करनाल के शेखपुरा पुलिया गांव में घरेलू कलह और पति की बेवफाई से तंग आकर एक महिला ने जहर निगल लिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला का पति पड़ोस की एक महिला के साथ पानीपत में रहता था। जब भी वह घर आता तो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता था। आरोपी पति के दूसरी महिला से दो बच्चे भी हैं। पति से बार-बार घर आने के लिए कहा गया, लेकिन वह वापस नहीं आया। इससे परेशान होकर पहली पत्नी ने जहर खा लिया। घटना की सूचना मिलने के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और जांच शुरू कर दी है। पति ने दूसरी महिला के साथ रहता था पानीपत मृतका रेखा की सास लाजवंती ने बताया कि करीब 10 साल पहले रेखा की उसके बेटे संजय के साथ शादी हुई थी। शादी के कुछ साल बाद ही बेटा पड़ोस की एक महिला के साथ पानीपत रहने लगा। अब उसने दूसरी शादी कर ली थी या सिर्फ लिव-इन में रह रहा था, इसका कोई ठिकाना नहीं। जब भी वह अपने असली घर लौटता था, तो अपनी पत्नी और बच्चियों के साथ मारपीट करता था। मजदूरी करके कर रही थी परिवार का पालन-पोषण मृतका की सास ने बताया कि उसकी बहू घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी करती थी, वहीं बेटा अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था। इतना ही नहीं, दूसरी पत्नी ने कई बार घर आकर झगड़ा किया और उसे घर से निकालने की धमकी दी। पति की बेरुखी से टूट गई थी महिला लाजवंती ने बताया कि उनका बेटा संजय पिछले एक हफ्ते से घर नहीं आ रहा था। उनकी बहू बार-बार उसे फोन कर रही थी, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार नहीं था। इस बेरुखी से वह अंदर ही अंदर टूट चुकी थी। आखिरकार, उसने कल सुबह 10 बजे जहर खा लिया। जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो परिजनों ने उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन देर रात उसकी मौत हो गई। दो मासूम बच्चियों के सिर से उठा मां का साया रेखा की दो मासूम बेटियां। जिनके सिर से मां का साया उठ चुका है। उनकी दादी का कहना है कि उनकी बहू बहुत सहती थी, लेकिन पति की बेवफाई और लगातार हो रहे जुल्म ने उसे तोड़कर रख दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। आज शव परिजनों को सौंपा जाएगा। सदर थाना करनाल में इस मामले की शिकायत दी गई है, पुलिस जांच कर रही है। करनाल के शेखपुरा पुलिया गांव में घरेलू कलह और पति की बेवफाई से तंग आकर एक महिला ने जहर निगल लिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला का पति पड़ोस की एक महिला के साथ पानीपत में रहता था। जब भी वह घर आता तो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता था। आरोपी पति के दूसरी महिला से दो बच्चे भी हैं। पति से बार-बार घर आने के लिए कहा गया, लेकिन वह वापस नहीं आया। इससे परेशान होकर पहली पत्नी ने जहर खा लिया। घटना की सूचना मिलने के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और जांच शुरू कर दी है। पति ने दूसरी महिला के साथ रहता था पानीपत मृतका रेखा की सास लाजवंती ने बताया कि करीब 10 साल पहले रेखा की उसके बेटे संजय के साथ शादी हुई थी। शादी के कुछ साल बाद ही बेटा पड़ोस की एक महिला के साथ पानीपत रहने लगा। अब उसने दूसरी शादी कर ली थी या सिर्फ लिव-इन में रह रहा था, इसका कोई ठिकाना नहीं। जब भी वह अपने असली घर लौटता था, तो अपनी पत्नी और बच्चियों के साथ मारपीट करता था। मजदूरी करके कर रही थी परिवार का पालन-पोषण मृतका की सास ने बताया कि उसकी बहू घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी करती थी, वहीं बेटा अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था। इतना ही नहीं, दूसरी पत्नी ने कई बार घर आकर झगड़ा किया और उसे घर से निकालने की धमकी दी। पति की बेरुखी से टूट गई थी महिला लाजवंती ने बताया कि उनका बेटा संजय पिछले एक हफ्ते से घर नहीं आ रहा था। उनकी बहू बार-बार उसे फोन कर रही थी, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार नहीं था। इस बेरुखी से वह अंदर ही अंदर टूट चुकी थी। आखिरकार, उसने कल सुबह 10 बजे जहर खा लिया। जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो परिजनों ने उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन देर रात उसकी मौत हो गई। दो मासूम बच्चियों के सिर से उठा मां का साया रेखा की दो मासूम बेटियां। जिनके सिर से मां का साया उठ चुका है। उनकी दादी का कहना है कि उनकी बहू बहुत सहती थी, लेकिन पति की बेवफाई और लगातार हो रहे जुल्म ने उसे तोड़कर रख दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। आज शव परिजनों को सौंपा जाएगा। सदर थाना करनाल में इस मामले की शिकायत दी गई है, पुलिस जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस की पहली लिस्ट के 32 उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल:1 हारे-1 दलबदलू को टिकट, 80 साल के कादियान सबसे बुजुर्ग, विनेश सबसे यंग हरियाणा में कांग्रेस ने 32 नामों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें सिर्फ 3 नए चेहरे हैं। इस लिस्ट में पिछला चुनाव हारे हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को टिकट मिली है। 32 सीटों में 9-9 टिकटें जाट और SC उम्मीदवारों को मिली हैं। SC के लिए 17 सीटें रिजर्व हैं। पहली लिस्ट में केवल 5 महिलाएं हैं। इस लिस्ट में 1 दलबदलू को टिकट दी है। सबसे उम्रदराज डॉ रघुवीर कादियान (80) हैं, जिन्हें झज्जर के बेरी से मैदान में उतारा है। वहीं सबसे युवा विनेश फोगाट (30) को जींद की जुलाना सीट से टिकट मिली है। उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल…. ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में कांग्रेस की 2 लिस्ट जारी, 32 नाम:विनेश फोगाट जुलाना से लड़ेंगी; हुड्डा समेत सभी 28 विधायकों को दोबारा टिकट हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 6 सितंबर की देर रात दो लिस्ट में 32 उम्मीदवारों का ऐलान किया। पहली लिस्ट में 31 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया। डेढ़ घंटे बाद दूसरी लिस्ट में एक कैंडिडेट का नाम घोषित किया। (पूरी खबर पढ़ें)
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हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए।
गुरुग्राम में नवीन गोयल ने ‘झूठे’ समर्थन का फैलाया भ्रम:भाजपा की टिकट की दौड़ में हैं; ब्राह्मण संस्थाओं ने झाड़ा पल्ला
गुरुग्राम में नवीन गोयल ने ‘झूठे’ समर्थन का फैलाया भ्रम:भाजपा की टिकट की दौड़ में हैं; ब्राह्मण संस्थाओं ने झाड़ा पल्ला हरियाणा के गुरुग्राम में विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट वितरण से पहले ही टिकटों के दावेदारों की ओर से साम, दाम दंड, भेद का खेल शुरू हो गया है। विभिन्न समाजों की ओर से टिकट की मजबूत दावेदारी के बीच संभावित उम्मीदवार अब समाजों के समर्थन का दावा करने लगे हैं। ऐसा ही एक झूठा दावा भाजपा टिकट की दावेदारी कर रहे नवीन ने गोयल ने ब्राह्मण समाज को लेकर किया है। इसके बाद ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। ब्राह्मण समाज की संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारी नवीन गोयल की ओर से फैलाए गए इस भ्रम को लेकर विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी विवाद गहरा रहा है, तो कईयों ने इसका खंडन कर नवीन गोयल की परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल नवीन गोयल की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें 1 सितंबर को आशीर्वाद समारोह का निमंत्रण दिया गया है। उस निमंत्रण पत्र के प्रारूप में कुछ ब्राह्मण संस्थाओं को आयोजक के तौर पर दर्शाया गया है। साथ ही उनके पदाधिकारियों के नाम भी लिखे गए हैं। पोस्ट वायरल होने के बाद ब्राह्मण समाज की संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया है। पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी संस्था और उनके झूठे नाम लिखकर समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश की कई है। पोस्ट में उनकी संस्था और उनका नाम गलत तरीके से लिखा गया है। हम इसका विरोध करते हैं। उनकी संस्था न तो नवीन गोयल का समर्थन कर रही है और न ही ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगी। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि जो पार्टी ब्राह्मण समाज से प्रत्याशी बनाएगी उसे पूरा समाज समर्थन करेगा। संस्था पदाधिकारी ने किया खंडन
अखिल भारतवर्षीय चौरसिया ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश शर्मा ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखी। उसमें मेरा और मेरी संस्था का नाम नवीन गोयल के एक कार्यक्रम में आयोजक के रूप में लिखा गया है। यह कृत निंदनीय है और इससे पूरे समाज में आक्रोश है। मैं इसका विरोध करता हूं। मैं और मेरी संस्था नवीन गोयल का समर्थन नहीं कर रहे हैं। हमने तो केवल स्कूल ड्रामा के लिए बुलाया वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है की राजनीतिक मंशा से वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन का नाम नवीन गोयल द्वारा अपने बोर्ड और निमंत्रण पत्र पर इस्तेमाल किया जा रहा है वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन का इस से कोई लेना देना नहीं है। हमें केवल भगवान श्री परशुराम लीला मंचन द्वारा नेशनल स्कूल ड्रामा दिल्ली के लिए विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। हमारी संस्था केवल ब्राह्मण प्रत्याशी के साथ ब्राह्मण एकता मंच के अध्यक्ष उप प्रधान घनश्याम भारद्वाज ने कहा कि उन्हें ऐसे कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं और उनकी संस्था और उन्हें आयोजक बना दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि आयोजक को यह तक नहीं पता क्या कार्यक्रम है, और कब कैसे होगा। मैं इसका खंडन करता हूं। हमारी संस्था ब्राह्मण प्रत्याशी का ही समर्थन कर रही है। हमारे समाज में भ्रम फैलाने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। राजनीति लाभ के लिए नाम का दुरुपयोग ब्राह्मण विकास परिषद के यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ब्राह्मण संस्थाओं के नाम का दुरुपयोग करने की नाकाम कोशिश की गई है। मैं इसका विरोध करता हूं। बगैर पूछे पोस्ट में नाम डाल कर वायरल की गई है। ऐसे भ्रम से ब्राह्मण समाज भ्रमित नहीं होगा। नवीन गोयल के झूठे प्रपंचों में ब्राह्मण समाज फंसने वाला नहीं है। देखें ब्राह्मण समाज की संस्थाओं की ओर से जारी पत्र…