पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन प्लान:करप्शन रोकने की जिम्मेदारी DC और SSP की, विधायकों के फीडबैक पर होगी कार्रवाई

पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन प्लान:करप्शन रोकने की जिम्मेदारी DC और SSP की, विधायकों के फीडबैक पर होगी कार्रवाई

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब पंजाब सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। सरकार ने जिलों के DC, SSP, SDM व SHO को अपने इलाकों में भ्रष्टाचार रोकने के आदेश भी दिए हैं।अगर वे इसमें सफल नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बात का आकलन आम जनता और विधायकों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर किया जाएगा। इससे पहले जनवरी माह में सरकार ने रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार दफ्तरों में लगे कैमरों को चालू करने के आदेश दिए थे। कैमरों को ठीक करवाने के लिए सात दिन का समय भी दिया था। साथ आदेश में ही कहा था कि अगर कैमरे वर्किंग नहीं मिले तो अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। इससे पहले सरकार की जांच में पूरे राज्य में तीन कैमरे ही चलते मिले थे। सरकार पर ही उठने लगे थे सवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार शुरू से ही एक्टिव रही है। इस चीज के संकेत सरकार ने अपने विधायकों के खिलाफ केस दर्ज कर दे दिए थे। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कई पूर्व मंत्रियों पर भ्रष्टाचार केस के दर्ज किए थे। सरकार ने इस चीज को बड़े स्तर पर कैश भी किया था। लेकिन अदालत में यह केस टिक नहीं पा रहे हैं। पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और सुंदर शाम अरोड़ा पर दर्ज भ्रष्टाचार के केस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिए हैं। ऐसे में सरकार पर भी सवाल उठे रहे हैं। विरोधी सरकार को घेर रहे हैं। इस स्थिति में अब सरकार किसी तरह कोई ढील देने के मूड में नहीं है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी राज्य में विधानसभा चुनाव में अब दो साल शेष हैं। 2027 में विधानसभा चुनाव तय हैं। दूसरा लोकसभा चुनाव के समय बना इंडिया गठबंधन लगभग खत्म होने की कगार पर है। भले ही यह गठबंधन पंजाब में नहीं था। 2024 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग चुनाव लड़ा था। लेकिन नेशनल स्तर पर हुए गठबंधन के बाद विजिलेंस की तरफ से जिस तरह पहले कांग्रेसी नेताओं को विभिन्न प्रोजेक्टों में पूछताछ के लिए बुलाया जाता था, उसकी रफ्तार धीमी पड़ गई थी। ऐसे में यह भी बात साफ संकेत है कि पहले चल रही प्रोजेक्टों की जांच तेजी। साथ ही आने वाले दिनों में कई लोग सलाखों के पीछे पहुंचेंगे। इससे सीधे लोगों का दिल जीतने की कोशिश करेगी। तीन सालों में विजिलेंस रही अटैकिंग साल 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। उसके बाद से विजिलेंस पूरी तरह एक्शन में रही है। साल 2024 में विजिलेंस ने 134 ट्रैप लगाए थे। 262 भ्रष्टाचार केस दर्ज किए थे, जबकि 41 केसों में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। 2023 में 252 केस दर्ज कर 33 केसों में आरोपियों काे सजा दिलाई है। 2022 में विजिलेंस 202 केस दर्ज कर 19 केसों में सजा दिलाई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब पंजाब सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। सरकार ने जिलों के DC, SSP, SDM व SHO को अपने इलाकों में भ्रष्टाचार रोकने के आदेश भी दिए हैं।अगर वे इसमें सफल नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बात का आकलन आम जनता और विधायकों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर किया जाएगा। इससे पहले जनवरी माह में सरकार ने रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार दफ्तरों में लगे कैमरों को चालू करने के आदेश दिए थे। कैमरों को ठीक करवाने के लिए सात दिन का समय भी दिया था। साथ आदेश में ही कहा था कि अगर कैमरे वर्किंग नहीं मिले तो अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। इससे पहले सरकार की जांच में पूरे राज्य में तीन कैमरे ही चलते मिले थे। सरकार पर ही उठने लगे थे सवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार शुरू से ही एक्टिव रही है। इस चीज के संकेत सरकार ने अपने विधायकों के खिलाफ केस दर्ज कर दे दिए थे। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कई पूर्व मंत्रियों पर भ्रष्टाचार केस के दर्ज किए थे। सरकार ने इस चीज को बड़े स्तर पर कैश भी किया था। लेकिन अदालत में यह केस टिक नहीं पा रहे हैं। पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और सुंदर शाम अरोड़ा पर दर्ज भ्रष्टाचार के केस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिए हैं। ऐसे में सरकार पर भी सवाल उठे रहे हैं। विरोधी सरकार को घेर रहे हैं। इस स्थिति में अब सरकार किसी तरह कोई ढील देने के मूड में नहीं है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी राज्य में विधानसभा चुनाव में अब दो साल शेष हैं। 2027 में विधानसभा चुनाव तय हैं। दूसरा लोकसभा चुनाव के समय बना इंडिया गठबंधन लगभग खत्म होने की कगार पर है। भले ही यह गठबंधन पंजाब में नहीं था। 2024 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग चुनाव लड़ा था। लेकिन नेशनल स्तर पर हुए गठबंधन के बाद विजिलेंस की तरफ से जिस तरह पहले कांग्रेसी नेताओं को विभिन्न प्रोजेक्टों में पूछताछ के लिए बुलाया जाता था, उसकी रफ्तार धीमी पड़ गई थी। ऐसे में यह भी बात साफ संकेत है कि पहले चल रही प्रोजेक्टों की जांच तेजी। साथ ही आने वाले दिनों में कई लोग सलाखों के पीछे पहुंचेंगे। इससे सीधे लोगों का दिल जीतने की कोशिश करेगी। तीन सालों में विजिलेंस रही अटैकिंग साल 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। उसके बाद से विजिलेंस पूरी तरह एक्शन में रही है। साल 2024 में विजिलेंस ने 134 ट्रैप लगाए थे। 262 भ्रष्टाचार केस दर्ज किए थे, जबकि 41 केसों में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। 2023 में 252 केस दर्ज कर 33 केसों में आरोपियों काे सजा दिलाई है। 2022 में विजिलेंस 202 केस दर्ज कर 19 केसों में सजा दिलाई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर