किरोड़ी लाल मीणा क्यों बन गए राजस्थान सरकार के गले की फांस! पढें इनसाइड स्टोरी

किरोड़ी लाल मीणा क्यों बन गए राजस्थान सरकार के गले की फांस! पढें इनसाइड स्टोरी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> मीणा समाज से आने वाले राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार के गले की ऐसी फांस बन चुके हैं, जिसे सरकार ना तो उगल पा रही है और ना ही निगल पा रही है. डॉ किरोड़ी के एक बयान से विधानसभा में सरकार की ऐसी किरकिरी हुई कि सरकार से कोई जवाब तक नहीं दिया जा सका.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस ने सरकार को सदन के भीतर और बाहर जमकर घेरा. लेकिन सरकार सिर्फ बचाव की मुद्रा में नजर आई. किरोड़ी लाल मीणा आखिर चाहते क्या हैं? सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि उसे किरोड़ी मीणा का हर बर्ताव झेलना पड़ रहा है? ऐसे कई सवाल लोगों के जहन में जिसका जवाब नहीं मिल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा के बगावती तेवर नई बात नहीं है. साल 2023 के अंत में राजस्थान में बीजेपी सत्तासीन हुई थी और किरोड़ी लाल मीणा तब से लेकर अब तक कई मर्तबा अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते नजर आ चुके हैं. मुद्दा चाहे राजस्थान की विवादास्पद सबइंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा हो या खुद किरोड़ी के सगे भाई जगमोहन मीणा की दौसा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हुई हार का, किरोड़ी ने जब भी बोला सरकार को घेरा. किरोड़ी के बगावती तेवर की शुरुआत उस दिन से मानी जा सकती है जब उन्हें कृषि जैसा महकमा दिया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री पद से दिया था इस्तीफा</strong><br />बताया जाता है कि राज्य की भजनलाल कैबिनेट में सबसे अनुभवी डा किरोड़ी लाल मीणा कोई ढंग का पोर्टफोलियो चाह रहे थे लेकिन आरएसएस से नजदीकी भी किरोड़ी के काम नहीं आ सकी और उन्हें कृषि विभाग का मंत्री बना दिया गया. इसके बाद से डा किरोड़ी लाल मीणा के बगावती तेवर हर मुद्दे पर नजर आने लगे. यहां तक की उन्होंने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया लेकिन उनके उस इस्तीफे का क्या हश्र हुआ ये कोई नहीं जानता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फोन टेपिंग का लगाया आरोप</strong><br />किरोड़ी लाल मीणा ने कई बार कैबिनेट बैठकों से दूरी बनाई लेकिन, कभी भी सीएम भजन लाल शर्मा या दूसरे किसी बड़े नेता ने उनसे इस मुद्दे पर ना तो सफाई मांगी और ना उनसे कोई बातचीत ही की. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द करने के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को सड़क पर घेरा लेकिन सीएम भजनलाल ने इस मुद्दे पर भी खामोशी बनाये रखी. इसके बाद किरोड़ी ने अपने भाई की हार का ठीकरा भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेताओं पर फोड़ा लेकिन भजनलाल शर्मा मौन धारण किए रहे. अब तो डा किरोड़ी लाल बी सीधे सीधे उनके फोन टेप किए जाने और उनकी जासूसी करने का सीधा आरोप जड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किरोड़ी लाल मीणा के आरोप पर सीएम की चुप्पी</strong><br />अबकी बार किरोड़ी लाल मीणा का निशाना इधर उधर नहीं बल्कि सीधे सीधे भजनलाल शर्मा पर था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस बार भी अपना मौन नहीं तोड़ा और किरोड़ी मीणा के आरोप का कोई जवाब नहीं दिया. यहां ये समझना जरूरी है कि किरोड़ी लाल मीणा के तमाम आरोपों का ताल्लुक सीधे तौर पर राज्य के गृह विभाग से से है जो खुद सीएम भजन लाल शर्मा के अधीन है. किरोड़ी के इस सीधे आरोप पर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हो गया लेकिन सीएम भजनलाल की जगह उनके गृह राज्य मंत्री और दूसरे विधायक किरोड़ी के मुद्दे पर सफाई देने सामने आए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं उधर, कांग्रेस ने किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों को हाथों हाथ लिया और सरकार की घेराबंदी कर डाली. कांग्रेस ने सीएम भजनलाल सरकार से किरोड़ी के आरोपों पर जवाब मांगा लेकिन सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह बैकफुट पर नजर आई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यहां तक कह डाला कि ‘सरकार है कहां, दिख रही है क्या आपको.’ राजस्थान विधानसभा में जब गतिरोध हुआ तो सीएम को अपनी बात कहनी चाहिए थी. जो बातें वह सड़क पर जवाहर सिंह बेढम से कहलवा रहे हैं, वह बात सदन के अंदर बोलनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस हुई हमलावर</strong><br />कांग्रेस इस कदर हमलावर है इसके बावजूद बीजेपी और सरकार पूरी तरह मौन है. किरोड़ी के बयान को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकार ना तो कुछ बोल रही है और ना कोई एक्शन होता दिख रहा हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा आम है कि सरकार और सीएम भजनलाल शर्मा किरोड़ी लाल मीणा के मामले में मजबूर हैं. दरअसल किरोड़ी जिस मीणा समाज से आते हैं वो मीणा समाज प्रदेश में मार्शल कौम मानी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए कोई बड़ा एक्शन नहीं ले रही सरकार?</strong><br />किरोड़ी की अपने समाज पर जबरदस्त पकड़ है और उनके खिलाफ कोई भी बड़ी कार्रवाई मतलब पूरे मीणा समाज को नाराज करना. इस समाज का कितना प्रभाव है इसकी सिर्फ इसी बात से समझ सकते हैं कि प्रदेश की दो सौ में करीब एक चौथाई यानी पचास सीटें या तो मीणा बाहुल्य हैं या वहां इतने ज्यादा मीणा वोट है जो चुनावी हार जीत तय करते है. बस यही एक बड़ी वजह है कि डा किरोड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. वैसे डा किरोड़ी संघ निष्ठ भी और उनकी दिल्ली दरबार में भी सीधी पहुंच है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार में अपनी हैसियत से खुश नहीं किरोड़ी मीणा?</strong><br />अब इस मामले का दूसरा पहलू कि आखिर किरोड़ी लाल मीणा अपनी सरकार के खिलाफ क्यों है? इसका सीधा जवाब ये है कि डा किरोड़ी लाल सरकार में अपनी मौजूदा हैसियत से खुश नहीं हैं. वो ऐसी प्रभावी भूमिका चाहते हैं जिसमे उन्हें निर्णय की ताकत मिले. ऐसा कोई पद जैसे डिप्टी सी एम या कोई बड़ा सरकारी विभाग. किरोड़ी का एक दर्द ये भी है कि सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर दोनों डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और दीया कुमारी सभी उनके राजनीतिक जीवन के लिहाज से बेहद जूनियर हैं और ऐसे में डा किरोड़ी लाल मीणा के लिए कृषि और ग्रामीण विकास जैसे कम महत्त्व का विभाग मजबूरी जैसा साबित हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”राजस्थान में सरकार की टेंशन बढ़ाने वाले किरोड़ी लाल मीणा पर BJP का एक्शन, पार्टी ने उठाया बड़ा कदम” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/kirodi-lal-meena-bjp-sent-show-cause-notice-to-kirodi-lal-meena-rajasthan-bhajan-lal-sharma-2881585″ target=”_blank” rel=”noopener”>राजस्थान में सरकार की टेंशन बढ़ाने वाले किरोड़ी लाल मीणा पर BJP का एक्शन, पार्टी ने उठाया बड़ा कदम</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> मीणा समाज से आने वाले राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार के गले की ऐसी फांस बन चुके हैं, जिसे सरकार ना तो उगल पा रही है और ना ही निगल पा रही है. डॉ किरोड़ी के एक बयान से विधानसभा में सरकार की ऐसी किरकिरी हुई कि सरकार से कोई जवाब तक नहीं दिया जा सका.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस ने सरकार को सदन के भीतर और बाहर जमकर घेरा. लेकिन सरकार सिर्फ बचाव की मुद्रा में नजर आई. किरोड़ी लाल मीणा आखिर चाहते क्या हैं? सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि उसे किरोड़ी मीणा का हर बर्ताव झेलना पड़ रहा है? ऐसे कई सवाल लोगों के जहन में जिसका जवाब नहीं मिल रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा के बगावती तेवर नई बात नहीं है. साल 2023 के अंत में राजस्थान में बीजेपी सत्तासीन हुई थी और किरोड़ी लाल मीणा तब से लेकर अब तक कई मर्तबा अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते नजर आ चुके हैं. मुद्दा चाहे राजस्थान की विवादास्पद सबइंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा हो या खुद किरोड़ी के सगे भाई जगमोहन मीणा की दौसा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हुई हार का, किरोड़ी ने जब भी बोला सरकार को घेरा. किरोड़ी के बगावती तेवर की शुरुआत उस दिन से मानी जा सकती है जब उन्हें कृषि जैसा महकमा दिया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री पद से दिया था इस्तीफा</strong><br />बताया जाता है कि राज्य की भजनलाल कैबिनेट में सबसे अनुभवी डा किरोड़ी लाल मीणा कोई ढंग का पोर्टफोलियो चाह रहे थे लेकिन आरएसएस से नजदीकी भी किरोड़ी के काम नहीं आ सकी और उन्हें कृषि विभाग का मंत्री बना दिया गया. इसके बाद से डा किरोड़ी लाल मीणा के बगावती तेवर हर मुद्दे पर नजर आने लगे. यहां तक की उन्होंने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया लेकिन उनके उस इस्तीफे का क्या हश्र हुआ ये कोई नहीं जानता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फोन टेपिंग का लगाया आरोप</strong><br />किरोड़ी लाल मीणा ने कई बार कैबिनेट बैठकों से दूरी बनाई लेकिन, कभी भी सीएम भजन लाल शर्मा या दूसरे किसी बड़े नेता ने उनसे इस मुद्दे पर ना तो सफाई मांगी और ना उनसे कोई बातचीत ही की. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द करने के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को सड़क पर घेरा लेकिन सीएम भजनलाल ने इस मुद्दे पर भी खामोशी बनाये रखी. इसके बाद किरोड़ी ने अपने भाई की हार का ठीकरा भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेताओं पर फोड़ा लेकिन भजनलाल शर्मा मौन धारण किए रहे. अब तो डा किरोड़ी लाल बी सीधे सीधे उनके फोन टेप किए जाने और उनकी जासूसी करने का सीधा आरोप जड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किरोड़ी लाल मीणा के आरोप पर सीएम की चुप्पी</strong><br />अबकी बार किरोड़ी लाल मीणा का निशाना इधर उधर नहीं बल्कि सीधे सीधे भजनलाल शर्मा पर था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस बार भी अपना मौन नहीं तोड़ा और किरोड़ी मीणा के आरोप का कोई जवाब नहीं दिया. यहां ये समझना जरूरी है कि किरोड़ी लाल मीणा के तमाम आरोपों का ताल्लुक सीधे तौर पर राज्य के गृह विभाग से से है जो खुद सीएम भजन लाल शर्मा के अधीन है. किरोड़ी के इस सीधे आरोप पर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हो गया लेकिन सीएम भजनलाल की जगह उनके गृह राज्य मंत्री और दूसरे विधायक किरोड़ी के मुद्दे पर सफाई देने सामने आए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं उधर, कांग्रेस ने किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों को हाथों हाथ लिया और सरकार की घेराबंदी कर डाली. कांग्रेस ने सीएम भजनलाल सरकार से किरोड़ी के आरोपों पर जवाब मांगा लेकिन सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह बैकफुट पर नजर आई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यहां तक कह डाला कि ‘सरकार है कहां, दिख रही है क्या आपको.’ राजस्थान विधानसभा में जब गतिरोध हुआ तो सीएम को अपनी बात कहनी चाहिए थी. जो बातें वह सड़क पर जवाहर सिंह बेढम से कहलवा रहे हैं, वह बात सदन के अंदर बोलनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस हुई हमलावर</strong><br />कांग्रेस इस कदर हमलावर है इसके बावजूद बीजेपी और सरकार पूरी तरह मौन है. किरोड़ी के बयान को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकार ना तो कुछ बोल रही है और ना कोई एक्शन होता दिख रहा हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा आम है कि सरकार और सीएम भजनलाल शर्मा किरोड़ी लाल मीणा के मामले में मजबूर हैं. दरअसल किरोड़ी जिस मीणा समाज से आते हैं वो मीणा समाज प्रदेश में मार्शल कौम मानी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए कोई बड़ा एक्शन नहीं ले रही सरकार?</strong><br />किरोड़ी की अपने समाज पर जबरदस्त पकड़ है और उनके खिलाफ कोई भी बड़ी कार्रवाई मतलब पूरे मीणा समाज को नाराज करना. इस समाज का कितना प्रभाव है इसकी सिर्फ इसी बात से समझ सकते हैं कि प्रदेश की दो सौ में करीब एक चौथाई यानी पचास सीटें या तो मीणा बाहुल्य हैं या वहां इतने ज्यादा मीणा वोट है जो चुनावी हार जीत तय करते है. बस यही एक बड़ी वजह है कि डा किरोड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. वैसे डा किरोड़ी संघ निष्ठ भी और उनकी दिल्ली दरबार में भी सीधी पहुंच है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार में अपनी हैसियत से खुश नहीं किरोड़ी मीणा?</strong><br />अब इस मामले का दूसरा पहलू कि आखिर किरोड़ी लाल मीणा अपनी सरकार के खिलाफ क्यों है? इसका सीधा जवाब ये है कि डा किरोड़ी लाल सरकार में अपनी मौजूदा हैसियत से खुश नहीं हैं. वो ऐसी प्रभावी भूमिका चाहते हैं जिसमे उन्हें निर्णय की ताकत मिले. ऐसा कोई पद जैसे डिप्टी सी एम या कोई बड़ा सरकारी विभाग. किरोड़ी का एक दर्द ये भी है कि सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर दोनों डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और दीया कुमारी सभी उनके राजनीतिक जीवन के लिहाज से बेहद जूनियर हैं और ऐसे में डा किरोड़ी लाल मीणा के लिए कृषि और ग्रामीण विकास जैसे कम महत्त्व का विभाग मजबूरी जैसा साबित हो रहा है.</p>
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