरजेडी को लेकर क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोजपा ने औरंगाबाद, रोहतास और शाहाबाद के साथ-साथ बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे उन उम्मीदवारों को अच्छे मत भी प्राप्त हुए, लेकिन NDA को पराजय का सामना करना पड़ा. अपनी पार्टी की भी बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी भी उस वक्त NDA के साथ नहीं थी और हमारे उम्मीदवार भी अच्छे मत प्राप्त किए. जिसका फायदा महागठबंधन को मिला. इस बार की परिस्थितियां बिल्कुल अनुकूल हैं. आरजेडी के लोग सिर्फ गुमराह कर रहे हैं उनकी जमीन खिसक गई है. उनके लिए सरकार बनाना ख्याली पुलाव है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/rjd-accuses-on-bjp-over-serving-food-6000-plates-to-people-in-pm-modi-program-in-bihar-assembly-2022-ann-2874461″>’6000 नहीं 551 रुपये में…’, बिहार में खाने की प्लेट पर सियासत गरमाई, विजय सिन्हा ने किसे घेरा?</a></strong></p>  बिहार महाकुंभ: किसान देवता के मंदिर में पहुंचे रहे हजारों श्रद्धालु, लोगों की श्रद्धा और आस्था का बना केंद्र