सिरसा में वीर शांतिस्वरूप को मिला बीजेपी का टिकट:1987 से राजनीति में सक्रिय, संघ से भी हैं प्रशिक्षित

सिरसा में वीर शांतिस्वरूप को मिला बीजेपी का टिकट:1987 से राजनीति में सक्रिय, संघ से भी हैं प्रशिक्षित

हरियाणा के सिरसा शहर में नगर परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीर शांति स्वरूप वाल्मीकि को अपना चेयरमैन उम्मीदवार बनाया गया है। देर रात को जारी की गई सूची में भाजपा हाईकमान ने वीर शांति स्वरूप के नाम पर मोहर लगाई। वीर शांति स्वरूप 1987 से राजनीति में सक्रिय हैं। उनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी प्रथम शिक्षक वर्ग का प्रशिक्षण प्राप्त हैं। वीर शांति स्वरूप तीन बार खुद और एक बार उनकी पत्नी नगर पार्षद रह चुके हैं। सबसे सीनियर होने का फायदा वीर शांति स्वरूप को मिला है। गौरतलब है कि सिरसा से चेयरमैन उम्मीदवारों के आवेदन लिए जाने के दौरान 6 नाम सामने आए थे। उनके पैनल हाईकमान को भेजे गए थे। प्रमुख चेहरों के तौर पर वीर शांति स्वरूप, सुनील बामनिया और सागर केहरवाला का नाम माना जा रहा था। इनमें वीर शांति स्वरूप टिकट पाने में सफल हो गए हैं। लोकदल से की थी शुरुआत वीर शांति स्वरूप ने अपनी राजनीति लोकदल से शुरू की थी। वह युवा लोकदल के प्रदेश महासचिव भी रह चुके हैं। साल 1987 में पहली बार पार्षद बने थे। 1995 तक लगातार पार्षद बनते रहे। साल 1996 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। 1995 से 2000 तक उनकी पत्नी पार्षद रहे। बाद में 2000 से 2005 तक एक कार्यकाल और वीर शांति स्वरूप ने बतौर पार्षद पूरा किया। पिता रह चुके ट्रेड यूनियन के प्रधान वीर शांति स्वरूप के पिता बंसीलाल ट्रेड यूनियन के प्रधान रह चुके हैं। उनकी पत्नी मीनू भट्‌टी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं जबकि बेटा अजय भट्‌टी टाटा कंपनी में इंजीनियर है। एक बेटी भी है, जो सूरतगढ़ के फार्मेसी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। जीते तो हाेंगे पहले प्रत्यक्ष प्रधान वीर शांति स्वरूप अगर जीत हासिल करने में सफल रहे तो उनके नाम सिरसा नगर परिषद के पहले प्रत्यक्ष चेयरमैन बनने का रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। इससे पहले हमेशा पार्षदों के वोट से ही चेयरमैन चुने गए हैं। मगर यह पहला मौका होगा, जब सिरसा शहर की जनता सीधे वोट करके चेयरमैन का चयन करेगी। हरियाणा के सिरसा शहर में नगर परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीर शांति स्वरूप वाल्मीकि को अपना चेयरमैन उम्मीदवार बनाया गया है। देर रात को जारी की गई सूची में भाजपा हाईकमान ने वीर शांति स्वरूप के नाम पर मोहर लगाई। वीर शांति स्वरूप 1987 से राजनीति में सक्रिय हैं। उनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी प्रथम शिक्षक वर्ग का प्रशिक्षण प्राप्त हैं। वीर शांति स्वरूप तीन बार खुद और एक बार उनकी पत्नी नगर पार्षद रह चुके हैं। सबसे सीनियर होने का फायदा वीर शांति स्वरूप को मिला है। गौरतलब है कि सिरसा से चेयरमैन उम्मीदवारों के आवेदन लिए जाने के दौरान 6 नाम सामने आए थे। उनके पैनल हाईकमान को भेजे गए थे। प्रमुख चेहरों के तौर पर वीर शांति स्वरूप, सुनील बामनिया और सागर केहरवाला का नाम माना जा रहा था। इनमें वीर शांति स्वरूप टिकट पाने में सफल हो गए हैं। लोकदल से की थी शुरुआत वीर शांति स्वरूप ने अपनी राजनीति लोकदल से शुरू की थी। वह युवा लोकदल के प्रदेश महासचिव भी रह चुके हैं। साल 1987 में पहली बार पार्षद बने थे। 1995 तक लगातार पार्षद बनते रहे। साल 1996 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। 1995 से 2000 तक उनकी पत्नी पार्षद रहे। बाद में 2000 से 2005 तक एक कार्यकाल और वीर शांति स्वरूप ने बतौर पार्षद पूरा किया। पिता रह चुके ट्रेड यूनियन के प्रधान वीर शांति स्वरूप के पिता बंसीलाल ट्रेड यूनियन के प्रधान रह चुके हैं। उनकी पत्नी मीनू भट्‌टी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं जबकि बेटा अजय भट्‌टी टाटा कंपनी में इंजीनियर है। एक बेटी भी है, जो सूरतगढ़ के फार्मेसी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। जीते तो हाेंगे पहले प्रत्यक्ष प्रधान वीर शांति स्वरूप अगर जीत हासिल करने में सफल रहे तो उनके नाम सिरसा नगर परिषद के पहले प्रत्यक्ष चेयरमैन बनने का रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। इससे पहले हमेशा पार्षदों के वोट से ही चेयरमैन चुने गए हैं। मगर यह पहला मौका होगा, जब सिरसा शहर की जनता सीधे वोट करके चेयरमैन का चयन करेगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर