हरियाणा के पलवल में एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने 10 साल के मासूम बच्चे के साथ यौन शोषण किया। पुलिस ने गदपुरी थाना में बच्चे के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। आरोपी वारदात के बाद से फरार है। जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने बीमार पिता को डॉक्टर से दिखाकर घर लौटे थे। उन्होंने अपने दो बच्चों को बीड़ी लेने दुकान पर भेजा था। छोटा बच्चा तो वापस आ गया, लेकिन 10 वर्षीय बड़ा बेटा काफी देर तक घर नहीं लौटा। इसके बाद परिजन उसकी तलाश में निकल पड़े। व्यक्ति ने बताया कि उनको पता चला कि गांव का ही राजपाल उसके बेटे को को बहला-फुसलाकर एक खाली प्लॉट में ले गया। वहां उसने बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया। जब परिजनों ने उन्हें देखा तो आरोपी बच्चे को छोड़कर मौके से फरार हो गया। बच्चे ने अपने साथ हुई दरिंदगी की जानकारी परिजनों को दी। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। गदपुरी थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं। हरियाणा के पलवल में एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने 10 साल के मासूम बच्चे के साथ यौन शोषण किया। पुलिस ने गदपुरी थाना में बच्चे के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। आरोपी वारदात के बाद से फरार है। जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने बीमार पिता को डॉक्टर से दिखाकर घर लौटे थे। उन्होंने अपने दो बच्चों को बीड़ी लेने दुकान पर भेजा था। छोटा बच्चा तो वापस आ गया, लेकिन 10 वर्षीय बड़ा बेटा काफी देर तक घर नहीं लौटा। इसके बाद परिजन उसकी तलाश में निकल पड़े। व्यक्ति ने बताया कि उनको पता चला कि गांव का ही राजपाल उसके बेटे को को बहला-फुसलाकर एक खाली प्लॉट में ले गया। वहां उसने बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया। जब परिजनों ने उन्हें देखा तो आरोपी बच्चे को छोड़कर मौके से फरार हो गया। बच्चे ने अपने साथ हुई दरिंदगी की जानकारी परिजनों को दी। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। गदपुरी थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में दशहरा मेले के दौरान झुलसा सिक्योरिटी गार्ड:रावण दहन से पूर्व हुई आतिशबाजी में हुआ हादसा, गार्ड को अस्पताल में करवाया भर्ती अंबाला छावनी के गांधी ग्राउंड में दशहरा मेले के दौरान पुतला दहन से पूर्व हुई आतिशबाजी में एक सिक्योरिटी गार्ड बुरी तरह झुलस गया। हादसे में मौके पर मौजूद गार्ड की वर्दी भी बुरी तरह से जल गई। दरअसल, अंबाला छावनी के गांधी ग्राउंड में आज मेला लगा हुआ था, रावण का पुतला दहन होने ही वाला था कि इससे पहले भी वहां पर आतिशबाजी की गई। इस आतिशबाजी में एक बम ग्राउंड में खड़े लोगों के बीच गिर गया। और इस धमाके में सिक्योरिटी गार्ड बीएस रेड्डी बुरी घायल हो गया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने सबसे पहले गार्ड की वर्दी निकाली। वहीं श्री राम लीला कमेटी अनाज मंडी के पदाधिकारियों ने उसे अंबाला छावनी नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया है। बम के धमाके से गार्ड हुआ घायल
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद दूसरे गार्ड ने बताया कि पुतला दहन से पूर्व आतिशबाजी की जा रही थी तो एक बम वहीं पास ही डयूटी पर तैनात बीएस रेड्डी पर आ गिरा। जिसमें उसकी वर्दी जल गई। जितने देर में लोग आग को बुझा पाते इतने में गार्ड गर्दन के पास से काफी बुरी तरह से जल गया।
किरण चौधरी नहीं देंगी विधायकी से इस्तीफा:इसके पीछे हरियाणा BJP की प्लानिंग; राज्यसभा इलेक्शन में फायदा, फ्लोर टेस्ट में बहुमत में दिखेगी
किरण चौधरी नहीं देंगी विधायकी से इस्तीफा:इसके पीछे हरियाणा BJP की प्लानिंग; राज्यसभा इलेक्शन में फायदा, फ्लोर टेस्ट में बहुमत में दिखेगी कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन करने वाली हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट से विधायक किरण चौधरी विधायकी से इस्तीफा नहीं देंगी। यह हरियाणा बीजेपी की मेगा प्लानिंग का हिस्सा है। इस प्लानिंग के जरिए बीजेपी राज्यसभा सीट में फायदा लेगी। इसके साथ ही यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो भी विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी। अभी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किरण चौधरी या श्रुति को भाजपा हरियाणा से हाल ही में खाली हुई एक राज्यसभा सीट के लिए आगामी कुछ दिनों में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। किरण या श्रुति के अलावा भी पार्टी कोई अन्य उम्मीदवार बनाती है तो भी बीजेपी, कांग्रेस के मुकाबले मजबूत स्थिति में रहेगी। अब पढ़िए कैसे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को होगा फायदा… वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकती कांग्रेस
कानूनी विश्लेषक और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि बीजेपी ने जान-बूझ कर सोची समझी रणनीति के कारण किरण से इस्तीफा नहीं दिलवाया है। अगले कुछ दिनों में हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में मतदान की आवश्यकता होती है तो उस परिस्थिति में किरण सदन में कांग्रेस विधायक रहते हुए भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती है। इसकी वजह यह है कि राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को वोटिंग के संबंध में निर्देश देने के लिए व्हिप नहीं जारी किया जा सकता है। इसका फायदा बीजेपी राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में उठाएगी। विधानसभा में बहुमत में आई बीजेपी
किरण चौधरी के भाजपा में आने से विधानसभा में नायब सैनी की मौजूदा सरकार की 87 सदस्यीय सदन में विधायकों की संख्या एक बढ़कर 44 (स्पीकर को मिलाकर) हो गई है। इस संख्या में बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि 1 हलोपा विधायक गोपाल कांडा, किरण चौधरी और एक निर्दलीय विधायक किरण चौधरी शामिल हैं। चूंकि अभी सदन में 87 विधायक हैं, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, जो भाजपा के पास है। यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट होता है तो बीजेपी यहां विपक्ष के मुकाबले बहुमत में दिखाई देगी। किरण के इस्तीफे का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी
सूत्रों का कहना है कि अगर किरण चौधरी इस्तीफा नहीं देने का फैसला करती हैं तो कांग्रेस स्पीकर को लिखित में भेज सकती है कि चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है और सदन की उनकी सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए। हालांकि इसके बाद स्पीकर को प्रतिनिधित्व मिल जाता है तो उन्हें यह तय करना होता है कि वह विधायक के रूप में बनी रह सकती हैं या नहीं। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही कोई निर्णय आने की संभावना नहीं है। किरण की तरह JJP के 2 विधायकों पर कार्रवाई लंबित
हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 4 महीने बाकी हैं, भाजपा को समर्थन करने वाले 2 जेजेपी विधायक सदन के सदस्य बने हुए हैं। अगर मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत लाया जाता है तो वे भाजपा का समर्थन करेंगे। जेजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पीकर को एक ज्ञापन दिया है, जो स्पीकर के पास लंबित है। उम्मीद है कि किरण चौधरी के खिलाफ कांग्रेस का ज्ञापन विधानसभा स्पीकर के खिलाफ पेश किया जाएगा।
हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव का आज जारी होगा नोटिफिकेशन:बीजेपी में एक और दावेदार जुड़ा; अब तक 5 कर रहे लॉबिंग, दलित कोटे से खाली हुई सीट
हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव का आज जारी होगा नोटिफिकेशन:बीजेपी में एक और दावेदार जुड़ा; अब तक 5 कर रहे लॉबिंग, दलित कोटे से खाली हुई सीट हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी होगा। इस सीट के लिए बीजेपी में कई नेता अपना दावा ठोक चुके हैं। इन सबके बीच अब एक और नया दावेदार जुड़ गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले डॉ बनवारी लाल भी इस सीट के लिए दावा ठोंकने लगे हैं। इसकी एक वजह यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी वाबल सीट से टिकट काट दी गई थी। पार्टी उन्हें राज्यसभा से टिकट देकर उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेगी। राज्यसभा की यह सीट SC कोटे से खाली हुई है। हालांकि इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कृष्ण लाल पंवार SC कोटे से राज्यसभा गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि SC कोटे से ही नेता राज्यसभा में भेजा जाएगा। हालांकि, भाजपा अभी चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव घोषणा की तारीख का इंतजार कर रही है। चुनाव का ये है शेड्यूल हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। 3 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 10 दिसंबर को नामांकन की लास्ट डेट है। वोटिंग उसी सूरत में होगी, जब दूसरा नामांकन आएगा। भाजपा की संख्या बल के हिसाब से जीत तय मानी जा रही है, कांग्रेस पिछले राज्यसभा उपचुनाव की तरह इस चुनाव से भी किनारा कर सकती है। यहां पढ़िए कौन नेता क्यों दावेदार… डॉ बनवारी लाल, पार्टी का बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा उपचुनाव के लिए डॉ बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माने जाने की तीन बड़ी वजहें हैं। पहली विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काट कर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। दूसरी पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। तीसरी वजह यह है कि वह पार्टी के दो केंद्रीय मंत्रियों के करीबी हैं। पहला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। ये दोनों नेता बनवारी लाल की पैरवी कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई, हरियाणा-राजस्थान के वोटरों में पकड़ पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे हैं। 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। 3 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों पर पकड़ है। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में पद है। ऐसे में इनके चेहरे पर पार्टी में विचार चल रहा है। सुनीता दुग्गल: पार्टी का बड़ा दलित चेहरा, टिकट कटी थी पार्टी का बड़ा दलित चेहरा है। सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दी। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मोहन लाल बड़ौली: खुद नहीं लड़े, पार्टी को जितवाया हरियाणा में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान है। इसके अलावा लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार को साथ लेकर अच्छा काम किया। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम करेंगे। बड़ौली कह चुके हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी वह उसे बखूबी निभाएंगे। संजय भाटिया: खट्टर के लिए सीट छोड़ी, संगठन में एक्टिव पंजाबी समुदाय से आते हैं। करनाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, वह दोनों चुनावों में संगठन के लिए काम करते रहे।हाल ही में नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले कार्यक्रम के मुख्य संयोजक की भूमिका भी निभा चुके हैं। लगातार उपेक्षा के बाद भी भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। सुदेश कटारिया: विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को एकजुट किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में दलित वोट के छिटकने के कारण पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी टीम के दलित फेस कटारिया को फील्ड में उतारा था। जिसके बाद उन्होंने सूबे की सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।चुनाव में परिणाम में अच्छे परिणाम भी रहे। इसके बाद यह पूरी संभावना है दलित चेहरे के रूप में कटारिया को राज्यसभा सीट का बीजेपी चेहरा बना दे। ये 2 जाट चेहरे भी ठोक रहे दावा इन 5 नाम के अलावा, 2 बड़े जाट चेहरे भी अपना दावा राज्यसभा के लिए ठोक रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल हैं। हालांकि ये दोनों बड़े जाट चेहरे विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों की दावेदारी में सबसे बड़ा पेंच यह है कि इसी साल खाली हुई एक राज्यसभा सीट से सुभाष बराला को पार्टी सांसद बना चुकी है। बराला भी जाट कम्युनिटी से आते हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।