चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और सीबीआई डीएसपी बलबीर के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दे दी है। यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी के पास आरोपियों की कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच के लिए वॉयस सैंपल आवश्यक हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीबीआई ने शिमला ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप को गिरफ्तार किया। पूछताछ में विशालदीप ने खुलासा किया कि सीबीआई डीएसपी बलबीर ने रिश्वत लेकर निजी शिक्षण संस्थानों के पक्ष में कार्रवाई का वादा किया था। इस खुलासे के बाद सीबीआई ने अपने ही अधिकारी बलबीर को भी गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 2012 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले में कई निजी शिक्षण संस्थानों पर सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए के गबन का आरोप है। सीबीआई की जांच में इस घोटाले में रिश्वतखोरी का भी खुलासा हुआ है। अब वॉयस सैंपल की जांच से मामले में नए तथ्य सामने आने की संभावना है। चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और सीबीआई डीएसपी बलबीर के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दे दी है। यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी के पास आरोपियों की कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच के लिए वॉयस सैंपल आवश्यक हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीबीआई ने शिमला ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप को गिरफ्तार किया। पूछताछ में विशालदीप ने खुलासा किया कि सीबीआई डीएसपी बलबीर ने रिश्वत लेकर निजी शिक्षण संस्थानों के पक्ष में कार्रवाई का वादा किया था। इस खुलासे के बाद सीबीआई ने अपने ही अधिकारी बलबीर को भी गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 2012 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले में कई निजी शिक्षण संस्थानों पर सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए के गबन का आरोप है। सीबीआई की जांच में इस घोटाले में रिश्वतखोरी का भी खुलासा हुआ है। अब वॉयस सैंपल की जांच से मामले में नए तथ्य सामने आने की संभावना है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल के भरमौर में भारी जन सैलाब उमड़ आया है। पिछले 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर सुबह 3:40 बजे से शाही स्नान चल रहा है। छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज आधी रात 2:20 बजे तक रहेगा। माना जा रहा है तब तक एक लाख से ज्यादा शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। शाही बड़ा स्नान राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को होगा। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और भरमौर से मणिमहेश तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। ज्यादातर श्रद्धालु पैदल चल कर मणिमहेश पहुंच रहे हैं। इसी के साथ आज से आधिकारिक तौर पर मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। हेलिकॉप्टर की उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा हालांकि सरकार ने भरमौर से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी सेवा भी शुरू कर रखी है। मगर इसकी उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा है। कुछ श्रद्धालु घोड़े व खच्चरों पर भी इस यात्रा को पूरा कर रहे हैं। इससे पहले इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए: SDM SDM भरमौर कुलविंदर सिंह ने बताया कि छोटा शाही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा कल तक पता चलेगा। मगर पिछले कल और आज सुबह 10 बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मणिमहेश को रवाना हो चुके है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों बता रहे कि इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में छोटे शाही स्नान को श्रद्धालु नहीं पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है। 12KM लंबा ट्रैफिक जाम आलम यह है कि मणिमहेश यात्रियों के कारण पिछले कल भरमौर से पहले हाईवे पर 12 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। सैकड़ों श्रद्धालु आधी रात तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। आज भी काफी संख्या में वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे है। स्थानीय प्रशासन ने मणिमहेश में रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों के अलावा पर्वतारोहण संस्थान के स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। इसी तरह 5 स्थानों पर शिविरों में मेडिकल टीम की तैनात की गई है। यहां बनाए गए कैंप प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।
ऊना में शॉर्ट सर्किट से डंपर में लगी आग:ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान; खराब होने पर साइड में लगाकर सो रहा था
ऊना में शॉर्ट सर्किट से डंपर में लगी आग:ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान; खराब होने पर साइड में लगाकर सो रहा था हिमाचल प्रदेश के ऊना में डंपर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। वहीं केबिन में सो रहे ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान बचाई। ट्रक खराब होने के कारण ड्राइवर साइड में लगाकर सो गया था। घटना बीती रात हरोली के टाहलीवाल औद्योगिक में क्रेमिका उद्योग के पास हुई है। जब जगजीत सिंह अपने डंपर में बजरी लेकर पंजाब की ओर जा रहे थे। रात करीब 12 बजे टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के पास चढ़ाई पर डंपर खराब हो गया। ड्राइवर ने वहीं टिप्पर रोक दिया और केबिन में सो गया। सुबह लगभग साढ़े 5 बजे डंपर के केबिन में अचानक स्पार्किंग हुई और आग लग गई। ड्राइवर ने तुरंत केबिन से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। वहां से गुजर रहे बाइक सवारों की मदद से फायर स्टेशन टाहलीवाल को सूचना दी गई। अग्निशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। दो साल पहले खरीदे गए इस डंपर की कीमत लगभग 35 लाख रुपए है। शॉर्ट सर्किट से लगी इस आग के कारण वाहन का करीब 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया।
पंजाब में 2 भाई समेत 6 लोगों की मौत:सुरजीत व सरूप चंद का एक-एक बेटा पीछे रहा, दोनों के घर पर देहला में लटका ताला
पंजाब में 2 भाई समेत 6 लोगों की मौत:सुरजीत व सरूप चंद का एक-एक बेटा पीछे रहा, दोनों के घर पर देहला में लटका ताला हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर इनोवा गांड़ी खड्ड में बहने से एक ही परिवार के 2 भाई समेत 6 लोगों की मौत हो गई। परिवार में अब सुरजीत कुमार और उसके भाई सरूप चंद का एक-एक बेटा बचा है। हादसे के बाद देहला में सुरजीत कुमार और सरूप चंद के घर पर ताला लटका हुआ है। इस हादसे में सुरजीत कुमार की पत्नी परमजीत कौर, पुत्र गगन कुमार, सरूप चंद की पत्नी बलविंदर कौर, पुत्र नितिश कुमार की मौत हो गई है।
वहीं भटोली निवासी सुरजीत शिन्नो, उनकी 2 बेटी भावना व अमानत तथा बेटे हर्षित की भी मौत हो गई है। सुरजीत कुमार के परिवार में अब अमरीक सिंह रह गए है। बता दें कि आज सुबह हिमाचल के ऊना जिला के देहला से 12 लोग इनोवा गाड़ी सवार होकर पंजाब के नवाशहर शादी समारोह में शामिल होने गए थे। इनमें से 9 की मौत हो गई है, जबकि 2 लोग अभी लापता हैं। एक व्यक्ति को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। क्षेत्र में बीती रात हुई भारी बारिश
क्षेत्र में बीती रात से ही भारी बारिश हो रही थी। इससे क्षेत्र की सभी खड्ड उफान पर है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन ने 9 शव बरामद कर दिए है। दो लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चला हुआ है। इन नामों से हुई मृतकों की पहचान
मृतकों में देहलां गांव के वार्ड तीन निवासी सुरजीत सिंह उम्र (55), उनकी पत्नी परमजीत कौर (50) वर्ष, बेटा गगनदीप (19, उनका भाई रामस्वरूप, पत्नी पलविंदर कौर, बेटा नितिन, सुरजीत की साली भटोली गांव निवासी शीनू देवी पत्नी अमरीक सिंह, उसका बेटा हर्षित, बेटी भावना तथा मन्नत शामिल हैं। वहीं बचाया गया युवक दीपक (22) पुत्र सुरजीत निवासी देहलां अस्पताल में उपचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने जेजों हादसे पर दुःख व्यक्त किया
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पंजाब के जेजों हादसे पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस दुःख की घड़ी में उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी और इस संबंध में ऊना के जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।