पंजाब में वर्ष 2021 में घोषित 2000 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं होने के कारण बेरोजगार युवा अब सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हुए कहा कि पंजाब सरकार हर बार इस भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में बताकर टाल रही है। विधायक खेहरा ने आरोप लगाया है कि सरकार अब तक इन अध्यापकों की भर्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वहीं बेरोजगार पीटीआई अध्यापक यूनियन के सदस्य गुरप्रीत सिंह ने बताया कि 2000 पीटीआई पदों की भर्ती के लिए लंबे समय से सरकार से बात चल रही है। उनकी फाइल भी कंप्लीट है, लेकिन उसे कैबिनेट में नहीं लाया जा रहा। बीती कैबिनेट की बैठक के समय भी उन्हें ये कह दिया गया था कि कैबिनेट बुलाने के लिए समय कम मिला और अगली कैबिनेट में इस फाइल को लाया जाएगा। गुरप्रीत सिंह ने बताया कि अगर सरकार आश्वासन दे देती है तो धरना नहीं लगेगा। अन्यथा 5 फरवरी को अध्यापक सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगे। बेरोजगारों ने किया प्रदर्शन का ऐलान इसी बीच बेरोजगार पीटीआई एस्पिरेंट्स यूनियन ने 5 फरवरी को हरजोत सिंह बैंस के गांव गंभीरपुर में बड़ा प्रदर्शन करने की घोषणा की है। विरोध प्रदर्शन के तहत सरकार से भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की जाएगी। क्या है युवाओं की मांग अध्यापकों का आरोप, सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही अब तक सरकार का हर बार यही जवाब रहा है कि नियम बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अगली कैबिनेट की बैठक में फाइल को लाया जाएगा। लेकिन बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह सिर्फ बहानेबाजी है और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही। युवाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में बेरोजगारों से अपील की है। अगर सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो आने वाले समय में यह विरोध और तेज हो सकता है। पंजाब में वर्ष 2021 में घोषित 2000 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं होने के कारण बेरोजगार युवा अब सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हुए कहा कि पंजाब सरकार हर बार इस भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में बताकर टाल रही है। विधायक खेहरा ने आरोप लगाया है कि सरकार अब तक इन अध्यापकों की भर्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वहीं बेरोजगार पीटीआई अध्यापक यूनियन के सदस्य गुरप्रीत सिंह ने बताया कि 2000 पीटीआई पदों की भर्ती के लिए लंबे समय से सरकार से बात चल रही है। उनकी फाइल भी कंप्लीट है, लेकिन उसे कैबिनेट में नहीं लाया जा रहा। बीती कैबिनेट की बैठक के समय भी उन्हें ये कह दिया गया था कि कैबिनेट बुलाने के लिए समय कम मिला और अगली कैबिनेट में इस फाइल को लाया जाएगा। गुरप्रीत सिंह ने बताया कि अगर सरकार आश्वासन दे देती है तो धरना नहीं लगेगा। अन्यथा 5 फरवरी को अध्यापक सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगे। बेरोजगारों ने किया प्रदर्शन का ऐलान इसी बीच बेरोजगार पीटीआई एस्पिरेंट्स यूनियन ने 5 फरवरी को हरजोत सिंह बैंस के गांव गंभीरपुर में बड़ा प्रदर्शन करने की घोषणा की है। विरोध प्रदर्शन के तहत सरकार से भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की जाएगी। क्या है युवाओं की मांग अध्यापकों का आरोप, सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही अब तक सरकार का हर बार यही जवाब रहा है कि नियम बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अगली कैबिनेट की बैठक में फाइल को लाया जाएगा। लेकिन बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह सिर्फ बहानेबाजी है और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही। युवाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में बेरोजगारों से अपील की है। अगर सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो आने वाले समय में यह विरोध और तेज हो सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब सरकार के मिशन इनवेस्ट को कामयाबी:सीएम मान से मिले टेलीपरफॉर्मेंस ग्रुप के CEO, मोहाली में निवेश करने की दिखाई दिलचस्पी
पंजाब सरकार के मिशन इनवेस्ट को कामयाबी:सीएम मान से मिले टेलीपरफॉर्मेंस ग्रुप के CEO, मोहाली में निवेश करने की दिखाई दिलचस्पी पंजाब सरकार के मिशन निवेश को बड़ी कामयाबी मिली है। आज (मंगलवार) को टेलीपरफॉर्मेंस ग्रुप के सीईओ ने सीएम भगवंत मान से मुलाकात की है। ग्रुप की तरफ मोहाली में निवेश की दिलचस्पी दिखाई है। वहीं, सीएम ने ग्रुप को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रुप के निवेश से राज्य की आर्थिक प्रगति को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वहीं, राज्य को डिजीटल हब बना जाएगा। मीटिंग में सीनियर अधिकारी व मंत्री रहे मौजूद मीटिंग में सीएम के अलावा मंत्री तरूणप्रीत सिंह व सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। इस मौके विस्तार से ग्रुप के विस्तार के बारे में चर्चा की गई। सीएम ने उन्हें साफ किया है कि राज्य में इन्वेस्ट करने में दिक्कत नहीं आएगी। वहीं, प्रोजेक्ट को लेकर सारी औपचारिकताएं मात्र कुछ दिनों में पूरी कर दी जाएंगी। इससे पहले BMW ने भी फतेहगढ़ साहिब में इन्वेस्ट करने करने में दिलचस्पी दिखाई थी। जल्दी ही कंपनी द्वारा वहां प्लांट स्थापित किया जाएगा। मुंबई में उद्योगपितयों से मिले थे सीएम इससे पहले CM भगवंत मान ने मुंबई का दौरा किया था। इस दौरा उन्होंने कई कंपनियों प्रतिनिधियों से मीटिंग की थी। इस दौरान कई कंपनियों ने पंजाब में निवेश की दिलचस्पी दिखाई थी। इस दौरान सन फार्मा ने अपने मौजूदा टौसाा प्रोजेक्ट के विस्तार की इच्छा जताई थी। वहीं, सिफी टेक्नोलॉजी ने मोहाली में एआई आधारित हॉरिजॉन्टल डेटा सेंटर में 1500 करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय लिया था। जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील ने 1600 करोड़ की लागत से 28 एकड़ में नया यूनिट स्थापित करने पर सहमति जताई थी।
लुधियाना में दिलजीत के शो में चुराए 17 मोबाइल:पुलिस के पास पहुंच रही है कंप्लेन; नए साल के जश्न में था प्रोग्राम
लुधियाना में दिलजीत के शो में चुराए 17 मोबाइल:पुलिस के पास पहुंच रही है कंप्लेन; नए साल के जश्न में था प्रोग्राम पंजाब के लुधियाना में बीती रात पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ द्वारा पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के फुटबाल स्टेडियम में दिल लुमिनाटी टूर संपन्न हुआ। इस शो के दौरान लोगों ने नए साल का जश्न जमकर मनाया। दिलजीत दोसांझ के इस शो में चोरों की भी खूब मौज लगी रही। धीरे-धीरे लोग थाना पीएयू में जाकर मोबाइल और पर्स आदि की शिकायतें लिखवाने पहुंच रहे है। कड़ी सिक्योरिटी में लोगों के मोबाइल चोरी कड़ी सिक्योरिटी होने के बावजूद लोगों की जेब से मोबाइल फोन चोरी हो गए। अभी तक 17 मोबाइल फोन की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है। 17 मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायतें थाना पीएयू में आ चुकी है। सूत्रों के मुताबिक करीब 15 से 20 लोग ऐसे है, जिन्होंने चोरी अभी थाने में शिकायत नहीं लिखवाई। चोरी की घटनाओं के कारण लोग काफी परेशान भी है। क्या बोले SHO राजिंद्र… थाना पीएयू के एसएचओ राजिंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक 15 से 17 लोगों की मोबाइल चोरी की शिकायत थाना में आ चुकी है। पुलिस चोरी हुए फोन को ट्रेस करने में जुटी है। लोगों से भी पुलिस का अनुरोध है कि जब भी कभी भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाए तो अपने मोबाइल और पर्स का विशेष तौर पर ध्यान रखे।
डिंपी ढिल्लों ने SAD छोड़ा, आप में जाने की चर्चा:मनप्रीत बादल की वजह से पार्टी छोड़ी, दलजीत सिंह चीमा की सफाई
डिंपी ढिल्लों ने SAD छोड़ा, आप में जाने की चर्चा:मनप्रीत बादल की वजह से पार्टी छोड़ी, दलजीत सिंह चीमा की सफाई शिरोमणि अकाली दल (SAD) को एक और झटका लगा है। गिद्दड़बाहा के सीनियर अकाली नेता और हलका प्रभारी हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाकर इस बारे में ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने भरे मन से यह फैसला लिया है। वह करीब 39 से चालीस सालों से पार्टी जुड़े हुए थे। बादल साहब से उनकी पुरानी दोस्ती परिवारवाद की भेंट चढ़ गई। उन्होंने मनप्रीत बादल को एक वजह बताया है। वहीं, उनके आम आदमी पार्टी जॉइन करने की चर्चा है।हालांकि उनका कहना है कि वह पार्टी वर्करों से मीटिंग कर अगला फैसला लेंगे। अकाली दल ढिल्लों का करता है समर्थन दूसरी तरफ अकाली दल के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि गिद्दड़बाहा हलके में किसी अन्य पार्टी के किसी भी नेता को आगामी उपचुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतारने का कोई इरादा नहीं है। इस तरह की सभी अटकलें झूठी और निराधार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी ने इस तरह के किसी भी कदम के बारे में किसी से चर्चा नहीं की है। डाॅ. चीमा ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी उपचुनाव के लिए अकाली दल पूरी तरह से भरोसेमंद हरदीप सिंह ढिल्लों का समर्थन करती है। उन्होने ढिल्लों से अकाली दल की विरोधी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार से गुमराह न होने का भी आग्रह किया है। वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मीटिंगों में खुले तौर पर कहा है कि डिंपी ढिल्लों गिद्दड़बाहा से पार्टी के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि ढिल्लों की उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा नहीं की जा सकती, क्योंकि संसदीय बोर्ड अभी भी उपचुनाव वाले सभी चार हलकों से उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने की प्रक्रिया में है। पार्टी अध्यक्ष सहित पूरी पार्टी उनके साथ है और उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करने की उम्मीद करती है। 15 मिनट में गिनाया 38 साल का सफर डिंपी ढिल्लों पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने से पहले फेसबुक पर लाइव हुए। उन्होंने कहा जिस पार्टी से आदमी 37- 38 साल से जुड़ा हूं, उसे छोड़ने का फैसला बडे़ भावुक होकर लेने जा रहा हूं। सबसे बड़ा इमोशन मेरे स्व. पिता शिवराज सिंह ढिल्लों साहब थे। जो कि सारे परिवार काे बादल साहिब की बाजू पकड़ाकर गए थे। साथ ही कहकर गए थे अच्छा बुरा समय पार्टी पर आता है। लेकिन पार्टी का साथ नहीं छोड़ना है। 1989 से पार्टी से जुड़े थे, पीछे मुड़कर नहीं देखा डिंपी ने कहा 1989 में पार्टी में पहली बार भाई शमिंदर सिंह चुनाव लड़े थे, तो मैंने काम किया। 1992 में पार्टी ने चुनाव का बायॅकाट किया था। 1995 में पार्टी ने गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीता था। 1997 में पार्टी की पंजाब में सरकार बनी। बादल साहब पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 2002 तक सरकार का लाभ उठाया। 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की सरकार बनी। उनकी वजह से हमारा भी काफी नुकसान हुआ। लेकिन हम बादल परिवार के साथ खड़े । हमने मनप्रीत की बजाए सुखबीर बादल को चुना डिंपी ने कहा कि जब भी बादल साहब या सुखबीर जी का जो भी मैसेज आता था। हमेशा उस फैसले काे स्वीकार करते थे। पांच साल की कड़ी मशक्त बाद 2007 में अकाली दल की सरकार बनी । सब कुछ ठीक चल रहा था। 2010 में पार्टी पर संकट आया। मनप्रीत बादल ने एक और पार्टी बना ली। फिर हमारे लिए दो रास्ते बन गए। एक रास्ता मनप्रीत बादल की तरफ जाता था तो दूसरा सुखबीर सिंह बादल की तरफ जाता था। हमने सुखबीर बादल का रास्ता चुना। 2012 में ऐसा लग रहा था पीपीपी की सरकार बनेगी, मनप्रीत बादल मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन हम ढोले नहीं है। लेकिन अकाली दल पार्टी की डटकर सेवा की और हमारी सरकार बनी। सरकार बनने के बाद हलके की सेवा मुझे दी गई। कभी बादल साहब की पगड़ी को दाग नहीं लगने दिया। पांच साल काम किया। 2017 में पहला चुनाव लड़ा। उस समय पार्टी का स्तर काफी नीचे गिर गया था, बेअदबी व नशों के चलते पार्टी का ग्राफ काफी नीचे था। लेकिन 49 हजार वोट मिले। चुनाव हार गया। पर्चे हुए, लेकिन पार्टी के वर्करों के साथ खड़े रहे डिंपी ने कहा कि फिर कांग्रेस की सरकार आई। कांग्रेस सरकार में बड़े पर्चे हमारे ऊपर करवाए गए। वर्करों को कभी पीठ नहीं दिखाई। 2022 के चुनाव भी डकटर चुनाव लड़े। 50 हजार के करीब वोट पड़े। आम आदमी पार्टी की हवा के बीच 1300 वोटों से चुनाव हार गए। अचानक जनवरी में बादल साहब से मैंने पूछा मनप्रीत ने गिद्दड़बाहा सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। क्या आपके ध्यान में है। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी जॉइन करना चाहता है। उसका कहना है कि गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ेगा। इसके बाद बादल ने मुझे कहा कि डिंपी सियासत करनी है या नहीं। यह बात मुझे बड़ी चुबी। फिर कहा कि सियासत करनी है तो तू तलवंडी साबो चला जा। मैंने कहा कि मैं वहां नहीं जाऊंगा। मैं घर पर बैठ गया। फिर सुखबीर का फोन आया और कहा मैं तो वैसे ही मजाक किया था, तू तो सीरियस हो गया। तू मेरी किचन कैबिनेट का मेंबर हो, हलका संभाल। फिर दोबारा उपचुनाव की स्थिति बनी तो पूछा प्रधान जी क्या आदेश है। उन्होंने कहा कि तैयारियां शुरू करो। मैंने पूछा कि इलेक्शन कौन लड़ेगा,बता देंगे। एक दिन बीबा जी ने एनाउंस कर दिया कि सुखबीर बादल इलेक्शन लड़ेंगे। हालांकि अगले दिन सुखबीर बादल ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। तू इलेक्शन लड़ेगा। फिर मैंने उन्हें कहा कि स्थिति साफ करो। मनप्रीत बादल बोले हम घी खिचड़ी डिंपी ने कहा कि मनप्रीत सिंह बादल साहब फिर एक्टिव हो गए। वह बीजेपी के नेता है। मनप्रीत बीजेपी में शामिल किसी को करवाते नहीं है। मेरे सारे समर्थक कहने लगे पडे़ कि धोखा न हो जाए। गांवों के प्रोग्राम बने गए हैं। फिर मैंने सुखबीर को कहा कि मनप्रीत बादल के बारे में स्थिति साफ करो। मुझे या खुद को उम्मीदवार घोषित कर दो। आखिर में मुझे लगा कि मैं दोनों भाईयों के बीच रोड़ा बन रहा हूं। मनप्रीत बादल गांवों में कहते हैं कि सुखबीर और वह घी खिचड़ी है। ऐसे में हमने तय किया कि इस सिसासत की भेंट नहीं चड़ सकता हूं। इतनी बात जरूर बता दूं कि मैंने किसी से कोई गदारी नहीं की है। मैं घर बैठने जा रहा हूं। 36 -37 साल पुरानी परिवारवाद की भेंट चढ़ गई है।बादल साहब ने मेरे से आंखे फेर ली, लेकिन मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 2022 में मात्र 1349 वोटों से हारे थे डिंपो ढिल्लों की गिदड़बाहा सीट पर अच्छी पकड़ है। दो बार चुनावों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। साल 2012 से यहां से लगातार कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वरिंग चुनाव जीतने आ रहे है। 2017 में उन्होंने हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को राजा वड़िंग ने हराया था। चुनाव में डिंपी को 47288 को वोट मिले थे, जबकि वड़िंग को 63500 मत मिले थे। जबकि 2022 में जब पूरे राज्य में आम आदमी पार्टी की हवा थी। लेकिन इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बीच में ही मुकाबला था। इस दौरान राजा वड़िंग के वोट कम होकर 50998 रह गए। जबकि डिंपी को 49649 वोट मिले। दोनों में जीत का अंतर 1349 वोट का था। ऐसे में डिंपी ढिल्लों खुद को काफी मजबूत दावेदर इस सीट से मानते हैं। गिद्दड़बाहा सीट SAD का गढ़ गिद्दड़बाहा सीट 1967 में बनी थी। पहला चुनाव यहां से कांग्रेस नेता हरचरण सिंह बराड़ जीते थे। इसके बाद लगातार पांच बार 1969, 72, 77, 80 और 85 में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जीते। 1992 में कांग्रेस नेता रघुबीर सिंह जीते। इसके बाद 1995, 97, 2002 और 2007 में सीट से शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर मनप्रीत बादल जीतते रहे। जबकि 2012, 2017 और 2022 में इस सीट से कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जीते हैं। लेकिन अब वह लुधियाना से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने इस सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस वजह से यह सीट खाली हुई है।