पंजाब कैबिनेट मीटिंग की तारीख पर रंधावा ने तंज कसा:लिखा- हम तो डूबे हैं, तुम्हें भी ले डूबेंगे सनम; 13 फरवरी होगी बैठक

पंजाब कैबिनेट मीटिंग की तारीख पर रंधावा ने तंज कसा:लिखा- हम तो डूबे हैं, तुम्हें भी ले डूबेंगे सनम; 13 फरवरी होगी बैठक

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और सांसद सुखजिंदर रंधावा ने आज (10 फरवरी) को होने वाली कैबिनेट मीटिंग को टालकर 13 फरवरी को बुलाने पर पंजाब सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया ‘हम तो डूबे हैं, तुमको भी ले डूबेंगे सनम’। पोस्ट के अंत में उन्होंने कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो सरकार की नाकामी के लिए सीधे तौर पर केजरीवाल और भगवंत मान जिम्मेदार होंगे। विधायकों को पंजाब नहीं भेज रहे हैं केजरीवाल रंधावा ने अपनी पोस्ट की शुरुआत में लिखा- हम तो डूबे हैं, तुम को भी ले डूबेंगे सनम।। यह कहावत आज अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पर पूरी तरह से फिट बैठती है। पंजाब में चार महीने से कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई है और हाल ही में हुए चुनावों में हार के बाद भी केजरीवाल भगवंत मान और पंजाब के विधायकों को वापस राज्य में नहीं भेज रहे हैं। नतीजतन, पंजाब का शासन प्रभावित हो रहा है। कैबिनेट की बैठकें बार-बार रद्द की जा रही हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भगवंत मान सरकार की विफलता के लिए सीधे तौर पर केजरीवाल जिम्मेदार होंगे। इसलिए जरूरी है कैबिनेट मीटिंग कैबिनेट मीटिंग अपने आप में महत्वपूर्ण होती है। सरकार के सुचारू संचालन और कुशल प्रशासन के लिए यह मीटिंग जरूरी होती है। इसमें तय होता है कि नीतियां कैसे बनाई जाएं और उनका क्रियान्वयन कैसे किया जाए। मुख्य रूप से इस दौरान नीतिगत फैसले, विधायी प्रक्रियाओं की मंजूरी, योजनाओं पर फैसले, आर्थिक और बजटीय फैसले, आपातकालीन स्थितियों पर निर्णय, राजनीतिक और संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा होती है। हालांकि, मीटिंग कब बुलानी है, यह तय करना सरकार के हाथ में होता है। लेकिन, अगर चुनाव या अन्य कोई स्थिति नहीं होती है, तो सरकार हर महीने नियमित मीटिंग बुलाती है। पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और सांसद सुखजिंदर रंधावा ने आज (10 फरवरी) को होने वाली कैबिनेट मीटिंग को टालकर 13 फरवरी को बुलाने पर पंजाब सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया ‘हम तो डूबे हैं, तुमको भी ले डूबेंगे सनम’। पोस्ट के अंत में उन्होंने कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो सरकार की नाकामी के लिए सीधे तौर पर केजरीवाल और भगवंत मान जिम्मेदार होंगे। विधायकों को पंजाब नहीं भेज रहे हैं केजरीवाल रंधावा ने अपनी पोस्ट की शुरुआत में लिखा- हम तो डूबे हैं, तुम को भी ले डूबेंगे सनम।। यह कहावत आज अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पर पूरी तरह से फिट बैठती है। पंजाब में चार महीने से कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई है और हाल ही में हुए चुनावों में हार के बाद भी केजरीवाल भगवंत मान और पंजाब के विधायकों को वापस राज्य में नहीं भेज रहे हैं। नतीजतन, पंजाब का शासन प्रभावित हो रहा है। कैबिनेट की बैठकें बार-बार रद्द की जा रही हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भगवंत मान सरकार की विफलता के लिए सीधे तौर पर केजरीवाल जिम्मेदार होंगे। इसलिए जरूरी है कैबिनेट मीटिंग कैबिनेट मीटिंग अपने आप में महत्वपूर्ण होती है। सरकार के सुचारू संचालन और कुशल प्रशासन के लिए यह मीटिंग जरूरी होती है। इसमें तय होता है कि नीतियां कैसे बनाई जाएं और उनका क्रियान्वयन कैसे किया जाए। मुख्य रूप से इस दौरान नीतिगत फैसले, विधायी प्रक्रियाओं की मंजूरी, योजनाओं पर फैसले, आर्थिक और बजटीय फैसले, आपातकालीन स्थितियों पर निर्णय, राजनीतिक और संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा होती है। हालांकि, मीटिंग कब बुलानी है, यह तय करना सरकार के हाथ में होता है। लेकिन, अगर चुनाव या अन्य कोई स्थिति नहीं होती है, तो सरकार हर महीने नियमित मीटिंग बुलाती है।   पंजाब | दैनिक भास्कर