वाराणसी के डीएवी कॉलेज में गुरुवार को बलिया के कॉलेज का एक लिपिक शिक्षक बनकर प्रैक्टिकल लेने पहुंच गया। जीव विज्ञान की प्रयोगात्मक परीक्षा में छात्रों से जंतु विज्ञान के सवाल करने लगा। एक्सटर्नल एक्जामिनर होकर इंटरनल के बिना ही प्रैक्टिकल शुरू कर दिया। सवालों के बीच छात्रों ने शिकायत की तो कॉलेज के प्रधानाचार्य को शक हुआ। नाम और पता पूछने के साथ संबंधित कॉलेज को फोन किया तो मामला खुल गया। पता चला कि कॉलेज का लिपिक फर्जी शिक्षक बनकर आया था। कॉलेज प्रबंधन ने उसके साथ आए दो अन्य सहयोगियों को भी कॉलेज के अंदर बुलाकर कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद कोतवाली पुलिस को बुलाया। पुलिस तीनों को थाने ले गई। पढ़ें पूरा मामला
वाराणसी के डीएवी इंटर कॉलेज में गुरुवार को विभिन्न विषयों के प्रैक्टिकल चल रहे हैं। इनमें गैर जनपदों से एक्सटर्नल एक्जामिनर पहुंच रहे हैं। बलिया के नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज के अध्यापक राजीव कुमार शर्मा को प्रैक्टिकल लेने डीएवी कॉलेज पहुंचना था। दोपहर में एक कार सवार तीन लोग कॉलेज पहुंचे और एक युवक ने खुद को राजीव कुमार शर्मा बताया। इसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य के साथ चाय नाश्ता किया। परीक्षक कक्ष में प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू हुई तो उसने इंटरमीडिएट जीव विज्ञान यानि Biology के पांच छात्रों को बुलाया। वह छात्रों से सामान्य ज्ञान का सवाल पूछने लगे, फिर फाइल जमा करके बाहर भेज दिया। इसके बाद अन्य छात्रों को अंदर बुलाया। Biology के स्थान पर Zoology के सवाल पूछने लगे। इस पर छात्रों ने विषय संबंधित सवाल पूछने की बात कही। मगर वह नहीं माने। इस पर छात्रों ने विषय के अध्यापक और प्रधानाचार्य से कोर्स के बाहर सवाल पूछने की बात कही, इस पर प्रधानाचार्य खुद पहुंचे तो देखा कि परीक्षक Biology के प्रैक्टिकल में Zoology के सवाल पूछ रहे थे। मामला खुला तो बना लिया बंधक
इसके बाद उन्होंने बलिया के कॉलेज में प्रिंसिपल और संबधित शिक्षक को फोन किया तो मामला खुल गया। पता चला कि कालेज में जो आया है वह फर्जी एक्जामिनर है। इसके बाद प्रधानाचार्य ने इंटरमीडिएट का प्रैक्टिकल को रोकते हुए फर्जी एक्जामिनर और उसके साथियों को एक कमरे में बंधक बना लिया। कॉलेज के एक अन्य शिक्षक ने कोतवाली पुलिस को मामले की जानकारी दी और थाने से पुलिस फोर्स को बुलाया। कॉलेज की सूचना पर कोतवाली पुलिस डीएवी इंटर कॉलेज पहुंची और मामले की जानकारी ली। फर्जी शिक्षकों को कालेज प्रशासन ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया तो पुलिस ने उससे पूछताछ की। पता चला कि फर्जी एक्जामिनर बनकर आया युवक शिक्षक नहीं नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज का लिपिक अजीत यादव है। इंटरमीडिएट के शिक्षक राजीव कुमार शर्मा की जगह अजीत यादव खुद फर्जी एक्जामिनर बनकर आया था। बोर्ड के आदेश का लेटर आने के बाद उसने कॉलेज का लेटर बनाया लेकिन राजीव शर्मा को नहीं दिया बल्कि उस पर खुद का फोटो लगा लिया। उसे उम्मीद थी कि एक्जामिनर को कोई नहीं पकड़ पाएगा। रुपए दिलाने का लालच देकर लाया दोस्त की कार
नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज का लिपिक अजीत यादव फर्जी कागज से खुद को एक्जामिनर बना बैठा, लेकिन उसके पास कार नहीं थी इसलिए रौब जमाने के लिए दोस्तों की मदद ली और कार मांगी। उसने बताया था कि बनारस में जिस कॉलेज में प्रैक्टिकल हैं। वहां जाने पर रुपए मिलेंगे, ऐसा बताकर दोनों दोस्तों को साथ लेकर आया था। उसके दोस्तों में उक्छी बलिया निवासी अमरेंद्र तिवारी पुत्र तारकेश्वर तिवारी और भंवरहा गाजीपुर निवासी ध्रुव यादव, पुत्र स्वर्गीय मुकुट यादव शामिल हैं। पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया और थाने लेकर आई। इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने तहरीर दी, जिसके आधार पर तीनों के खिलाफ के दर्ज किया जा रहा है। …………….. ये खबर भी पढ़ें जिंदा रह सकूं, बस उतना ही खाना मिलता था:हाथ-पैर बांधे, हथकड़ी-बेड़ी लगाकर अमेरिका से भारत भेजा; यूपी के 3 युवकों की कहानी माफिया ने मुझे 15 फीट ऊंची दीवार पार करवा कर अमेरिका में एंट्री दिलाई। इसके बाद अमेरिकी सेना ने मुझे पकड़ लिया। जिस कैंप में हमें रखा गया था, वहां बेहद खराब स्थिति होती है। खाने के लिए केवल उतना ही दिया जाता है कि जिंदा रहा जा सके। ठंड में केवल एक कपड़े में रहना पड़ा। पूछताछ के बाद मेरे हाथ-पैरों में बेड़ियां डालकर डिपोर्ट कर दिया गया। बुधवार को मुझे अमृतसर हवाईअड्डे पर लाया गया।’ यह दर्द है अमेरिका से इंडिया डिपोर्ट किए गए देवेंद्र सिंह का। पढ़ें पूरी खबर वाराणसी के डीएवी कॉलेज में गुरुवार को बलिया के कॉलेज का एक लिपिक शिक्षक बनकर प्रैक्टिकल लेने पहुंच गया। जीव विज्ञान की प्रयोगात्मक परीक्षा में छात्रों से जंतु विज्ञान के सवाल करने लगा। एक्सटर्नल एक्जामिनर होकर इंटरनल के बिना ही प्रैक्टिकल शुरू कर दिया। सवालों के बीच छात्रों ने शिकायत की तो कॉलेज के प्रधानाचार्य को शक हुआ। नाम और पता पूछने के साथ संबंधित कॉलेज को फोन किया तो मामला खुल गया। पता चला कि कॉलेज का लिपिक फर्जी शिक्षक बनकर आया था। कॉलेज प्रबंधन ने उसके साथ आए दो अन्य सहयोगियों को भी कॉलेज के अंदर बुलाकर कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद कोतवाली पुलिस को बुलाया। पुलिस तीनों को थाने ले गई। पढ़ें पूरा मामला
वाराणसी के डीएवी इंटर कॉलेज में गुरुवार को विभिन्न विषयों के प्रैक्टिकल चल रहे हैं। इनमें गैर जनपदों से एक्सटर्नल एक्जामिनर पहुंच रहे हैं। बलिया के नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज के अध्यापक राजीव कुमार शर्मा को प्रैक्टिकल लेने डीएवी कॉलेज पहुंचना था। दोपहर में एक कार सवार तीन लोग कॉलेज पहुंचे और एक युवक ने खुद को राजीव कुमार शर्मा बताया। इसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य के साथ चाय नाश्ता किया। परीक्षक कक्ष में प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू हुई तो उसने इंटरमीडिएट जीव विज्ञान यानि Biology के पांच छात्रों को बुलाया। वह छात्रों से सामान्य ज्ञान का सवाल पूछने लगे, फिर फाइल जमा करके बाहर भेज दिया। इसके बाद अन्य छात्रों को अंदर बुलाया। Biology के स्थान पर Zoology के सवाल पूछने लगे। इस पर छात्रों ने विषय संबंधित सवाल पूछने की बात कही। मगर वह नहीं माने। इस पर छात्रों ने विषय के अध्यापक और प्रधानाचार्य से कोर्स के बाहर सवाल पूछने की बात कही, इस पर प्रधानाचार्य खुद पहुंचे तो देखा कि परीक्षक Biology के प्रैक्टिकल में Zoology के सवाल पूछ रहे थे। मामला खुला तो बना लिया बंधक
इसके बाद उन्होंने बलिया के कॉलेज में प्रिंसिपल और संबधित शिक्षक को फोन किया तो मामला खुल गया। पता चला कि कालेज में जो आया है वह फर्जी एक्जामिनर है। इसके बाद प्रधानाचार्य ने इंटरमीडिएट का प्रैक्टिकल को रोकते हुए फर्जी एक्जामिनर और उसके साथियों को एक कमरे में बंधक बना लिया। कॉलेज के एक अन्य शिक्षक ने कोतवाली पुलिस को मामले की जानकारी दी और थाने से पुलिस फोर्स को बुलाया। कॉलेज की सूचना पर कोतवाली पुलिस डीएवी इंटर कॉलेज पहुंची और मामले की जानकारी ली। फर्जी शिक्षकों को कालेज प्रशासन ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया तो पुलिस ने उससे पूछताछ की। पता चला कि फर्जी एक्जामिनर बनकर आया युवक शिक्षक नहीं नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज का लिपिक अजीत यादव है। इंटरमीडिएट के शिक्षक राजीव कुमार शर्मा की जगह अजीत यादव खुद फर्जी एक्जामिनर बनकर आया था। बोर्ड के आदेश का लेटर आने के बाद उसने कॉलेज का लेटर बनाया लेकिन राजीव शर्मा को नहीं दिया बल्कि उस पर खुद का फोटो लगा लिया। उसे उम्मीद थी कि एक्जामिनर को कोई नहीं पकड़ पाएगा। रुपए दिलाने का लालच देकर लाया दोस्त की कार
नागेश्वर देवी बालिका इंटर कालेज का लिपिक अजीत यादव फर्जी कागज से खुद को एक्जामिनर बना बैठा, लेकिन उसके पास कार नहीं थी इसलिए रौब जमाने के लिए दोस्तों की मदद ली और कार मांगी। उसने बताया था कि बनारस में जिस कॉलेज में प्रैक्टिकल हैं। वहां जाने पर रुपए मिलेंगे, ऐसा बताकर दोनों दोस्तों को साथ लेकर आया था। उसके दोस्तों में उक्छी बलिया निवासी अमरेंद्र तिवारी पुत्र तारकेश्वर तिवारी और भंवरहा गाजीपुर निवासी ध्रुव यादव, पुत्र स्वर्गीय मुकुट यादव शामिल हैं। पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया और थाने लेकर आई। इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने तहरीर दी, जिसके आधार पर तीनों के खिलाफ के दर्ज किया जा रहा है। …………….. ये खबर भी पढ़ें जिंदा रह सकूं, बस उतना ही खाना मिलता था:हाथ-पैर बांधे, हथकड़ी-बेड़ी लगाकर अमेरिका से भारत भेजा; यूपी के 3 युवकों की कहानी माफिया ने मुझे 15 फीट ऊंची दीवार पार करवा कर अमेरिका में एंट्री दिलाई। इसके बाद अमेरिकी सेना ने मुझे पकड़ लिया। जिस कैंप में हमें रखा गया था, वहां बेहद खराब स्थिति होती है। खाने के लिए केवल उतना ही दिया जाता है कि जिंदा रहा जा सके। ठंड में केवल एक कपड़े में रहना पड़ा। पूछताछ के बाद मेरे हाथ-पैरों में बेड़ियां डालकर डिपोर्ट कर दिया गया। बुधवार को मुझे अमृतसर हवाईअड्डे पर लाया गया।’ यह दर्द है अमेरिका से इंडिया डिपोर्ट किए गए देवेंद्र सिंह का। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर