हिमाचल छात्रवृत्ति घोटाले में नया मोड़:ED और CBI अधिकारियों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति, 181 करोड़ की रिश्वत का मामला

हिमाचल छात्रवृत्ति घोटाले में नया मोड़:ED और CBI अधिकारियों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति, 181 करोड़ की रिश्वत का मामला

चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और सीबीआई डीएसपी बलबीर के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दे दी है। यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी के पास आरोपियों की कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच के लिए वॉयस सैंपल आवश्यक हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीबीआई ने शिमला ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप को गिरफ्तार किया। पूछताछ में विशालदीप ने खुलासा किया कि सीबीआई डीएसपी बलबीर ने रिश्वत लेकर निजी शिक्षण संस्थानों के पक्ष में कार्रवाई का वादा किया था। इस खुलासे के बाद सीबीआई ने अपने ही अधिकारी बलबीर को भी गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 2012 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले में कई निजी शिक्षण संस्थानों पर सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए के गबन का आरोप है। सीबीआई की जांच में इस घोटाले में रिश्वतखोरी का भी खुलासा हुआ है। अब वॉयस सैंपल की जांच से मामले में नए तथ्य सामने आने की संभावना है। चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और सीबीआई डीएसपी बलबीर के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दे दी है। यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी के पास आरोपियों की कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच के लिए वॉयस सैंपल आवश्यक हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीबीआई ने शिमला ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप को गिरफ्तार किया। पूछताछ में विशालदीप ने खुलासा किया कि सीबीआई डीएसपी बलबीर ने रिश्वत लेकर निजी शिक्षण संस्थानों के पक्ष में कार्रवाई का वादा किया था। इस खुलासे के बाद सीबीआई ने अपने ही अधिकारी बलबीर को भी गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 2012 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले में कई निजी शिक्षण संस्थानों पर सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए के गबन का आरोप है। सीबीआई की जांच में इस घोटाले में रिश्वतखोरी का भी खुलासा हुआ है। अब वॉयस सैंपल की जांच से मामले में नए तथ्य सामने आने की संभावना है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर