भास्कर न्यूज | लुधियाना 15 फरवरी को भट्ठी पर काम करते हुए मुकेश राय झुलस गया। जानकारी के मुताबिक मुकेश राय(40), फोकल प्वाइंट स्थित फैक्ट्री में काम करता था। वह नीची मंगली का रहने वाला है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर का है। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। थाना फोकल प्वाइंट की पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। भास्कर न्यूज | लुधियाना 15 फरवरी को भट्ठी पर काम करते हुए मुकेश राय झुलस गया। जानकारी के मुताबिक मुकेश राय(40), फोकल प्वाइंट स्थित फैक्ट्री में काम करता था। वह नीची मंगली का रहने वाला है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर का है। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। थाना फोकल प्वाइंट की पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सांसद अमृतपाल-सरबजीत पर भड़के सुखबीर बादल:बोले-नई पार्टी बनाने वाले नेता कर रहे राजनीति; मेरे-अकाली दल लिए श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम
सांसद अमृतपाल-सरबजीत पर भड़के सुखबीर बादल:बोले-नई पार्टी बनाने वाले नेता कर रहे राजनीति; मेरे-अकाली दल लिए श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में माघी जोर मेला सम्मेलन की तैयारी के लिए आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान रहे सुखबीर सिंह बादल ने नई पार्टी बना रहे बागी गुट के नेताओं को जवाब दिया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा- विपक्ष राजनीति की दुकान चलाता है। जबकि बादल परिवार ने राजनीति को सेवा मान लिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान यही नेता कहते थे कि हम राजनीति नहीं करेंगे और अब नई पार्टी बनाने में लगे हैं। सुखबीर सिंह बादल ने आगे कहा- अगर अकाली दल ने उप चुनाव नहीं लड़ा तो उन्होंने भी नहीं लड़ा। अकाली दल को खत्म करने की साजिश रची जा रही हैं। सरबजीत सिंह खालसा अपनी जीत के बाद निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मिलने तक नहीं पहुंचे। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को धन्यवाद देना भी जरूरी नहीं समझा। पंजाब का वर्चस्व बनाए रखने के लिए शिरोमणि अकाली दल को मजबूत किया जाना चाहिए। बादल बोले- गैंगस्टर किसी को भी फोन कर पैसे ले लेते हैं सुखबीर सिंह बादल ने आगे कहा कि कोई भी लीडर एक दिन में नहीं बनता, इसके लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। पंजाब में आज गैंगस्टर जिससे चाहते हैं, फोन कर पैसे ले लेते हैं। आज कल नया चलन चला है कि थानों में बम फेंके जा रहे हैं। लोगों ने हमारे खिलाफ जमकर सियासत की, मगर हम कुछ नहीं बोले। अकाली दल गुरुओं की पार्टी है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मेरे और अकाली दल के लिए श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम है। जो लोग नई पार्टी बना रहे हैं, उन्हें एक बार पूछा जाना चाहिए कि वह श्री अकाल तख्त साहिब को मानते भी हैं क्या?। बादल बोले- सांसद अमृतपाल पर साधा निशाना सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब हमारे कौम की सुप्रीमो है। बादल ने कहा- अब जंग शुरू हो गई है। क्योंकि हमें पंजाब और अपनी कौम को बचाना है। अगर पंजाब में तरक्की चाहिए तो सिर्फ अकाली दल कर सकता है। मुझे तो डर है कि कहीं कोई झूठ बोलने वाला न आ जाए, जो कि लोगों को भावुक कर अपनी तरफ करें। जिसके बाद फरीदकोट के एमपी खालसा पर निशाना साधा। सांसद अमृतपाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों ने 16-16 साल जेल काटी है। यहां एक साल में ही लोगों की चींखे निकली हुई हैं। चुनाव में दो साल रह गए हैं, लोगों को मन बनाना पड़ेगा।

मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती
मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती मुक्तसर जिले के विधानसभा मलोट में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। मृतका के मायके परिवार ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर मारने के आरोप लगाए है। पिता की शिकायत पर पुलिस ने मृतका के पति, सास और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। दहेज की मांग करते थे ससुराल वाले मृतका के पिता राजेन्द्र सिंह निवासी घड़साना, श्रीगंगानगर, राजस्थान ने पुलिस चौकी पन्नीवाला में दर्ज करवाए बयानों में बताया कि उसकी लड़की रमनदीप कौर का विवाह 10 माह पहले गांव रानीवाला के निर्भय सिंह पुत्र गुरभेज सिंह के साथ हुआ था। विवाह के बाद ससुराल परिवार दहेज के लिए परेशान करने लगा। एक लाख रूपए और दहेज की मांग करता था। जिसे लेकर उन्होंने इस संबंधी मृतक रमनदीप कौर के ससुरालियों पर घड़साना में केस भी दर्ज किया था। परंतु पंचायत की दखल के बाद दोनों पक्षों का राजीनामा हो गया। उन्होंने पंचायत के कहने पर लड़की को उसके पति निर्भय के साथ गांव रानीवाला भेज दिया था। परिजनों को सौंपा शव उन्होंने बताया कि मृतका 6 माह की गर्भवती थी। अचानक लड़की की तबीयत खराब हुई तो उसके ससुराल परिवार द्वारा समय पर उपचार न करवाने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे सहित उनकी लड़की की मौत हो गई। उक्त बयानों के आधार पर पुलिस चौकी पन्नीवाला के इंचार्ज गुरइकबाल द्वारा दर्ज करके मृतका के पति निर्भय सिंह, सास जसवीर कौर, ससुर गुरभेज सिंह निवासी गांव रानीवाला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।

पंजाब में डल्लेवाल की भूख हड़ताल 7वें दिन भी जारी:तबीयत बिगड़ रही, दिल्ली कूच की तैयारी, बातचीत के लिए 4 दिन का समय
पंजाब में डल्लेवाल की भूख हड़ताल 7वें दिन भी जारी:तबीयत बिगड़ रही, दिल्ली कूच की तैयारी, बातचीत के लिए 4 दिन का समय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल सातवें दिन में प्रवेश कर गई है। उनका वजन करीब 5 किलो कम हो गया है। चलने पर उनकी सांस फूलती है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। कैंसर के मरीज होने के बावजूद वह दवा नहीं ले रहे हैं। वह अकेले नहीं हैं, 6 दिसंबर को मरजीवड़े जत्था दिल्ली कूच करेगा। यह वह जत्था है जो जिंदगी और मौत की परवाह किए बिना आगे बढ़ेगा। सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बातचीत के लिए 5 दिसंबर तक का समय है। केंद्र ने 18 जनवरी के बाद से उनसे बातचीत बंद कर दी है। यही वजह है कि किसानों को यह कदम उठाना पड़ रहा है। ‘हम पैदल दिल्ली जाएंगे’ उन्होंने कहा कि किसानों पर इल्जाम लगाए गए कि वे ट्रेक्टर ट्रालियां लेकर दिल्ली जाएंगे। इससे लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब होगी। लेकिन अब 6 दिसंबर को किसान पैदल दिल्ली जाएंगे। मरजीवड़े जत्था के लिए हरियाणा में चार पढ़ाव रखे गए हैं, पांचवां पड़ाव दिल्ली होगा। दिल्ली जाने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ किसान आगे बढ़ेंगे। जत्था पहले जग्गी सिटी अंबाला में रुकेगा। फिर मोहड़ा मंडी, खानपुर, जट्टा के और पीपली में जत्था पहुंचेगा। जत्थे के आगे बढ़ने का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे का रहेगा। किसान रात को सड़कों पर रात गुजारेंगे। केवल MSP कानून चाहते हैं किसान पंधेर ने कहा कि 18 फरवरी के बाद सरकार की किसानों से बातचीत बंद की गई है। भाजपा प्रवक्ता सिर्फ मीडिया में ही बातें करते हैं। असलियत यह है कि खुद पीयूष गोयल कह चुके हैं कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग चाहते हैं जबकि, किसान MSP कानून चाहते हैं। पंधेर ने कहा कि इस समय सदन चल रहा है। देखना है कि कितने लोगों ने किसानों की बातों को सदन में उठाया? हम सिर्फ MSP कानून की बात कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा। इसलिए किसान MSP कानून की मांग कर रहा है। हिरासत से छोड़े डल्लेवाल की सुरक्षा में किसान तैनात किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लेने के बाद से किसान अलर्ट पर हैं। डल्लेवाल की सुरक्षा खुद किसानों ने संभाल ली है। फार्मर फोर्स की तरह करीब 70 किसान मोर्चे के दोनों तरफ तैनात हैं। डल्लेवाल के पास किसान 4-4 घंटे की शिफ्ट में पहरा दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि 26 नवंबर को पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को हिरासत में लिया था। तब उनका वजन करीब 86.800 किलोग्राम था। वहां से आने के बाद उनका वजन 4 किलो घट गया है। वह 26 नवंबर से ही मरणव्रत पर हैं। डल्लेवाल के लिए मोर्च पर नई स्टेज बनाई गई है। आज से वह यहीं बैठकर अपना मरणव्रत जारी रखेंगे। स्टेज के आसपास भी किसानों की ड्यूटी लगाई गई है। 6 राज्य के किसान नेताओं की मीटिंग हुई शनिवार को किसान मजदूर मोर्चा ने 6 राज्यों के किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता केरल के किसान नेता पीटी जोन और पंजाब के गुरअमनीत सिंह मांगट ने की। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की तैयारी को लेकर सभी संगठनों के बीच सहमति बन गई है। बैठक में लंगरों की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और वालंटियर्स की संख्या पर चर्चा की गई। इस जत्थे में सिर्फ पंजाब-हरियाणा ही नहीं, देशभर से 6 राज्यों के किसान शामिल होंगे। डल्लेवाल ने कहीं 3 अहम बातें… 1. मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मुझे रात खनौरी से उठाया और अस्पताल में दाखिल किया। मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी। दूसरे मरीजों को भी मोबाइल नहीं लाने दिया। सच्चाई ये थी कि मुझे यहां नजरबंद रखा गया। मैं किसानों की मेहनत की वजह से बाहर आया हूं। 2. टेस्ट करने की कई कोशिशें की ये लोग बहुत कोशिश करते रहे कि मुझे ट्रीटमेंट दे दें। ब्लड टेस्ट, दवा देने, टेस्ट करने की कई कोशिशें की। अगर मुझे मरणव्रत पर नहीं बैठना होता तो पुलिसवालों की चाय पी लेता। 3. हमारा पंजाब से कोई झगड़ा नहीं लड़ाई 13 फरवरी से शुरू हुई। ये लड़ाई किसानी का फ्यूचर बचाने के लिए है। इस लड़ाई को शांतिमय तरीके से ऊपर ले जाने का एक ही तरीका बचता है कि नेता अपने प्राणों की आहूति देने की तैयारी करें। पंजाब सरकार ने जो किया, वो केंद्र की बुक्कल में बैठकर किया। हमारा पंजाब से कोई झगड़ा ही नहीं है। पंजाब सरकार को हमसे कोई लेना देना ही नहीं है।