<p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> आजमगढ़ जिले में संचालित मिले अस्तित्वहीन मदरसा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. इस मामले में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह की तहरीर पर 6 फरवरी को कंधरापुर थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें मदरसा की प्रबंधक रुमाना बानो पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे. इस मामले में जब एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व में ही नहीं रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसआईटी ने जब मदरसा प्रबंधकों द्वारा मदरसा पोर्टल पर दर्ज किए गए डाटा की जांच की तो कई मदरसे की जगह शटरनुमा दुकानें संचालित होती मिलीं, तो कहीं धरातल पर मदरसा ही नहीं मिला. <br />बताते चलें कि जिले में वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था. 2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी. 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले. जबकि 313 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थी. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी टीम को दे दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शासन के निर्देश पर मदरसों के खिलाफ शुरू कार्रवाई</strong><br />2022 में शासन को सौंपी में एसआईटी ने बताया था कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्व विहीन थे. इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी. शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है. सभी थानों में एफआईआर की कॉपी पहुंच गई है. किसी थाने को 50 कॉपी तो किसी थाने को 20 कॉपी तहरीर मुकदमा दर्ज करने के लिए भेजी गई है. इस मामले में छह फरवरी को पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में दर्ज हुआ था. वहीं आठ फरवरी को कुल आठ मुकदमे दर्ज हुए. जिसमें रौनापार थाना में तीन मुकदमे, सिधारी थाना में चार मुकदमे और बिलरियागंज थाना में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले पर एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि जनवरी 2023 में शासन द्वारा एसआईटी का गठन कर जिले में मदरसा पोर्टल पर दर्ज मदरसों की जांच कराई गई. जिसमें 219 मदरसे अस्तित्व विहीन पाए गए. इनके द्वारा फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लेकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा था. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन की ओर से इन मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश हुआ है. इस मामले में ईओडब्ल्यू की तहरीर के आधार पर अब तक की 11 मदरसों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस फर्जीवाड़े वाले में लिप्त अन्य मदरसों के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-niyo-metro-rail-project-postponed-because-money-budget-issue-ann-2881026″><strong>Uttarakhand News: उत्तराखंड में नियो मेट्रो योजना का बड़ा झटका, इस वजह से अधर में लटका प्रोजेक्ट</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> आजमगढ़ जिले में संचालित मिले अस्तित्वहीन मदरसा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. इस मामले में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह की तहरीर पर 6 फरवरी को कंधरापुर थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें मदरसा की प्रबंधक रुमाना बानो पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे. इस मामले में जब एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व में ही नहीं रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसआईटी ने जब मदरसा प्रबंधकों द्वारा मदरसा पोर्टल पर दर्ज किए गए डाटा की जांच की तो कई मदरसे की जगह शटरनुमा दुकानें संचालित होती मिलीं, तो कहीं धरातल पर मदरसा ही नहीं मिला. <br />बताते चलें कि जिले में वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था. 2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी. 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले. जबकि 313 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थी. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी टीम को दे दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शासन के निर्देश पर मदरसों के खिलाफ शुरू कार्रवाई</strong><br />2022 में शासन को सौंपी में एसआईटी ने बताया था कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्व विहीन थे. इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी. शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है. सभी थानों में एफआईआर की कॉपी पहुंच गई है. किसी थाने को 50 कॉपी तो किसी थाने को 20 कॉपी तहरीर मुकदमा दर्ज करने के लिए भेजी गई है. इस मामले में छह फरवरी को पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में दर्ज हुआ था. वहीं आठ फरवरी को कुल आठ मुकदमे दर्ज हुए. जिसमें रौनापार थाना में तीन मुकदमे, सिधारी थाना में चार मुकदमे और बिलरियागंज थाना में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले पर एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि जनवरी 2023 में शासन द्वारा एसआईटी का गठन कर जिले में मदरसा पोर्टल पर दर्ज मदरसों की जांच कराई गई. जिसमें 219 मदरसे अस्तित्व विहीन पाए गए. इनके द्वारा फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लेकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा था. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन की ओर से इन मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश हुआ है. इस मामले में ईओडब्ल्यू की तहरीर के आधार पर अब तक की 11 मदरसों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस फर्जीवाड़े वाले में लिप्त अन्य मदरसों के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-niyo-metro-rail-project-postponed-because-money-budget-issue-ann-2881026″><strong>Uttarakhand News: उत्तराखंड में नियो मेट्रो योजना का बड़ा झटका, इस वजह से अधर में लटका प्रोजेक्ट</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Delhi: 28 करोड़ की कोकीन को निगलकर लाया दिल्ली, एयरपोर्ट पर कस्टम ने दबोचा, फिर पेट से निकाला गया