पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि अब तक कितनी शिकायतों पर कार्रवाई हुई है और जिन शिकायतों पर एफआईआर नहीं हुई, उनका क्या हुआ। जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने आदेश दिया कि स्टेट काउंसिल 17 फरवरी 2025 को एडीजीपी, साइबर क्राइम के ऑफिस जाएं और वहां से शिकायतों के निपटारे से जुड़ी जानकारी लेकर कोर्ट में पेश करें। यह मामला पंजाब स्वास्थ्य विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी से जुड़ा है, जिनके साथ एक साइबर ठगी हुई। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें ‘सीक्रेट एस्केप्स’ नाम के टेलीग्राम ग्रुप के जरिए धोखा दिया गया। स्कैमर्स ने उन्हें झूठे मुनाफे का लालच देकर बड़े निवेश करवा लिए। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने साइबर पुलिस को कई बार शिकायत दी और जरूरी सबूत भी सौंपे, जैसे बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स और स्कैम करने वाले लोगों की जानकारी। लेकिन इसके बावजूद न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही कोई जांच शुरू हुई। याचिका में नए नियमों का दिया हवाला याचिका में यह भी कहा गया कि नए कानून के मुताबिक शिकायत कहीं से भी दर्ज की जा सकती है, यहां तक कि व्हाट्सएप पर भी (जिसे जीरो एफआईआर कहते हैं)। अगर 14 दिन के अंदर जांच नहीं होती या रिपोर्ट पेश नहीं होती, तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और स्कैम करने वाले लोग खुलेआम घूम रहे हैं। एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार से यह भी पूछा था कि 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2024 तक कितनी साइबर क्राइम की शिकायतें आईं और कितनी एफआईआर अब तक लंबित हैं। अब यह मामला 17 फरवरी 2025 को फिर से सुना जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि अब तक कितनी शिकायतों पर कार्रवाई हुई है और जिन शिकायतों पर एफआईआर नहीं हुई, उनका क्या हुआ। जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने आदेश दिया कि स्टेट काउंसिल 17 फरवरी 2025 को एडीजीपी, साइबर क्राइम के ऑफिस जाएं और वहां से शिकायतों के निपटारे से जुड़ी जानकारी लेकर कोर्ट में पेश करें। यह मामला पंजाब स्वास्थ्य विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी से जुड़ा है, जिनके साथ एक साइबर ठगी हुई। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें ‘सीक्रेट एस्केप्स’ नाम के टेलीग्राम ग्रुप के जरिए धोखा दिया गया। स्कैमर्स ने उन्हें झूठे मुनाफे का लालच देकर बड़े निवेश करवा लिए। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने साइबर पुलिस को कई बार शिकायत दी और जरूरी सबूत भी सौंपे, जैसे बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स और स्कैम करने वाले लोगों की जानकारी। लेकिन इसके बावजूद न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही कोई जांच शुरू हुई। याचिका में नए नियमों का दिया हवाला याचिका में यह भी कहा गया कि नए कानून के मुताबिक शिकायत कहीं से भी दर्ज की जा सकती है, यहां तक कि व्हाट्सएप पर भी (जिसे जीरो एफआईआर कहते हैं)। अगर 14 दिन के अंदर जांच नहीं होती या रिपोर्ट पेश नहीं होती, तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और स्कैम करने वाले लोग खुलेआम घूम रहे हैं। एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार से यह भी पूछा था कि 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2024 तक कितनी साइबर क्राइम की शिकायतें आईं और कितनी एफआईआर अब तक लंबित हैं। अब यह मामला 17 फरवरी 2025 को फिर से सुना जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
![पंजाब सरकार से हाईकोर्ट ने मांगी साइबर क्राइम रिपोर्ट:बिना एफआईआर की शिकायतों का ब्यौरा भी मांगा; सरकार 17 को देगी जवाब](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/10/7_1739184885.jpg)