माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ में भीड़, शिप्रा के घाट पड़े सूने, नर्मदा के घाटों पर दिखे कम श्रद्धालु

माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ में भीड़, शिप्रा के घाट पड़े सूने, नर्मदा के घाटों पर दिखे कम श्रद्धालु

<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का असर देखने को मिल रहा है. शिप्रा नदी के घाट माघ पूर्णिमा के अवसर पर सूने पड़े रहे, जबकि नर्मदा के किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>माघ पूर्णिमा पर क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की कमी देखने को मिली. पंडित राजेंद्र गुरु ने बताया कि प्रयागराज में चल रहे <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> की वजह से मध्य प्रदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच चुके हैं. ऐसी स्थिति में यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ पूर्व की तुलना में काफी कम देखने को मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तर्पण करने से पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति&nbsp;</strong><br />शिप्रा नदी के घाट सूने पड़े रहे. दूसरी तरफ नर्मदा के किनारे श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर माघ पूर्णिमा के अवसर पर पूजा अर्चना की. पंडित अभिजीत गुरु के मुताबिक माघ पूर्णिमा के अवसर पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान धर्म का विशेष महत्व माना गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं प्रयागराज में लगाई डुबकी</strong><br />रामघाट के पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पुण्य फल प्राप्त किया है. शिप्रा नदी में भी लोगों ने डुबकी लगाई है, लेकिन संख्या थोड़ी कम देखने को मिली है. देवास से आए श्रद्धालु भरत प्रजापति ने बताया कि उन्होंने पितरों के निमित्त तर्पण किया और शिप्रा में डुबकी लगाई. आज के दिन वे भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने भी जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्णिमा पर रोपा होली का डांडा</strong><br />माघ पूर्णिमा को डांडा रोपणी पूर्णिमा भी कहा जाता है. परंपरा अनुसार होली से एक माह पूर्व होली का डांडा रोपने का महत्व है. इसी के तहत बुधवार को शहर के कई चौराहों और मोहल्लों में <a title=”होली” href=”https://www.abplive.com/topic/holi-2025″ data-type=”interlinkingkeywords”>होली</a> का डांडा रोपा गया. डांडा रोपने के बाद अब 14 मार्च को होलिका दहन उत्सव मनाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”प्रयागराज हाइवे पर जाम के हालात सामान्य, एमपी के श्रद्धालुओं को राहत, क्या है सीएम मोहन यादव का निर्देश?” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/maghi-purnima-at-maha-kumbh-know-traffic-jam-on-prayagraj-highway-cm-mohan-yadav-order-on-it-ann-2883045″ target=”_self”>प्रयागराज हाइवे पर जाम के हालात सामान्य, एमपी के श्रद्धालुओं को राहत, क्या है सीएम मोहन यादव का निर्देश?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का असर देखने को मिल रहा है. शिप्रा नदी के घाट माघ पूर्णिमा के अवसर पर सूने पड़े रहे, जबकि नर्मदा के किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>माघ पूर्णिमा पर क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की कमी देखने को मिली. पंडित राजेंद्र गुरु ने बताया कि प्रयागराज में चल रहे <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> की वजह से मध्य प्रदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच चुके हैं. ऐसी स्थिति में यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ पूर्व की तुलना में काफी कम देखने को मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तर्पण करने से पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति&nbsp;</strong><br />शिप्रा नदी के घाट सूने पड़े रहे. दूसरी तरफ नर्मदा के किनारे श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर माघ पूर्णिमा के अवसर पर पूजा अर्चना की. पंडित अभिजीत गुरु के मुताबिक माघ पूर्णिमा के अवसर पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान धर्म का विशेष महत्व माना गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं प्रयागराज में लगाई डुबकी</strong><br />रामघाट के पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पुण्य फल प्राप्त किया है. शिप्रा नदी में भी लोगों ने डुबकी लगाई है, लेकिन संख्या थोड़ी कम देखने को मिली है. देवास से आए श्रद्धालु भरत प्रजापति ने बताया कि उन्होंने पितरों के निमित्त तर्पण किया और शिप्रा में डुबकी लगाई. आज के दिन वे भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने भी जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्णिमा पर रोपा होली का डांडा</strong><br />माघ पूर्णिमा को डांडा रोपणी पूर्णिमा भी कहा जाता है. परंपरा अनुसार होली से एक माह पूर्व होली का डांडा रोपने का महत्व है. इसी के तहत बुधवार को शहर के कई चौराहों और मोहल्लों में <a title=”होली” href=”https://www.abplive.com/topic/holi-2025″ data-type=”interlinkingkeywords”>होली</a> का डांडा रोपा गया. डांडा रोपने के बाद अब 14 मार्च को होलिका दहन उत्सव मनाया जाएगा.</p>
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