यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में मथुरा में 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का डेयरी प्लांट लगाने को मंजूरी मिल गई है। इस प्लांट की क्षमता पहले 30 हजार लीटर स्वीकृत हुई थी, जिसे अब बढ़ा कर एक लाख लीटर कर दिया गया है। इस प्लांट के लगने से करीब 35 हजार लोगों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होंगे। 1971 में लगी थी डेयरी
मथुरा में दिल्ली आगरा नेशनल हाईवे पर गोकुल रेस्टोरेंट के सामने 1971 में पराग डेयरी लगाई गई थी। यह डेयरी 2007 तक चली। इसके बाद संसाधन और कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर बंद कर दिया गया। इसके बाद इस प्लांट को 2016 में फिरोजाबाद प्लांट से मर्ज कर दिया गया। लेकिन, 2017 में योगी सरकार आई और उसके बाद चौधरी लक्ष्मी नारायण कैबिनेट मंत्री बने, तो इसको दोबारा शुरू करने की कवायद शुरू हुई। इसे फिर चालू किया गया। इस बीच साल 2015 में प्लांट की भूमि में से कुछ भूमि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को दे दी गई। 15000 लीटर का है चिलिंग प्लांट
मथुरा में स्थित पराग डेयरी में वर्तमान में 15 हजार लीटर का चीलिंग प्लांट लगा हुआ है। 275 सोसाइटी में से संचालित 238 सोसाइटियों के माध्यम से यहां दूध लाया जाता है। मथुरा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की ओर से इस डेयरी प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस प्लांट में वर्तमान में आने वाले दूध का न्यूनतम 50 रुपए और अधिकतम 60 रुपए प्रति लीटर भुगतान किया जाता है। इसके अलावा करीब एक रुपए प्रति लीटर कमीशन सोसाइटी को दिया जाता है। 8 लाख लीटर प्रतिदिन का है उत्पादन
डेयरी के प्रधान प्रबंधक राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया कि मथुरा में प्रतिदिन 8 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसमें से 5 लाख लीटर घरों और मार्किट में जाता है। जबकि बाकी अमूल, ब्रजवासी और अन्य डेयरी पर जाता है। राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया-उनके यहां आने वाले दूध को मदर डेयरी बल्लभगढ़ भेजते हैं। इसके अलावा शादी विवाह में ऑर्डर मिलने पर आपूर्ति की जाती है। 30 हजार लीटर से शुरू होगा प्लांट
डेयरी के प्रधान प्रबंधक राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया-प्रदेश सरकार ने एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट लगाने की अनुमति दी है। इसकी शुरुआत 30 हजार लीटर से शुरुआत की जाएगी, जिससे 9000 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। धीरे-धीरे कर इसकी क्षमता एक लाख लीटर प्रतिदिन पर ले जाई जाएगी। उस समय 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। फ़िलहाल जल्दी ही इस्कॉन के साथ मिलकर पॉली पैकिंग दूध बेचने की तैयारी की जा रही है। यह बनेंगे पदार्थ
दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ के अध्यक्ष चौधरी रणवीर सिंह ने बताया-प्लांट शुरू होने पर घी, दूध, पनीर, छाछ के अलावा मथुरा का प्रसिद्ध पेड़ा भी तैयार कराया जाएगा। नए प्लांट के लिए अलग बिल्डिंग बनेगी। इसके अलावा बूथ, पार्लर भी बनाए जाएंगे। इसकी खपत मथुरा के अलावा आसपास के जिलों में भी की जाएगी। अभी मेरठ से छेना, पनीर और घी मंगाया जाता है। 72 करोड़ रुपए आएगी लागत
एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के इस प्लांट को लगाने में 72 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस प्लांट को बनाने वाली कार्यदायी संस्था IDMC रहेगी। इस प्लांट को बनवाने में कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने प्रयास किए, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इच्छा जताई। इस प्लांट को पहले फिरोजाबाद में लगाया जा रहा था। लेकिन, बाद में इसे मथुरा ट्रांसफर कर दिया गया। यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में मथुरा में 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का डेयरी प्लांट लगाने को मंजूरी मिल गई है। इस प्लांट की क्षमता पहले 30 हजार लीटर स्वीकृत हुई थी, जिसे अब बढ़ा कर एक लाख लीटर कर दिया गया है। इस प्लांट के लगने से करीब 35 हजार लोगों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होंगे। 1971 में लगी थी डेयरी
मथुरा में दिल्ली आगरा नेशनल हाईवे पर गोकुल रेस्टोरेंट के सामने 1971 में पराग डेयरी लगाई गई थी। यह डेयरी 2007 तक चली। इसके बाद संसाधन और कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर बंद कर दिया गया। इसके बाद इस प्लांट को 2016 में फिरोजाबाद प्लांट से मर्ज कर दिया गया। लेकिन, 2017 में योगी सरकार आई और उसके बाद चौधरी लक्ष्मी नारायण कैबिनेट मंत्री बने, तो इसको दोबारा शुरू करने की कवायद शुरू हुई। इसे फिर चालू किया गया। इस बीच साल 2015 में प्लांट की भूमि में से कुछ भूमि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को दे दी गई। 15000 लीटर का है चिलिंग प्लांट
मथुरा में स्थित पराग डेयरी में वर्तमान में 15 हजार लीटर का चीलिंग प्लांट लगा हुआ है। 275 सोसाइटी में से संचालित 238 सोसाइटियों के माध्यम से यहां दूध लाया जाता है। मथुरा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की ओर से इस डेयरी प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस प्लांट में वर्तमान में आने वाले दूध का न्यूनतम 50 रुपए और अधिकतम 60 रुपए प्रति लीटर भुगतान किया जाता है। इसके अलावा करीब एक रुपए प्रति लीटर कमीशन सोसाइटी को दिया जाता है। 8 लाख लीटर प्रतिदिन का है उत्पादन
डेयरी के प्रधान प्रबंधक राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया कि मथुरा में प्रतिदिन 8 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसमें से 5 लाख लीटर घरों और मार्किट में जाता है। जबकि बाकी अमूल, ब्रजवासी और अन्य डेयरी पर जाता है। राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया-उनके यहां आने वाले दूध को मदर डेयरी बल्लभगढ़ भेजते हैं। इसके अलावा शादी विवाह में ऑर्डर मिलने पर आपूर्ति की जाती है। 30 हजार लीटर से शुरू होगा प्लांट
डेयरी के प्रधान प्रबंधक राजेंद्र कुमार खतियान ने बताया-प्रदेश सरकार ने एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट लगाने की अनुमति दी है। इसकी शुरुआत 30 हजार लीटर से शुरुआत की जाएगी, जिससे 9000 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। धीरे-धीरे कर इसकी क्षमता एक लाख लीटर प्रतिदिन पर ले जाई जाएगी। उस समय 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। फ़िलहाल जल्दी ही इस्कॉन के साथ मिलकर पॉली पैकिंग दूध बेचने की तैयारी की जा रही है। यह बनेंगे पदार्थ
दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ के अध्यक्ष चौधरी रणवीर सिंह ने बताया-प्लांट शुरू होने पर घी, दूध, पनीर, छाछ के अलावा मथुरा का प्रसिद्ध पेड़ा भी तैयार कराया जाएगा। नए प्लांट के लिए अलग बिल्डिंग बनेगी। इसके अलावा बूथ, पार्लर भी बनाए जाएंगे। इसकी खपत मथुरा के अलावा आसपास के जिलों में भी की जाएगी। अभी मेरठ से छेना, पनीर और घी मंगाया जाता है। 72 करोड़ रुपए आएगी लागत
एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के इस प्लांट को लगाने में 72 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस प्लांट को बनाने वाली कार्यदायी संस्था IDMC रहेगी। इस प्लांट को बनवाने में कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने प्रयास किए, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इच्छा जताई। इस प्लांट को पहले फिरोजाबाद में लगाया जा रहा था। लेकिन, बाद में इसे मथुरा ट्रांसफर कर दिया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
कैबिनेट मंजूरी के बाद फिरोजाबाद से मथुरा डेयरी प्लांट ट्रांसफर:35 हजार लोगों को रोजगार, 1 लाख लीटर दूध की क्षमता; पढ़िए क्या तैयार होगा
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