हरियाणा में अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। इस खेल में खनन माफिया सहित दूसरे राज्यों के संबंधित विभागों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल है, इसका खुलासा हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने किया है। आयोग ने एक ऐसे मामले का पटाक्षेप किया है, जिसमें खनन कारोबारी ने यूपी खनन निदेशालय से रात के 11 बजकर 28 मिनट पर पर्ची कटवाई, लेकिन उससे पहले 8 मिनट पहले उसी ट्रक को हरियाणा पुलिस ने 11 बजकर 20 मिनट पर अपने कब्जे में ले लिया था। अब इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए मानवाधिकार आयोग ने डीसीपी फरीदाबाद से जवाब तलब किया है। दरअसल, यह मामला 20 अप्रैल 2022 का है। जिसे लेकर फरीदाबाद मोहना के वीरेंद्र ने मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत भेजी है। शिकायत में ये लगे हैं आरोप आरोप है कि यमुना नदी से अवैध खनन करने वाले माफिया को कानूनी संरक्षण प्रदान है। घटना वाले रोज 20 अप्रैल 2022 को रात लगभग 11:15 बजे प्राधी व अना गांव के सामाजिक लोगों ने मिलकर अवैध खनन माफिया को यमुना रेती से भरे ओवरलोड डंपर को पकड़ा था। इसे वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ डायल 112 नंबर की गाड़ी व बाना छानसा की गाड़ी के सुपुर्द कर दिया था। उस समय खनन माफिया के पास न काई बिल था और न ही कोई रॉयटी की रसीद थी। अगले दिन सुबह जब संबंधित थाना छानसा पहुंचाकर रात में पकड़े गए खनन माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मागी तो तत्कालीन थाना निरीक्षण कुलदीप ने शिकायतकर्ता को बुरी तरह से डांटते हुए कहा कि तुमने डंपर डूडवर के साथ मारपीट करके लूटपाट की है। तभी से यह मामला चल रहा है। डीसीपी को किया तलब इस पूरे प्रकरण में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जांच में पाया कि जैसे ही गांव वालों ने अवैध खनन के ट्रक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया तो खनन माफिया ने अवैध खनन की कार्रवाई से बचने के लिए भू-विज्ञान एवं खनिकर्म निदेशालय, लखनऊ उत्तर प्रदेश से पर्ची जारी करवा ली। मगर पुलिस और खनन माफिया को यह नहीं पता था कि आयोग उनकी इसी गलती को आधार बनाकर डीसीपी को तलब कर लेगा। क्योंकि जब खनन माफिया के कहने पर लखनऊ के खनन एवं भूविज्ञान ने पर्ची जारी की तो वह ऑनलाइन 11:28 पीएम पर निकली जबकि पुलिस अवैध खनन के उसी ट्रक को 8 मिनट पहले 11:20 बजे रात अपने कब्जे में ले चुका था। अब 8 मिनट पहले 480 किलोमीटर दूर से अवैध खनन का टूक सोहना कैसे पहुंच गया, इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए आयोग ने डीसीपी से रिपोर्ट तलब की है। पुलिस आयुक्त बल्लभगढ़ ने भेजा आयोग को जवाब मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद पुलिस आयुक्त वल्लभगढ़ ने मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त बाभगढ़ से करवाकर रिपोर्ट भेजी है। जिसके अनुसार जांच में पाया गया कि 20 अप्रैल 2022 को रात 11:20 बजे मोहना गांव के लोगों ने एक डंपर रुकवाया था। जिस पर कंट्रोल रूम में सूचना पाकर थाना छायसा पुलिस डंपर को थाने ले गई। जिसके बाद डंपर के दस्तावेज चेक किए गए और भूविज्ञान एवं खनिकर्म निदेशावल लखनऊ उत्तर प्रदेश द्वारा डंपर का बिल जारी किया हुआ था। प्रबंधक थाना छायसा द्वारा संपूर्ण दस्तावेज चेक करके नियमानुसार छोड़ना पाया गया था, जो शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सन्चाई नहीं पाए जाने पर शिकायत को फाइल किए जाने की अनुशंसा के लिए भेजा गया था। शिकायत को फाइल कर दिया गया। हरियाणा में अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। इस खेल में खनन माफिया सहित दूसरे राज्यों के संबंधित विभागों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल है, इसका खुलासा हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने किया है। आयोग ने एक ऐसे मामले का पटाक्षेप किया है, जिसमें खनन कारोबारी ने यूपी खनन निदेशालय से रात के 11 बजकर 28 मिनट पर पर्ची कटवाई, लेकिन उससे पहले 8 मिनट पहले उसी ट्रक को हरियाणा पुलिस ने 11 बजकर 20 मिनट पर अपने कब्जे में ले लिया था। अब इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए मानवाधिकार आयोग ने डीसीपी फरीदाबाद से जवाब तलब किया है। दरअसल, यह मामला 20 अप्रैल 2022 का है। जिसे लेकर फरीदाबाद मोहना के वीरेंद्र ने मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत भेजी है। शिकायत में ये लगे हैं आरोप आरोप है कि यमुना नदी से अवैध खनन करने वाले माफिया को कानूनी संरक्षण प्रदान है। घटना वाले रोज 20 अप्रैल 2022 को रात लगभग 11:15 बजे प्राधी व अना गांव के सामाजिक लोगों ने मिलकर अवैध खनन माफिया को यमुना रेती से भरे ओवरलोड डंपर को पकड़ा था। इसे वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ डायल 112 नंबर की गाड़ी व बाना छानसा की गाड़ी के सुपुर्द कर दिया था। उस समय खनन माफिया के पास न काई बिल था और न ही कोई रॉयटी की रसीद थी। अगले दिन सुबह जब संबंधित थाना छानसा पहुंचाकर रात में पकड़े गए खनन माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मागी तो तत्कालीन थाना निरीक्षण कुलदीप ने शिकायतकर्ता को बुरी तरह से डांटते हुए कहा कि तुमने डंपर डूडवर के साथ मारपीट करके लूटपाट की है। तभी से यह मामला चल रहा है। डीसीपी को किया तलब इस पूरे प्रकरण में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जांच में पाया कि जैसे ही गांव वालों ने अवैध खनन के ट्रक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया तो खनन माफिया ने अवैध खनन की कार्रवाई से बचने के लिए भू-विज्ञान एवं खनिकर्म निदेशालय, लखनऊ उत्तर प्रदेश से पर्ची जारी करवा ली। मगर पुलिस और खनन माफिया को यह नहीं पता था कि आयोग उनकी इसी गलती को आधार बनाकर डीसीपी को तलब कर लेगा। क्योंकि जब खनन माफिया के कहने पर लखनऊ के खनन एवं भूविज्ञान ने पर्ची जारी की तो वह ऑनलाइन 11:28 पीएम पर निकली जबकि पुलिस अवैध खनन के उसी ट्रक को 8 मिनट पहले 11:20 बजे रात अपने कब्जे में ले चुका था। अब 8 मिनट पहले 480 किलोमीटर दूर से अवैध खनन का टूक सोहना कैसे पहुंच गया, इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए आयोग ने डीसीपी से रिपोर्ट तलब की है। पुलिस आयुक्त बल्लभगढ़ ने भेजा आयोग को जवाब मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद पुलिस आयुक्त वल्लभगढ़ ने मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त बाभगढ़ से करवाकर रिपोर्ट भेजी है। जिसके अनुसार जांच में पाया गया कि 20 अप्रैल 2022 को रात 11:20 बजे मोहना गांव के लोगों ने एक डंपर रुकवाया था। जिस पर कंट्रोल रूम में सूचना पाकर थाना छायसा पुलिस डंपर को थाने ले गई। जिसके बाद डंपर के दस्तावेज चेक किए गए और भूविज्ञान एवं खनिकर्म निदेशावल लखनऊ उत्तर प्रदेश द्वारा डंपर का बिल जारी किया हुआ था। प्रबंधक थाना छायसा द्वारा संपूर्ण दस्तावेज चेक करके नियमानुसार छोड़ना पाया गया था, जो शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सन्चाई नहीं पाए जाने पर शिकायत को फाइल किए जाने की अनुशंसा के लिए भेजा गया था। शिकायत को फाइल कर दिया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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