हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के बाद आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) कमजोर हो गया है। प्रदेश में इससे आज ज्यादातर भागों में मौसम साफ हो गया है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो आज अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मध्यम ऊंचे व निचले इलाकों में धूप खिलेगी। IMD की माने तो 18 से 20 जनवरी तक अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इस दौरान निचले इलाकों में मौसम साफ रहेगा। 21 और 22 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस ज्यादा स्ट्रॉन्ग होगा। इससे पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। सियोबाग का तापमान 24 घंटे में 11 डिग्री गिरा वहीं बीते कल की बर्फबारी के बाद प्रदेश के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 24 घंटे के दौरान नॉर्मल से 7.7 डिग्री कम हुआ है। सियोबाग के अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा 11 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और 5.8 डिग्री पारा रह गया है। ऊना के तापमान में 10.6 डिग्री की कमी ऊना के अधिकतम तापमान भी 24 घंटे में 10.6 डिग्री गिरने के बाद 13.6 डिग्री सेल्सियस रह गया है। रिकांगपियों का तापमान में 10.4 डिग्री की गिरावट के बाद 2.2 डिग्री, भरमौर का तापमान -10.7 डिग्री की नीचे गिरने के बाद 1.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है। इसी तरह अन्य शहरों के तापमान में भी कमी आई है। 5 जिलों में कोहरे का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने प्रदेश के मैदानी इलाकों में आज घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिला को दी गई है। इन जिलों में सुबह से दोपहर तक विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर सकती है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के बाद आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) कमजोर हो गया है। प्रदेश में इससे आज ज्यादातर भागों में मौसम साफ हो गया है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो आज अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मध्यम ऊंचे व निचले इलाकों में धूप खिलेगी। IMD की माने तो 18 से 20 जनवरी तक अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इस दौरान निचले इलाकों में मौसम साफ रहेगा। 21 और 22 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस ज्यादा स्ट्रॉन्ग होगा। इससे पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। सियोबाग का तापमान 24 घंटे में 11 डिग्री गिरा वहीं बीते कल की बर्फबारी के बाद प्रदेश के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 24 घंटे के दौरान नॉर्मल से 7.7 डिग्री कम हुआ है। सियोबाग के अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा 11 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और 5.8 डिग्री पारा रह गया है। ऊना के तापमान में 10.6 डिग्री की कमी ऊना के अधिकतम तापमान भी 24 घंटे में 10.6 डिग्री गिरने के बाद 13.6 डिग्री सेल्सियस रह गया है। रिकांगपियों का तापमान में 10.4 डिग्री की गिरावट के बाद 2.2 डिग्री, भरमौर का तापमान -10.7 डिग्री की नीचे गिरने के बाद 1.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है। इसी तरह अन्य शहरों के तापमान में भी कमी आई है। 5 जिलों में कोहरे का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने प्रदेश के मैदानी इलाकों में आज घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिला को दी गई है। इन जिलों में सुबह से दोपहर तक विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में लेह-लद्दाख जाने वाले वाहनों को अनुमति:जिंग-जिंग बार तक जा सकेंगे सैलानी, रोहतांग भी बंद, बारालाचा तक बनी स्नो शीट
हिमाचल में लेह-लद्दाख जाने वाले वाहनों को अनुमति:जिंग-जिंग बार तक जा सकेंगे सैलानी, रोहतांग भी बंद, बारालाचा तक बनी स्नो शीट हिमाचल प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने वाले वाहनों को दुबारा अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, वहां गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेंगे। 6 दिसंबर के बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। न यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी वापस आएगी। लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक सैलानियों को लाहौल के जिस्पा और कोकसर से आगे भेजने का प्लान तैयार करने के लिए लाहौल स्पीति, लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई। हिमपात और ठंड से इन सड़कों पर गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है और कभी भी हादसा हो सकता है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि बुधवार को लेह, कारगिल और लाहौल स्पीति के डीसी और एसपी की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई थी। उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार शिमला से बैठक में वर्चुअली जुडे़ थे। साथ बीआरओ 70 आर.सी.सी, 108 आर.सी.सी और 126 आर.सी.सी के तीनों ओ.आई.सी जुडे़ थे। 6 दिसंबर तक 9 से 1 बजे तक अनुमति मयंक चौधरी ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने की अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेगी। इसके बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। ना यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी आएगी। बारालाचा तक बनी स्नो शीट बैठक में बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। वहां पर ब्लैक आइसिंग भी होती है। उस स्थान पर कोई भी कम्युनिकेशन मौजूद नहीं है। दुर्भाग्य से अगर वहां कोई हादसा होता है, तो संपर्क नहीं साधा जा सकेगा। कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही भी बंद वहीं सैलानियों की सुरक्षा को देखते हुए कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सड़क पर बर्फ जमने के कारण गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है। मयंक चैधरी ने सभी सैलानियों से जिला प्रशासन लाहौल स्पीति द्वारा जो भी एडवाइजरी जारी की जाती है, उसका पालन करने का आग्रह किया। पर्यटकों को अब गर्मियों में होंगे रोहतांग दर्रा के दीदार देश विदेश के सैलानियों की पहली पसंद रहने वाला रोहतांग दर्रा पर्यटकों सहित सभी वाहनों के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। लिहाजा, समुद्रतल से 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा के दीदार अब पर्यटकों को अगले साल ही हो पाएंगे। रोहतांग सड़क पर पानी जमने (ब्लैक आइस) के कारण प्रशासन ने इसकी अधिसूचना पिछले दिनों जारी कर दी है। अब सर्दी के मौसम के बाद ही पर्यटक रोहतांग दर्रा का दीदार कर सकेंगे। ब्लैक आइस जमने से जोखिम भरा हुआ सफर रोहतांग मार्ग पर ब्लैक आइस के कारण दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की है। रोहतांग के लिए ऑनलाइन परमिट बनाने की साइट भी बंद कर दी गई है। प्रशासन ने मढ़ी में स्थापित पुलिस चौकी को भी गुलाबा स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की है। अब पर्यटक गुलाबा से आगे नहीं जा पाएंगे। गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा हर साल 15 नवंबर को आधिकारिक तौर पर यातायात के लिए बंद होता है। इस साल मौसम साफ रहने के कारण अभी तक वाहनों की आवाजाही जारी रही। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने जारी की सूचना एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा ने डीएसपी केडी शर्मा और बीआरओ के साथ रोहतांग सड़क का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में सड़क यातायात के लिए सही नहीं पाई गई। इस कारण रोहतांग यातायात के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया। एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा की सिफारिश पर जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रोहतांग दर्रा आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। पर्यटकों से आग्रह है कि अब गुलाबा से आगे न जाएं।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।
शिमला-कांगड़ा NH पर भारी लैंडस्लाइड:लोअर हिमाचल का राजधानी से कटा संपर्क; सड़क पर आया पहाड़, स्कूली बच्चे-पर्यटक और लोग परेशान
शिमला-कांगड़ा NH पर भारी लैंडस्लाइड:लोअर हिमाचल का राजधानी से कटा संपर्क; सड़क पर आया पहाड़, स्कूली बच्चे-पर्यटक और लोग परेशान हिमाचल की राजधानी को लोअर हिमाचल से जोड़ने वाले शिमला-बिलासपुर-कांगड़ा नेशनल हाईवे पर आज सुबह भारी लैंडस्लाइड हो गया। NH पर सोलन जिला के कराड़ाघाट के पास सुबह करीब आठ बजे पहाड़ी दरक गई। इससे हाईवे पूरी तरह से वाहनों के लिए बंद पड़ा है। लोक निर्माण विभाग की मशीनरी मौके पर मलबे को हटाने में जुटी हुई है। मगर मलबा व पत्थर अधिक होने की वजह से इसे बहाल करने में समय लग रहा है। इससे हाईवे पर दोनों ओर वाहनों लंबी लंबी कतारें लगी गई है। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों, कामकाजी लोगों, अस्पताल उपचार के लिए आने-जाने वाले लोगों सहित पर्यटक भी ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं। इन दिनों देशभर से पर्यटक पहाड़ों का रुख करने लगे है। कई पर्यटक शिमला से मनाली के निकले और और बहुत से पर्यटक मनाली से शिमला आ रहे हैं, वह भी सड़क बंद होने से फंस गए है। आपातकालीन स्थिति में इस सड़क का इस्तेमाल करें स्थानीय प्रशासन ने लोगों के अपील की है कि आपातकालीन स्थिति में वाया घनागुघाट और पिपलूघाट संपर्क मार्ग का प्रयोग करें। मगर यह संपर्क मार्ग तंग है। इससे बड़े वाहनों की आवाजाही संभव नहीं है। 9 जिलों का राजधानी से कटा संपर्क बता दें कि यह हाईवे लोअर हिमाचल को जोड़ता शिमला से जोड़ता है। इसी हाईवे से प्रदेश के 12 में से 9 जिलों की जनता शिमला पहुंचती है। इसके बंद पड़ने से आधे से ज्यादा हिमाचल का राजधानी से संपर्क खत्म हो गया है।