भास्कर न्यूज | अमृतसर डीसी साक्षी साहनी ने आईलेट्स-ट्रैवल-वीजा कंसल्टेंसी सेंटरों से जुड़ी शिकायतों की जांच के लिए 4 मेंबरी कमेटी गठित की है, जो 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद कमेटी महीनावार रिपोर्ट तैयार कर एडीसी जनरल को सौंपेगी। किसी भी तरह की गड़बड़ियों में संलिप्त मिलने वाले सेंटरों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। बता दें कि नियम विपरीत चल रहे सेंटरों के लाइसेंस तो रद्द हो रहे लेकिन चेकिंग के दौरान बिना मंजूरी चलते मिले तो बिल्डिंग सील करने की कार्रवाई भी प्रशासन कर सकता है। 4 मेंबरी कमेटी का प्रधान एसडीएम को बनाया गया है जबकि मेंबरों में सहायक कमिश्नर पुलिस, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-2 एसडीएम दफ्तर, रीडर/स्टेनो टू एसडीएम को बनाया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। दरअसल, अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट होने पर प्रशासन पूरी तरह से सख्त हो चुका है। सीनियर एडवोकेट पीसी शर्मा का कहना है कि प्रशासन को नियम विपरीत चल रहे सेंटरों के लाइसेंस रद्द करने के साथ पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखना चाहिए। एडीसी ज्योतिबाला ने 8 सेंटरों के लाइसेंस रद्द किए हैं जो रिन्युअल नहीं करवा रहे। इनमें यूनिक एजुकेशन एंड कंसल्टेंसी रणजीत एवेन्यू, एचआईटी शिक्षा एवं परामर्श केंद्र जीटी रोड दबुर्जी, एजेआर गोलबल 35 सर्कुलर रोड, एक्सपर्ट्स इमिग्रेशन एंड एजुकेशन जीटी रोड ब्यास, गोल्डन स्टडीज रईया, पर्थ पीटीई आईलेट्स ट्रेनिंग सेंटर कबीर पार्क, आर्कवेअ कंसल्टेंसी रणजीत एवेन्यू और एक्सपर्ट एजुकेशन कंसल्टेंसी अपोजिट खालसा कॉलेज शामिल हैं। भास्कर न्यूज | अमृतसर डीसी साक्षी साहनी ने आईलेट्स-ट्रैवल-वीजा कंसल्टेंसी सेंटरों से जुड़ी शिकायतों की जांच के लिए 4 मेंबरी कमेटी गठित की है, जो 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद कमेटी महीनावार रिपोर्ट तैयार कर एडीसी जनरल को सौंपेगी। किसी भी तरह की गड़बड़ियों में संलिप्त मिलने वाले सेंटरों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। बता दें कि नियम विपरीत चल रहे सेंटरों के लाइसेंस तो रद्द हो रहे लेकिन चेकिंग के दौरान बिना मंजूरी चलते मिले तो बिल्डिंग सील करने की कार्रवाई भी प्रशासन कर सकता है। 4 मेंबरी कमेटी का प्रधान एसडीएम को बनाया गया है जबकि मेंबरों में सहायक कमिश्नर पुलिस, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-2 एसडीएम दफ्तर, रीडर/स्टेनो टू एसडीएम को बनाया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। दरअसल, अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट होने पर प्रशासन पूरी तरह से सख्त हो चुका है। सीनियर एडवोकेट पीसी शर्मा का कहना है कि प्रशासन को नियम विपरीत चल रहे सेंटरों के लाइसेंस रद्द करने के साथ पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखना चाहिए। एडीसी ज्योतिबाला ने 8 सेंटरों के लाइसेंस रद्द किए हैं जो रिन्युअल नहीं करवा रहे। इनमें यूनिक एजुकेशन एंड कंसल्टेंसी रणजीत एवेन्यू, एचआईटी शिक्षा एवं परामर्श केंद्र जीटी रोड दबुर्जी, एजेआर गोलबल 35 सर्कुलर रोड, एक्सपर्ट्स इमिग्रेशन एंड एजुकेशन जीटी रोड ब्यास, गोल्डन स्टडीज रईया, पर्थ पीटीई आईलेट्स ट्रेनिंग सेंटर कबीर पार्क, आर्कवेअ कंसल्टेंसी रणजीत एवेन्यू और एक्सपर्ट एजुकेशन कंसल्टेंसी अपोजिट खालसा कॉलेज शामिल हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब की चिट्ठी वायरल:सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को नोटिस; 15 दिन में देना है जवाब पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को श्री अकाल तख्त साहिब से नोटिस भेजा गया है। 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के बाद जारी आदेश की कॉपी वायरल हुई है। जिसमें सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व अकाली मंत्रियों के नाम दर्ज हैं। इन सभी को 15 दिन में अपना-अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। जाने कौन-कौन से पूर्व अकाली मंत्रियों को भेजा गया नोटिस सुखबीर बादल सहित इस नोटिस में डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत सिंह बादल, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह को ये नोटिस जारी किया गया है। बेअदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को काफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अगले ही दिन सुखबीर पहुंचे थे श्री अकाल तख्त साहिब आदेश जारी किए जाने के अगले ही दिन सुखबीर बादल और डॉ. दलजीत चीमा व गुलाजर सिंह रणिके के साथ श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने अपना स्पष्टीकरण श्री अकाल तख्त साहिब पर सौंपा था और श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर माफी भी मांगी थी। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफ़ीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जाने क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्तूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।