<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC in Uttarakhand:</strong> वैलेंटाइन डे तक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद शादी के पंजीकरण का आंकड़ा 1000 के पार पहुंच गया है. इस नए कानून के तहत, शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे लोग अब कानूनी रूप से अपनी शादी को मान्यता दिला रहे हैं. इसके साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले तीन जोड़ों ने भी अपना पंजीकरण कराया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी को 27 जनवरी 2024 को उत्तराखंड में लागू किया गया था. इस कानून के लागू होने के अगले दिन ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी शादी का पंजीकरण कराया था. उनके बाद पांच अन्य लोगों ने भी उसी दिन पोर्टल पर अपना विवाह पंजीकरण करवाया और उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए थे. अब तक के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन औसतन 67 लोग अपनी शादी का पंजीकरण करा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 जोड़ों ने लिव-इन पंजीकरण कराया है<br /></strong>यूसीसी के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है. इस पोर्टल पर न सिर्फ नए विवाह का पंजीकरण कराया जा सकता है, बल्कि पहले से हुई शादियों की जानकारी भी दर्ज कराई जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. अब तक तीन जोड़े इस श्रेणी में अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. खास बात यह है कि उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आकर रहने वाले जोड़ों को भी लिव-इन पंजीकरण कराना होगा, भले ही वे किसी भी राज्य के निवासी हों.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत वसीयत पंजीकरण यानी अपने वारिस की घोषणा करने की सुविधा भी दी गई है. अब तक 13 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाते हुए अपने वारिसों की घोषणा कर दी है. इससे पारिवारिक संपत्ति और उत्तराधिकार संबंधी विवादों को रोकने में मदद मिलेगी. हालांकि, अभी तक किसी ने भी तलाक के संबंध में कोई जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं कराई है और न ही नए सिरे से तलाक का पंजीकरण कराया गया है. संभवतः लोग इस प्रक्रिया को लेकर जागरूकता बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/5KANK45s7Dk?si=GL7z51P8dlL61L-3″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC के तहत पंजीकरण कराने से क्या लाभ मिलेगा?</strong></p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>शादी का कानूनी पंजीकरण अनिवार्य होने से असंगठित विवाह और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>लिव-इन जोड़ों का पंजीकरण होने से महिलाओं और बच्चों के कानूनी अधिकारों की रक्षा होगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>वसीयत पंजीकरण से संपत्ति विवादों में कमी आएगी और उत्तराधिकार कानून का पालन सुनिश्चित होगा.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत शादी, लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत का पंजीकरण करने के लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर आधार कार्ड, शादी का प्रमाण पत्र, फोटो और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूसीसी समाज में पारदर्शिता लाने का काम करेगा<br /></strong>कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यूसीसी के लागू होने से समाज में पारदर्शिता और समानता आएगी. शादी और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य करने से महिलाओं को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और संपत्ति विवादों को कम करने में मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत शादी का पंजीकरण 1000 के पार पहुंचना यह दिखाता है कि लोग नए कानून को स्वीकार कर रहे हैं और कानूनी रूप से अपनी शादियों को मान्यता दिलाने के लिए आगे आ रहे हैं. लिव-इन और वारिस पंजीकरण की संख्या अभी भले ही कम हो, लेकिन आने वाले समय में इसके और बढ़ने की उम्मीद है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-state-president-disclosure-land-law-in-uttarakhand-said-law-will-be-brought-in-the-budget-session-ann-2883718″>उत्तराखंड में UCC के बाद भू-कानून लाने जा रही धामी सरकार? BJP प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा खुलासा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UCC in Uttarakhand:</strong> वैलेंटाइन डे तक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद शादी के पंजीकरण का आंकड़ा 1000 के पार पहुंच गया है. इस नए कानून के तहत, शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे लोग अब कानूनी रूप से अपनी शादी को मान्यता दिला रहे हैं. इसके साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले तीन जोड़ों ने भी अपना पंजीकरण कराया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी को 27 जनवरी 2024 को उत्तराखंड में लागू किया गया था. इस कानून के लागू होने के अगले दिन ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी शादी का पंजीकरण कराया था. उनके बाद पांच अन्य लोगों ने भी उसी दिन पोर्टल पर अपना विवाह पंजीकरण करवाया और उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए थे. अब तक के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन औसतन 67 लोग अपनी शादी का पंजीकरण करा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 जोड़ों ने लिव-इन पंजीकरण कराया है<br /></strong>यूसीसी के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है. इस पोर्टल पर न सिर्फ नए विवाह का पंजीकरण कराया जा सकता है, बल्कि पहले से हुई शादियों की जानकारी भी दर्ज कराई जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. अब तक तीन जोड़े इस श्रेणी में अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. खास बात यह है कि उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आकर रहने वाले जोड़ों को भी लिव-इन पंजीकरण कराना होगा, भले ही वे किसी भी राज्य के निवासी हों.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत वसीयत पंजीकरण यानी अपने वारिस की घोषणा करने की सुविधा भी दी गई है. अब तक 13 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाते हुए अपने वारिसों की घोषणा कर दी है. इससे पारिवारिक संपत्ति और उत्तराधिकार संबंधी विवादों को रोकने में मदद मिलेगी. हालांकि, अभी तक किसी ने भी तलाक के संबंध में कोई जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं कराई है और न ही नए सिरे से तलाक का पंजीकरण कराया गया है. संभवतः लोग इस प्रक्रिया को लेकर जागरूकता बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/5KANK45s7Dk?si=GL7z51P8dlL61L-3″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC के तहत पंजीकरण कराने से क्या लाभ मिलेगा?</strong></p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>शादी का कानूनी पंजीकरण अनिवार्य होने से असंगठित विवाह और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>लिव-इन जोड़ों का पंजीकरण होने से महिलाओं और बच्चों के कानूनी अधिकारों की रक्षा होगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”>वसीयत पंजीकरण से संपत्ति विवादों में कमी आएगी और उत्तराधिकार कानून का पालन सुनिश्चित होगा.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>यूसीसी के तहत शादी, लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत का पंजीकरण करने के लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर आधार कार्ड, शादी का प्रमाण पत्र, फोटो और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूसीसी समाज में पारदर्शिता लाने का काम करेगा<br /></strong>कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यूसीसी के लागू होने से समाज में पारदर्शिता और समानता आएगी. शादी और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य करने से महिलाओं को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और संपत्ति विवादों को कम करने में मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत शादी का पंजीकरण 1000 के पार पहुंचना यह दिखाता है कि लोग नए कानून को स्वीकार कर रहे हैं और कानूनी रूप से अपनी शादियों को मान्यता दिलाने के लिए आगे आ रहे हैं. लिव-इन और वारिस पंजीकरण की संख्या अभी भले ही कम हो, लेकिन आने वाले समय में इसके और बढ़ने की उम्मीद है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-state-president-disclosure-land-law-in-uttarakhand-said-law-will-be-brought-in-the-budget-session-ann-2883718″>उत्तराखंड में UCC के बाद भू-कानून लाने जा रही धामी सरकार? BJP प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा खुलासा</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन में पंजाब सरकार, CM भगवंत मान ने उठाया यह बड़ा कदम
वैलेंटाइन डे तक उत्तराखंड में कितने जोड़ों ने कराया लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन? सामने आई बड़ी जानकारी
