<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Crime News:</strong> दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले में एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. जिसमें भारत से जुड़े ठग इंटरनेशनल गिरोहों को सपोर्ट कर रहे थे. इस गैंग का सीधा कनेक्शन कंबोडिया, थाईलैंड, कनाडा समेत कई अन्य देशों में बैठे साइबर अपराधियों से था. पुलिस ने इस मामले में लखनऊ और करनाल से तीन आरोप को गिरफ्तार किया है. साथ ही 1000 SIP नंबर और कॉलिंग टर्मिनल्स भी जब्त कर दिए गए हैं.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दरअसल दिल्ली पुलिस के पास 19 दिसंबर 2024 को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे +911246047245 नंबर से कॉल आया. जिसमें खुद को CBI अधिकारी बताने वाले ठगों ने उसे धमकाया. ठगों ने महिला से 94 हजार रुपये डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ट्रांसफर करवा लिए. शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच शुरू कर दी.<br />
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | Here’s what DCP (Outer North) Nidhin Valsan said after Delhi Police solved digital arrest case. <br /><br />”We busted a digital crime syndicate in the Cybercrime Outer North District. They used a SIP (Session Initiation Protocol), typically used for digital marketing, to bypass… <a href=”https://t.co/kcuVGxEiV0″>pic.twitter.com/kcuVGxEiV0</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1886734711122514055?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 4, 2025</a></blockquote>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
<br /><strong>ठगों ने फर्जी ऑफिस किराए पर ले रखा था</strong><br />डीसीपी आउटर नार्थ निधिन वालसन ने बताया कि पुलिस ने ठगों के कॉल डिटेल्स और बैंक अकाउंट्स की जांच की. जिससे SIP नंबरों की जानकारी मिली. पुलिस के मुताबिक ये नंबर जियो और टाटा टेली सर्विसेस से जारी किए गए थे और Ishan Netsol Pvt Ltd और Grace of Glory Ministry Trust को दिए गए थे. आगे की जांच में पता चला कि ठगों ने फर्जी ऑफिस किराए पर लेकर इसे साइबर ठगी के अड्डे के रूप में इस्तेमाल है.<br /><br />इसके बाद पुलिस ने लखनऊ, करनाल और गुरुग्राम में छापा मार कर अजयदीप, अभिषेक श्रीवास्तव और अशुतोष बोरा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आशुतोष ने कबूला कि वो इंदौर के मोहम्मद अली के संपर्क में था जो इस पूरे साइबर ठगी रैकेट का मास्टरमाइंड है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.<br /><br /><strong>लोगों को दी जाती थी धमकी</strong> <br />आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी निधिन वालसन बताया कि ये साइबर क्राइम का एक बेहद शातिर तरीका था, जिसे “डिजिटल अरेस्ट स्कैम” कहा जा रहा है. ठग SIP (Session Initiation Protocol) के जरिए VoIP कॉल्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे वो खुद को सरकारी अधिकारी (CBI, TRAI, DoT) बताकर लोगों को डराते थे. लोगों को धमकी दी जाती थी कि उनका नंबर आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है और अगर उन्होंने तुरंत जुर्माना नहीं भरा तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर की वजह लोग ठगों के बताए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते थे.<br /><br /><strong>इन कॉल्स की निगरानी करना होता है मुश्किल</strong> <br />डीसीपी ने बताया कि SIP (Session Initiation Protocol) एक तकनीक है जिससे इंटरनेट के जरिए फोन कॉल्स किए जाते है. अपराधी इसे इसलिए इस्तेमाल करते है. क्योंकि ये सामान्य फोन नेटवर्क से अलग होता है, जिससे इन कॉल्स की निगरानी करना मुश्किल होता है. इसमें फर्जी नंबर इस्तेमाल कर सरकारी एजेंसियों के नाम पर लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है. SIP कॉल्स को ट्रैक और ब्लॉक करना बेहद मुश्किल होता है.<br /><br />पुलिस के मुताबिक ठगों ने SIP सर्विस प्रोवाइडर्स से फर्जी पहचान पर नंबर लिए थे. 5000 से ज्यादा SIP नंबर का इस्तेमाल कर 2 लाख से अधिक लोगों को कॉल की गई. कॉल्स विदेशी सर्वरों (कंबोडिया, थाईलैंड, कनाडा) के जरिए रूट की जाती थी. जिससे असली लोकेशन ट्रेस न हो सके. ठगी के लिए ऑटो-डायलर सिस्टम और क्लाउड PBX सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया. SIP कॉलिंग सिस्टम सेटअप करने के बाद इसे विदेश में बैठे ठगों को एक्सेस दिया जाता था.<br /><br />इस मामले में गिरफ्तार आरोपी अजयदीप ने B.Tech और MBA किया. पहले NGO “Save The Children” में काम कर चुका है. आरोपी अभिषेक श्रीवास्तव कंप्यूटर हार्डवेयर और CCTV रिपेयरिंग का काम करता था और अशुतोष बोरा ग्रेजुएट है और LLB कर रहा है, SIP सर्विसेज उपलब्ध करवा रहा था.<br /><br />पुलिस ने आरोपियों के पास से MacBook लैपटॉप, iPhone 14, Motorola Edge 50, डेस्कटॉप सिस्टम, राउटर, स्विचेस और मीडिया गेटवे, SIP ट्रंकिंग सर्विस, ऑटो डायलर, प्लास्टिक स्टैम्प्स, बैंक डिटेल्स और रेंट एग्रीमेंट बरामद किए है.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस की टीम और I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) टीम अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में लगी हुई है. पुलिस ये भी पता कर रही है कि देशभर में इस रैकेट के कितने और लोगों के साथ ठगी की है. इसके अलावा मास्टरमाइंड मोहम्मद अली की तलाश भी जारी है.</div>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Watch: रैलियों और रोड शो के कारण जब दिल्ली हुई जाम, आखिरी पल में प्रचार करने ऐसे पहुंचे संजय सिंह” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-election-2025-aap-leader-sanjay-singh-reached-kirari-assembly-constituency-by-bike-ann-2877272″ target=”_self”>Watch: रैलियों और रोड शो के कारण जब दिल्ली हुई जाम, आखिरी पल में प्रचार करने ऐसे पहुंचे संजय सिंह</a></strong></p> <div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Crime News:</strong> दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले में एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. जिसमें भारत से जुड़े ठग इंटरनेशनल गिरोहों को सपोर्ट कर रहे थे. इस गैंग का सीधा कनेक्शन कंबोडिया, थाईलैंड, कनाडा समेत कई अन्य देशों में बैठे साइबर अपराधियों से था. पुलिस ने इस मामले में लखनऊ और करनाल से तीन आरोप को गिरफ्तार किया है. साथ ही 1000 SIP नंबर और कॉलिंग टर्मिनल्स भी जब्त कर दिए गए हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दरअसल दिल्ली पुलिस के पास 19 दिसंबर 2024 को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे +911246047245 नंबर से कॉल आया. जिसमें खुद को CBI अधिकारी बताने वाले ठगों ने उसे धमकाया. ठगों ने महिला से 94 हजार रुपये डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ट्रांसफर करवा लिए. शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच शुरू कर दी.<br />
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<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | Here’s what DCP (Outer North) Nidhin Valsan said after Delhi Police solved digital arrest case. <br /><br />”We busted a digital crime syndicate in the Cybercrime Outer North District. They used a SIP (Session Initiation Protocol), typically used for digital marketing, to bypass… <a href=”https://t.co/kcuVGxEiV0″>pic.twitter.com/kcuVGxEiV0</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1886734711122514055?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 4, 2025</a></blockquote>
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<br /><strong>ठगों ने फर्जी ऑफिस किराए पर ले रखा था</strong><br />डीसीपी आउटर नार्थ निधिन वालसन ने बताया कि पुलिस ने ठगों के कॉल डिटेल्स और बैंक अकाउंट्स की जांच की. जिससे SIP नंबरों की जानकारी मिली. पुलिस के मुताबिक ये नंबर जियो और टाटा टेली सर्विसेस से जारी किए गए थे और Ishan Netsol Pvt Ltd और Grace of Glory Ministry Trust को दिए गए थे. आगे की जांच में पता चला कि ठगों ने फर्जी ऑफिस किराए पर लेकर इसे साइबर ठगी के अड्डे के रूप में इस्तेमाल है.<br /><br />इसके बाद पुलिस ने लखनऊ, करनाल और गुरुग्राम में छापा मार कर अजयदीप, अभिषेक श्रीवास्तव और अशुतोष बोरा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आशुतोष ने कबूला कि वो इंदौर के मोहम्मद अली के संपर्क में था जो इस पूरे साइबर ठगी रैकेट का मास्टरमाइंड है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.<br /><br /><strong>लोगों को दी जाती थी धमकी</strong> <br />आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी निधिन वालसन बताया कि ये साइबर क्राइम का एक बेहद शातिर तरीका था, जिसे “डिजिटल अरेस्ट स्कैम” कहा जा रहा है. ठग SIP (Session Initiation Protocol) के जरिए VoIP कॉल्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे वो खुद को सरकारी अधिकारी (CBI, TRAI, DoT) बताकर लोगों को डराते थे. लोगों को धमकी दी जाती थी कि उनका नंबर आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है और अगर उन्होंने तुरंत जुर्माना नहीं भरा तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर की वजह लोग ठगों के बताए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते थे.<br /><br /><strong>इन कॉल्स की निगरानी करना होता है मुश्किल</strong> <br />डीसीपी ने बताया कि SIP (Session Initiation Protocol) एक तकनीक है जिससे इंटरनेट के जरिए फोन कॉल्स किए जाते है. अपराधी इसे इसलिए इस्तेमाल करते है. क्योंकि ये सामान्य फोन नेटवर्क से अलग होता है, जिससे इन कॉल्स की निगरानी करना मुश्किल होता है. इसमें फर्जी नंबर इस्तेमाल कर सरकारी एजेंसियों के नाम पर लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है. SIP कॉल्स को ट्रैक और ब्लॉक करना बेहद मुश्किल होता है.<br /><br />पुलिस के मुताबिक ठगों ने SIP सर्विस प्रोवाइडर्स से फर्जी पहचान पर नंबर लिए थे. 5000 से ज्यादा SIP नंबर का इस्तेमाल कर 2 लाख से अधिक लोगों को कॉल की गई. कॉल्स विदेशी सर्वरों (कंबोडिया, थाईलैंड, कनाडा) के जरिए रूट की जाती थी. जिससे असली लोकेशन ट्रेस न हो सके. ठगी के लिए ऑटो-डायलर सिस्टम और क्लाउड PBX सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया. SIP कॉलिंग सिस्टम सेटअप करने के बाद इसे विदेश में बैठे ठगों को एक्सेस दिया जाता था.<br /><br />इस मामले में गिरफ्तार आरोपी अजयदीप ने B.Tech और MBA किया. पहले NGO “Save The Children” में काम कर चुका है. आरोपी अभिषेक श्रीवास्तव कंप्यूटर हार्डवेयर और CCTV रिपेयरिंग का काम करता था और अशुतोष बोरा ग्रेजुएट है और LLB कर रहा है, SIP सर्विसेज उपलब्ध करवा रहा था.<br /><br />पुलिस ने आरोपियों के पास से MacBook लैपटॉप, iPhone 14, Motorola Edge 50, डेस्कटॉप सिस्टम, राउटर, स्विचेस और मीडिया गेटवे, SIP ट्रंकिंग सर्विस, ऑटो डायलर, प्लास्टिक स्टैम्प्स, बैंक डिटेल्स और रेंट एग्रीमेंट बरामद किए है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस की टीम और I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) टीम अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में लगी हुई है. पुलिस ये भी पता कर रही है कि देशभर में इस रैकेट के कितने और लोगों के साथ ठगी की है. इसके अलावा मास्टरमाइंड मोहम्मद अली की तलाश भी जारी है.</div>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Watch: रैलियों और रोड शो के कारण जब दिल्ली हुई जाम, आखिरी पल में प्रचार करने ऐसे पहुंचे संजय सिंह” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-election-2025-aap-leader-sanjay-singh-reached-kirari-assembly-constituency-by-bike-ann-2877272″ target=”_self”>Watch: रैलियों और रोड शो के कारण जब दिल्ली हुई जाम, आखिरी पल में प्रचार करने ऐसे पहुंचे संजय सिंह</a></strong></p> दिल्ली NCR ‘झूठ बोल रहे हैं हिमाचल के CM सुक्खू’, सरकार पर बरसे बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा